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टॉवेल डांस करते वक्त कुंडली भाग्य की एक्ट्रेस के साथ हुआ ये हादसा, देखें वीडियो ! (Kundali Bhagya actress Shraddha Arya’s towel dance)

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छोटे पर्दे के मशहूर शो कुंडली भाग्य (Kundali Bhagya) में प्रीता का किरदार निभानेवाली एक्ट्रेस श्रद्धा आर्या (Shraddhya Arya) एक अच्छी कलाकार होने के साथ ही एक अच्छी डांसर भी हैं. हाल ही में वो अपनी दो सहेलियों के साथ मिलकर टॉवेल डांस कर रही थीं और टॉवेल डांस वाला यह वीडियो उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है.

श्रद्धा अपनी सहेलियों के साथ ‘पिया पिया ओ पिया पिया’… गाने पर टॉवेल डांस कर रही थीं, लेकिन डांस करते वक्त उनके साथ एक हादसा हो गया. दरअसल डांस करते वक्त उनकी एक फ्रेंड का हाथ उनकी दाहिनी आंख पर लग गया, जिसके चलते डांस के बीच में ही उन्हें अपना चेहरा छुपाना पड़ा.

श्रद्धा ने यह वीडियो अपने इंटाग्राम अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा है कि जब चीजें प्लान नहीं होती, तो शुरू से गड़बड़ होने लगती है. आप भी देखें श्रद्धा का टॉवेल डांस…

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परिवार के साथ गणगौर पूजा करती दिखीं टीवी की ये संस्कारी बहू ! (Deepika Singh Celebrated Gangaur Festival With Her In-Laws)

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‘दीया और बाती हम’ की सबसे संस्कारी बहू संध्या यानी दीपिका सिंह  (Deepika Singh) असल ज़िंदगी में भी एक संस्कारी बहू साबित हुई हैं. शादी के बाद दीपिका अपने ससुराल के सभी रीति-रिवाजों और परंपराओं को बखूबी निभा रही हैं. हाल ही में दीपिका अपने ससुराल में परिवार के साथ गणगौर की पूजा करती हुई नज़र आईं. पारंपरिक परिधान और साज-श्रृंगार करके दीपिका ने गणगौर पूजा की, जिसकी तस्वीरें उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की.

Deepika Singh, Gangaur Festival, Her In-Laws

बता दें कि इस पर्व की शुरूआत 2 मार्च से हुई थी और जिसका समापन 20 मार्च को हुआ. गणगौर यानी शिव और पार्वती. शिव पार्वती को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, इसलिए हर महिला इनकी पूजा करती है.

Deepika Singh, Gangaur Festival, Her In-Laws

विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल शादीशुदा जीवन की कामना करके गणगौर पूजा करती हैं जबकि अच्छा वर पाने के लिए कुंवारी लड़कियां यह पूजा करती हैं.

Deepika Singh, Gangaur Festival, Her In-Laws

दीया और बाती हम सीरियल में काम करने के दौरान ही दीपिका ने साल 2014 में इसी सीरियल के डायरेक्टर रोहित राज गोयल से शादी कर ली थी.

Deepika Singh, Gangaur Festival, Her In-Laws

शादी के बाद 20 मई 2017 को दीपिका ने बेटे सोहम को जन्म दिया, हालांकि बेटे के जन्म के बाद दीपिका ने छोटे पर्दे से कुछ समय के लिए ब्रेक ले लिया, ताकि वो अपने बेटे की परवरिश पर ध्यान दे सकें और अपना ज्यादा से ज्यादा समय बेटे के साथ बिता सकें.

Deepika Singh, Gangaur Festival, Her In-Laws

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भारती ने खोला हैप्पी मैरिड लाइफ का राज़, कहा हमारे लिए हर दिन है वैलेंटाइन डे ! (Bharti Singh reveals the secret of her happy married life)

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कॉमेडी क्वीन भारती सिंह (Bharti Singh) और हर्ष लिंबाचिया (Harsh Limbachiyaa) पिछले साल 12 दिसंबर को शादी के बंधन में बंधे थे. दोनों की शादी को तीन महीने पूरे हो चुके हैं, लेकिन अभी तक दोनों के सिर से प्यार की खुमारी उतरी नहीं है और दोनों अपनी शादी के बाद के हर लम्हे को साथ मिलकर एन्जॉय कर रहे हैं. आखिर भारती की इस खुशहाल शादीशुदा जिंदगी का राज़ क्या है इसका खुलासा खुद भारती ने ही किया है.

भारती ने अपनी हैप्पी मैरिड लाइफ के बारे में बात करते हुए कहा कि उनके पति हर्ष उन्हें काफी सपोर्ट करते हैं और उनसे कभी कोई सवाल नहीं करते हैं.

हालांकि भारती को कभी हर्ष पर गुस्सा आता है तो कभी हंसी भी आती है, बावजूद इसके वो अपनी शादीशुदा लाइफ को काफी एन्जॉय कर रही हैं.

भारती का कहना है कि 7 साल के रिलेशनशिप के बाद उन्होंने हर्ष से शादी की है, हर्ष एक अच्छे पति और अच्छे दोस्त हैं.

भारती की मानें तो वो काफी प्रैक्टिकल हैं लेकिन उनके पति हर्ष बहुत ही रोमांटिक मिज़ाज के हैं और सरप्राइज देना उन्हें बहुत अच्छा लगता है.

भारती की मानें तो लोग वैलेंटाइन डे को स्पेशल मानकर उस दिन कहीं बाहर जाते हैं, उनके लिए तो हर दिन वैलेंटाइन डे है इसलिए भारती और उनके पति हर्ष हर दिन को वैलेंटाइन डे की तरह ही सेलिब्रेट करते हैं.

