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कहानी- राहुल का ख़त (Short Story- Rahul Ka Khat)

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राहुल मेरे बनाये भोजन की खुले दिल से प्रशंसा करता और प्रशंसा की भूखी मैं उसकी पसन्द का विशेष ख़याल रखने लगी थी. डाइनिंग टेबल पर भी मेरा अधिक ध्यान उसी के ऊपर केन्द्रित रहता था.

कभी-कभी मैं विचारती कि कहीं मैं विकास की उपेक्षा तो नहीं कर रही हूं, पर इसे अपना भ्रम समझ इस विचार को परे झटक देती थी.

लॉन में कोई पौधा रोपित करना हो या घर के किसी कोने में कोई शो पीस रखना हो… कहीं घूमने जाना हो या घर में कुछ नया लाना हो… हर बात में राहुल का सहयोग या कहें दखलअंदाज़ी होने लगी थी. वह भी अपने अधिकतर कार्यों की सलाह मुझसे ही लिया करता था. उसकी अधिकतर शॉपिंग भी मेरे साथ ही होती थी.

 Hindi Kahani

राहुल का ख़त मेरे हाथ में फड़फड़ा रहा था, पढ़ने के बाद से ही विचित्र झंझावात मेरे मन-मस्तिष्क में द्वंद्व मचाये हुए था. पत्र में लिखे शब्दों पर मैं यक़ीन नहीं कर पा रही थी.

मेरे अपनत्व और देखभाल का ये परिणाम भी हो सकता है, ये मेरी कल्पना से बाहर था. ख़त को हाथ में दबाये मैं किंकर्तव्यविमूढ़-सी सोफे में धंस गयी थी और साल भर पहले की घटनाएं चलचित्र की तरह मेरी आंखों में तैरने लगी थीं.

दरवाज़े पर लगी कॉलबेल अपनी मधुर आवाज़ में गुनगुना उठी और हाथ की पत्रिका रख मुझे उठना पड़ा था.

दरवाज़ा खोला तो सामने एक नौजवान खड़ा था. “नमस्कार दीदी.” दोनों हाथ जोड़ वह बोला. मैं उसके अभिवादन का उत्तर देती, इससे पूर्व ही उसने मेरे चरण स्पर्श भी कर लिये थे. एक अनजान व्यक्ति से मिले इस सम्मान से मैं थोड़ी अचकचा गयी थी. प्रश्‍नवाचक निगाहों से देखते हुए मैंने कहा, “मैं तुम्हें पहचान नहीं पा रही हूं.”

“हां दीदी, आप मुझे बहुत दिनों बाद देख रही हैं न इसलिये. मैं राहुल हूं- आपकी मीना मौसी का बेटा.”

अचानक ख़ुशी से मेरा चेहरा खिल उठा, “ओह! तुम राहुल हो, कितना बदल गये हो, आओ अन्दर आओ… आज इतने दिनों बाद तुम्हें अपनी दीदी की याद आयी.” शिकायती लहज़े में मैं बोली थी. “यहां पर एक प्राइवेट फर्म में मुझे असिस्टेन्ट मैनेजर के पद पर नियुक्ति मिली है. आने से पहले मम्मी ने आपका पता दे दिया था, कहा था ज़रूर मिलकर आना.”

“अच्छा, तो जनाब मम्मी के कहने पर आये हैं.” आत्मीयता भरे स्वर में मैंने कहा था.

“नहीं दीदी, ऐसी बात नहीं है, आप तो मुझे बराबर याद रहती हैं, बस मिलना ही नहीं हो पाया.” हंसते हुए उसने मेरी शिकायत दूर करनी चाही थी.

“मैं चाय बनाकर लाती हूं, फिर बैठकर आराम से बातें करेंगे.”

राहुल मेरी मम्मी की चचेरी बहन मीना मौसी का बेटा था. बचपन से ही मैं मौसी के काफ़ी क़रीब थी और जब भी राहुल को लेकर मौसी हमारे घर आती थीं, मैं पूरे दिन उसे गोदी में लिए घूमती रहती थी.

व़क़्त धीरे-धीरे इसी तरह बीतता गया. मेरे विवाह के अवसर पर राहुल क़रीब 12-13 वर्ष का था, मेरी विदाई के समय भी वह फूट-फूट कर रोया था.

मैं अपनी गृहस्थी में रच-बस गयी. दो साल बाद ही मेरी गोद में प्रियांशु आ गया था. जब वह स्कूल जाने के लायक हुआ तो मेरा मायके जाना बस उसकी छुट्टियों तक ही सीमित हो गया था.

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इस बीच मौसी और राहुल से एक-दो बार ही मिलना हो पाया था. बाद में तो मम्मी से फ़ोन पर ही सभी रिश्तेदारों के हालचाल पूछे जाने लगे थे. आज इतने दिनों बाद राहुल को देखा तो पहचान नहीं पायी थी, बहुत सुन्दर और आकर्षक व्यक्तित्व पाया है उसने.

चाय कपों में डालकर मैं ड्रॉइंगरूम में आकर बैठ गयी. “तुम यहां आये कब और कहां रुके हो?” चाय का कप पकड़ाते हुए मैंने प्रश्‍न किया.

“कल ही आया हूं, यहां वैशाली होटल में रुका हूं, कल वापस जाकर अपना सामान भी लाना है और उससे पहले रहने के लिये कोई कमरा भी खोजना है.” चाय की चुस्की लेते हुए वह बोला.

“रहने के लिये कमरा? अरे, खोजने की ज़रूरत क्या है, हमारा ऊपरवाला वन रूम सेट खाली पड़ा है, तुम आराम से यहां रह सकते हो.” मैंने उसे सुझाव दिया था.

“पर दीदी, मेरा यहां रहना ठीक होगा?” असमंजस की स्थिति में उसने पूछा.

“इसमें सही और ग़लत की क्या बात है? तुम किरायेदार की तरह ही रह लेना.” मैंने उसकी दुविधा दूर करने का प्रयास किया था.

मेरे काफ़ी ज़ोर देने के बाद अंतत: वह हमारे यहां रहने को तैयार हो गया और ह़फ़्ते भर बाद अपने सामान के साथ आने को कहकर चला गया.

शाम को विकास के ऑफ़िस से लौटने पर सबसे पहले मैंने उन्हें दिनभर का वाक्या ज्यों का त्यों सुना दिया था. मेरे यह बताने पर कि मैंने उसे ऊपर के कमरे में रहने के लिए कह दिया है, विकास मेरी ओर व्यंग्यात्मक नज़रों से देखने लगे थे.

मैं उन नज़रों का आशय तुरन्त ही समझ गयी थी, क्योंकि कुछ महीने पहले जब विकास की बुआजी के लड़के को कमरा देने की बात उठी थी तो मैंने अपने इस तर्क से कि रिश्तेदारों से दूर ही रहना चाहिए, उसे खारिज़ कर दिया था.

अक्सर मैं अपने तर्कों से विकास को निरुत्तर कर दिया करती थी. विकास बहुत ही शांत स्वभाव के थे, इसलिए वह कभी मुझसे बहस जैसे पचड़ों में नहीं पड़ते थे और उनके चुप रहने या मेरी बात मान लेने की आदत को मैं अपनी जीत समझ कर ख़ुश होती रहती थी. हालांकि मैं सच्चाई से वाक़िफ थी, पर स्वयं को भुलावे में रखना शायद मेरी नियति बन गयी थी. और इस बार भी ऐसा ही हुआ, “जैसा तुम ठीक समझो.” कहकर विकास अपनी फाइल में उलझ गये थे. उनका काम में उलझे रहना कभी-कभी मुझे बहुत खलता था, जबकि मैं जानती थी कि वह जो कुछ कर रहे हैं मेरे लिए ही कर रहे हैं. पर फिर भी दिल चाहता था कि कभी-कभी वे इत्मीनान से मेरे पास बैठें, कुछ प्यार भरी बातें करें… मेरी तारीफ़ में कुछ शब्द कहें- पर ये सब तो शायद अब गुज़रे ज़माने की बातें हो गयी थीं.

मैं अपनी घर-गृहस्थी में लगी रहती और वह अपने बिज़नेस में… दिन यूं ही कट जाता था. संक्षेप में कहें तो ज़िन्दगी कुछ-कुछ नीरसता के मार्ग पर बढ़ती जा रही थी, पर इस रूटीन में राहुल के आगमन से कुछ परिवर्तन हुआ था.

ह़फ़्ते भर बाद राहुल अपने छोटे-मोटे सामान के साथ आकर ऊपरवाले कमरे में व्यवस्थित हो गया था. उसके आने से अब घर भरा-भरा लगने लगा था.

ऑफ़िस से लौटने के बाद वह अपना अधिकतर समय हम लोगों के साथ ही व्यतीत करता था. प्रियांशु को उससे ख़ासा लगाव हो गया था. बात-बात पर जोक्स सुनाने की उसकी कला हमें हंसाती ही रहती थी.

पहले कुछ दिन उसने खाना बाहर होटल में ही खाया, फिर मैं ही उसका खाना भी बनाने लगी थी. वह कहता, “दीदी, आप क्यों परेशान होती हैं? मैं बाहर ही खा लूंगा.”

“अच्छा, घर होते हुए तुम बाहर खाना खाओगे, जाने कैसा होता है, कहीं बीमार पड़ गए तो मौसी कहेंगी कि मेरे बेटे का ख़्याल भी नहीं रखा.” कहते हुए मैं उसकी प्लेट में और सब्ज़ी रख देती थी.

राहुल मेरे बनाये भोजन की खुले दिल से प्रशंसा करता और प्रशंसा की भूखी मैं उसकी पसन्द का विशेष ख़याल रखने लगी थी. डाइनिंग टेबल पर भी मेरा अधिक ध्यान उसी के ऊपर केन्द्रित रहता था.

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कभी-कभी मैं विचारती कि कहीं मैं विकास की उपेक्षा तो नहीं कर रही हूं, पर इसे अपना भ्रम समझ इस विचार को परे झटक देती थी.

लॉन में कोई पौधा रोपित करना हो या घर के किसी कोने में कोई शो पीस रखना हो… कहीं घूमने जाना हो या घर में कुछ नया लाना हो… हर बात में राहुल का सहयोग या कहें दखलअंदाज़ी होने लगी थी. वह भी अपने अधिकतर कार्यों की सलाह मुझसे ही लिया करता था. उसकी अधिकतर शॉपिंग भी मेरे साथ ही होती थी.

एक दिन सुबह का नाश्ता मैं टेबल पर लगा चुकी थी, पर राहुल अभी तक अपने कमरे से निकलकर नहीं आया था. मैंने एक-दो बार उसे पुकारा भी, परन्तु उसकी तरफ़ से कोई प्रतिक्रिया न पाकर मैं और विकास दोनों ही ऊपर पहुंचे थे.

कमरे का दरवाज़ा खोलकर देखा, वह पलंग पर लेटा कराह रहा था. मैंने उसका माथा छूकर देखा- वह तेज़ बुखार से तप रहा था.

“अरे, तुम्हें तो तेज़ बुख़ार है, तुमने बताया भी नहीं.” चिंतित होते हुए मैं बोली. मैंने तुरन्त ही विकास को डॉक्टर ले आने को भेज दिया था.

डॉक्टर के आने तक मैं उसके सिरहाने बैठकर उसका माथा सहलाती रही और वह मेरा एक हाथ पकड़ आंखें बन्द किए चुपचाप लेटा रहा. डॉक्टर ने बताया कोई ख़ास चिन्ता की बात नहीं है, मलेरिया है, जल्द ही ठीक हो जायेगा.

अब उसकी देखभाल पूरी तरह मुझे ही करनी थी. बार-बार ऊपर-नीचे की भागदौड़ से बचने के लिए मैंने नीचे ही उसे गेस्ट रूम में बुला लिया था.

सुबह से शाम दो-तीन दिन मैं काफ़ी व्यस्त रही. कभी चाय, कभी दूध-ब्रेड तो कभी दवाई आदि में ही पूरा दिन व्यतीत हो जाता था. इस बीच विकास और प्रियांशु की ओर भी मैं अधिक ध्यान नहीं दे पा रही थी.

चौथे दिन राहुल स्वयं को थोड़ा बेहतर महसूस कर रहा था, हालांकि चार दिन के बुखार से उसका चेहरा कुम्हला गया था.

“दीदी, अब मैं ऊपर कमरे में ही चला जाता हूं, इतने दिन से आपको परेशान कर रहा हूं.” कहते हुए वह जैसे ही उठा कि अचानक लड़खड़ा गया. मैं पास ही खड़ी थी, आगे बढ़ मैंने उसे जल्दी से थाम लिया था. फिर आगे सहारा देते हुए वापस पलंग पर बैठाया.

“अभी तुम यहीं आराम करो, जब पूरी तरह ठीक हो जाओ तब चले जाना.” मैंने प्यार से समझाते हुए कहा.

अजीब-सी नज़रों से देखते हुए राहुल ने मेरे हाथों को अपने से अलग करते हुए मद्धिम स्वर में कहा, “नहीं, मैं ठीक हूं.” फिर मेरी ओर देखे बिना वह सीधे ऊपर अपने कमरे में चला गया.

उसका व्यवहार मुझे कुछ अचंभित कर रहा था, पर मैंने सोचा शायद बीमारी की वजह से वह थोड़ा डिस्टर्ब होगा, तबीयत सुधरेगी तो ठीक हो जायेगा. अत: मैं अपने काम में लग गयी थी.

शाम को राहुल का खाना मैं ऊपर कमरे में ही ले गयी. खिड़की के पास बैठा राहुल चुपचाप बाहर ताक रहा था. चेहरे पर उलझन के भाव स्पष्ट दृष्टिगोचर थे. मैं कुछ देर चुपचाप खड़ी रही, ये सोचकर कि उसे मेरी उपस्थिति का एहसास हो, पर वह ऐसे ही निर्विघ्न बैठा रहा.

खाना टेबल पर रखकर मैं उसके पीछे खड़ी हो गयी. “राहुल, अब कैसे हो?” अचानक मेरी आवाज़ सुन वह हड़बड़ा गया था, जैसे नींद से जागा हो.

“मैं खाना लाई हूं.”

“आप रख दीजिए, मैं खा लूंगा.” बोलकर वह फिर खिड़की से बाहर देखने लगा.

अपनी उपेक्षा मेरी समझ में नहीं आ रही थी, मैं चुपचाप वापस आ गयी थी. उस रात मैं ठीक से सो भी न सकी. बार-बार करवट बदलने से विकास को लगा शायद मैं कुछ उलझन में हूं.

“क्या बात है? नींद नहीं आ रही? कुछ परेशानी है?” विकास के पूछने पर मैं बोली, “नहीं, बस ऐसे ही, शायद थकान के कारण है.” इस पर विकास मेरा सर सहलाने लगे. उनके प्यार भरे स्पर्श से मैं जल्द ही नींद के आगोश में समा गयी थी.

इसके बाद राहुल का व्यवहार दिन पर दिन रूखा होता जा रहा था. सुबह वह जल्दी निकल जाता और देर रात  लौट कर सीधे अपने कमरे में चला जाता. हम लोगों के साथ उसका उठना-बैठना, खाना, हंसना, बोलना लगभग बन्द हो गया था.

मैं जब भी इस विषय में उससे बात करना चाहती, वह तुरन्त बात को टाल कर सामने से हट जाता था. उसके ऐसे व्यवहार से मैं दिनभर तनाव में रहने लगी थी.

एक दिन मैंने विकास से कहा, “विकास, ये राहुल को क्या हो गया है, हम लोगों से इतना दूर-दूर क्यों रहने लगा है?”

“होगी कोई बात, हो सकता है उसकी कोई पर्सनल प्रॉब्लम हो, तुम इतना परेशान क्यों होती हो.”

“आप राहुल से बात करके देखिये, मुझसे तो वह अब ठीक से बात ही नहीं करता, कहां दीदी-दीदी कहते थकता नहीं था.” मैंने अनुनय करते हुए विकास से कहा.

“तुम नाहक ही परेशान हो रही हो.” विकास ने इस बात को हल्के तौर पर लिया था, परन्तु मैं अपने अन्तर्द्वंद्व से विक्षिप्त-सी स्थिति में थी. कारण को जानने की जिज्ञासा से मैं आत्मावलोकन में व्यस्त हो गयी थी कि आख़िर कब और कहां ऐसा कुछ हुआ है, जिसने राहुल की दिनचर्या और व्यक्तित्व दोनों को अव्यवस्थित कर दिया है.

मैं व्यतीत हुई घटनाओं का मंथन कर कोई निष्कर्ष निकाल पाती, इससे पहले ही मुझे विस्मित करनेवाली घटना मेरे सामने थी.

राहुल अपना सामान बांधकर नीचे ले आया था, ऊपर के कमरे को उसने खाली कर दिया था. बाहर खड़े ऑटो में सामान लगाकर वह वापस अन्दर आया, मैं जड़वत् खड़ी देख रही थी कि यह हो क्या रहा है.

“मैं जा रहा हूं, आपको अब और परेशान नहीं करूंगा.” उसके शब्दों से मेरी आंखें छलक आयी थीं. मैंने उसके चेहरे को पढ़ना चाहा था, न जाने क्यूं उसकी आंखों में मुझे आत्मपीड़ा के भाव दिखे थे.

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“पर क्यूं राहुल, तुम हम सबको छोड़कर क्यों जा रहे हो? हमसे ऐसी क्या ग़लती हो गयी है, जिससे तुम इतने नाराज़ हो?” भरे गले से मैंने उससे पूछा था.

“ग़लती आपसे नहीं, मुझसे हुई है.”

“तुमसे?”

“हां मुझसे.” कहते हुए उसने एक लिफ़ाफ़ा मेरे हाथ में पकड़ा दिया.

“शायद आपके सामने मैं अपनी ग़लती को स्वर नहीं दे पाऊंगा, इसलिए मैंने इसे शब्दों का रूप दे लिख दिया है. आप इसे मेरे जाने के बाद खोलिएगा और हो सके तो इस नादान राहुल को माफ़ कर दीजिए.”

उसके मुख से निकला एक-एक शब्द मेरी उलझन को बढ़ाता जा रहा था. इससे पहले कि मैं कुछ और प्रश्‍न करती, वह जा चुका था. उत्सुकता की चरम सीमा के साथ मैंने ख़त को खोलकर पढ़ना आरम्भ किया था-

पिछले कुछ दिनों से आप मेरे व्यवहार को लेकर बेहद चिंतित और परेशान हैं, पर उससे अधिक मैं अपने अन्दर आये परिवर्तन से व्यथित हूं. मालूम नहीं, ये मेरी उम्र के पुरुषों की प्रवृत्ति है या मेरे मन की विकृति, मैं समझ नहीं पा रहा हूं.

आपके पवित्र प्यार और अपनत्व जैसी भावनाओं के ऊपर मेरे विरूप मनोभाव हावी होने लगे हैं. आपकी अधिक नज़दीकी तथा अपनेपन के कारण मेरी नज़रें अब आपको दूसरी तरह देखने लगी हैं.

मैं स्वयं को जितना समझाता हूं उतना ही उलझता जाता हूं. ये मन भी कितना अजीब है, चींटे की मानिंद बारम्बार उसी दिशा में दौड़ता है, जिस ओर से इसे हटाया जाता है.

शायद आपने कभी ये महसूस नहीं किया होगा, क्योंकि आपने मुझे अपने बेटे और भाई के समान स्नेह दिया है, परन्तु मेरे पुरुष शरीर ने जाने-अनजाने आपके हाथों के स्पर्श भर से स्वयं को रोमांचित पाया है.

मेरा मन सारी वर्जनाओं को तोड़ समय-बेसमय आपके सामीप्य के लिए आतुर हो उठता है. उस पल स्वयं को रोकना मेरे लिए कितना दुष्कर होता है, इसका एहसास आपको लेशमात्र भी नहीं हो सकता.

एक स्त्री के सामीप्य ने मेरे अन्दर के पुरुष को सिहरा दिया है, जो उम्र और रिश्ते के बन्धन और मर्यादा की सीमारेखा से पार जाना चाहता है.

किन्तु मेरी परवरिश के साथ मुझे जो संस्कार मिले हैं, संभवत: उन्हीं के कारण अब तक इतने दिनों मैं कुछ अप्रिय घटित होने के पाप से बचा रहा. परन्तु इसकी सीमा रेखायें टूट जायें, उससे पहले इसे रोकना होगा, इसकी उच्छृंखल होती भावनाओं पर विराम लगाना ही होगा. मुझे यहां से जाना ही होगा. इसीलिए मैं जा रहा हूं. हो सके तो मुझे माफ़ कर दीजियेगा. यदि मैं स्वयं को माफ़ कर सका तो जीवन में एक बार फिर आपसे अवश्य मिलूंगा.

राहुल

तेज़ हवा के झोंके से ख़त एक बार फिर फड़फड़ा उठा था और मैं बीते कल की स्मृतियों से निकल वर्तमान के कठोर धरातल पर खड़ी थी. दिल में घुमड़ते तेज़ तूफ़ान के बीच मैंने एक बार फिर से पूरा ख़त पढ़ डाला.

राहुल के ख़त ने मेरे पूरे अस्तित्व को झकझोर दिया. न जाने कितने अनुत्तरित प्रश्‍न मेरे सामने मुंह फैलाए खड़े थे जो पल-पल मेरी बेचैनी को बढ़ा रहे थे. मुझे महसूस हो रहा था मानो सारा ब्रह्मांड घूम रहा हो.

सर्वाधिक व्यथित तो मैं इस बात से थी कि किस तरह विकास को राहुल के जाने का कारण बताऊंगी. निस्तब्ध हो मैं सर थाम कर बैठ गयी.

देरे तक मंथन के बाद अंतत: मैंने निर्णय किया कि विकास को यह ख़त दिखाकर मैं उन्हें एक रिश्ते के प्रति अविश्‍वास के लिए प्रेरित नहीं करूंगी.

अपने संवेगों पर नियन्त्रण रख ये घटना मुझे अकेले ही झेलकर अपने अन्दर ही दफ़न करनी होगी.

और फिर मेरी उंगलियां राहुल के ख़त के वजूद को मिटा देने में व्यस्त हो गयीं.

– गीता जैन

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सारा अली खान के फिटनेस मंत्र (Fitness Mantra Of Sara Ali Khan)

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Sara Ali Khan's Fitness

सारा (Sara) पीसीओडी से पीड़ित थी, जिसके कारण उनका वज़न लगातार बढ़ता जा रहा था, लेकिन कड़ी मेहनत, वर्कआउट और स्ट्रिक्ट डायट फॉलो करके अपना वज़न कम किया, जिसके कारण उनका नाम बॉलीवुड की फिट सेलिब्स में आता है.

अच्छे स्वास्थ्य और शांत दिमाग़ के लिए सारा सिंपल और हेल्दी डायट प्लान फॉलो करती है. सारा को घर का बनाया हुआ भोजन खाना अच्छा लगता है. उन्हें हर चीज़ समय पर खाना पसंद है. अपने फिटनेस गोल को ध्यान में रखते हुए ख़ुद को कभी भूखा नहीं रखतीं. वे अपनी डायट में फाइबर से भूरपूर चीज़ें खाती हैं.

प्री-ब्रेकफास्ट: सारा के दिन की शुरुआत रोज़ाना एक ग्लास गुनगुने पानी से होती है. जिस दिन उन्हें वर्कआउट के लिए जाना होता है, तो उस दिन वे मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स के स्रोत के तौर पर हल्दी और गरम पानी के साथ हल्दी लेना पसंद करती हैं.

ब्रेकफास्ट: ब्रेकफास्ट में अंडे की स़फेदी+1 ब्रेड टोस्ट+2 इडली खाती हैं. कभी-कभी चेंज के लिए एग स्क्रम्ब्ल टोस्ट भी लेती हैं. वेट लॉस के दौरान पूरे दिन में वे केवल सूप और चिकन खाती थीं.

लंच: उबली हुई सब्ज़ियां+रॉ पपाया सलाद+फाइबर से भरपूर फल+1 बाउल दाल+बिना घी लगी हुई एक रोटी खाती हैं.

स्नैक्स: वर्कआउट के दौरान जब भूख लगती है, तो वे सूजी में लिपटी हुई ग्रिल्ड वेजीटेबल्स खाती हैं. कभी-कभी काजू-बादाम-पिस्ता मिश्रित नट्स खाती है.

मंचिज़: सारा का जब बहुत भूख लगती है या एंजायटी महसूस होती हैं, तो वे नट्स और खीरा खाती हैं. खीरे में बहुत अधिक पानी होता है, जो भूख को शांत करता है और शरीर को पानी की कमी को भी पूरा करता है.

डिनर: रात को 1 बाउल उबली या ग्रिल्ड सब्ज़ी, उबला हुआ अंडा और चिकन लेती हैं. जब सारा पीसीओडी से परेशान थी, तो शरीर में मिनरल्स की कमी को पूरा करने के लिए हरी सब्ज़ियां खाती थीं.

प्री-वर्कआउट: वर्कआउट से पहले वे मिक्स फ्रूट और उबला हुआ ओट्स और मूसली खाती हैं.

पोस्ट-वर्कआउट: दाल या पनीर मिले हुए सलाद के साथ मिल्क शेक या दही और प्रोटीन शेक्स लेना पसंद करती हैं.

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वेट लॉस के दौरान सारा का वर्कआउट रूटीन
– म्यूज़िक सुनते हुए ट्रेडमिल पर तेज़ दौड़ती हैं.
– वॉर्मअप के दौरान स्ट्रेचिंग और जॉगिंग करती है.
– शारीरिक मज़ूबती के लिए स्पोर्ट्स खेलती हैं.
– अपने फिटनेस ट्रेनर नम्रता पुरोहित के साथ पूरे 1 दिन वर्कआउट के लिए निकालती हैं.
– बाईसेप्स, ट्राईसेप्स, क्रंचेस और डंबलबेल करती हैं.
– एब और हिप पुशअप्स
– योग
– एरोबिक्स

लगातार वर्कआउट करते हुए जब सारा को बोरियत महसूस होने लगती हैं, तो मिक्स
एक्सरसाइज़ करती हैं. ट्रेनर नम्रता पुरोहित के साथ पिलेट्स और सिंडी जोर्डियन के साथ
एरोबिक्स और बूट कैंप ट्रेनिंग लेती हैं. इस बूट कैंप वर्कआउट में मसल्स स्ट्रेथिंग, ऐरोबिक्स, पुशअप्स, पुलअप्स, लंगेज़, क्रंचेस आदि होते हैं.

सारा के फिटनेस टिप्स
– सिंपल और सादा खाना. फास्ट फूड खाने से बचना और किसी भी रूप में शुगर का सेवन न करना.
– ज़रूरत से ज़्यादा प्रोटीन का सेवन न करना.
– जब तक आपके फिटनेस गोल पूरे न हों, तब तक वर्कआउट करते रहें. चाहें तो फिटनेस ट्रेनर की मदद भी ले सकते हैं.
– फाइबर से भरपूर चीज़ें खाएं.
– तैलीय व मसालेदार खाना, मैदा व मैदे से बनी चीज़ें न खाएं.
– वज़न कम करने के लिए कभी भी खाना न छोड़ें. क्योंकि भूखे रहने पर वज़न और बढ़ता है.
– ऐसी डायट खाएं, जिसमें सभी पोषक तत्व मौज़द हों और जिसे खाकर भूख भी शांत हो.

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– देवांश शर्मा

सनी लियोनी ऐसे करती हैं ट्रोलर्स से डील (Sunny Leone Opens Up About Trolls on Arbaaz Khan’s Chat Show)

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हाल ही में अरबाज़ खान (Arbaaz Khan) के चैट शो पिंच (Chat Show Pinch) में सनी लियोनी (Sunny Leone) शामिल हुईं. इस शो में उन्होंने बताया कि वे ट्रोलर्स और निगेटिव लोगों का किस तरह सामना करती हैं.  शो के दौरान सनी ने अपनी निजी और प्रोफेशनल लाइफ के बारे में खुलकर बात की.. शो में सनी ने खुलासा किया कि एक समय पर इतना डर गई थीं कि उन्होंने चाकू तक उठा लिया था. अरबाज़ खान ने जब सनी लियोन से सवाल किया कि, क्या कभी उन्होंने ट्रोल करने पर किसी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है? इसके जवाब में सनी ने कहा कि वो ऐसा कर चुकी हैं.

Sunny Leone

उन्होंने कहा, ‘मैंने उस शख्स को ब्लॉक भी कर दिया था और ऐसा करने पर मुझे अच्छा लगा. वो हमारी जान पहचान का इंसान था. लेकिन अब वो गायब हो चुका है, हमने उसके खिलाफ मुंबई के साइबर क्राइम यूनिट में शिकायत भी दर्ज कराई थी. उस शख्स ने मुझे मानसिक तौर पर काफी नुकसान पहुंचाया था. सनी ने बताया कि उस शख्स के फॉलोअर्स उनकी टाइमलाइन पर बेहद गंदे कमेंट्स करने लगे थे और वो काफी हिंसक थे. उन्होंने मुझे और मेरे परिवार वालों को भी धमकाया था. उसके कुछ लोग मेरे घर तक पहुंच गए थे. वो मेरे लिए बेहद डरावना दौर था, मैं अपने हाथ में चाकू लेकर अपने दरवाजे की तरफ कदम बढ़ रही थी, क्योंकि उस समय मेरे पति डेनियल घर पर नहीं थे वो लॉस एंजेलिस गए हुए थे.”

Sunny Leone

सनी लियोनी ने बताया कि,” जो लोग हिंसा, धमकी और गंदे कमेंट्स करते हैं, मैं उन्हें ब्लॉक कर देती हूं.मैं अपने टाइम लाइन में इस तरह कमेंट्स नहीं रखना चाहती.” सनी ने यह भी स्वीकार किया कि जो लोग पहले उससे नफरत करते थे, वही आज मुझे आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं. ”

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पति-पत्नी के बीच हों झगड़े तो करें वास्तु के ये उपाय (Vastu Tips For Married Couple)

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पति-पत्नी के बीच लगातार झगड़े हों और ये झगड़े थमने का नाम न लें, तो आप अपने घर (Home) के वास्तु (Vastu) पर भी ज़रूर ध्यान दें. अगर आपके घर के वास्तु में कुछ गड़बड़ है, तो ये आपके झगड़े की वजह बन सकता है. जी हां, ये सच है. यदि पति-पत्नी के बीच हमेशा अनबन रहती है, रोज़ झगड़े होते हैं, आपस में विचार न मिलते हों, तो घर के वास्तु पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है. पति-पत्नी के बीच हों झगड़े तो कौन-से वास्तु उपाय करने चाहिए, बता रहे हैं वास्तु एक्सपर्ट व टैरो कार्ड रीडर प्रेम पंजवानी.

Vastu Tips For Married Couple

वास्तु एक्सपर्ट व टैरो कार्ड रीडर प्रेम पंजवानी के अनुसार, दिशाओं का वैवाहिक जीवन पर गहरा असर होता है. यदि घर में पति-पत्नी की फोटो ग़लत दिशा में रखी है, बेडरूम में आईना ग़लत दिशा में रखा है, शादी का एलबम ग़लत दिशा में रखा है, कपल के बेड की दिशा ग़लत है… ऐसी छोटी-छोटी ग़लतियां भी पति-पत्नी के बीच झगड़े का कारण बन जाती हैं. कई बार हमेशा प्यार से रहने वाले कपल अचानक झगड़ने लगते हैं, उनके आपस में विचार नहीं मिलते, कपल के बीच हमेशा अनबन रहती है, यदि ऐसा आपके साथ भी हो रहा है, तो सबसे पहले अपने घर का वास्तु चेक करें. यदि घर में कोई चीज़ ग़लत दिशा में रखी है, तो उसे सही जगह पर रख दें. ऐसा करने से आपके रिश्तों में फिर से पहले जैसा प्यार लौट आएगा.

पति-पत्नी के बीच हों झगड़े तो करें वास्तु के ये उपाय, देखें वीडियो:

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पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ाने के 5 वास्तु टिप्स
1) नव दंपति का बेडरूम यदि उत्तर दिशा में हो, तो ये शुभ होता है. इससे उनके बीच प्रेम बढ़ता है और संतान-सुख की प्राप्ति होती है.
2) वास्तु के अनुसार दक्षिण-पश्‍चिम दिशा वाले बेडरूम शुभ फलदायक होते हैं.
3) बेडरूम के लिए पिंक कलर का पेंट चुनें, पिंक कलर कपल में प्यार बढ़ाता है.
4) बेडरूम में पिंक या लैवेंडर कलर के पर्दे या बल्ब लगाएं.
5) प्यार बढ़ाने के लिए घर के दक्षिण-पश्‍चिम भाग में कांच या सिरामिक पॉट में छोटे-छोटे पत्थर या क्रिस्टल्स डालकर लाल रंग की दो मोमबत्तियां जलाएं. इससे सकारात्मक ऊर्जा फैलेगी.

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कैंसर सर्वाइवर का बोझ लेकर घूमना नहीं चाहतीः सोनाली बेंद्रे (Sonali Bendre On Her Cancer Battle, Says It’s Not A Badge She Wants To Wear And Move Around)

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यह तो हम सभी जानते हैं कि सोनाली बेंद्रे (Sonali Bendre) कैंसर (Cancer) जैसी बीमारी से जंग लड़ रही हैं. पिछले साल सोशल मीडिया पर कैंसर की खबर शेयर करने बाद सोनाली इलाज (Treatment) के लिए न्यू यॉर्क (New York) चली गई थीं. कुछ महीने वहां बिताने के बाद वे भारत आईं हैं. यहां वे अलग-अलग इवेंट्स व शो में शामिल होकर आम लोगों अपनी जंग के बारे लोगों को अवगत कराती हैं. हाल ही में ऐसे ही इंवेट में शामिल होने जयपुर पहुंचीं. वहां उन्होंने कैंसर के बाद अपनी ज़िंदगी में आए बदलावों पर बात की.

Sonali Bendre

उस इवेंट पर सोनाली बेंद्रे की तुलना मनीषा कोइराला से किया गया. इस पर कमेंट करते हुए सोनाली ने कहा कि वे कैंसर सर्वाइवर का रोल कभी नहीं करेंगी. आपको बता दें कि मनीषा कोइराला को भी कैंसर था. उन्होंने फिल्म संजू में कैंसर पीड़ित नर्गिस दत्त का किरदार निभाया था. इस बारे में बोलते हुए सोनाली ने कहा, ” मनीषा ने कैंसर मुक्त होने के बाद कमबैक किया था, लेकिन मैॆ अभी तक कैंसर मुक्त नहीं हुई हूं. मेरी जर्नी थोड़ी अलग है. मुझे नहीं लगता कि मैं कभी कैंसर सर्वाइवर का रोल करूंगी. मैं कैंसर सर्वाइवर का बोझ लेकर घूमना नहीं चाहती. मैं उन मुश्किल दिनों को  दोबारा याद नहीं करना चाहती. मैं आगे बढ़ना चाहती हूं. मैं इस बारे में बात इसलिए करती हूं ताकि लोगों में जागरुकता आ सके. मैं कोई डॉक्टर या वैज्ञानिक नहीं हूं, लेकिन अगर लोगों को इस बारे में बताकर थोड़ा अवेयरनेस फैला सकूं तो मुझे अच्छा लगेगा. ”

Sonali Bendre

इस इंवेट में सोनाली ने यह भी बताया कि बाल निकालना उनके लिए सबसे बुरा अनुभव था. उन्होंने कहा कि मेरे बाल हमेशा से स्ट्रेट थे. लेकिन अब मेरे नए उगे बाल थोड़े कर्ली हैं. मैं अपनी लाइफ के सेकेंड राउंड में मेरे बाल थोड़े कर्ली उग रहे हैं, लेकिन मैं उन्हें वैसे ही रखना चाहती हूं . मैं अब परफेक्शन नहीं चाहती.”