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विश्‍व काव्य दिवस- मैं जब भी अकेला होता हूं… (World Poetry Day- Main Jab Bhi Akela Hota Hoon…)

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मैं जब भी अकेला होता हूं
क्यों ज़ख़्म हरे हो जाते हैं

क्यों याद मुझे आ जाती हैं
वो बातें सारी दर्द भरी

मैं जिनको भूल नहीं पाता
वो घाव कितने गहरे हैं

किस-किसने दिए हैं ग़म कितने
किस-किसका नाम मैं लूं हमदम

जिस-जिसने मुझपे वार किए
वो सारे अपने थे हमदम

एक बात समझ में आई है
है चलन यही इस दुनिया का

जिस पेड़ ने धूप में छांव दी
उस पेड़ को जड़ से काट दिया…

 

वेद प्रकाश पाहवा ‘कंवल’

 

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पुलकित और यामी गौतम का हुआ ब्रेकअप, यामी के लिए दिया था पत्नी को तलाक ! (Pulkit Samrat And Yami Gautam’s Breakup)

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सलमान की राखी सिस्टर श्वेता रोहिरा (Shweta Rohira) के एक्स हसबैंड पुलकित सम्राट (Pulkit Samrat) और उनकी कथित गर्लफ्रेंड यामी गौतम (yami Gautam) की राहें अब एक-दूसरे से जुदा हो गई हैं. खबरों की मानें तो सलमान के जीजा पुलकित सम्राट और यामी गौतम का ब्रेकअप हो गया है. हालांकि दोनों के ब्रेकअप की खबरें पिछले कुछ समय से मीडिया में आ रही थी, लेकिन हाल ही में पुलकित के एक बयान ने इस खबर पर मोहर लगा दी है.

पुलकित ने हाल ही में कहा कि वो अब सिंगल हो गए हैं. दोनों के ब्रेकअप की खबर तब और भी पुख्ता हो गई, जब दोनों ने एक-दूसरे को इंस्टाग्राम पर अनफॉलो कर दिया. हालांकि दोनों के ब्रेकअप की खबरें सुनकर यही कयास लगाए जा रहे थे कि दोनों पब्लिसिटी के लिए ऐसा कर रहे हैं, लेकिन एक वेबसाइट ने इस खबर को सच करार दिया है.

 

बता दें कि यामी से दिल लगाने से पहले पुलकित ने सलमान की मुंहबोली बहन श्वेता रोहिरा से शादी की थी, लेकिन शादी के 11 महीने बाद ही दोनों का तलाक हो गया. दोनों के तलाक के पीछ यामी गौतम को ही सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा था.

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इन 10+ बीमारियों से आराम दिलाती है अजवाइन (Amazing Benefits Of Ajawain)

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अजवाइन न स़िर्फ खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि इसके छोटे-छोटे बीजों में ऐसे गुणकारी तत्व मौजूद हैं जो हमें कई बीमारियों को दूर करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. जी हां, अजवाइन सर्दी-जुक़ाम, बहती नाक और ठंड से निजात पाने की अचूक दवा है. इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स और जलनरोधी तत्व पाए जाते हैं, जो न सिर्फ़ छाती में जमे कफ़ से छुटकारा दिलाते हैं, बल्कि सर्दी और साइनस में आराम देते हैं. जानिए अजवाइन की मदद से आप विभिन्न रोगों से कैसे निजात पा सकते हैं?


पेटदर्द
पेट में दर्द हो तो अजवायन को गुड़ के साथ खाकर ऊपर से पानी पीएं. इससे पेट के दर्द से राहत मिलती है. इसी तरह अजवायन, काला नमक तथा हींग तीनों को पीसकर रख लेंं. जब भी पेट में दर्द हो, एक ग्राम चूर्ण दिन में दो बार गर्म पानी के साथ लें, तुरंत आराम मिलेगा.
कमरदर्द
100 ग्राम अजवायन का चूर्ण और 100 ग्राम गुड़ दोनों को एक साथ मिलाकर रख लें. 5 से 7 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम सेवन करने से कमर का दर्द दूर होता है.
गैस
भोजन करने के बाद पेट में गैस बनने की शिकायत हो, पेट में भारीपन हो, खट्टी डकारें आती हों या पेट में गुड़गुड़ाहट हो तो तीन ग्राम अजवायन और दो ग्राम खाने के सोडा की फंकी लेकर ऊपर से दो-चार घूंट गर्म पानी पीएं. दोनों समय भोजन करने के दस मिनट बाद यह प्रयोग करने से उपरोक्त सभी शिकायतें दूर हो जाती हैं.
सर्दी-जुकाम-खांसी
सर्दी, जुकाम व खांसी में पान में अजवायन डालकर खाने से सर्दी और खांसी से राहत मिलती है.
पेट के कीड़े
चार माशा अजवायन के चूर्ण को छांछ में मिलाकर सेवन करने से पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं.
बुख़ार
15 ग्राम अजवायन को किसी मिट्टी के बर्तन में एक कप पानी डालकर उसमें भिगो दें और छत पर रख दें. सुबह छानकर यह पानी पी जाएं. ऐसा नियमित एक सप्ताह करने से बुख़ार ख़त्म हो जाता है और शरीर में बढ़ी हुई गर्मी शांत हो जाती है. इससे रक्त की भी शुद्धि होती है.
गले में दर्द
यदि गले में दर्द हो तो अजवायन के पानी से बार-बार कुल्ले करें. इससे तुरंत राहत मिलेगी.
शिशु को दस्त
छोटे शिशुओं को प्रायः हरे-पीले दस्त की शिकायत हो जाती है. ऐसी परेशानी होने पर मां के दूध में दो से चार रत्ती साफ़ अजवायन का महीन चूर्ण दिन में तीन बार दें. इससे शिशु की दस्त की शिकायत दूर हो जाती है और वह शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है.
गैस
पेट में गैस की शिकायत होने पर चार ग्राम अजवायन और एक ग्राम काला नमक गर्म पानी से सेवन करना फ़ायदेमंद है.
पीरियड्स प्रॉब्लम्स (मासिक समस्या)
महिलाओं में मासिक अवरोध हो जाने पर पुराने गुड़ और अजवायन का काढ़ा पीने से गर्भाशय का मल साफ़ हो जाता है. प्रतिदिन सुबह-शाम दो बार सेवन करना चाहिए.
श्‍वेत प्रदर
50 ग्राम चूने के पानी में 4 ग्राम अजवायन रात को भिगो दें. सुबह उसे हाथ से अच्छी तरह मसलकर छानकर पीएं. ऐसा कुछ दिनों तक करने से स्त्रियों का श्‍वेत प्रदर की समस्या से राहत मिलती है.
कब्ज़
अजवायन का काढ़ा पीने से कब्ज़ की शिकायत दूर होती है और आंतों में सड़न नहीं होती.