Sonali Bendre
आपको बता दें कि सोनाली बेंद्रे ने 2002 में गोल्डी बहल से शादी की थी और उनका एक बेटा भी है. अपने बेटे से कैंसर की खबर शेयर करना कितना मुश्किल था, इस बारे में बोलते हुए सोनाली ने बताया,” मैंने और गोल्डी ने महसूस किया कि वो हमारी ज़िंदगी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है और जब हमारे जीवन में इतना बड़ा तूफान आया है तो उसे इस बारे में बताना बहुत ज़रूरी है. इसके अलावा मेरा अपना भी एक स्वार्थ था. मुझे यह पता था कि मैंने कितने समय तक ज़िंदा रह पाउंगी इसलिए मैं अपना ज़्यादा से ज़्यादा समय उसके साथ बिताना चाहती थी.” इसके पहले एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में सोनाली बेंद्र ने बताया था कि जब मुझे बाल कटवाने के लिए कहा गया तो मुझे बहुतों से सलाह दी कि मैंने पुराने बालों को रख लूं और उसी से बिग बनवा हूं, लेकिन मैं पुराने बाल नहीं चाहती थी. मैं उससे छुटकारा पाना चाहती थीं.”

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सना खान ने किया प्यार का ऐलान, जानिए कौन है उनका बॉयफ्रेंड (Sana Khan announces she is dating her dance tutor)

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रियलिटी शो बिग बॉस 6 की एक्स कंटेस्टेंट सना खान भले ही कम फिल्में करती हैं, लेकिन वे किसी न किसी कारण से हमेशा सुर्खियों में रहती हैं. अब हाल ही में ख़बर आई है कि सना को जिसकी तलाश थी वह मिल गया.

दरअसल सना को बॉयफ्रेंड की तलाश थी जो अब खत्म हो चुकी है, जी हां सना को बॉयफ्रेंड मिल गया है, यह हम नहीं बल्कि खुद इसका खुलासा सना खान ने किया है. और सना के इस बॉयफ्रेंड का नाम है मेल्विन लुईस जो पेशे से कोरियोग्राफर हैं और उनके डांस ट्यूटर हैं. एक मशहूर अखबार में दिए इंटरव्यू में सना ने बताया कि,” एक दिन वे और मेल्विन डिनर के लिए गए और वहीं हम दोनों एक दूसरे के हो गए. इसके बाद हम मिलने लगे और फिर महसूस होने लगा कि हम एक दूसरे को पसंद करते हैं, इसलिए हमने सभी अटकलों को रोकने के लिए अपने रिलेशनशिप को अनाउंस करने का मन बना लिया.” सना ने बताया कि मेल्विन ही उनका सोलमेट है. सना ने बताया कि वे  दोनों एक दूसरे के परिवार से मिल चुके हैं.  अब हम, दोनो पक्षों के एक साथ मिटिंग की योजना बना रहे हैं ताकि हम अपने रिलेशनशिप को आगे ले जा सकें.

सना अक्सर सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के पिक्चर्स शेयर करती रहती हैं. कल मेल्विन के बर्थ डे अपनी और मेल्विन की कई पिक्चर्स शेयर करते हुए सना खान ने लिखा था कि मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि मैं किसी को इतना प्यार कर सकूंगी. तुम्हें मिलने के बाद मुझे इस बात का एहसास हुआ. मुझे तुममें जो मिला, उसे खोजने में कई लोगों का पूरा जीवन लग जाता है. तुमने मुझे अच्छा इंसान बनाया. मैंने तुमसे हर रोज़ नई-नई चीज़ें सीखती हूं. मैंने शब्दों के माध्यम से अपने प्यार का इजहार नहीं कर सकती. मैं खुद को बहुत खुशनसीब मानती हूं. हैप्पी बर्थ मेल्विन.. ” खबरों की मानें तो नचबलिए के अगले पार्ट में सना खान भी हिस्सा लेंगी. बताया यह भी जा रहा है कि सना ने मेल्विन के साथ इस शो में हिस्सा लेंगी.

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पुरुषों की सेक्सुअल प्रॉब्लम्स व उनके घरेलू उपाय (Easy Home Remedies For Male Sexual Problems)

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यूं तो सेक्स (Sex) पर तमाम बातें लिखी व पढ़ी जाती रही हैं, पर यहां पर हमने पुरुषों की सेक्सुअल प्रॉब्लम्स (Male Sexual Problems) व उनके आसान नुस्ख़ों (Easy Remedies) के बारे में जानकारी देने की कोशिश की है. तो आइए, सेक्सुअल हेल्थ (Sexual Health) के घरेलू नुस्ख़ों (Home Remedies) के बारे में जानते हैं.

Male Sexual Problems

यदि आपको स्वप्नदोष (नाइट फॉल) की समस्या है, तो-

–     मुलहठी को कूट-पीसकर बारीक़ चूर्ण बना लें. इसे 3 ग्राम की मात्रा में एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर चाटें.

–     इलायची के दानों का चूर्ण व शक्कर सम मात्रा में लेकर आंवले के रस में खरल करके गोलियां बना लें. 1-1 गोली सुबह-शाम सेवन करें.

–     150 ग्राम त्रिफला (हरड़, आंवला व बहेड़ा) का बारीक़ चूर्ण लेकर उसमें 30 ग्राम कपूर व 150 ग्राम गुड़ मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बनाकर रख लें. 1-1 गोली सुबह व रात को सोने से पहले पानी के साथ लें.

–     10 ग्राम ताज़े आंवले का रस, 10 ग्राम गिलोय का रस व चुटकीभर शिलाजीत- सभी को मिलाकर मिश्री के चूर्ण के साथ सुबह-शाम सेवन करने से स्वप्नदोष की शिकायत दूर हो जाती है.

–     10-15 छुहारा घी में भूनकर सुबह चबाकर खाएं व ऊपर से इलायची, शक्कर व कौंच बीज का चूर्ण मिलाकर उबला हुआ दूध पीएं.

शीघ्रपतन (प्री-इजैकुलेशन) की शिकायत होने पर-

–  4-5 छुहारों को दूध में उबालकर खाएं व दूध पीएं. ऐसा सुबह-शाम 2-3 महीने तक करें.

–  आंवले का मुरब्बा बनाकर रख लें. 2-3 मुरब्बे हर रोज़ 40 दिनों तक खाएं. इससे सीमन (वीर्य) गाढ़ा होता है व शीघ्रपतन की समस्या भी दूर होती है.

–   2 गोली चंद्रप्रभावटी व 3 ग्राम शतावरी चूर्ण सुबह-शाम दूध के साथ लें.

–   10 ग्राम तुलसी के बीज, 20 ग्राम अकरकरा व 30 ग्राम मिश्री का चूर्ण बना लें व उसे बॉटल में भरकर रख दें. सुबह-शाम एक ग्राम चूर्ण दूध के साथ सेवन करें.

–   तुलसी की जड़ को सुखाकर चूर्ण बना लें. 1 ग्राम तुलसी का चूर्ण व 1 ग्राम अश्‍वगंधा का चूर्ण मिलाकर खाएं व ऊपर से गाय का दूध पीएं.

–   30 ग्राम जैतून का तेल व 10 ग्राम दालचीनी तेल को मिलाकर रख लें. इस तेल की 1-2 बूंद प्राइवेट पार्ट पर लगाकर मालिश करें.

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Male Sexual Problems
नपुंसकता (इंपोटेंसी)

–    कद्दूकस किए हुए नारियल में 4-5 चम्मच बरगद का दूध व 2 चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें. इस नुस्ख़े का एक-डेढ़ महीने तक सेवन करें. ध्यान रहे, इस दौरान सेक्सुअल रिलेशन  न रखें.

–   एक ग्लास दूध में 2 छुहारे डालकर पकाएं. थोड़ा-सा केसर भी डाल दें. जब दूध आधा रह जाए, तो आंच पर से उतार लें. ठंडा होने पर छुहारे को चबा-चबाकर खाएं और ऊपर से वही दूध पीएं. पानी बिल्कुल न पीएं. इसे रात को सोने से पहले लें.

–    300 ग्राम कद्दूकस किया हुआ नारियल, 150 ग्राम नारियल का पानी, 150 ग्राम गाय का घी व 300 ग्राम शक्कर- सब को मिलाकर धीमी आंच पर रखकर पाक तैयार करें. फिर 5-5 ग्राम दालचीनी, तमालपत्र, इलायची, जायफल, जावित्री, कालीमिर्च, सोंठ, जीरा, वायविडंग व सौंफ- सभी का चूर्ण उसमें मिलाकर पाक तैयार कर लें. ठंडा होने पर ढंक दें. इस पाक को 10 ग्राम की मात्रा में हर रोज़ खाकर ऊपर से दूध पीएं.

एक नज़र इन बातों पर भी…

–     ये धारणा ग़लत है कि पुरुष हमेशा सेक्स के लिए तैयार होते हैं या उनके मन में हमेशा सेक्स की ही बातें घूमती रहती हैं. पुरुषों को भी इमोशनल बॉन्डिंग की ज़रूरत होती है.

–     सेक्स के दौरान पहली बार दर्द होना स्वाभाविक-सी बात है. लेकिन यदि किसी स्त्री को इंटरकोर्स के दौरान हर बार दर्द महसूस होता हो, तो ये नॉर्मल नहीं है. अपने पार्टनर से इस बारे में बात करें व ज़रूरत हो, तो डॉक्टर से भी सलाह लें.

–     हर स्त्री की अपनी एक सेक्स पोज़ीशन या ख़ास अवस्था होती है, जिससे वो ऑर्गेज़्म तक भी पहुंचती है. इसलिए ज़रूरी है कि आप अपनी सही पोज़ीशन को पहचानें.

–     एक शोध के अनुसार, अच्छी व अधिक नींद से न केवल स्त्रियों में सेक्स की इच्छा बढ़ती है, बल्कि वे अपनी सेक्स लाइफ भी अच्छी तरह से एंजॉय करती हैं. स्टडी में पाया गया कि एक घंटे अतिरिक्त नींद लेनेवाली स्त्री में अगले दिन सेक्स की इच्छा 14% तक बढ़ जाती है.

– ऊषा गुप्ता

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अचार खाना फ़ायदेमंद या नुकसान देह? (Benefits Of Pickles And Its Side Effects)

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Benefits Of Pickles

भारतीय खाने में अचार (Pickles) न हो तो खानेे का स्वाद अधूरा माना जाता है, इसलिए अधिकतर घरों में खाने दौरान अचार ज़रूर सर्व किया जाता है. मौसम के अनुसार घरों में तरह-तरह के अचार बनाए जाते है और जिन्हें सुरक्षित रखने के लिए अनेक ऐसे मसाले मिलाए जाते हैं, जो न केवल स्वाद और सेहत की दृष्टि से बहुत फ़ायदेमंद (Beneficial) होते हैं. पर अधिकतर लोग को लगता है कि ज़्यादा अचार खाना स्वास्थ्य (Health) के लिए हानिकारक (Harmful) होता है. हम यहां पर उनकी इस ग़लतफ़हमी को दूर कर देते हैं:

अचार के फ़ायदे

Pickles
– घर का बना अचार कभी भी सेहत को नुक़सान नहीं पहुंचता है. क्योंकि इससे बनाते समय मसालों की शुद्धता और हाइजीन का पूरा ख़्याल रखा जाता हैं.

– अचार में ऐसे तत्व होते हैं, जो पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करते हैं. इसमें मौजूद प्रोबायोटिक बैक्टीरिया भोजन पचाने में मदद करते हैं

Benefits Of Pickles
– होममेड अचार को गलाने के लिए नमक का इस्तेमाल किया जाता है. नमक से अचार में प्रोबायोटिक बनते हैं, जो डायजेस्टिव सिस्टम के लिए फ़ायदेमंद होते हैं.

– अचार खाने से शरीर को महत्वपूर्ण मिनरल्स और विटामिन्स मिलते हैं. अचार में मिलाए जानेवाली सामग्री- करीपत्ता, मेथी, कलौंजी, सौंफ आदि न केवल अचार का स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि सेहत के लिए भी फ़ायदेमंद होते हैं.

– ये मिनरल्स और खनिज शरीर को अनेक बीमारियों से बचाते हैं, जैसे- अचार खाने से इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है, एनिमिया और दृष्टि संबंधी समस्याओं से बचाता है.

– घर के बने ताज़े अचार में विटामिन ए, सी और के प्रचूर मात्रा में होता है. इसके अलावा कैल्शियम, आयरन भी होते हैं.

– अचार में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स हैं, जो आपको एलर्जी से बचाते हैं.

– अचार में विनेगर का इस्तेमाल उसे अधिक दिनों तक सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है. विनेगर में एसिटिक एसिड होता है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन को बढ़ाता है.

– डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए भी हरी मिर्च, लहसुन का अचार बहुत फ़ायदेमंद होता है. इसमें शामिल सामग्री रक्त में शर्करा के स्तर को बढ़ने से रोकते हैं.

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रेडीमेड अचार से होनेवाली हानि

Readymade Pickles
– बाज़ार में मिलनेवाले रेडीमेड अचार में प्रिज़र्वेटिव्स होते हैं. जो सेहत को नुक़सान पहुंचाते हैं.

– रेडीमेड अचार को स्वादिष्ट बनाने के लिए उसमें तेल, विनेगर व नमक को प्रयोग किया जाता है और इन तीनों का अधिक सेवन ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है.

Benefits Of Pickles

– रेडीमेड अचारों, जैसे- आम या नींबू का मीठा अचार में मिठास के लिए शक्कर डाला जाता है, जो डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए हानिकारक होता है.

– अधिक अचार खाने से जिससे उच्च रक्त चाप की समस्या हो सकती है, क्योंकि रेडीमेड अचार में नमक की मात्रा अधिक होती है.

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– देवांश शर्मा


Personal Problems: पीरियड्स में होनेवाले दर्द के लिए क्या कोई ख़ास टेस्ट कराना होगा? (Menstrual Cramps- Diagnosis And Treatments)

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मेरी उम्र 36 वर्ष है और मेरे दो बच्चे हैं. माहवारी (Menstruation) के दौरान मुझे असहनीय दर्द (Pain) होता है, जिससे राहत पाने के लिए मुझे दर्दनिवारक गोलियां लेनी पड़ती हैं? इसकी क्या वजह है? क्या मुझे किसी ख़ास तरह के टेस्ट की ज़रूरत है?
– शशिबाला, इंदौर.

हो सकता है कि आपको यूटेरस में फायब्रॉइड हो. यह एक प्रकार की गांठ होती है, जो अक्सर युवतियों के गर्भाशय में बन जाती है. फायब्रॉइड की स्थिति और आकार की वजह से ही माहवारी के दौरान दर्द और ज़्यादा ब्लीडिंग होती है. इसके अलावा ओवरी, पेल्विक या गर्भाशय में रक्त जमा होने से वहां सूजन आ जाती है और यह भारी रक्तस्राव और दर्द का कारण बन जाती है. पेल्विक सोनोग्राफ़ी से इसका आसानी से पता लगाया जा सकता है. इसका इलाज सर्जरी से ही होता है. लेकिन इन दिनों लेप्रोस्कोपिक (कीहोल) सर्जरी से भी इसका इलाज किया जाता है.

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Menstrual Cramps

मैं 18 वर्ष की हूं. शुरू से ही मुझे अनियमित माहवारी की समस्या थी. 1-4 महीने के बीच में कभी भी हो जाती है. इन दिनों मेरे चेहरे पर ख़ूब सारे बाल भी हो गए हैं. कृपया सलाह दें. मैं क्या करूं?
– नुपूर बबेरवाल, हरियाणा.

शुरुआत के एक-दो साल तक पारियड अनियमित हो सकता है. इसके बाद धीरे-धीरे नियमित होने लगता है. यदि आपका पीरियड शुरू से नियमित रहा और अब अनियमित है, तो आपको हार्मोनल प्रॉब्लम हो सकता है. हो सकता है कि आपको पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम हो. इस तरह की समस्या में अनियमित माहवारी, चेहरे पर बहुत बाल, एक्ने और वज़न बढ़ने जैसे लक्षण होते हैं. समस्या के बारे में जानने के लिए आपको सोनोेग्राफ़ी व हार्मोनल टेस्ट करवा लेने चाहिए. दवाइयों से इस समस्या का निदान हो सकता है.

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Dr. Rajshree Kumar

डॉ. राजश्री कुमार
स्त्रीरोग व कैंसर विशेषज्ञ
rajshree.gynoncology@gmail.com

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१० रोमांटिक तरीक़ों से पार्टनर को कहें आई लव यू (10 Romantic Ways To Say I Love You)

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प्यार (Love)… किसी के लिए महबूब के साथ ज़िंदगी बिताने का ख़याल है, तो किसी के लिए उसके ख़याल में सारी ज़िंदगी गुज़ार देना. कोई प्यार में जीना चाहता है तो कोई जान तक निसार कर देता है. जनाब प्यार का एहसास ही कुछ ऐसा होता है. एक पल में दुनिया बदल जाती है… बदली हुई फ़िज़ां..बदली हुई रुत… बदला हुआ समा…और तो और चेहरे की रंगत भी… एक गुलाबी निखार… जो बता देता है कि आख़िर आपको प्यार हो ही गया है. लेकिन स़िर्फ प्यार होने से कुछ नहीं होता, माना कि उनसे नज़रें मिलते ही आपका दिल तेज़ी से ध़़ड़कने लगता है, पलकें झुक जाती हैं और चेहरे पर गुलाबी सुर्खी छा जाती है, लेकनि जिससे प्यार हुआ है उससे इसका इज़हार करना भी तो ज़रूरी है, क्योंकि आई लव यू (I Love You) कहना कोई आसान काम नहीं. चलिए, हम आपको बता देते हैं कि प्यार का इज़हार कैसे किया जाए.

Ways To Say I Love You

‘मैं तुम्हें प्यार करता हूं’ मात्र एक वाक्य भी बनकर रह सकता है, अगर उसे सही ढंग से कहना न आए तो! प्यार का इज़हार करने के अनगिनत तरी़के हो सकते हैं. अपने प्रिय से अपनी भावनाओं का इज़हार करते समय कभी भी शब्दों को लेकर न तो कोई कंजूसी करें, न ही स्वयं को सीमित रखें. आपके लिए आपका साथी, आपकी प्रेमिका कितनी ख़ास है, यह जतलाना न स़िर्फ रिश्तों में एक जुड़ाव पैदा करेगा, वरन् इससे जीवन में रोमांस भी बढ़ेगा और त्वचा की रंगत भी… जी हां क्योंकि ये प्यार ही तो है जो चेहरे को सुर्ख गुलाबी निखार देता है.