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पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार दिलजीत दोसांझ से जुड़ी 10 दिलचस्प बातें ! (10 Interesting things about punjabi superstar Diljit Dosanjh)

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पंजाबी फ़िल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार व सिंगर दिलजीत सिंह दोसांझ (Diljit Singh Dosanjh) को उनके चाहनेवाले प्यार से दिलजीत कहकर पुकारते हैं. दिलजीत करीब 18 सालों से अपनी आवाज़ का जादू बिखेर रहे हैं. गायकी के साथ-साथ उन्होंने कई पंजाबी फिल्मों में दमदार भूमिका निभाई है. दिलजीत की लोकप्रियता सिर्फ पंजाब तक ही सीमित नहीं है बल्कि बॉलीवुड में भी उन्होंने अपनी ख़ास पहचान बनाई है. चलिए जानते हैं दिलों को जीतने वाले इस पंजाबी सुपरस्टार से जुड़ी 10 दिलचस्प बातें.

दिलजीत से जुड़ी दिल जीतने वाली 10 बातें-

1- पंजाबी फिल्मों में अभिनय व गायकी के साथ कई संगीत एल्बम के लिए गीत गाने वाले दिलजीत दोसांझ ने निर्देशक अभिषेक चौबे की फ़िल्म ‘उड़ता पंजाब’ से बॉलीवुड में कदम रखा. इस फ़िल्म में दिलजीत के अभिनय को लोगों ने खूब सराहा.

2- फ़िल्म ‘उड़ता पंजाब’ में दमदार अभिनय के लिए दिलदीज को फिल्मफेअर एवं आईफा अवार्ड में ‘बेस्ट डेब्यू एक्टर’ के अवार्ड से सम्मानित किया गया. उन्होंने अनुष्का के साथ फ़िल्म ‘फिल्लौरी’ में भी काम किया है.

3- दिलजीत ने ‘जट्ट एंड जूलिएट’ (पार्ट 1 और 2), ‘पंजाब 1984’, ‘सरदार जी’ (पार्ट 1 और 2) ‘सुपर सिंह’, ‘अंबरसरीया’ जैसी ब्लॉकबस्टर पंजाबी फ़िल्मों में काम किया है.

4- बचपन से ही अपनी आवाज़ से लोगों का दिल जीतने वाले दिलजीत समाजसेवा के मामले में भी आगे हैं, इसलिए उन्होंने साल 2013 में अपने 30वें जन्मदिन पर बेसहारा बच्चों और बुजुर्गों की मदद के लिए सांझ नामक फाउंडेशन की शुरूआत की.

5- दिलजीत को पगड़ी पहनना बेहद पसंद है, उनका कहना है कि आजकल के लड़के डबल कपड़े की पगड़ी पहनते हैं जबकि उन्हें सिंगल कपड़े की पगड़ी ही ज़्यादा पसंद आती है.

6- दिलजीत अपनी मां को ही अपना सबकुछ मानते हैं और मां ही उनकी सबसे बेस्ट फ्रेंड हैं, इसलिए वो अपने दिल की हर बात अपनी मां से शेयर करते हैं.

7- वैसे दिलजीत के पास पोर्शे कार है लेकिन वो कार के मामले में ज़्यादा शौकीन नहीं है. चाहे कार कोई भी हो अगर कोई दूसरा गाड़ी चला रहा होता है तभी दिलजीत को सफर का ज़्यादा मज़ा आता है.

8- दिलजीत को सिंपल और सोबर लुक में रहना अच्छा लगता है, इसलिए उनके पास कोई ख़ास डिजाइनर नहीं है क्योंकि उन्हें जो पसंद आ जाता है वो वही पहनना पसंद करते हैं.

9- छुट्टियां बिताने की बात करें तो दिलजीत का शेड्यूल काफ़ी बिज़ी रहता है जिसके चलते वैकेशन के लिए वो अलग से समय नहीं निकाल पाते हैं, लेकिन उन्हें कोई फ्री में कहीं ले जाना चाहे तो वो वहीं पर छुट्टियां बिताना पसंद करते हैं.

10- दिलजीत अपना एक प्राइवेट जेट ख़रीदने का मन बना रहे हैं. उनका मानना है कि जेट ख़रीदने के बाद अपनी राइड्स तो फ्री में निकल जाती है क्योंकि बाकी खाली दिनों में कंपनियां उसे ले लेती हैं. इसलिए जेट ख़रीदना फ़ायदे का सौदा साबित हो सकता है.

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शादी के 4 महीने बाद सेकेंड हनीमून पर जा रही हैं अजय देवगन की ऑनस्क्रीन बेटी ! (Vatsal Seth And Ishita Dutta Planning A Second Honeymoon)

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फ़िल्म ‘दृश्यम’ में अजय देवगन की बेटी की भूमिका निभानेवाली अभिनेत्री इशिता दत्ता (Ishita Dutta) ने 4 महीने पहले 28 नवंबर 2017 को एक्टर वत्सल सेठ (Vatsal Seth) से शादी की थी. हालांकि शादी के बाद इशिता और वत्सल सिंगापुर में हनीमून के लिए गए थे, लेकिन उनका यह हनीमून सिर्फ 4 दिन का ही था और अब शादी के 4 महीने बाद दोबारा यह कपल सेकेंड हनीमून पर जाने की प्लानिंग कर रहा है.

दरअसल ‘टार्जन द वंडर कार’ में नज़र आ चुके वत्सल सेठ टीवी शो ‘हांसिल’ की शूटिंग को लेकर बिज़ी थे, जिसके चलते वो सिर्फ़ चार दिन के हनीमूर पर ही जा सके थे. लेकिन अब इशिता और वत्सल अपने सेकेंड हनीमून के लिए यूरोप जाने की प्लानिंग कर रहे हैं और इस बार उनका हनीमून पीरियड 11 से 12 दिनों का होगा.

 

बता दें कि तनुश्री दत्ता की बहन इशिता और वत्सल ने जुहू के इस्कॉन मंदिर में शादी की थी. दोनों की शादी में उनके परिवार के लोग और करीबी दोस्त ही शामिल हुए थे.

दोनों की प्रेम कहानी की शुरूआत ‘रिश्तों का सौदागर बाज़ीगर’ के सेट से हुई थी. दोनों की बढ़ती नज़दीकियों को देखते हुए शो के प्रोड्यूसर्स ने उनसे सेट पर एक-दूसरे को डेट न करने का क्लॉज भी साइन करवाया था, लेकिन इन दोनों ने किसी की परवाह नहीं की थी.