कुछ यूं कहें दिल की बात-

1. अपने साथी के लिए एक रोमांटिक कविता लिखें. इस बात की चिंता न करें कि उसमें शब्दों और रिद्म का मेल है या नहीं. उसमें ख़ास बात यह है कि उसे आपने लिखा है और वह आपके प्यार की सच्ची अभिव्यक्ति है.

2. आजकल मोबाइल पर एसएमएस के चलन ने प्यार के इज़हार को और भी आसान बना दिया है. अपने साथी को रोमांटिक मैसेज भेजें. हो सकता है यह आपको प्रैक्टिकल न लगे, लेकिन रिश्तों में ख़ुशबू तभी बिखरती है जब फूल खिलाएं जाएं.

3. ये ज़रूरी नहीं कि एक बार प्यार का इज़हार होने के बाद जब रिश्ता जुड़ जाए, पति-पत्नी बन जाएं तो तो फिर आई लव यू कहने की ज़रूरत ही नहीं होती. माना कि आप दोनों के बीच प्यार है, लेकिन समय-समय पर इसे जतलाना भी ज़रूरी है. माना कि हम मुहब्बत का इज़हार नहीं करते. इसका मतलब ये तो नहीं कि हम प्यार नहीं करते. यह बात प्रैक्टिकली लागू नहीं होती.

4. बेशक आप दिन-रात एक ही छत के नीचे गुज़ारते हों, लेकिन कुछ शामें घर से बाहर यह जानने के लिए गुज़ारें कि आपके प्यार की पसंद और आदतें क्या हैं. हर तरह की उलझनों और ज़िम्मेदारियों को कुछ समय के लिए झटक कर उनके साथ एक गुलाबी शाम गुज़ारें यानी उन्हें किसी रेस्तरां या क्लब में जाएं. उसकी आंखों में झांकें और उसके मनपसंद खाने का ऑर्डर देते हुए उसके नखरे उठाएं.

5. आते-जाते यों ही उसे छू लें, बालों पर हाथ फेर दें, आंखों से इशारे करें. शर्म के मारे उनका चेहरा गुलाबी न हो जाए तो कहना.

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Romantic Ways To Say I Love You

6. आप एक दिन के लिए किसी होटल में भी अपने साथी के लिए कमरा बुक करा उसे स्पा या मसाज का मज़ा लूटने का मौक़ा दे सकते हैं. कुछ घंटे टब में स्नान करते हुए बिताएं.

7. रोमांटिक फ़िल्म देखने जाएं. उन लम्हों को साथ जीएं. साथ में घर में बैठकर रोमांटिक गाने सुनें. अगर आप दोनों पढ़ने के शौक़ीन हैं, तो एक दोपहर कोई कविता की क़िताब पढ़ते हुए गुज़ारें. ह़फ़्ते में एक दिन तो कम-से-कम उनकी पसंद के फूलों जैसे- रजनीगंधा या गुलाब का बुके अवश्य लाएं, फिर देखिए उनके चेहरे पर कैसे गुलाबों-सा निखार आ जाता है.

8. अक्सर सुनने में आता है कि शादी के कुछ सालों बाद प्यार ख़त्म हो जाता है, पर सच तो यह है कि पति-पत्नी टेक इट फॉर द ग्रांटेड की तर्ज़ पर जीने के आदी हो जाते हैं. बस थोड़ा-सा नयापन, थोड़ा-सा चुलबुलापन उनकी ज़िंदगी में फिर शुरुआती दिनों का प्यार वापस ला सकता है. जगह-जगह जैसे तकिए के नीचे, ऑफ़िस बैग में, लंच बॉक्स, शर्ट की पॉकेट में ‘आई लव यू’ की स्लिप रख दें. यह बचकानापन नहीं है. इन्हें पढ़ तो नाराज़ साथी भी खिल उठेगा.

9. उसे कहें कि ‘तुम जैसे हो मैं तुम्हें उसी रूप में चाहता हूं.’,  ‘तुम्हारा साथ मुझे ख़ुशी देता है.’,  ‘तुम्हारा मेरी ज़िंदगी में आना, मेरी ख़ुशक़िस्मती है.’

ये शब्द प्यार की डोर को और मज़बूत करते हैं. कॉम्पिलमेंट देना प्यार के बंधन को मज़बूत करता है. वह चाहे रोज़ अच्छा दिखता हो, लेकिन फिर भी रोज़ उसकी प्रशंसा करना न भूलें. अगर आलोचना भी करनी हो, तो यह जताएं कि आप ऐसा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि आपको और संवारना-निखारना चाहते हैं. क्या इससे बेहतर कोई और तरीक़ा हो सकता है प्यार करने का?

10. प्यार का इज़हार करने में स्पर्श भी एक अहम् भूमिका निभाता है. अपने साथी के साथ बैठकर उसका हाथ पकड़ें, उसे अपने सीने से लगाएं या साथ चलते हुए हाथ थाम लेना प्यार को व्यक्त करने का सबसे सहज तरीक़ा है. स्पर्श बिना कहे भी बहुत कुछ कहने की ताक़त रखता है. आपकी छुअन प्यार ही तो है और अपने प्यार का एहसास आपको उनकी हसीं गुाबी रंगत से साफ़ झलकता नज़र आएगा. – आप जिसे प्यार करते हैं, उसके साथ अधिक-से-अधिक समय बिताने की कोशिश करें. जैसे- उसके साथ कभी-कभार डेटिंग पर जाएं, लॉन्ग ड्राइव पर निकल जाएं या फिर शॉपिंग करें. अपने साथी को कुछ ऐसी चीज़ें दें, जो उसे अपने ख़ास होने का एहसास कराए और आपके रोमांटिक होने का भी. प्यार स़िर्फ ख़ूबसूरत एहसास ही नहीं, बल्कि जीने की ज़रूरत भी है. यह मन को स्वस्थ रखता है तभी तो चेहरे पर गुलाबी निखार आता है और आप रहती हैं हमेशा
जवां-जवां…

– संजीव

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रिश्तेदारों से क्यों कतराने लगे हैं बच्चे? (Why Do Children Move Away From Relatives?)

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क्या-क्यों, कैसे-कब, ऐसा मत करो, ये करो… कुछ ऐसे सवाल होते हैं, जो रिश्तेदार बच्चों (Children) से ख़ूब करते हैं. कई बार इन वजहों से भी बच्चे रिश्तेदारों (Relatives) से दूरी बना लेते हैं. इसके अलावा हम उन तमाम संभावनाओं को जानने की भी कोशिश करते हैं, जिससे बच्चे रिश्तेदारों से कतराते हैं.

Children Problems

एक समय था जब बच्चों में बड़ा उमंग-उत्साह रहता था रिश्तेदारों के घर जाने का. लेकिन व़क्त के साथ बहुत कुछ बदलता चला गया. अब चेहरों पर मुस्कान रहती है, पर दिल में उतनी ख़ुशी नहीं रहती. क्या बच्चों की सोच बदल गई है? क्या बच्चों को नाते-रिश्तेदार खटकने लगे हैं? या फिर उनका दायरा सीमित हो गया है? ऐसे तमाम सवालात हैं, जिनके जवाब खोजना निहायत ज़रूरी है.

बच्चों का मनोविज्ञान

सबसे पहले हमें बच्चों के मनोविज्ञान को समझना होगा. आख़िर बच्चा क्यों रिश्तेदारों को पसंद नहीं कर रहा? उनसे हिलमिल नहीं रहा.. बातचीत नहीं कर रहा.. उन्हें अनदेखा करता रहता है… मनोवैज्ञानिक रेनू गिरजा के अनुसार, बच्चे मासूम होते हैं, लेकिन अतीत में उनके साथ कुछ ऐसा हुआ होता है, जिसका प्रभाव उनके व्यवहार पर पड़ता है. इसके अलावा हो सकता है बच्चे को कुछ रिश्तेदारों का स्वभाव नापसंद हो. उनका ज़रूरत से ज़्यादा सवाल करना, बच्चे के बारे में मीनमेख निकालना उसे नागवार गुज़रता हो. इस बात की भी संभावना है कि रिश्तेदार बच्चों की तुलना करते हो कि फलां रिश्तेदार का बेटा देखो पढ़ने में कितना होशियार है, फर्स्ट आता है… तुम्हारा तो पढ़ने पर ध्यान ही नहीं है… तुम्हारी यह आदत अच्छी नहीं है… हर व़क्त फोन पर रहते हो… इस तरह की बातें करनेवाले रिश्तेदारों से यक़ीनन बच्चे दूर भागते हैं, क्योंकि उनको देखते ही बच्चों का मन कह उठता है, लो आई मुसीबत… फिर वे किसी अप्रिय घटना के होने या अपना मूड ख़राब करने से बेहतर यही समझते हैं कि उनके सामने ही न जाएं.

बच्चों का स्वभाव

* कुछ बच्चे शर्मीले व संकोची स्वभाव के होते हैं. वे बहुत कम ही किसी से मिल-जुल पाते हैं या खुल पाते हैं.

* इसके विपरीत मुंहफट व हाज़िरजवाब बच्चे भी होते हैं, जो अपनी दुनिया में मस्त रहना पसंद करते हैं. उन्हें अपने सिवा किसी से कोई लेना-देना नहीं रहता.

* गंभीर बच्चों का तो यह हाल है कि वे अपने पैरेंट्स से भी अधिक नहीं बोल पाते, तो भला रिश्तेदारों की क्या बिसात.

* पढ़ाकू स्वभाव के बच्चों को तो रिश्तेदार विलेन की तरह लगते हैं. वे परीक्षा हो या फिर अन्य ज़रूरी प्रोजेक्ट्स, कॉम्पटीशन आदि इन सब में इस कदर जुड़े रहते हैं कि उन्हें इसमें किसी की भी दख़लअंदाज़ी या फिर रुकावट पसंद नहीं आती और इसमें रिश्तेदार उनकी टॉप लिस्ट में होते हैं.

* ज़िद्दी स्वभाव के बच्चे भी रिश्तेदारों को बहुत कम ही अहमियत देते हैं. वे केवल अपनी ज़रूरत से मतलब रखते हैं.

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गेम्स-मोबाइल का नशा

* दरअसल, उस समय वे अपने गेम में इस कदर गुम रहते हैं कि उसके आगे उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता.

* वे अधिकतर समय एक ही जगह पर बैठे रहकर बस इनमें मग्न रहते हैं. तब उन्हें किसी की भी दखलंदाज़ी पसंद नहीं आती, फिर चाहे वो रिश्तेदार ही क्यों न हों.

* वीडियो गेम्स व मोबाइल फोन की आदतों ने बच्चों को रिश्तों से दूर कर दिया है.

* कुछ बच्चे तो जैसे ही कोई मेहमान, रिश्तेदार आते हैं, तो अपना फोन लेकर दूसरे कमरे में चले जाते हैं या फिर घर से बाहर चले जाते हैं.

* उस पर स्मार्टफोन के एडिक्शन ने तो बच्चों को रिश्तेदार क्या, अपनों से भी दूर कर रखा है.

* वैसे सोशल मीडिया ने भी हम सभी की जीवनशैली में बहुत अधिक दख़लअंदाज़ी की है, ख़ासकर बच्चों के व्यवहार को अधिक प्रभावित किया है.

कई बार पैरेंट्स भी ज़िम्मेदार…

* अक्सर घर पर आए हुए कुछ रिश्तेदारों के जाने के बाद घरवाले उन्हें लेकर

तरह-तरह की बातें करते हैं कि ये रिश्तेदार उन्हें पसंद नहीं. रिश्तेदारों को लेकर कई तरह की नकारात्मक बातें भी करते रहते हैं. उनकी इन सब बातों का बच्चे के दिलोदिमाग़ पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. फिर अनजाने में वो भी उन रिश्तेदारों को नापसंद करने लगता है.

* अक्सर अभिभावक अपने बच्चों की तुलना परिवार, रिश्तेदार के अन्य बच्चों से करते हैं. इससे भी बच्चे उन रिश्तेदारों या चचेरे, ममेरे भाई-बहनों को नापसंद करने लगते हैं.

* कई बार पैरेंट्स रिश्तेदारों के सामने अलग तरह का व्यवहार करते हैं, जिनमें बनावटीपन, औपचारिकता, नाटकीयता अधिक रहती है. इससे भी बच्चे असमंजस में पड़ जाते हैं. फिर उनका व्यवहार भी बदलता है.

* प्रायः अभिभावक परिवारिक रिश्तेदारों से यह झूठ बोलते रहते हैं कि वे बहुत व्यस्त थे, इस कारण मिल नहीं पाए, जबकि हक़ीक़त यह रहती है कि वे उनसे बातचीत ही नहीं करना चाहते, इसलिए व्यस्तता का बहाना बनाते रहते हैं. आगे चलकर बच्चे भी उनकी इस आदत को अपनाने लगते हैं और बड़े होने पर इसी तरह का व्यवहार करने लगते हैं.

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कुछ इस तरह करें कि बात बन जाए…

* बच्चों पर किसी तरह का दबाव न डालें. उन्हें प्यार से अपनेपन व रिश्ते की अहमियत समझाएं.

* जिस तरह वे अपने दोस्त को अपना सब कुछ मानते हैं, उसी तरह रिश्तेदार को भी अपने जीवन में जगह दें, इनके महत्व को बच्चों को बताएं.

* बच्चे को उदाहरण के तौर पर यह तर्क भी दिया जा सकता है कि जिस तरह वे रिश्तेदारों से नहीं मिलते, उसी तरह हम भी किसी के यहां जाते हैं, तो उन रिश्तेदारों के बच्चे भी ऐसा ही व्यवहार करते हैं.

* बच्चे मासूम व संवेदनशील होते हैं, उन्हें प्यार से सभी पहलुओं पर गौर करते हुए समझाया जाए, तो वे वस्तुस्थिति को बेहतर ढंग से समझ पाते हैं.

* समय-समय पर बच्चों को रिश्तेदारों के यहां ज़रूर ले जाया करें, जिससे उन्हें घुलने-मिलने में आसानी होगी.

– ऊषा गुप्ता

अधिक पैरेंटिंग टिप्स के लिए यहां क्लिक करेंः Parenting Guide

समर केयर टिप्स (Summer Care Tips)

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Summer Care Tips

  • पसीने की दुर्गंध से बचने के लिए प पसीने की दुर्गंध से बचने के लिए अच्छी कंपनी का डियो या सुगंधित पाउडर लगाएं.
  • दिन में दो बार स्नान करें.प यदि आप कामकाजी हैं, तो शाम को घर लौटने पर 10-15 मिनट तक ठंडे पानी में पैरों को डुबोकर रखें. इससे पैरों को आराम मिलेगा और आपको गर्मी से राहत.
  • ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीएं. ख़ासकर घर से बाहर निकलते समय पानी ज़रूर पीएं. इससे आपके शरीर के टॉक्सिन्स बाहर निकल जाएंगे और त्वचा भी ग्लो करेगी.
  • सुबह जल्दी उठकर लॉन में हरी घास पर टहलें.प घर से बाहर हों, तो थोड़ी-थोड़ी देर में नींबू पानी या जूस पीएं. हो सके, तो अपने साथ एक बॉटल में नींबू का शर्बत कैरी करें. इससे इंस्टेंट एनर्जी मिलती है.प दूध पोषक होने के साथ ठंडी तासीर का भी है, इसलिए रोज़ाना एक ग्लास दूध ज़रूर पीएं.
  • ज़्यादा ऑयली व गरिष्ठ भोजन करने से बचें.
  • अपने डायट में सलाद, जूस और फल शामिल करें. ढेर सारे फलों का सेवन करें, इससे त्वचा ग्लो करेंगी व गर्मी से भी राहत मिलेगी.
  • गर्मियों में अक्सर शरीर में पित्त की प्रॉब्लम हो जाती है, इसके लिएसुबह-सुबह ठंडा दूध पीएं.
  • छाछ को अपने भोजन का नियमित रूप से हिस्सा बनाएं. यह शरीर को ठंडक देता है.
  • लस्सी भी गर्मी से राहत दिलाती है.प गर्मी के कुछ महीनों में हो सके, तो चाय-कॉफी का सेवन बिल्कुल छोड़ दें, क्योंकि ये शरीर को गर्मी पहुंचाते हैं और सेंट्रल नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित करते हैं.
  • अगर बहुत ज़्यादा ज़रूरी न हो तो दिन में 11 बजे से 3 बजे तक धूप में न निकलें, क्योंकि इस समय सूरज की अल्ट्रा वॉयलेट किरणों का बहुत तेज़ और बुरा प्रभाव पड़ता है.
  • घर से बाहर जाएं या घर में रहें. अपनी त्वचा को सनस्क्रीन प्रोटेक्शन ज़रूर दें.
  • जिस तरह गर्मियों में शरीर डिहाइड्रेट होता है, उसी तरह स्किन भी डिहाइड्रेट होती है. ऐसे में स्किन का मॉइश्‍चर लेवल बनाए रखने के लिए ज़रूरी है उसे मॉइश्‍चराइज़ करना, ताकि स्किन को नरिशमेंट मिले. इसलिए गर्मियों में भी मॉइश्‍चराइज़र लगाना न भूलें.

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राइट टु प्राइवेसी के बारे में कितना जानते हैं आप? (All You Need To Know About Right To Privacy In India)

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ज़रा सोचें अगर कोई चौबीसों घंटे हम पर नज़र रखे, तो कैसा लगेगा? यक़ीनन किसी के लिए भी इस तरह जीना बहुत मुश्किल है, क्योंकि हर किसी को प्राइवेसी (Privacy) चाहिए. चाहे घर हो या ऑफिस, पब्लिक प्लेस हो या प्राइवेट, सोशल मीडिया हो या फिर इंटरनेट पोर्टल. सुकूनभरी ख़ुशहाल ज़िंदगी के लिए ज़रूरी है कि समाज का हर व्यक्ति एक-दूसरे की प्राइवेसी का सम्मान करे. क्या है प्राइवेसी और क्या है इसके मायने, आइए देखते हैं.