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व्हाइट कलर में सेलेब्रिटीज़ की तरह दिखने के स्टाइल ट्रिक्स (How To Look Like Celebrity In White )

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गर्मियों को मात देने के लिए में व्हाइट कलर से बेहतर कुछ और नहीं होता. व्हाइट आउटफिट्स जितने खूबसूरत लगते हैं, उतने ही आरामदायक भी होते हैं. व्हाइट अपनेआप में एक स्टाइल स्टेटमेंट है. आप चाहें तो टॉप टु बॉटम तक ऑल व्हाइट लुक अपना सकती हैं या फिर किसी ब्राइट कलर के साथ मिक्स एंड मैच कर सकती हैं. हम आपको कुछ सेलेब्स द्वारा अपनाए गए व्हाइट लुक से प्रेरणा ले सकती हैं.
1. अभिनेत्री, निर्माता-निर्देशक दिव्या खोसला कुमार के जैसे आप स्ट्रेट व्हाइट कुर्ते के साथ सिगरेट पैंट्स पहन सकती हैं. लुक को थोड़ा ब्राइट टच देने के लिए  रेड या किसी दूसरे ब्राइट कलर की ऐक्सेसरीज़ या हैंड बैग लें.
2. अगर आपको ऑल व्हाइट लुक पसंद नहीं है तो व्हाइट सूट के साथ किसी गाढ़े रंग का दुपट्टा लें.
 
3. वेस्टर्न लुक के लिए आप ऐश का यह स्टाइल ट्राई कर सकती हैं. इसके लिए आप व्हाइट शर्ट के साथ ब्राइट कलर की स्कर्ट पहनें.
4. इस मॉडल की तरह आप फुल लेंथ स्लिट व्हाइट कुर्ते के साथ डेनिम, टाइट्स या जेगिंग पहन सकती हैं.
5. यामी गौतम की तरह व्हाइट ड्रेस के साथ न्यूड कलर के हील्स पहनकर आप सेंटर ऑफ अट्रैक्शन बन सकती हैं.
6. ट्रडिशनल लुक के लिए आलिया भट्ट की तरह व्हाइट या हाफ व्हाइट कलर के एम्ब्रॉयडरीड लंहगे के साथ स्टेंटमेंट ईयररिंग्स पहनें.

प्रेग्नेंसी में होनेवाली उल्टी के लिए 9 होम रेमेडीज़ (9 Effective Home Remedies For Vomiting During Pregnancy)

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हर गर्भवती स्त्री को गर्भधारण करने के प्रथम तीन-चार महीनों में उल्टी की शिकायत रहती है. इसका मुख्य कारण शरीर में विजातीय पदार्थों की अधिकता है. बार-बार कै या उल्टी होना बहुत कष्टदायक होता है. ऐसे में निम्न घरेलू नुस्ख़े लाभकारी होते हैं.

* गर्भवती स्त्री को चाहिए कि वह सुबह मुंह धोकर हल्के कुनकुने पानी में एक नींबू का रस निचोड़कर खाली पेट कुछ दिनों तक पीए. इससे उल्टी बंद हो जाती है.
* अधिक उल्टी की दशा में केवल भोजन में तरल पदार्थ, जैसे- नींबू का रस, संतरा-मोसम्बी का जूस, पके आम का रस तथा नारियल का पानी लेना लाभदायक रहता है.
* यदि गर्मी का मौसम हो तो ब़र्फ का पानी सेवन करने से भी बड़ा लाभ होता है.

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* गर्भवती स्त्री के उदर पर गीली मिट्टी की पट्टी तथा पानी की पट्टी रखने से भी वमन या उल्टी बंद हो जाती है.
* उल्टी की दशा में गर्भिणी को अधिक से अधिक आराम करना चाहिए.
* गर्भिणी की उल्टी में गुलकंद लाभदायक है. गुलकंद और मक्खन बराबर मात्रा में लेकर 10-10 ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार सेवन करने से लाभ होता है. इससे गर्भवती की उल्टी बंद होती है और शरीर को शक्ति भी मिलती है.
* एक काग़ज़ी नींबू को बीच से काटकर दो टुकड़े कर लें. फिर दोनों भागों के ऊपर काली मिर्च का पाउडर तथा नमक डालकर आग पर गर्म करके चूसें. इससे गर्भवती को उल्टी से राहत मिलती है.

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* गर्भवती द्वारा एक-दो अनार के दाने के रस को थोड़ा-थोड़ा करके चूसना भी लाभदायक होता है. नियमित ऐसा करने से उल्टी या वमन का शमन होता है.

उल्टी में धनिया का काढ़ा
धनिया का का़ढ़ा बनाकर उसमें मिश्री व चावल का पानी मिलाकर पिलाने से गर्भवती की उल्टियां बंद हो जाती हैं.
काढ़ा बनाने की विधि: 10 ग्राम धनिया पाउडर 2 कप पानी में उबालें. आधा रह जाने पर उतारकर रख लें. इसमें एक चम्मच मिश्री का पाउडर तथा आधा कप चावल का धोवन मिलाकर पीएं. हरे धनिया का रस भी थोड़ा-थोड़ा 2-3 बार पीने से उल्टी में लाभ होता है.

– जूही पी.

दादी मां के अन्य घरेलू नुस्ख़े/होम रेमेडीज़ जानने के लिए यहां क्लिक करें-  Dadi Ma Ka Khazana

इन 5 लोगों से था बॉलीवुड की कंट्रोवर्सी क्वीन कंगना रनौत का अफेयर ! ( 5 love Affairs of Actress Kangana Ranaut)

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कंगना रनौत (Kangana Ranaut) को यूं ही बॉलीवुड की कंट्रोवर्सी क्वीन नहीं कहा जाता है. कंगना कभी अपने बोल्ड स्टेटमेंट तो कभी अपने अफेयर्स को लेकर कंट्रोवर्सी में बनी रहती हैं. फिल्मों में आने से पहले कंगना के परिवार का ग्लैमर की इस दुनिया से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था, बावजूद इसके इस ग्लैमर इंडस्ट्री का हिस्सा बनने के  लिए कंगना ने मुंबई का रूख किया.