Right To Privacy In India

प्राइवेसी एक ऐसा विषय है, जिस पर बहुत कम लोग बात करते हैं. शायद एक तबका इस बारे में सोचता हो, पर मध्यम व निम्न वर्ग के लोगों को न ही इस बारे में अधिक जानकारी है और न ही वो इसे ज़्यादा तवज्जो देते हैं. लेकिन ज़रा सोचिए कल आपकी और आपके पार्टनर की प्राइवेट पार्टी की तस्वीर किसी वेब पोर्टल पर दिखे या फिर आपका सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो जाए और उससे लोगों को अनाप-शनाप मैसेज सर्कुलेट हों, तो क्या तब भी आपको फ़र्क़ नहीं पड़ेगा? भले ही यह एक भूला हुआ विषय है, पर ऑनलाइन होती दुनिया में प्राइवेसी के बारे में सतर्क रहने की ज़रूरत तो हर किसी को है.

क़रीब 10 साल पहले पुणे का एक मामला काफ़ी चर्चित हुआ था, जहां 58 वर्षीय मकान मालिक को इसलिए सज़ा मिली थी, क्योंकि उन्होंने अपने यहां किराए पर रहनेवाली लड़कियों पर नज़र रखने के लिए अपने घर में स्पाई कैमरे लगवाए थे. इस तरह किसी के कमरे में कैमरे लगवाना क़ानूनन जुर्म है. इस घटना के बाद स्पाई कैमरों और छिपे हुए कैमरों को लेकर लोगों ने काफ़ी मुहिम भी चलाई थी, लेकिन प्राइवेसी पर छिड़ी यह जंग जल्द ही शांत पड़ गई थी.

हम कहां जाते हैं, क्या ख़रीदते हैं, क्या खाते हैं, कैसी सर्विसेज़ लेते हैं और अपने घर में कैसे रहते हैं, यह हमारा निजी मामला है. अपने घर की चारदीवारी में हम वो सब कर सकते हैं, जो एक सम्मानपूर्वक जीवन जीने के लिए ज़रूरी है. कोई अचानक हमारे घर आकर बेवजह हमारी तलाशी नहीं ले सकता और न ही हम पर निगरानी रख सकता है.

क्या है राइट टु प्राइवेसी (निजता का अधिकार)?

हर व्यक्ति को यह अधिकार है कि वो एक सम्मानजनक जीवन बिताए और अगर कोई उसकी ज़िंदगी में बेवजह खलल डालने की कोशिश करे, तो उसे सज़ा दिलवाने का भी पूरा अधिकार रखता है. प्राइवेसी का अर्थ है निजता, गुप्तता या फिर एकांतता. अपने घर, परिवार, कामकाज आदि से जुड़ी ऐसी बहुत-सी बातें होती हैं, जो हम प्राइवेट रखना पसंद करते हैं. ये प्राइवेट बातें हमारी सेफ्टी के लिए बहुत अहम् हैं, इसलिए ज़रूरी है कि कोई इनसे छोड़छाड़ न करे.

समझें अपनी प्राइवेसी को

70 सालों से चली आ रही क़ानूनी लड़ाई के बाद आख़िरकार सुप्रीम कोर्ट ने राइट टु प्राइवेसी को मूल अधिकारों में शामिल कर इसे संवैधानिक मान्यता दे दी है. इसके हमारे लिए क्या मायने हैं, आइए समझते हैं.

–     प्राइवेसी के अधिकार के कारण कोई भी आपकी मर्ज़ी के बिना आपकी तस्वीर न ही खींच सकता है और न ही कहीं प्रकाशित कर सकता है.

–     आपकी निजी ज़िंदगी में तांक-झांक करने का किसी को कोई अधिकार नहीं है. किसी पर नज़र रखने के लिए स्पाई कैमरा लगाना क़ानूनन अपराध है.

–     फोन पर बातचीत करते व़क्त कोई आपकी पर्सनल बातें सुनने के लिए किसी इलेक्ट्रॉनिक का इस्तेमाल करता है या फिर आपको बात करने के दौरान  जान-बूझकर रोक-टोक करता है, तो यह निजता का उल्लंघन माना जाएगा.

–     आपकी अनुमति के बिना आपकी गंभीर बीमारी से जुड़ी कोई भी बात डॉक्टर या अस्पताल प्रशासन सार्वजनिक नहीं कर सकता. हालांकि एड्स के मरीज़ों के नाम गुप्त रखने का प्रावधान पहले से ही हमारे देश में है.

–     कोई आपके या आपके परिवार से जुड़े राज़ को दुनिया के सामने नहीं रख सकता.

–     लड़कियों के कमरों या पब्लिक टॉयलेट में तांक-झांक करना क़ानूनन अपराध है.

–     किसी के फोटो या वीडियो को बिना अनुमति के कमर्शियली इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

कैसे रखें प्राइवेसी?

–     अपनी प्राइवेसी को लेकर आपको ख़ुद थोड़ा अलर्ट रहना होगा.

–     कहीं भी अपनी निजी जानकारी शेयर करने से पहले पता कर लें कि आपकी उस जानकारी को किस तरह इस्तेमाल किया जाएगा.

–     जब तक अनिवार्य न हो, अपनी जन्म तारीख़ और ईमेल आईडी किसी भी फॉर्म में न भरें.

–     होटल वगैरह में रूम बुक करने से पहले उसकी विश्‍वसनीयता के बारे में जानकारी इकट्ठा कर लें.

–     मॉल के चेंजिंग रूम में कपड़े बदलते समय या फिर पब्लिक टॉयलेट इस्तेमाल करते समय देख लें कि वहां कोई छिपा हुआ

कैमरा तो नहीं है.

–   इस तरह के अपराधों के लिए आप सिविल कोर्ट या फिर लॉ ऑफ टॉर्ट के तहत अपराधी को सज़ा दिला सकते हैं. आप चाहें, तो मानहानि का मुक़दमा भी कर सकते हैं.

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Privacy Rights In India
प्राइवेसी और डाटा कंपनियां

क्या आपने कभी ग़ौर किया है कि इंटरनेट पर कुछ सर्च करते ही वो चीज़ आपको अपने हर वेबसाइट से लेकर सोशल मीडिया तक क्यों नज़र आती है? ऑर्गैनिक सामान ख़रीदो, तो उससे जुड़े मैसेजेस आपको आने लगते हैं, कंपनी को पता चल गया कि ग्राहक प्रेग्नेंट है, तो उसके लिए बेबी प्रोडक्ट्स के कूपन्स आने लगते हैं, किसी ने ऑनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में सर्च किया, तो मेडिकल पॉलिसी बेचनेवाली कंपनियों के फोन आने शुरू हो जाते हैं.

इससे पता चलता है कि ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन तक हम जो भी करते हैं, उस पर डाटा कंपनियों की नज़र रहती है. अब तक हमारे देश में प्राइवेसी के अधिकार को मूल अधिकार नहीं माना गया था, इसलिए ये कंपनियां हमारा पर्सनल डाटा बिज़नेस कंपनियों को बेचती आ रही थीं, पर अब ऐसा नहीं हो पाएगा. इंटरनेट प्रोवाइडर्स को भी सावधानियां बरतनी पड़ेंगी.

प्राइवेसी और आधार कार्ड 

–     जब से देश में आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई, तब से लोगों के फिंगर प्रिंट, आंखों के स्कैन और चेहरे के स्कैन को लेकर कुछ लोगों ने इसे प्राइवेसी के अधिकार का हनन बताया था.

–     आधार को पैन कार्ड और मोबाइल से लिंक होने के बाद भी प्राइवेसी का सवाल उठा था, क्योंकि इससे आपकी हर एक्टिविटी का रिकॉर्ड कंपनियों और सरकार के पास जमा हो जाता है.

–     लंबे समय से चल रही यह लड़ाई अभी भी जारी है, पर आधार कार्ड को प्राइवेसी का उल्लंघन माननेवालों को बता दें कि ऐसी कई सरकारी योजनाओं को ग़रीब लोगों तक पहुंचाने में आधार काफ़ी कारगर साबित हुआ है.

–     इससे न स़िर्फ सरकारी योजनाओं में हो रही धांधली रुकी है, बल्कि राशन वितरण में हो रही काला बाज़ारी पर भी लगाम लगी है.

ऑनलाइन प्राइवेसी

पिछले कुछ सालों में टेक्नोलॉजी बहुत एडवांस हो चुकी है. आजकल ई कॉमर्स वेबसाइट्स और सोशल मीडिया के कारण हमारी ऑनलाइन प्राइवेसी ख़तरे में रहती है. कभी हैकिंग का ख़तरा, तो कभी ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड का डर बना ही रहता है, ऐसे में बहुत ज़रूरी है कि आप अपना पर्सनल डाटा, पासवर्ड्स, ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स आदि सुरक्षित रखें.

प्राइवेसी प्रोटेक्शन टिप्स

–    सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अपने बारे में बहुत ज़्यादा जानकारी शेयर न करें. कुछ भी शेयर करने से पहले याद रखें कि ये आपके दोस्तों के अलावा बहुत से अजनबी भी देख रहे हैं, जिनका मक़सद लोगों को फंसाना होता है.

–     अपनी कोई भी प्राइवेट जानकारी पब्लिक स्टोरेज में न रखें, जैसे- अकाउंट पासवर्ड्स, ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स के स्कैन आदि गूगल डॉक्स या ड्रॉप बॉक्स में न रखें.

–     जब भी आप किसी वेबसाइट पर जाते हैं, तो आपका वेब ब्राउज़र उस वेबसाइट को आपसे संबंधित कुछ जानकारी भेजता है.

–     जहां ज़रूरी हो, वहीं अपनी ईमेल आईडी और फोन नंबर शेयर करें, वरना स्पैम ईमेल्स और प्रमोशनल फोन कॉल्स आपको परेशान कर देंगे.

–     अपने पासवर्ड्स स्ट्रॉन्ग और बड़े रखें, ताकि आसानी से कोई इन्हें हैक न कर सके. कोशिश करें 12 कैरेक्टर का पासवर्ड बनाएं, जिसमें नंबर्स और स्पेशल कैरेक्टर्स भी हों.

–     बहुत-से ऐप किसी भी तरह की फंक्शनिंग के लिए आपसे परमिशन मांगते हैं, जिससे वो आपकी लोकेशन, मीडिया, कैमरा आदि के बारे में जानकारी इकट्ठा कर सकें. सभी ऐप्स को परमिशन न दें, बेहद ज़रूरी ऐप्स को ही ये सहूलियत दें.

–     कई लोग स्क्रीन लॉक करने के लिए पासवर्ड्स रखते हैं, पर नोटिफिकेशन लॉक नहीं करते, जिससे कोई भी आते-जाते आपके नोटिफिकेशन्स देख सकता है. सेटिंग्स में जाकर इसे डिसेबल करें.

प्राइवेसी में दख़ल देने की सज़ा

पहले यह मूलभूत अधिकारों की लिस्ट में शामिल नहीं था, पर कुछ समय पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने इसे मूलभूत अधिकारों की श्रेणी में जगह दी है. अभी तक इसके लिए अलग से कोई क़ानून नहीं बनाया गया है, हालांकि आईटी एक्ट में इसके लिए पहले ही सज़ा का प्रावधान था-

–    अगर कोई आपकी मर्ज़ी के बिना आपकी फोटो प्रकाशित करे या इलेक्ट्रॉनिक तरी़के से सर्कुलेट करे, तो आईटी एक्ट की धारा 66ई के तहत उसे तीन साल तक की जेल या फिर दो लाख से लेकर 10 लाख तक का जुर्माना या फिर दोनों ही हो सकते हैं.

– अनीता सिंह

यह भी पढ़ें: दहेज उत्पीड़न के ख़िलाफ़ कहीं भी केस दर्ज करा सकती हैं महिलाएं- सुप्रीम कोर्ट (Women Can File Dowry Harassment Cases From Anywhere- Supreme Court)

12वीं के बाद कैसे करें इन एंट्रेंस एग्ज़ाम्स की तैयारी? (How To Prepare For Entrance Exam After 12th?)

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How To Prepare For Entrance Exam

एंट्रेंस एग्ज़ाम (Entrance Exam) से जुड़ी ऐसी कई बातें होती हैं, जिसके बारे में बहुत से पैरेंट्स को पता ही नहीं होता, अमूमन- फॉर्म कैसे भरना है, किस वेबसाइट पर जाना है, कब अप्लाई करना है आदि. जानकारी के अभाव में अगर सही समय निकल गया, तो बच्चे का पूरा साल बर्बाद हो सकता है. ऐसा आपके बच्चे के साथ न हो, इसलिए हम यहां 12वीं के बाद होनेवाले एंट्रेस टेस्ट (Entrance Test) की लिस्ट लाए हैं, जिसमें टेस्ट (Test) से संबंधित पूरी जानकारी (Information) भी है.

 कैसे करें एंट्रेंस की तैयारी?

किसी भी फील्ड में एंट्रेंस देने से पहले तैयारी करनी ज़रूरी है. हर फील्ड की तैयारी लगभग एक-सी होती है, इसलिए एंट्रेंस देने से पहले इन बातों पर भी गौर करें.

  •  आजकल कॉम्पटीशन बहुत ज़्यादा हो गया है, उस पर परीक्षाएं भी काफ़ी टफ हो गई हैं, ऐसे में आपको करना होगा थोड़ा एक्स्ट्रा. किसी भी एंट्रेंस की तैयारी के लिए आपको रोज़ाना स्कूल और कोचिंग के अलावा चार घंटे और पढ़ाई करनी होगी.
  • अपनी सुविधा के लिए टाइम टेबल बना लें, पर उसमें ब्रेक टाइम लिखना न भूलें.
  • आप जब भी कंफर्टेबल हैं यानी सुबह या रात को उसी समय पढ़ाई करें. स़िर्फ इसलिए कि सब सुबह पढ़ते हैं, आपको भी सुबह पढ़ने की ज़रूरत नहीं.
  • आजकल कई ऑनलाइन वेबसाइट्स पर मॉक टेस्ट्स मौजूद हैं, जहां जाकर आप प्रैक्टिस कर सकते हैं. इससे आपको पता भी चल जाएगा कि आपकी तैयारी कितनी है.
  • पिछले पांच सालों के प्रश्‍नपत्र हल करने से भी आपको तैयारी में काफ़ी मदद मिलेगी.
  • ज़्यादातर एंट्रेंस टेस्ट ऑनलाइन होते हैं, इसलिए आपको टाइमिंग का बहुत ध्यान रखना होगा.
  • बहुत से कोचिंग सेंटर्स में इसकी तैयारी करवाई जाती है. आप उनकी मदद भी ले सकते हैं.
  • पढ़ाई के साथ-साथ पोषण और आराम का भी पूरा ध्यान रखें. समय पर संतुलित भोजन के साथ छह से आठ घंटे की पूरी नींद लें.

इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्ज़ाम

इसके लिए एप्लीकेशन की शुरुआत हर साल नवंबर/दिसंबर में हो जाती है, जो अगले साल फरवरी/मार्च तक चलती है. किस एग्ज़ाम के लिए आपको एंट्रेंस देना है, उसके बारे में संबंधित वेबसाइट पर नवंबर से ही देखना शुरू कर दें.

जेईई मेन (JEE Main)

यह नेशनल लेवल एंट्रेंस एग्ज़ाम साल में दो बार- जनवरी और अप्रैल महीने में होता है. यह एक ऑनलाइन परीक्षा है, जिसके लिए जनरल कैटेगरीवालों को 75% और एससी/एसटी के लिए 65% मार्क्स होने अनिवार्य हैं. बीई, बीटेक, बीआर्क और बीप्लानिंग जैसे कोर्सेस के लिए छात्रों को एआईटी, आईआईआईटी में एडमिशन मिलता है. पहले इसी एग्ज़ाम को एआईट्रिपलई कहा जाता था. यह जेईई एडवांस्ड के लिए क्वालिफाइंग टेस्ट भी है. अधिक जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर जाएं-  www.jeemain.nic.in.

जेईई एडवांस्ड (JEE Advanced)

आईआईटी और एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में एडमिशन के लिए यह एग्ज़ाम पास करना अनिवार्य है. दरअसल, ये एग्ज़ाम आईआईटी द्वारा ही कंडक्ट किए जाते हैं. जेईई मेन क्वालिफाई करनेवाले स्टूडेंट्स ही यह एग्ज़ाम दे सकते हैं. यह परीक्षा साल में एक ही बार होती है और वो भी मई के महीने में. अधिक जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर जाएं: www.jeeadv.ac.in

बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस एडमिशन टेस्ट (BITSAT)

Entrance Exam Tips

बिरला इंस्टीट्यूट में एडमिशन के लिए यह परीक्षा देनी पड़ती है. क्वालिफाई करनेवाले स्टूडेंट्स को पिलानी, गोवा या हैदराबाद के इंस्टीट्यूट्स में एडमिशन मिलता है. इसके लिए नोटिफिकेशन दिसंबर महीने में आ जाते हैं और परीक्षा मई में होती है. अधिक जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर जाएं- www.bitsadmission.com.

और भी पढ़ें: कैसे बचें फर्ज़ी डिग्रियों के मायाजाल से? (How To Avoid Fake Colleges And Degree Scams?)

मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट

मेडिकल में करियर बनानेवाले स्टूडेंट्स को 11वीं से ही इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए, क्योंकि इसका सिलेबस काफ़ी ज़्यादा होता है. सीबीएससी के 11वीं और 12वीं कक्षा के सिलेबस से ही एग्ज़ाम पेपर्स तैयार किए जाते हैं. तो अगर आप आईसीएससी या स्टेट बोर्ड से पढ़े हैं, तो आपको 11वीं-12वीं की एनसीआरटी की बायोलॉजी और केमिस्ट्री की किताबें रेफर करनी चाहिए.