23 मार्च 1987 को हिमाचल प्रदेश में जन्मी कंगना को साल 2006 में फिल्म ‘गैंगस्टर’ से बॉलीवुड में ब्रेक मिला. पहली फिल्म में ही दमदार अभिनय के लिए कंगना को बेस्ट फीमेल डेब्यू का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला, फिर फिल्मों में मिलती कामयाबी के साथ-साथ उनके अफेयर्स की खबरों ने उन्हें बॉलीवुड की कंट्रोवर्सी क्वीन बना दिया. कंगना के 31वें जन्मदिन के मौके पर हम आपको बताते हैं उनके 5 लव अफेयर्स, जिनको लेकर उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी.

1- आदित्य पंचोली

मायानगरी मुंबई में जब कंगना स्ट्रगल कर रही थीं, तभी उनकी मुलाक़ात आदित्य पंचोली से हुई. आदित्य पहले से शादीशुदा और कंगना से उम्र में तक़रीबन 20 साल बड़े थे, लेकिन उम्र का फ़ासला इन दोनों को एक-दूसरे के प्यार में गिरफ़्तार होने से नहीं रोक सका. काफ़ी समय तक दोनों एक-दूसरे के साथ पति-पत्नी की तरह भी रहे, लेकिन कहा जाता है कि आदित्य ने कंगना के साथ मारपीट की थी जिसके चलते दोनों का रिश्ता ख़त्म हो गया. कंगना ने आदित्य के ख़िलाफ पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी.

2- अध्ययन सुमन

आदित्य पंचोली से ब्रेकअप के बाद कंगना की मुलाकात ‘राज 2’ के सेट पर शेखर सुमन के बेटे अध्ययन सुमन से हुई और दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया. कहा जाता है कि शेखर सुमन को अध्ययन और कंगना का रिश्ता पसंद नहीं आया और उन्होंने एक दफा मीडिया में यह बयान भी दिया था कि कंगना के लिए अध्ययन का प्यार नहीं बल्कि आकर्षण था. उधर अध्ययन ने भी बयान दिया था कि वो फिलहाल अपने करियर पर फोकस करना चाहते हैं.

3- अजय देवगन

अध्ययन से रिश्ता ख़त्म होने के बाद कंगना ने अजय देवगन के साथ फिल्म ‘वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई’ में काम किया और इसी दौरान दोनों के अफेयर की ख़बरें सुर्खियां बटोरने लगी. एक रिपोर्ट में यह कहा गया था कि कंगना अजय के साथ अपने रिश्ते को लेकर काफ़ी सीरियस थीं, लेकिन अजय अपनी पत्नी काजोल को किसी भी कीमत पर छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे. बताया जाता है कि कंगना ने अजय को अपनी कलाई काटने की धमकी भी दी थी, हालांकि इन खबरों में कितनी सच्चाई थी इस पर दोनों ने कभी कुछ नहीं कहा.

4- निकोलस लाफर्टी

लगातार तीन अफेयर्स में धोखा खाने के बाद कंगना का नाम निकोलस लाफर्टी नाम के एक ब्रिटिश डॉक्टर के साथ भी जुड़ा. बताया जाता है कि निकोलस कई बार मुंबई आए और कंगना को कई बार उनके साथ देखा गया. हालांकि यह लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप भी चंद दिनों का मेहमान निकला.

5- ऋितिक रोशन

जब ऋतिक रोशन अपनी पत्नी सुजैन से तलाक लेने का इंतज़ार कर रहे थे, उसी दौरान कंगना के साथ उनके रिलेशनशिप की खबरों ने सबको हैरत में डाल दिया. कंगना ने सरेआम इस बात को कबूल किया था कि ऋतिक के साथ उनका अफेयर है, लेकिन ऋतिक ने इससे साफ इंकार कर दिया, बस फिर क्या था कगंना ने ऋतिक पर कई तरह के आरोप लगाए और उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी कंट्रोवर्सी बन गई थी.

Shaheed Diwas: शहीदों की शहादत को नमन (Shaeed Diwas Special)

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23 मार्च 1931 का वो दिन आज एक बार फिर से ताज़ा हो गया. यही वो दिन था जब हंसते-हंसते देश के हीरो ने धरती मां के लिए ख़ुद को कुर्बान कर दिया था. उनकी शहादत का वो दिन हर हिंदुस्तानी को गर्व से भर देता है. मन में एक अजीब सा साहस भर जाता है. उन हीरोज़ के लिए मस्तक अपने आप झुक जाता है. भारतीय इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में 23 मार्च लिखा गया है. इस तारीख़ से हिंदुस्तान को अपना बीता हुआ कल और आज की झलक मिलती है.

  • क्रांतिकारी भगत सिंह तथा इनके दो साथियों सुखदेव व राजगुरु को आज ही के दिन 1931 में फांसी दे दी गई थी. भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को हुआ था.
  • भगत सिंह, शिवराम हरिनारायण राजगुरु और सुखदेव थापर में वतन परस्ती कूट-कूट कर भरी थी.
  • अंग्रेज़ों की नाक में दम करनेवाले इन हीरोज़ ने उऩकी चलती संसद में बम फेंककर हिंदुस्तान की आज़ादी की नींव को पुख़्ता किया था. इसके जुर्म में अंग्रेज़ों ने 3 हीरोज़ को सूली पर चढ़ाने का फैसला किया.
  • अंग्रेज़ों को लगा था कि ये छोटी उम्र के लड़के फांसी से डर जाएंगे और उनके क़दमों में सिर झुका देंगे, लेकिन वतन पर कुर्बान होनेवाले इन हीरोज़ ने वो कर दिखाया, जिसे करने के लिए बड़े-बड़े लोग कांप जाते हैं.
  • फांसी के तख्ते पर डरते हुए नहीं, बल्कि गाते हुए पहुंचे और फांसी के फंदे को चूमकर भारत माता की जय कहकर ख़ुद को माता की स्वतंत्रता के लिए कुर्बान कर दिया.
  • फांसी के फंदे को चूमकर उनके जीवन का तो अंत हो गया, लेकिन देश को एक नई सुबह मिल गई. एक ऐसी सुबह, जिसकी स्वतंत्र आबोहवा में आज हर हिंदुस्तानी खुलकर सांस ले रहा है.
  • शहीद दिवस के मौ़के पर शहीदों को मेरी सहेली (Meri Saheli) की ओर से शत-शत नमन!

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इस अभिनेत्री के साथ 6 साल की उम्र में हुआ था रेप ! (actress Daisy Irani reveals she was raped at the age of 6)

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बॉलीवुड की दिग्गज अदाकारा डेज़ी ईरानी (Daisy Irani) 1950 में भारत की सबसे बेहतरीन चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर जानी जाती थीं. उन्होंने बॉलीवुड की कई फिल्मों में बेहतरीन अदायगी से दर्शकों के दिलों पर अपनी गहरी छाप छोड़ी है. लेकिन हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने हैरान करनेवाला एक खुलासा किया है. डेज़ी की मानें तो जब वो महज 6 साल की थीं, तब उनके साथ रेप हुआ था. उनके साथ यह घिनौनी हरकत करनेवाला उनका करीबी था जो उनके लिए एक अभिभावक की तरह था.

डेज़ी के मुताबिक जब वो मद्रास में ‘हम पंछी एक डाल के’ फिल्म की शूटिंग कर रही थी, तब नज़र नाम का शख्स उनके साथ था, जिसे वो अंकल कहकर पुकारती थीं. एक रात होटल रूम में नज़र नाम के उस आदमी ने डेज़ी का यौन शोषण किया. उसने उन्हें बेल्ट से मारा और धमकी दी कि अगर वो अपने साथ हुई इस घिनौनी हरकत के बारे में किसी से कुछ भी कहेंगी, तो वो उन्हें मार देगा. डेज़ी के अनुसार वो शख्स मशहूर सिंगर ज़ोराबाई अंबालेवाली का बेहद करीबी था और उसकी फिल्म इंडस्ट्री में अच्छी पहचान थी.

डेज़ी की मां उन्हें एक स्टार बनते देखना चाहती थी, इसलिए उस शख्स के साथ उन्होंने अपनी बेटी को मद्रास शूटिंग के लिए भेज दिया. जहां उनके साथ यह घटना घटी थी. वो आज भी उस दर्दनाक वाकये को याद करके सिहर उठती हैं, लेकिन सालों तक वो इस दर्द को अपनी मां के सामने बयां करने की हिम्मत नहीं जुटा पाईं. 

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जानें घर पर मेनीक्योर करने का आसान तरीक़ा ( How To Do Manicure At Home)

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नियमित मेनीक्योर करने पर हाथ न स़िर्फ ख़ूबसूरत दिखते हैं, बल्कि हाथ की मांसपेशियां भी रिलैक्स होती है, मगर हर बार मेनीक्योर के लिए यदि आप पार्लर नहीं जा सकतीं, तो कोई बात नहीं. घर पर मेनीक्योर के लिए आज़माइए ये ईज़ी स्टेप्स.

स्टेप 1- नेलपॉलिश रिमूवर से पहले से लगी नेल पॉलिश हटाएं. नेल पॉलिश निकालने के लिए चाकू, छुरी, ब्लेड आदि का इस्तेमाल न करें. नेल पॉलिश रिमूवर से नाख़ून ड्राई हो जाते हैं, इसलिए नेल पॉलिश रिमूवर की बोतल में 4-5 बूंद किसी भी तेल की डालकर अच्छी तरह मिला लें. इससे नाख़ून साफ़ भी हो जाएंगे और रूखे भी नहीं लगेंगे.

स्टेप 2– लगभग 1 लीटर गुनगुने पानी में 2 टीस्पून शैम्पू डालकर इसमें दोनों हाथ डुबोकर रखें.

स्टेप 3- हाथ को मुलायम ब्रश से साफ़ करें. नाख़ून के कोनों को भी साफ़ कर लें.

स्टेप 4- नेल्स पर क्यूटिकल क्रीम लगाएं. उन्हें साफ़ करके थोड़ा फाइल करें. ऑरेंज स्टिक से क्यूटिकल को अंदर की ओर पुश करें.

स्टेप 5- साफ़ कपड़े से हाथ पोंछकर हैंड क्रीम लगाकर हाथों का मसाज करें.

स्टेप 6– नेल पॉलिश लगाने की तैयारी करें. नेल पॉलिश के दो कोट लगाएं. एक कोट सूखने पर ही दूसरा कोट लगाएं. आख़िर में ग्लॉसी इफेक्ट के लिए टॉप कोट लगाएं.

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मेनीक्योर के दौरान इस्तेमाल करें ये नेचुरल रेसिपीज़

* टीस्पून ग्लिसरीन में 5 बूंद गुलाब जल व कुछ बूंद नींबू का रस मिलाकर हाथों पर लगाएं और 20-30 मिनट तक मसाज करें.
* 1 कप पानी में नींबू का रस, 1 टेबलस्पून एलोवीरा जेल और 10 बूंद लेमन एसेन्शियल ऑयल मिलाएं. इस मिश्रण में एक बार में एक हाथ डुबोकर 10 मिनट के लिए रखें, फिर दूसरा हाथ डुबोएं.

हैंड मॉइश्‍चराइज़र- खीरे के रस में ग्लिसरीन मिलाएं. रात को सोने से पहले इससे हाथों का मसाज करें. हाथ हेल्दी व हाइड्रेटेड दिखते हैं.

ड्राई हैंड सॉफ्टनर
1 टेबलस्पून नींबू के रस में 1 टीस्पून शक्कर और थोड़ा-सा पानी डालें. इस मिश्रण को हाथों पर रगड़ते हुए लगाएं और 5 मिनट के बाद गुनगुने पानी से धो दें.

हैंड मास्क
2 अंडे के स़फेद भाग को अच्छी तरह फेंटकर हाथों पर पैक की तरह लगाएं. आधे घंटे बाद धो दें. इससे त्वचा में कसाव आता है, झुर्रियां भी नियंत्रित होती हैं.

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दीपिका और शोएब को परिवार वालों ने दिया ये ख़ास सरप्राइज़ ! (Dipika Kakar And Shoaib Ibrahim got surprise from their Family)

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छोटे पर्दे की अभिनेत्री दीपिका कक्कड़ (Deepika Kakkar) और शोएब इब्राहिम (Shoaib Ibrahim) ने 22 फरवरी को भोपाल में शादी की थी और दोनों की शादी को एक महीने हो चुके हैं. ‘ससुराल सिमर का’ शो के प्रेम और सिमर की जोड़ी ने रियल लाइफ में करीब 5 साल तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद शादी की है. दोनों की शादी के एक महीने पूरे होने की खुशी में दीपिका और शोएब को परिवार वालों ने एक ख़ास सरप्राइज़ दिया है.