नेशनल एलीजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्ज़ाम फॉर अंडर ग्रैजुएट (NEET (UG)

यह नेशनल लेवल पर होनेवाला ऑनलाइन टेस्ट है, जो साल में एक बार होता है. हर साल यह परीक्षा मई महीने में होती है, लेकिन एप्लीकेशन नवंबर से ही शुरू हो जाते हैं. एमबीबीएस/ बीडीएस बनने के लिए यह टेस्ट पास करना अनिवार्य है. अधिक जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर जाएं- www.ntaneet.nic.in

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) मेडिकल एंट्रेंस एग्ज़ाम (AIIMS MBBS Entrance Exam)

Entrance Exam Guide

हर साल एम्स में एमबीबीएस और बीडीएस के लिए यह परीक्षा कराई जाती है, जिसमें हज़ारों की संख्या में स्टूडेंट्स अप्लाई करते हैं. यह भी एक ऑनलाइन एग्ज़ाम है. नोटिफिकेशन और एग्ज़ाम के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप उनकी वेबसाइट पर जाएं- www.aiimsexams.org

 इंडियन आर्मी बीएससी नर्सिंग (Indian Army BSc Nursing)

नर्सिंग कोर्स के लिए इच्छुक स्टूडेंट्स को बता दें कि देश के कई आर्मी मेडिकल कॉलेजेस में यह परीक्षा जनवरी महीने में होती है. पास होनेवाले कैंडिडेट्स को अप्रैल में इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है. यह कोर्स चार साल का होता है. इंटरव्यू के बाद मेडिकल टेस्ट भी क्लीयर करना होता है. परीक्षा के लिए एप्लीकेशन नवंबर महीने में भरना होता है. पास होनेवाले कैंडीडेट्स को शॉर्ट सर्विस कमीशन पर आर्मी में रखा जाता है. परीक्षा से जुड़ी अन्य योग्यताओं के बारे में जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर जाएं- www.joinindianarmy.nic.in.

लॉ एंट्रेंस टेस्ट

इस एंट्रेंस टेस्ट की यह ख़ासियत है कि 12वीं की परीक्षा देनेवाले छात्र भी इस परीक्षा के लिए अप्लाई कर सकते हैं. बस, एडमिशन के व़क्त उन्हें रिज़ल्ट जमा करना पड़ेगा.

कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट  (CLAT)

12वीं के बाद लॉ फील्ड में जाने के लिए आपको कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट देना होगा. एलएलबी ऑनर्स और बीबीए एलएलबी ऑनर्स के लिए एप्लीकेशन प्रक्रिया हर साल जनवरी में शुरू हो जाती है, जो मार्च तक चलती है. ऑनलाइन एप्लीकेशन के लिए छात्रों को www.clatconsortiumofnlu.ac.in  वेबसाइट पर जाना होगा. यह परीक्षा ऑफलाइन होती है, जो मई महीने में होती है.

ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट (AILET)

नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली से पढ़ाई करने के लिए आपको यह परीक्षा देनी होगी. यहां बहुत ज़्यादा हाई ग्रेड्स की मांग नहीं की जाती, अगर आपको 12वीं में 50% अंक मिले हैं, तो आप इसके लिए योग्य हैं. इस परीक्षा का टाइम टेबल भी वही है, जो सीएलएटी का है. अधिक जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर जाएं: www.nludelhi.ac.in

फैशन और डिज़ाइन फील्ड एंट्रेंस टेस्ट

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) एंट्रेंस टेस्ट

नेशनल इस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स को ये एंट्रेंस टेस्ट देना पड़ता है. एंट्रेस पास कर आप फैशन के अलावा डिज़ाइन और टेक्नोलॉजी में भी एडमिशन ले सकते हैं. बैचलर्स इन फैशन डिज़ाइन, बैचलर्स इन टेक्सटाइल डिज़ाइन, बैचलर्स इन लेदर डिज़ाइन जैसे कोर्स के लिए यह परीक्षा अनिवार्य है. इसके लिए एप्लीकेशन फॉर्म दिसंबर में ही भरने होते हैं और एग्ज़ाम जनवरी में होते हैं. अधिक जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर जाएं: www.nift.ac.in

ऑल इंडिया एंट्रेंस एग्ज़ामिनेशन फॉर डिज़ाइन (AIEED)

आर्क कॉलेज ऑफ डिज़ाइन एंड बिज़नेस में एडमिशन के लिए आपको यह एग्ज़ाम देना होगा. यहां भी आप डिज़ाइनिंग के कोर्सेस कर सकते हैं. यहां मार्च महीने में सबसे पहले ऑनलाइन जनरल एप्टीट्यूड टेस्ट होता है, उसमें पास होने पर क्रिएटिव एप्टीट्यूड टेस्ट देना होता है, जिसके बाद बारी आती है इंटरैक्शन की. यहां आपका इंटरव्यू और पोर्टफोलियो बहुत मायने रखता है. अधिक जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर जाएं- www.aieed.com

होटल मैनेजमेंट एंट्रेंस टेस्ट  

नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट एंड केटरिंग टेक्नोलॉजी जी (NCHMCT JEE)

बीएससी हॉस्पिटैलिटी एंड होटल एडमिनिस्ट्रेशन कोर्स में एडमिशन के लिए आपको यह टेस्ट देना होता है. इस टेस्ट को क्लीयर करके आप नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट में कोर्स कर सकते हैं. यहां भी आपको जनवरी महीने में ही ऑनलाइन अप्लाई करना होगा. अधिक जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर जाएं- www.nchm.nic.in

और भी पढ़ें: कैसे करें सिविल परीक्षा की तैयारी? (How To Prepare For Civil Examination?)

नोट: इसके अलावा बहुत से प्राइवेट कॉलेजेस हैं, जहां टेस्ट व इंटरव्यू क्लीयर करके आप अपने मनचाहे कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं.

– सुनीता सिंह 

 

सोलो ट्रैवलिंग के लिए टॉप 5+ टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स (Top 5 Tourist Destination For Solo Travelling)

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दुनिया में कई लोग हैं जो एक समूह के साथ किसी यात्रा (Trip) पर जाना पसंद करते हैं, जबकि कई लोग ऐसे भी हैं जो हर सफर पर अकेले (सोलो) ही निकलना चाहते हैं, अगर आप भी अकेले कहीं जाना पसंद करते हैं, तो ये टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स (Tourist Destination) आपके लिए परफेक्ट हैं..

Tourist Destination For Solo Travelling

धर्मशाला

Dharamshala

 हिमालय की धौलाधार पर्वत श्रृंखलाओं में बसा धर्मशाला हिमाचल प्रदेश का एक जाना-माना टूरिस्ट स्पॉट है. सालभर देसी और विदेशी टूरिस्टों का जमावड़ा यहां लगा रहता है. पास में बीड़ और बीलिंग गांव हैं, जहां पैरा-ग्लाइडिंग करने निकल जाएं. ट्रेकिंग का मन हो तो त्रियुंड चले जाएं. टेंट में रहने का मन हो तो त्रियुंड में कैंपिंग भी की जा सकती है. नजदीकी रेलवे स्टेशन पठानकोट है और एयरपोर्ट है गग्गल, कांगड़ा.

ऋषिकेश

Rishikesh

किसी आश्रम में जाकर योग और ध्यान करना चाहते हों या गंगा की तेज धाराओं में राफ्टिंग, तो ऋषिकेश में आपका स्वागत है. यहां आएंगे तो आपको अपनी तरह के कितने ही सोलो ट्रैवलर्स अपना बैकपैक टांगे नजर आ जाएंगे। भारत आने वाले ज्यादातर विदेशी बैकपैकर्स ऋषिकेश जरूर आते हैं. मन करे तो यहां से लोकल बस पकड़कर उत्तराखंड के पहाड़ों में कहीं भी निकल जाएं। नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है और एयरपोर्ट है जॉली ग्रांट, देहरादूऩ.

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सिक्किम

Sikkim

पूर्वोत्तर में भारत का छोटा-सा राज्य सिक्किम सोलो ट्रैवलर्स के लिए काफी सुरक्षित है। चारों तरफ हिमालय है, जहां चाहे निकल जाएं. आने-जाने के लिए टैक्सी रिजर्व कर सकते हैं. कम पैसों में घूमना हो तो शेयर्ड टैक्सी ले सकते हैं. राजधानी गंगटोक में होटलों और गेस्टहाउसों की कमी नहीं है. पेलिंग, लाचेन, लाचुंग, गुरूडोंगमार झील और नाथू ला जैसी जगहें जरूर जाएं. यहां जैसे नजारे शायद ही कहीं और मिलें. यहां के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी है और एयरपोर्ट है बागडोगरा.

मणिपुर

Manipur

सुदूर पूर्वोत्तर भारत में मणिपुर भी कम खूबसूरत नहीं है. हालांकि यह जगह अनुभवी सोलो ट्रैवलर्स के लिए सही है. उखरूल की पहाड़ियों में शिरोय चोटी से म्यांमार के पहाड़ साफ देखे जा सकते हैं. भारत के अंतिम गांव मोरे से भारतीय एक दिन के लिए म्यांमार में बिना वीजा आ-जा सकते हैं. मणिपुर के साथ म्यांमार की झलक भी देखने को मिल जाए, तो सोने पे सुहागा. तामेंगलॉन्ग की पहाड़ियों पर होने वाले संतरों की मिठास नागपुर के संतरों से कम नहीं है. नागा और दूसरी जनजातियों के किसी भी गांव में जाना न भूलें. नजदीकी रेलवे स्टेशन दीमापुर है और एयरपोर्ट इम्फाल.

केरल

Kerala

शुरुआती सोलो ट्रैवलर्स के लिए केरल मुफीद जगह है. इस छोटे-से राज्य में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की अच्छी सुविधा है. एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए सड़क, रेल और यहां तक कि स्टीमर से भी यात्रा कर सकते हैं. एक तरफ मुन्नार की पहाड़ियों पर फैले चाय के बागान हैं तो दूसरी तरफ एलेप्पी के बैकवाटर्स. कोवलम और वरकला के बीच विदेशी टूरिस्टों को बहुत लुभाते हैं. एर्णाकुलम/कोचीन और तिरुवनंतपुरम में बड़े रेलवे स्टेशन और इंटरनैशनल एयरपोर्ट हैं.

जैसलमेर

Jaisalmer

 सोने जैसी रेत वाला रेगिस्तान, किले, हवेलियां और राजसी ठाठबाट की झलक देखनी हो तो चलिए भारत के पश्चिमी कोने में. दिन में जैसलमेर किला देखने के बाद सम के रेगिस्तान की ओर निकल जाएं. शाम को वहां मीलों फैले रेगिस्तान में ऊंट की सवारी करते हुए रेत के टीलों के पीछे ढलते सूरज को देखने का अहसास अलौकिक होता है. रात में रेगिस्तान में तारों भरे आसमान के नीचे कैंपिंग कर सकते हैं. दूर-दूर तक शहरी चकाचौंध का नामोंनिशान नहीं मिलेगा. केर-सांगरी की सब्जी, दाल बाटी और चूरमा खाने को मिल जाए तो समझिए आपकी यात्रा सफल हो गई. नजदीकी रेलवे स्टेशन जैसलमेर है और एयरपोर्ट है जोधपुर.

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कहानी- पहचान तो थी… (Short Story- Pahchan To Thi…)

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सुरेश की हंसी ने आज मेरे दिल को तार-तार कर दिया था. पर अब मैंने सोच लिया था, जीवन ने मुझे अपने मनचाहे जीवनसाथी के साथ जीने का मौक़ा तो नहीं दिया, लेकिन अपने सम्मान और अपने अस्तित्व को बनाए रखने का अवसर मैं किसी हाल में हाथ से नहीं जाने दूंगी.

Hindi Kahani

जाने क्यों दिल न चाहते हुए भी तुम्हारे ही ख़्यालों से सराबोर है… आज पीछे मुड़कर देखती हूं, तो सब कुछ पाकर भी सब कुछ हार चुकी हूं मैं… कहने को तो ज़िंदगी को सुखी बनानेवाले तमाम साधन हैं मेरे पास, लेकिन ज़िंदगी को ख़ुशी देनेवाले वो पल नहीं हैं, क्योंकि तुम जो नहीं हो मेरे पास… सुख स़िर्फ भौतिक साधनों में नहीं होता, सुख होता है अपनेपन में, एक-दूसरे की फ़िक्र करने में, एक-दूसरे के साथ घंटों बिन बोले यूं ही बैठे रहने में…

उस रात भी तुमने मुझे यह समझाने की बहुत कोशिश की थी, जब तुमसे सारे रिश्ते-नाते तोड़ने आई थी मैं.

“…कल्पना, तुम शायद अभी मेरी परिस्थितियों को नहीं समझ रही हो, लेकिन एक दिन आएगा, जब तुम्हें यह एहसास होगा कि तुमने क्या खोया है. माना आज मेरे पास तुम्हें देने के लिए अपने प्यार और सम्मान के सिवा कुछ भी नहीं है, लेकिन मैं इसी कोशिश में जुटा हूं कि जल्द ही वो सब कुछ हासिल कर लूं, जो तुम चाहती हो. बस, थोड़ा इंतज़ार कर लो.”

“अमित, तुम जानते हो कि मेरे बॉस मुझसे बेहद प्रभावित हैं और मुझसे शादी करने के इच्छुक भी हैं. तुम बताओ उन्हें मना करने का क्या आधार है मेरे पास? मेरे घरवाले भी इस रिश्ते से ख़ुश हैं, वो अब मुझे और समय नहीं देंगे.”

“कल्पना, प्लीज़ जल्दी से तैयार हो जाओ, आज मिस्टर वर्मा के यहां पार्टी में जाना है.”

सुरेश की आवाज़ से मेरी तंद्रा भंग हुई और मैंने यादों के कारवां को वहीं रोक दिया. बेमन से मैं तैयार होने लगी, तो सुरेश ने फिर टोका, “तुम्हारा मुंह क्यों लटका हुआ है. प्लीज़, ये मेलो ड्रामा शुरू मत करो. फेस पर स्माइल होनी चाहिए.”

“सुरेश, मुझे कल रात से बुख़ार है. मन नहीं है कहीं भी जाने का.”

“तुम मिडल क्लास लोगों की यही तो आदत होती है. हाई क्लास सोसायटी में रहने के सपने तो देखते हो, लेकिन यहां के मैनर्स-एटीकेट्स ज़रा भी नहीं आते.” ग़ुस्से में कहकर सुरेश पार्टी के लिए अकेले ही निकल गए.

मैं फिर चुपचाप बालकनी में आकर बैठ गई.

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“ये तारे देख रही हो कल्पना, निराशा के बीच भी आशा जगाए रखते हैं कि रात कितनी भी अंधेरी हो, हम टिमटिमाना नहीं छोड़ेंगे. तुम्हारे साथ बीता हर पल इन्हीं तारों की रोशनी की तरह है और तुम… तुम मेरे जीवन का चांद हो.” अमित की बातें फिर रह-रहकर याद आने लगीं. मुझे हल्का-सा बुख़ार था उस दिन, मेरे उतरे हुए चेहरे को देखकर उसने कही थीं ये बातें.

दूसरी तरफ़ सुरेश हैं, जिन्हें फ़र्क़ ही नहीं पड़ता कि मैं ख़ुश हूं, दुखी हूं, हंसती हूं या रोती हूं. उन्हें स़िर्फ मेरा शरीर चाहिए होता है, वो भी अपनी सुविधानुसार. आज यह एहसास हो रहा है कि सुरेश को मेरी तरफ़ मेरे रूप-रंग और शरीर ने आकर्षित किया था, मेरी रूह को समझने की, मेरे मन में झांकने की तो शायद उन्होंने कोशिश की ही नहीं कभी.

हर बात पर ज़लील करते हैं. हर बात पर ताने देते हैं… और हर रोज़ मेरे भीतर कुछ टूटता है.

“ममा, क्या हुआ है आपको?” पिंकी के कोमल स्वर कानों में पड़े, तो चेहरे पर मुस्कान आई.

“कुछ नहीं बच्चा, आप सोये नहीं अभी तक?”

“दो दिन बाद हमारे स्कूल में प्रोग्राम है, आपको आना है, याद है ना?” पिंकी ने पूछा, तो मैंने प्रॉमिस किया उससे कि याद है, मैं और उसके पापा, दोनों आएंगे.

सुरेश मुझसे भले ही कैसा भी व्यवहार करते हों, पिंकी पर जान देते थे. सो हम दोनों ही उसके स्कूल गए. प्रोग्राम शुरू होने ही वाला था कि मेरी नज़र जाने-पहचाने चेहरे पर गई. अमित, यहां पर? तभी उनका परिचय करवाया गया कि ये देश के जाने-माने लेखक व साहित्यकार अमितजी हैं. इन्हें मुख्य अतिथि के रूप में अपने बीच पाकर हम सभी गौरव का अनुभव कर रहे हैं.

प्रोग्राम ख़त्म हुआ. अमित ने भरी भीड़ में इतने सालों बाद भी झट से मुझे पहचान लिया. हमारे पास आकर बोले, “आपकी बिटिया बहुत प्यारी और होनहार है. इतनी कम उम्र में इतनी अच्छी कविता लिखी है. उसकी प्रतिभा को पहचानकर आगे बढ़ाएं.”

“सुरेश, ये अमित हैं. कॉलेज में मेरे साथ थे.”

“कल्पना, तुमने कभी बताया नहीं कि तुम अमितजी के साथ पढ़ी हो? सर, मैं चाहता हूं कि पिंकी की ट्रेंनिंग का ज़िम्मा आप अपने हाथ में लें. मैं ठहरा बिज़नेसमैन और कल्पना उसे क्या सिखा पाएगी?”

सुरेश की बातें दिल में तीर-सी चुभती हैं. कितनी आसानी से हर जगह मुझे बेइज़्ज़त करने का मौक़ा ढूंढ़ ही लेते हैं. ख़ैर, ख़ुद को संयत करके मैंने भी अमित से गुज़ारिश की, जो उन्होंने मान ली.

अमित अब अक्सर पिंकी को स्पेशल ट्यूशन देने घर आने लगे. पिंकी की प्रतिभा से काफ़ी प्रभावित थे और अक्सर कहते कि कल्पना पिंकी तुम पर गई है.

मुझ पर… मैं सोचकर मन ही मन रो पड़ती… सुरेश को तो पता ही नहीं मेरी ख़ूबियां… मेरी प्रतिभा… मेरे गुण? बस, दोष ही दोष देखते हैं वो.

अमित को मेरी परिस्थितियों का अंदाज़ा हो रहा था. एक दिन उन्होंने गंभीरता से कहा,

“कल्पना, तुम कितना अच्छा लिखती हो. क्यों अपनी प्रतिभा को यूं ही व्यर्थ कर रही हो. लिखना शुरू करो. व्यस्त रहोगी, तो अच्छा महसूस करोगी.”