शोएब के मम्मी पापा और बहन ने मिलकर केक मंगाया और लिविंग रूम को पिंक और सफेद रंग गुब्बारों से सजाया, परिवार वालों ने दीपिका और शोएब को सरप्राइज़ देने के लिए ये सब प्लान किया था. इस ख़ास लम्हे को दीपिका ने कैमरे में कैद करते हुए अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है.

बता दें कि दीपिका और शोएब शादी के बाद अभी तक हनीमून पर नहीं गए हैं, लेकिन खबरों की मानें तो शोएब अपनी बेगम साहिबा के लिए हनीमून सरप्राइज़ प्लान कर रहे हैं  और बेगम दीपिका भी अपने पति के इस सरप्राइज़ का बेसब्री से इंतज़ार कर रही हैं.

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मूवी रिव्यू-एक साधारण टीचर की असाधारण कहानी है रानी मुखर्जी की हिचकी ! (Rani Mukerji starrer Hichki Movie Review)

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चार साल के इंतज़ार के बाद एक बार फिर रानी मुखर्जी (Rani Mukerji) हिचकी (Hichki) लेकर अपने दर्शकों के बीच आ चुकी हैं. जी हां, रानी मुखर्जी की कमबैक फिल्म ‘हिचकी’ सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है. रानी की यह फिल्म एक साधारण टीचर की असाधारण और प्रेरणादायक कहानी है. इससे पहले रानी को आख़िरी बार  साल 2014 में फिल्म ‘मर्दानी’ में देखा गया था, इस फिल्म के बाद रानी ने फिल्मों से ब्रेक लेकर अपना पूरा ध्यान परिवार पर लगा दिया था.

इस फिल्म में रानी का किरदार अमेरिकन मोटिवेशनल स्पीकर और टीचर ब्रैड कोहेन से प्रेरित है. जिसमें रानी मुखर्जी नैना माथुर नाम की एक टीचर का किरदार निभा रही हैं. फिल्म में नैना टॉरेट सिंड्रोम से पीड़ित हैं जिसके चलते उन्हें बार-बार हिचकी आती है.

हिचकी आने की समस्या के चलते उन्हें बचपन में 12 स्कूल बदलने पड़े, हालांकि वो बचपन से ही एक टीचर बनने का ख्वाब देखती हैं, लेकिन हिचकी की समस्या के चलते 5 साल में 18 स्कूलों में रिजेक्ट हो जाती हैं फिर भी वो हार नहीं मानतीं और जब उन्हें एक मौका मिलता है तो वो खुद को साबित करने में कामयाब होती हैं.

कई बार रिजेक्ट होने के बाद नैना को अपने ही स्कूल में गरीब बच्चों को पढ़ाने का मौका मिलता है. हालांकि शुरूआत में स्कूल के बच्चे काफी परेशान करते हैं, लेकिन क्या नैना उन बच्चों को सुधार पाने में कामयाब होती हैं या नहीं, यह जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी पड़ेगी.

फिल्म में रानी ने अपने किरदार को बहुत ही खूबसूरती से निभाया है. वहीं फिल्म के डायरेक्टर सिद्धार्थ पी. मल्होत्रा ने इस कहानी को बेहतरीन तरीके से पर्दे पर उतारा है. इस फिल्म की कहानी आपको शुरूआत से लेकर आखिर तक बांधकर रखने में सक्षम है. बात करें गानों की तो इसके गाने भी फिल्म की कहानी से मैच करते हैं. इसके अलावा फिल्म का क्लाइमैक्स भी काफी दमदार है.

अगर आप एक्शन, रोमांस और कॉमेडी फिल्मों से हटकर कोई प्रेरणादायक कहानी देखना चाहते हैं तो इस वीकेंड अपने बच्चों और परिवार के साथ रानी मुखर्जी की फिल्म ‘हिचकी’ देखने के लिए सिनेमा हॉल ज़रूर जाएं.

रेटिंग- 3.5/5

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31 साल की हुई कंगना रनौत, 31 पौधे लगाकर किया बर्थडे सेलिब्रेट ! (kangna Ranaut planted 31 plants on her 31st Birthday)

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बॉलीवुड की बेबाक एक्ट्रेस और कंट्रोवर्सी क्वीन कंगना रनौत (Kangna Ranaut) 31 साल की हो गई हैं. कंगना अपना बर्थडे मनाने के लिए मुंबई से दूर हिमाचल की खूबसूरत वादियों में अपने परिवार के पास पहुंची हैं. 31 साल की कंगना नेचल लवर हैं इसलिए उन्होंने अपने बर्थडे को खास बनाने के लिए 31 पौधे लगाए और इकोफ्रेंडली तरीके से अपना बर्थडे सेलिब्रेट किया.

बता दें कि कंगना ने कुछ समय पहले ही मनाली में 30 करोड़ का बंगला बनवाया है और अपने नए बंगले में ही कंगना ने अपना जन्मदिन सेलिब्रेट करने का फैसला किया. एक हफ्ते में कंगना अपने नए बंगले में अपने जन्मदिन के लिए 31 पौधे लगा चुकी हैं.

हिमाचल की हसीन वादियों में अपने नए घर में कंगना एक आम लड़की की तरह पौधे लगाती नज़र आईं. पौधे लगाने की अपनी तस्वीरें कंगना से सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की, जिसे खूब पसंद किया जा रहा है.

मनाली के करीब बांबला में जन्मी कंगना ने जब फिल्मों में अपना करियर बनाने का फैसला किया, तब उनको घर से निकाल दिया गया था, फिर कंगना के करियर में काफी उतार चढ़ाव भी आए बावजूद इसके कंगना ने हार नहीं मानी. कंगना ने 12 साल पहले फिल्म ‘गैंगस्टर’ से डेब्यू किया और उसके बाद उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया. आज कंगना ने ऐसा खूबसूरत बंगला बनवाया है, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है.