“अमित, अब मन नहीं होता कुछ लिखने-पढ़ने का. शायद अब कुछ नहीं कर पाऊंगी मैं.”

“मेरी कंपनी जॉइन कर लो. मुझे अच्छे राइटर्स की वैसे भी बहुत ज़रूरत है. चाहो तो सुरेशजी से मैं बात कर लेता हूं.”

“अमितजी, मैंने पिंकी की ट्रेनिंग की बात कही थी, आप कल्पना को इस उम्र में ट्रेनिंग दे पाएं, तो अपने रिस्क पर… हा हा हा… ” यही जवाब दिया था सुरेश ने.

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सुरेश की हंसी ने आज मेरे दिल को तार-तार कर दिया था. पर अब मैंने सोच लिया था, जीवन ने मुझे अपने मनचाहे जीवनसाथी के साथ जीने का मौक़ा तो नहीं दिया, लेकिन अपने सम्मान और अपने अस्तित्व को बनाए रखने का अवसर मैं किसी हाल में हाथ से नहीं जाने दूंगी.

मैंने अमित की कंपनी जॉइन कर ली. मेरी लेखन प्रतिभा अमित से छिपी नहीं थी, सो उन्होंने मुझे उसी के अनुरूप काम दिए. व़क्त गुज़रने के साथ-साथ मेरा खोया आत्मविश्‍वास फिर जागने लगा. मेरे काम की प्रशंसा अब होने लगी थी. लोग मुझे मेरे नाम से पहचानने लगे थे.

इसी बीच हम एक पार्टी में गए, जहां बहुत-से ऐसे लोग भी थे, जो मुझे अब मिसेज़ सुरेश खन्ना नहीं, कल्पनाजी के नाम से अधिक जानते थे. ऐसे कई छोटे-बड़े अवसर आए, जब इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति हुई.

मेरे जीवन को अब एक दिशा और मक़सद मिल गया था. यहां कुछ दिनों से मैं सुरेश में भी काफ़ी बदलाव महसूस कर रही थी. अब वो न तो पहले की तरह मुझे ज़लील करते थे और न ही मुझ पर ग़ुस्सा करते थे. मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी.

“क्या बात है कल्पना, तुम कुछ सोच रही हो?” अमित ने पूछा, तो मैंने उससे अपनी दुविधा शेयर की.

“कल्पना, मैं तुम्हें यह बात शायद पहले नहीं समझा पाया, लेकिन एक बात तुम मान लो कि हर इंसान को अपना सम्मान और आत्मसम्मान  ख़ुद कमाना पड़ता है. अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़नी पड़ती है. न स़िर्फ समाज को, बल्कि आपके बेहद क़रीबियों को भी यह साबित करना पड़ता है कि आप एग्ज़िस्ट करते हो.”

“…लेकिन अमित, तुम्हें तो मुझे कुछ भी साबित करने की ज़रूरत नहीं पड़ी. तुम तो मुझे शुरू से वही सम्मान देते रहे हो.”

“…ऐसी बात नहीं है कल्पना. मैंने तुम्हारा हुनर उसी व़क्त जान लिया था. लेकिन सुरेश अब तक नहीं जान पाया था, क्योंकि तुमने ख़ुद कभी कोशिश नहीं की. उसने तुम्हारी रूह को नहीं छुआ, लेकिन क्या तुमने कभी उसे छूने की कोशिश की? हर इंसान अलग होता है, जिसे अलग तरी़के से ही हैंडल किया जाना चाहिए.”

अमित की बातों में सच्चाई तो थी. मैंने ख़ुद को भाग्य के भरोसे छोड़ दिया था और बस सुरेश से शादी करने के ग़लत निर्णय पर ख़ुद को कोसती रहती थी. लेकिन सुरेश के सामने अपने अस्तित्व की लड़ाई कभी लड़ने की कोशिश ही नहीं की. आज जब मेरी अलग पहचान बनने लगी है, तो सुरेश की नज़रों में अपने प्रति सम्मान भी नज़र आने लगा है.

अमित सही कहते हैं कि हमें अपने बेहद क़रीबियों को भी यह साबित करना पड़ता है कि हम एग्ज़िस्ट करते हैं. यानी हमें सम्मान कमाना पड़ता है अपनी मेहनत और संघर्ष से.

ज़िंदगी फिर से अब मुस्कुराने लगी है, सुरेश का प्यार अब धीरे-धीरे मेरी रूह को छूने लगा है.

“अमित तुमने एक सच्चे दोस्त और पथ प्रदर्शक की तरह मेरा साथ दिया. किस तरह शुक्रिया अदा करूं.”

“कल्पना, मैंने स़िर्फ तुम्हें राह दिखाई, उस पर चली तो तुम ही हो, इसलिए ख़ुद को पहचानो, अपनी मेहनत का क्रेडिट मुझे मत दो.”

…सच कहा है अमित ने… आज रह-रहकर वही गीत ज़ेहन में उतर रहा है… पहचान तो थी, पहचाना नहीं… मैंने अपने आप को जाना नहीं…

लेकिन आज मैं पहचान चुकी हूं ख़ुद को भी, अपने रिश्तों को भी और उनकी ज़रूरतों व ख़ूबसूरती को भी.

– गीता शर्मा

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घर में ख़ुशहाली के लिए अपनाएं ये 18 वास्तु टिप्स (18 Vastu Tips For Happy Home)

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Vastu Tips For Home

घर में ख़ुशहाली लाना चाहते हैं, तो यहां पर बताएं गए वास्तु टिप्स अपनाएं…

Vastu Ideas For Home

1. प्रमुख बैठक के कमरे में सोफा आदि बैठने का फर्नीचर पश्‍चिम या दक्षिण दिशा में रखना चाहिए. साथ ही मकान मालिकों को पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठना चाहिए.

2. तिजोरी इस तरह रखनी चाहिए कि उसकी पीठ दक्षिण दिशा में हो अर्थात् खोलते समय तिजोरी का मुंह उत्तर में और हमारा मुंह दक्षिण में होना चाहिए.

Vastu Tips For Happy Home

3. डाइनिंग रूम में भोजन करते समय पूर्व या पश्‍चिम की ओर मुख करके भोजन करें.

4. हमेशा दक्षिण या पूर्व में सिर रखकर ही सोना चाहिए.

5. दो कमरों के दरवाज़े एकदम आमने-सामने नहीं होने चाहिए.

6. घर के उत्तर-पूर्व कोण में कचरा बिल्कुल न डालें. उस जगह को साफ़-सुथरा रखें.

7. रसोई के लिए सर्वोत्तम स्थान पूर्व-दक्षिण कोना यानी अग्नि कोण माना गया है.

Vastu Tips For Happy Home

8. रसोई में फ्रिज, मिक्सर और भारी सामान दक्षिण और पश्‍चिम दीवार से सटाकर रखें.

9.  मकान का ज़्यादा खुला हिस्सा पूर्व और उत्तर में होना चाहिए.

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10.  पूजा स्थान के लिए घर का उत्तर-पूर्व कोना या ईशान कोण सर्वोत्तम स्थान है. मूर्ति का मुंह पूर्व या पश्‍चिम की दिशा में होना चाहिए.

Vastu Tips For Happy Home

11. बालकनी उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में होनी चाहिए. सुख, समृद्धि व स्वास्थ्य के लिए यह लाभदायक है.

12. चौकोर या आयताकार प्लॉट सर्वश्रेष्ठ है, किंतु बहुत ज़्यादा लंबी आयताकार जगह उचित नहीं है.

13. उत्तर-पूर्व दिशा में बाथरूम कभी भी नहीं होना चाहिए, विशेषकर टॉयलेट. जिस फ्लैट में भी ऐसा है, वहां के लोग कभी भी प्रगति व समृद्धि प्राप्त नहीं कर पाते हैं.

Vastu Tips For Happy Home

14. बेडरूम में बेड के लिए आदर्श स्थिति कमरे का मध्य स्थान माना गया है या फिर दक्षिण-पश्‍चिम कोना. बेड को उत्तर या पूर्व दिशा की दीवार से दूर रखना चाहिए. वैसे दक्षिण या पश्‍चिम की दीवार से सटाकर रखा जा सकता है.

15. आईना उत्तर या पूर्व की दीवार पर ही होना चाहिए. दक्षिण और पश्‍चिम की दीवार पर आईना नहीं लगाना चाहिए.

Vastu Tips For Home

16.  ऑफिस या स्टडी रूम में टेबल को दक्षिण या पश्‍चिम दिशा में रखें, जिससे उसमें बैठनेवाले का मुख पूर्व या उत्तर की ओर रहे.

17. पहली मंज़िल पर दरवाज़े और खिड़कियां ग्राउंड फ्लोर से कम या ज़्यादा होनी चाहिए, एक समान नहीं होनी चाहिए.

18. हो सके तो घर बनवाते समय अपनी जन्मपत्रिका के अनुसार प्रवेशद्वार बनवाएं, परंतु इतना ज़रूर ध्यान रखें कि प्रवेशद्वार मकान के किसी कोण में न हो.

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25वें साल में शुरू करें ये 20 ख़ास बदलाव (20 Things You Must Do Before Turning 25)

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कॉलेज के दिनों में हर किसी की तरह आपने भी ज़रूर सोचा होगा कि जॉब लगते ही ये करूंगा/करूंगी, वो करूंगा/करूंगी, यहां जाऊंगा, वहां जाऊंगा, सारे सपने पूरे करूंगा/करूंगी, पर क्या आप वो सब कर पा रहे हैं? अगर लिस्ट बनाकर देखेंगे, तो पाएंगे कि उनमें से ज़्यादातर ख़्वाहिशें, ख़्वाहिशें ही रह गईं और आपकी भागदौड़ बदस्तूर जारी है. पर आज हम आपसे कहते हैं कि ज़िंदगी मेें ये पड़ाव दोबारा नहीं आएगा, इसलिए जो भी इच्छाएं हैं, उन्हें पूरा कर लें. 25वें बर्थडे का केक काटने से पहले अपने जीवन को दें एक फ्रेश स्टार्ट और अपनी ज़िंदगी में लाएं ये ख़ास बदलाव.

Things You Must Do Before Turning 25

  1. कुछ दिन अकेले रहें

ज़्यादातर लोगों की ख़्वाहिश होती है कि वो आत्मनिर्भर बनें. अपने काम ख़ुद करें और ज़िंदगी को अपने नज़रिए से देखें, मम्मी-पापा के सुरक्षित घेरे से बाहर ख़ुद को संभालकर ज़िंदगी में कुछ बनकर दिखाएं. और यह अच्छा भी है, क्योंकि अकेले रहने से आप ज़िंदगी के बारे में बहुत कुछ सीखते हैं. इसका सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है कि आप ख़ुद के साथ अच्छा व़क्त बिताते हैं, जिससे ख़ुद को बेहतर समझ पाते हैं.

  1. ख़ुद से प्यार का इज़हार करें

कहते हैं कि आप किसी और से प्यार तभी कर पाओगे, जब आप ख़ुद से प्यार करते हो. हर कोई ख़ुद से बहुत प्यार करता है, पर इस बात का कभी इज़हार नहीं करता. तो आज कीजिए. आईने के सामने खड़े होकर ख़ुद से प्यार का इज़हार करें.जब आप अपने प्यार का इज़हार करेंगे, तो यकीनन ख़ुुद को ख़ुश रखने के लिए वो सब करेंगे, जो हम अपने पार्टनर्स के लिए करते हैं. बस, इसे अपने रूटीन में शामिल कर लीजिए और यकीन मानिए इससे आपकी ज़िंदगी हर पल ख़ुशहाल रहेगी.

  1. इनवेस्टमेंट और सेविंग्स की शुरुआत करें

अपने भविष्य को सुरक्षित करना चाहते हैं, तो यही सही समय है. सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी), म्यूचुअल फंड और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट जैसे छोटे-छोटे इन्वेस्टमेंट और सेविंग्स प्लान की शुरुआत कर दें. ऐसा करने से कोई भी नया काम या पैशन को पूरा न कर पाने का आपको मलाल नहीं करना पड़ेगा.

  1. ख़ुद को फेल होने की परमिशन दें

हार-जीत हमारी ज़िंदगी में बहुत मायने रखती है. हर कोई हमेशा स़िर्फ जीतना ही चाहता है और हो भी क्यों न, हारना भला किसे पसंद होगा. पर कभी-कभी हालात ऐसे होते हैं कि हम चाहकर भी कुछ चीज़ें जीत नहीं पाते. तो क्या हम ज़िंदगी से हार गए, नहीं. हर हार हमें एक सबक सिखाती है, जिसे हमें याद रखना चाहिए. अगर हम एक बार में सबक सीख लें, तो दोबारा उस चीज़ में नहीं हारेंगे. ख़ुद पर हमेशा जीतने का दबाव न डालें, कभी-कभी फेल होने की भी परमिशन दें, इससे आप मेंटली रिलैक्स रहेंगे.

  1. माफ़ करना सीखें

माफ़ी की उम्मीद हमेशा हम बड़ों से ही करते हैं, तो अब आप भी तो बड़े हो गए हैं. इस आदत को अपनाइए. किसी की भी ग़लती पर रिएक्ट करने की बजाय उसे माफ़ करना सीखें. इससे न स़िर्फ आपका व्यक्तित्व निखरेगा, बल्कि आपके भीतर एक सुकून और शांति रहेगी. उम्र के इस पड़ाव पर अपने जीवन में यह बदलाव आपके जीवन की दिशा को बदल सकता है.

  1. अपना मेकओवर करें

वो हेयरकट जो आप सालों से लेना चाहती थीं, पर संकोच में कभी ले नहीं पाईं या फिर वो ड्रेस जिसे पहनने की आपकी ख़्वाहिश है, उसे अब पूरा करें. अपने लुक्स में एक्सपेरिमेंट करने का ये बेस्ट टाइम है, क्योंकि शादी के बाद कुछ भी करने से पहले आपको बहुत कुछ सोचना होगा. अपने वॉर्डरोब को अपने मनपसंद कपड़ों से सजाएं. ज़िंदगी के हर मुकाम को खुलकर जीएं.

  1. पैरेंट्स को सरप्राइज़ दें

अपनी फैमिली के साथ क्वालिटी समय बिताएं. उनके लिए जो भी करना चाहते हैं, अभी करें. उन्हें उनकी पसंदीदा चीज़ें देकर उन्हें सरप्राइज़ दें. कभी-कभार मम्मी को किचन से छुट्टी देकर बाहर से खाना मंगाएं या बाहर खाने जाएं. परिवार के साथ बिताए ये छोटे-छोटे पल आपकी बैटरी को रिचार्ज करने का काम करते हैं. तो ऐसे छोटे-छोटे पलों को आज से ही जुटाना शुरू कीजिए. आपकी ज़िंदगी ख़ुशगवार बनेगी.

  1. नई हॉबी चुनें

बचपन से संजोया वो संगीत सीखने का सपना या गिटार बजाने की वो चाहत, पेंट करने का जुनून या फिर डांस क्लास में अपने मूव्स को देखकर ख़ुश होने की चाहत… ऐसी बहुत-सी हॉबीज़ हैं, जिन्हें आप करना चाहते थे, पर कभी समय की कमी तो कभी पैसों की तंगी ने कुछ करने नहीं दिया. पर अब इन बहानों को पीछे छोड़ें और अपनी नई हॉबी को खुलकर जीएं.

  1. खाना बनाना सीखें

यह एक बहुत ज़रूरी बदलाव है, जो हर किसी को अपनी ज़िंदगी में लाना चाहिए, चाहे आप लड़का हो या लड़की. हमारे देश में लड़कियों को खाना बनाने की सीख सब देते हैं, पर आज की ज़रूरत है कि दोनों ही हर काम सीखें. खाना बनाना सीखकर न स़िर्फ आप अपनी मनपसंद डिश का लुत्फ़ उठा सकते हैं, बल्कि अपने पार्टनर की मदद भी कर सकते हैं, जिससे आपका दांपत्य जीवन भी सुखी रहेगा.

  1. अपनी फेवरेट क़िताब पढ़ें

रोज़मर्रा की भागदौड़ में वह क़िताब पढ़ने की इच्छा अधूरी रह जाती है. ऑनलाइन बुक सेलिंग वेबसाइट्स पर पढ़ने की विश लिस्ट बढ़ती जाती है, पर समय की कमी आपको अक्सर इससे दूर रखती है. लेकिन अब और विश लिस्ट मत बढ़ाइए, बल्कि उन हर महीने उनमें से कुछ क़िताबें ख़रीदिए और क़िताबों की जादुई दुनिया में खो जाइए. अपनी मनपसंद क़िताबें पढ़कर बहुत कुछ सीखने के साथ-साथ आपको जो ख़ुशी मिलेगी, वह आपकी ज़िंदगी के लिए अनमोल होगी.

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Things You Must Do Before Turning 25

  1. अकेले कहीं घूमने जाएं और नए दोस्त बनाएं

फिल्मों में हीरो-हिरोइन्स को टूर पर जाता देख अक्सर दिल में ख़्याल आता है कि काश मैं भी टूर पर जाता, पर कभी पैसे, तो कभी समय की कमी हमें रोक देती है. पर इस बार ख़ुद को मत रोकिए. सभी बहानों को दरकिनार कर अकेले ही निकल जाएं अपने फेवरेट डेस्टिनेशन पर. अकेले जाने का फ़ायदा यह होगा कि इसी बहाने आप नए दोस्त बनाएंगे. ऐसी छोटी-सी ट्रिप आपकी ज़िंदगी को रिफ्रेश कर देगी.

  1. ड्राइविंग लाइसेंस बनवाएं

यह एक बहुत ज़रूरी बदलाव है, जिसे अक्सर लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं. ड्राइविंग एक ऐसा स्किल या हुनर है, जो सभी को आना चाहिए. इससे आप अपनी ज़रूरतें तो पूरी कर ही सकते हैं, साथ ही इमर्जेंसी में दूसरों की मदद भी कर सकते हैं.

  1. टेकेन फॉर ग्रांटेडवाले लोगों को दूर करना सीखें

इस उम्र में आप इतने तो परिपक्व हो ही गए हैं कि अपना भला-बुरा चाहनेवालों को पहचानने लगे हैं. आपके पास भी कुछ ऐसे लोग होंगे, जो हमेशा आपको टेकेन फॉर ग्रांटेड ही लेते हैं. ऐसे लोगों के लिए काम निकलवाने का मोहरा मत बनिए. इससे आप तनाव में रहेंगे, तो आपकी सेहत के लिए ठीक नहीं. इसलिए टेकेन फॉर ग्रांटेडवाले लोगों से ख़ुद को दूर कर लें.

  1. कुछ स्पेशल करना शुरू करें

हर कोई चाहता है कि वो दूसरों की मदद करें, पर ज़्यादातर लोग पैसोंे की कमी के कारण ऐसा नहीं कर पाते. पर हम आपको बता दें कि मदद हमेशा पैसों से ही हो ज़रूरी नहीं. किसी बच्चे की पढ़ाई में मदद, किसी बुज़ुर्ग को अपने पुराने कपड़े देकर, किसी ज़रूरतमंद की किसी तरह मदद करके भी आप कुछ स्पेशल कर सकते हैं. किसी की मदद करने से आपको जो ख़ुशी और आत्मसंतोष मिलेगा, उसकी कोई तुलना ही नहीं.

  1. ना कहना सीखें

ना कहना जितना आसान है, उतनी ही मुश्किल भी. कहने को तो एक छोटा-सा शब्द है, पर अपने ऊपर कई ज़िम्मेदारियों का बोझ उठाए रखता है, शायद इसीलिए इसे कहने से लोग झिझकते हैं. पर यह भी सच है कि आप हर किसी को ख़ुश नहीं रख सकते और अगर कोशिश करेंगे, तो स्वयं हमेशा दुखी रहेंगे. इसलिए इस छोटे-से बदलाव को अपने जीवन में अपनाइए और ज़रूरत पड़ने पर ना कहने की आदत भी डालिए.

  1. बदलाव से घबराएं नहीं

रूटीन में बदलाव ज़रूरी है, वरना ज़िंदगी बहुत बोरिंग हो जाएगी, पर अक्सर लोग बदलाव के नाम से ही घबरा जाते हैं. पर यह ज़रूरी तो नहीं कि बदलाव हमेशा नकारात्मक ही हो. बदलाव से लोग इसलिए डरते हैं कि हालात कहीं इससे ज़्यादा बुरे न हो जाएं, पर हो सकता है कि हालात बहुत अच्छे भी हो जाएं. हर बदलाव को सकारात्मक नज़रिए से देखिए और ख़ुद को उसके प्रति प्रोत्साहित कीजिए. अगर इस ख़ूबी को अपना लेंगे, तो ज़िंदगी आपके लिए काफ़ी आसान हो जाएगी.

  1. अपने बॉडी पोश्‍चर का ध्यान रखें

आजकल ज़्यादातर लोग डेस्कजॉब करते हैं, जिससे उन्हें कई हेल्थ प्रॉब्लम्स होेने लगी हैं. भविष्य में ऐसी कोई प्रॉब्लम न हो, इसके लिए अपने बॉडी पोश्‍चर पर अभी से ध्यान देना शुरू कर दें. जब आप अपने बॉडी पोश्‍चर के प्रति सतर्क रहते हैं, तो बिना कहे आप अपनी सेहत के प्रति भी सचेत हो जाते हैं. अपने बॉडी पोश्‍चर के प्रति सतर्कता आपको हेल्दी लाइफ का तोहफ़ा देगी.

  1. ख़ुद को अच्छी तरह समझें

अपने दोस्तों की शादियां अटेंड करते-करते यह तो समझ ही गए हैं आप कि आप की भी शादी की उम्र हो गई है, वो अलग बात है कि आप अभी भी अपने करियर को बेहतर बनाने में व्यस्त हैं. पर शहनाइयां अब ज़्यादा दूर नहीं, इसलिए ख़ुद को समझना शुरू कर दें. अपने सपनें, अपनी पसंद-नापसंद, अपनी चाहतें-ख़्वाहिशें सबको डायरी में उतारना शुरू कर दीजिए. कैसा लाइफ पार्टनर चाहते हैं, उसके बारे में सोचना शुरू कर दें, क्योंकि उसे समझने से पहले ख़ुद को तो अच्छी तरह जान लो.

  1. ख़ुद को कोसना छोड़ दें

अक्सर ऑफिस देरी से पहुंचने पर, किसी को वादा करके पूरा न कर पाने पर, हालात का सही आंकलन कर काम पूरा न कर पाने पर लोग ख़ुद को कोसना शुरू कर देते हैं. ग़लती का एहसास होना बहुत अच्छी बात है, पर उसके बाद होनेवाले आत्ममंथन से ख़ुद को न मथें. हालात जैसे हैं, उन्हें वैसे ही अपनाकर आप भूल को सुधार सकते हैं, जबकि ख़ुद को कोसने से न तो बिगड़ा काम बनेगा और न ही आप ख़ुश रहेंगे. हर हाल में ख़ुद को ख़ुश रखना सीखिए, आपकी ज़िंदगी ख़ुशहाल बनी रहेगी.

  1. अपने ड्रीम जॉब के लिए पूरी मेहनत करें

सभी पैरेंट्स अपने बच्चों को कहते रहते हैं, “बेटा कुछ साल जमके मेहनत कर ले, फिर लाइफ सेट हो जाएगी.” वो इसलिए ऐसा कहते हैं, क्योंकि उन्हें पता है, इस समय आपमें जो एनर्जी और काम को लेकर उत्साह है, वो समय के साथ धीरे-धीरे कम होता चला जाएगा, इसलिए यही सही समय है. अगर आप अपनी नौकरी से ख़ुश नहीं, तो उसे छोड़िए अपने ड्रीम जॉब के लिए मेहनत करना शुरू कीजिए. याद रखिए, आपकी उम्र समझौते की नहीं, बल्कि कुछ कर गुज़रने की है. इसलिए आगे बढ़िए अपने करियर के एक्सलरेटर का बटन दबाइए और 25वें साल से कुछ बेहतर कर दिखाइए.

– अनीता सिंह

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ऐसे बीट करें समर हीट को (24 Ways To Beat The Summer Heat)

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Ways To Beat The Heat

ऐसे बीट करें समर हीट को (Best Ways To Beat The Summer Heat)

गर्मी का मौसम (Summer Season) सुहाना तो नहीं लगता, लेकिन आप समर हीट (Summer Heat) को बीट करने के कुछ ट्रिक्स (Tricks) यूज़ कर सकते हैं, जिससे आप इस मौसम को भी ख़ुशगवार बना सकते हैं.

1. अपना दिन प्लान करें: कितने बजे उठना है और सुबह-सुबह क्या-क्या करना है, इसकी प्लानिंग करें, कुछ काम जो सुबह हो सकते हैं और कुछ काम जो सूरज छिपने के बाद किए जा सकते हैं, उनकी लिस्ट तैयार कर लें, क्योंकि इन दोनों ही समय पर गर्मी कम होती है.

2. जल्दी उठें और वॉक के लिए जाएं: गर्मियों में जल्दी उठने का नियम बना लें, क्योंकि उस व़क्त मौसम सच में सुहाना और ठंडा होता है. मंद-मंद हवा चलती है, जो आपको रिफ्रेश कर देती है. जॉगिंग या वॉक के लिए निकल जाएं. इससे आप दिनभर तरो-ताज़ा महसूस करेंगे.

3. वॉक के बाद ब्रेकफास्ट करें किसी कैफे में: यह आपको दिनभर की ऊर्जा देगा. किसी दिन या छुट्टी के दिन आप किसी कैफे में सुबह की ताज़गी का मज़ा ले सकते हैं. कॉफी या फ्रूट जूस और हेल्दी ब्रेकफास्ट करें. वहां बैठकर दोस्तों से फोन पर बात भी कर सकते हैं या फिर ऑफिस में क्या-क्या करना है, उसकी लिस्ट भी तैयार कर सकते हैं.

4. हाइड्रेट रहें: इस मौसम में शरीर में पानी की कमी हो सकती है. पसीना भी अधिक आता है. अपने साथ पानी की बोतल ज़रूर रखें. अपने डेस्क पर भी पानी की बोतल हमेशा भरी रखें, ताकि बीच-बीच में पानी पी सकें.

5. कूलिंग डायट लें: फ्रेश फ्रूट सलाद, फ्रेश वेजीटेबल जूस, नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ आदि लें. इससे आप लाइट और हेल्दी महसूस करेंगे. स्पाइसी, मसालेदार और जंक फूड अवॉइड करें. एरिएटेड ड्रिंक्स का भी अधिक सेवन न करें.

6. स्विमिंग करें: सुबह या शाम पूल में स्विम करके ख़ुद को रिफ्रेश करें. उसके बाद शावर लेंगे, तो और भी फ्रेश फील करेंगे.

7. कूलिंग स्पॉट्स की सहायता लें: कलाइयां, गर्दन के पीछे, पैरों में कई ऐसे स्पॉट्स होते हैं, जो आपको कूल रखते हैं. वहां वेट टिश्यू या टॉवेल को कुछ देर के लिए रखें और बॉडी हीट को बाहर आने दें.

8. फ्रेग्रेंस: पसीना दूर रखनेवाले कूल डीयो, बॉडी मिस्ट या टेल्कम पाउडर आसानी से उपलब्ध हैं आजकल. उनका इस्तेमाल करें.

9. हेयर स्टाइल: बालों को छोटा ही रखें. महिलाएं बालों का स्टाइल लूज़ और कंफर्टेबल रखें, ताकि पसीना अधिक न आए.

10. आउटफिट्स: लाइट कपड़े पहनें. कॉटन ही पहनें. बहुत अधिक टाइट या फिटेड कपड़े पहनने से बचें. सिल्क या हैवी फैब्रिक इस मौसम में अवॉइड करें. इसी तरह से व्हााइट या लाइट कलर के ही कपड़े पहनें, डार्क कलर्स अवॉइड करें.

11. मेडिटेशन करें: यह आपको बैलेंस करता है. ऊर्जा देता है. कोशिश करें कि रोज़ाना कुछ देर मेडिटेशन ज़रूर करें.

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12. शीतली प्राणायाम: यह बॉडी टेंप्रेचर को कंट्रोल करता है. गर्मी दूर करके शरीर को कूलिंग इफेक्ट देता है.
कैसे करें: आरामदायक स्थान पर बैठ जाएं. शरीर रिलैक्स रहे. जीभ को बाहर निकालकर दोनों किनारों से रोल करें, जैसे कोई ट्यूब हो. जीभ से सांस लें और अंत में जीभ को अंदर लेकर सांस को नाक के माध्यम से छोड़ें. आपको मुंह के भीतर काफ़ी ठंडक महसूस होगी. इस तरह यह प्रक्रिया 8-10 बार करें.

13. कूलिंग पैक्स का इस्तेमाल करें: सनटैन या सनबर्न होने पर एलोवीरा, ककड़ी, तरबूज़, चंदन पाउडर या मुल्तानी मिट्टी के पैक्स यूज़ करें. गुलाबजल को भी ठंडा करके फेस पर अप्लाई कर सकते हैं.

14. रूम को कूल रखें: ब्लाइंड कर्टेंस यूज़ करें, जिससे तेज़ धूप कमरे में न आ सके. इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स का प्रयोग कम करें, क्योंकि ये भी हीट प्रोड्यूस करते हैं. हालांकि एयरकंडिशन का ऑप्शन है, पर अगर आपको उससे एलर्जी है, तो पंखे का इस्तेमाल करें.

15. गुलाब की पत्तियों का प्रयोग करें: आयुर्वेदानुसार आपके मन, मस्तिष्क और भावनाओं पर गुलाब का कूलिंग और सूदिंग इफेक्ट होता है. गुलाब की पत्तियों को अपने सलाद, डेज़र्ट और ड्रिंक्स में डालें. गार्निश करें.

16. मून बाथ: फुल मून बाथ लें. मून की कूलिंग प्रॉपर्टीज़ आपको रिफ्रेश कर देंगी.

17. एरोमा थेरेपी: यह आपको समर में रिलैक्स करेगी और सुकून की नींद में भी मदद करेगी. एरोमा ऑयल्स, एसेंशियल ऑयल्स कूलिंग इफेक्ट देते हैं, क्योंकि इनमें मेंथॉल होता है. आप चाहें, तो अपने रूम में लाइट्स ऑफ करके एरोमैटिक कैंडल्स जलाएं.

18. वॉटर स्पोर्ट्स और वर्कआउट्स: समर में यहां टाइम ज़्यादा स्पेंड करें. आउटिंग के लिए भी जाएं, तो बीचेस या बोटिंग के लिए जाएं. अगर बाहर कहीं और जा रहे हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि तेज़ धूप में देर तक रहने की बजाय पेड़ या शेड्स की छांव में आकर कुछ देर आराम कर लें.

19. आइस कूल: बाहर जाने से पहले और बाहर से आने के बाद भी फेस व हाथ-पैरों पर आइस रब करें. इसके अलावा अपने पैरों को भी आइस वॉटर में कुछ देर तक रखें. इससे हीट का इफेक्ट कम हो जाएगा.

20. फैन को बनाएं कूलिंग एजेंट: यह काफ़ी पुराना, लेकिन कारगर तरीक़ा है कूलिंग का. याद कीजिए अपने आइस बॉक्स को आपने आख़िरी बार कब यूज़ किया था. अब समय आ गया है कि फ्रीज़र में पड़ी आइस ट्रेज़ का इस्तेमाल किया जाए. ढेर सारी आइस लेकर फैन के सामने रख दें. फिर फैन ऑन करके उसके सामने लेट जाएं. ठंडी-ताज़ा हवा मिलेगी और एसी का बिल भी नहीं बढ़ेगा.

21. बेड की बजाय फ्लोर पर जाएं: अगर आप बेड या सोफे पर सोते हैं, तो समर में अपना बिस्तर फ्लोर पर लगाएं और अगर आपका 2 मंज़िल या अधिक का अपार्टमेंट है, तो ग्राउंड फ्लोर पर जाकर ही सोएं. इससे हीट का असर कम होगा.

22. लाइट्स ऑफ रखें: समर में नेचुरल लाइट अधिक देर तक रहती है, उसका फ़ायदा उठाएं. सुबह भी बेवजह लाइट्स ऑन न करें और शाम को भी बहुत जल्दी लाइट्स ऑन न करें. डिम लाइट ही ऑन रखें, क्योंकि लाइट्स हीट बढ़ाती हैं.

23. स्टोव की हीट से बचें, रूम टेम्प्रेचर डिशेज़ लें: समर सीज़न हॉट चिकन या गर्मागर्म परांठे खाने का नहीं होता. इन्हें पकाने और पचाने में भी समय अधिक लगता है, जिससे आप ज़्यादा देर तक स्टोव के सामने एक्सपोस्ड रहते हो और हीट अधिक महसूस होती है. बेहतर होगा रूम टेम्प्रेचर डिशेज़ व लाइट फूड लें, जिन्हें पकाने में अधिक समय न लगे या फिर आप डेज़र्ट व सलाद अधिक लें. नेचुरल फ्रूट जूस लें.

24. सोने से पहले भरपूर पानी पीएं: बेड पर जाने से पहले पानी ज़रूर पीएं, क्योंकि सोने के बाद जब पसीना आता है, तो डीहाइड्रेशन का ख़तरा बढ़ जाता है.

– ब्रह्मानंद शर्मा

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नॉनवेज रेसिपी बनाने के 12 आसान टिप्स (12 Easy Non Veg Cooking Tips)

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Non Veg Cooking Tips

1. अगर आप मछली (Fish) को एक दिन से ज़्यादा रखना चाहती हैं, तो मछली को साफ़ करके उस पर नमक, हल्दी और विनेगर का मिश्रण लगाकर फ्रिज में रखें.

Non Veg Cooking Tips

2. अंडे की भुर्जी को स्पंजी बनाने के लिए अंडा फेंटते समय उसमें 3 टीस्पून दूध मिलाएं.

3. प्रॉन्स, कोई भी मछली या सीफूड की महक दूर करने के लिए उसे पहले नमक और नींबू के रस में मेरीनेट करके 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर पानी से धो लें.

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4. मटन की डिश बनाते समय उसमें कोकोनट शेल (नारियल का छिलका) डालें, इससे मटन जल्दी पकता है.
मीट को फ्रिज से निकालकर 1 घंटा रख दें, इससे मीट का तापमान सामान्य हो जाएगा और वो जल्दी पकेगा. साथ ही आप इसे यदि पैन में फ्राई करेंगी, तो ये चिपकेगा भी नहीं.

5. मीट को मेरीनेट करने के लिए कभी भी एल्यूमिनियम या लोहे के बर्तन का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इसमें मौजूद एसिड (विनेगर या नींबू) मेटल से प्रतिक्रिया करता है.

6. लंबे समय तक ग्रिल करने या सींक पर पकाते समय अगर आप मीट की नमी बनाए रखना चाहती हैं, तो आग के पास पानी से भरा बर्तन रखें. ध्यान रहे, ये मीट से दूर रहे.

Non Veg Cooking Tips

7. नरम कबाब बनाने के लिए कबाब के मिश्रण को ज़्यादा देर तक मेरीनेट करें, लेकिन कबाब को बहुत देर तक न पकाएं.

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8. पकाने से पहले मीट में 1 टेबलस्पून शहद मिक्स करने से वह स्वादिष्ट बनता है.

9. मीट को डीप फ्रीज़र में रखने से पहले अच्छी तरह क्लिगं फिल्म में रैप कर लें.

10. मीट को थोड़ी देर डीप फ्रीज़र में रखने के बाद काटें, इससे यह आसानी से और अच्छी तरह कट जाता है.

11. मटन या चिकन बनाते समय अगर उसमें पानी है, तो तेज़ आंच पर पकाएं. पानी सूखने के बाद मटन/चिकन को धीमी आंच पर पकाएं.

12. मटन या चिकन को मेरिनेट करने के बाद कम से कम कम 30 मिनट तक ज़रूर रखें. मेरिनेट करने के बाद जितना अधिक देर तक मटन/चिकन को जितना समय तक रखेंगे, मटन उतना ही टेस्टी बनेगा.

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