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World TB Day: जानें इस रोग के लक्षण और उससे बचने के उपाय(Tuberculosis Causes, Vaccine, Symptoms & Treatment)

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विश्व क्षय रोग दिवस पूरे विश्व में आज यानी 24 मार्च को मनाया जाता है और इसका ध्येय है लोगों को इस बीमारी के विषय में जागरूक करना और टीबी की रोकथाम के लिए कदम उठाना है.  भारत में टीबी के फैलने का एक मुख्य कारण इस बीमारी के लिए लोगों सचेत ना होना और इसे शुरुआती दौर में गंभीरता से न लेना. टी.बी किसी को भी हो सकता है, इससे बचने के लिए कुछ सामान्य उपाय भी अपनाये जा सकते हैं. इसी बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए हमने बात की डॉ. लविना मीरचंदानी, हेड ऑफ रेस्पिरेटरी डिपार्टमेंट, के.जी सोमैया हॉस्पिटल, मुंबई से.

टीबी क्या है?

टीबी अर्थात ट्यूबरक्लोसिस एक संक्रामक रोग होता है, जो बैक्टीरिया की वजह से होता है. यह बैक्टीरिया शरीर के सभी अंगों में प्रवेश कर जाता है. हालांकि ये ज्यादातर फेफड़ों में ही पाया जाता है. मगर इसके अलावा आंतों, मस्तिष्क, हड्डियों, जोड़ों, गुर्दे, त्वचा तथा हृदय भी टीबी से ग्रसित हो सकते हैं.

टीबी के लक्षण

  • तीन हफ़्ते से ज़्यादा खांसी
  • बुखार (जो शाम को बढ़ जाता है)
  • छाती में तेज दर्द
  • वजन का अचानक घटना
  • भूख में कमी आना
  • बलगम के साथ खून का आना
  • बहुत ज्यादा फेफड़ों का इंफेक्शन

    ऐसे होता है टीबी का संक्रमण

    टीबी से संक्रमित रोगियों के कफ से, छींकने, खांसने, थूकने और उनके द्वारा छोड़ी गई सांस से वायु में बैक्टीरिया फैल जाते हैं, जोकि कई घंटों तक वायु में रह सकते हैं. जिस कारण स्वस्थ व्यक्ति भी आसानी से इसका शिकार बन सकता है. हालांकि संक्रमित व्यक्ति के कपड़े छूने या उससे हाथ मिलाने से टीबी नहीं फैलता. जब टीबी बैक्टीरिया सांस के माध्यम से फेफड़ों तक पहुंचता है तो वह कई गुना बढ़ जाता है और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है. हालांकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता इसे बढ़ने से रोकती है, लेकिन जैसे-जैसे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ती है, टीबी के संक्रमण की आशंका बढ़ती जाती है.

    जांच के तरीक़े

    टीबी की जांच करने के कई माध्यम होते हैं, जैसे छाती का एक्स रे, बलगम की जांच, स्किन टेस्ट आदि. इसके अलावा आधुनिक तकनीक के माध्यम से आईजीएम हीमोग्लोबिन जांच कर भी टीबी का पता लगाया जा सकता है. अच्छी बात तो यह है कि इससे संबंधित जांच सरकार द्वारा निशुल्क करवाई जाती हैं.

    बचने के उपाय

    •    दो हफ्तों से अधिक समय तक खांसी रहती है, तो डॉक्टर को दिखाएं.
    •    बीमार व्यक्ति से दूर रहें.
    •    आपके आस-पास कोई बहुत देर तक खांस रहा है, तो उससे दूर रहें.
    •    अगर आप किसी बीमार व्याक्ति से मिलने जा रहे हैं, तो अपने हाथों को ज़रूर धोलें.
    •    पौष्टिक आहार लें जिसमें पर्याप्त  मात्रा में विटामिन्स , मिनेरल्स , कैल्शियम , प्रोटीन और फाइबर हों क्योंोकि पौष्टिक आहार हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है.
    • अगर आपको अधिक समय से खांसी है, तो बलगम की जांच ज़रूर करा लें.

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कहानी- आईना (Short Story- Aaina)

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समाज की आधी आबादी स्त्रियों की होने के बावजूद एक स्त्री दूसरी स्त्री को सहारा देने आगे क्यों नहीं बढ़ती? घर-बाहर स्त्रियों की भीड़ होने के बावजूद मुसीबत में स्त्री अकेली क्यों पड़ जाती है? यह कटु सत्य है कि किसी पुरुष के द्वारा छले जाने के बाद भी उसे सहारा मिलता है, तो किसी अन्य पुरुष का ही… स्त्रियों से तो उसे स़िर्फ मिलता है तिरस्कार. स्त्री विमर्श में पुरुषों के क्रूर रवैये पर प्रश्‍न उछालनेवाले कभी स्त्रियों से भी पूछें कि एक स्त्री दूसरी स्त्री के प्रति कितनी संवेदनशील है?

बेटियों को पैदा होते ही मार डालना चाहिए, क्योंकि समाज में वे सुरक्षित नहीं हैं…” प्रभाती यह बयान सुनकर सन्न रह गई. उसकी नज़रें टीवी पर ही चिपक गईं. हद हो गई… एक बुज़ुर्ग महिला के कथन में ऐसा कच्चापन… इतनी निराशाजनक बात, वह भी सार्वजनिक तौर पर.
देख-सुनकर उसे अच्छा नहीं लगा. अफ़सोस!… इस संदर्भ में पॉज़िटिव सोच को स्थान देने की बजाय उनके बयान पर प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया था, जिनमें समाजसेवी-राजनैतिक गुट सभी बढ़-चढ़कर बोलते रहे और लगभग सभी बुराई का, असुरक्षा का ठीकरा प्रशासन के सिर पर फोड़ रहे थे.
एक मां अपने होंठों पर यूं निर्ममता भरे शब्द कैसे ला सकती है… प्रभाती को कितने ही प्रसंग याद आ गए, जब बेटे-बेटी के अंतर पर मां की ममता भारी पड़ी है. पिछले बरस की ही तो बात है. प्रभाती को भतीजी माया ने फ़ोन किया था. “काकी, मुझे बेटा हुआ है…” आमतौर पर इस तरह की ख़ुशख़बरी स्वयं प्रसूता द्वारा देने का चलन कम से कम भारत में तो नहीं है, इसीलिए प्रभाती को बड़ा अजीब-सा लगा. प्रभाती को लगा, जैसे माया कुछ और भी कहना चाह रही थी.
आख़िर सगी काकी है माया की. एक ही शहर में भतीजी हो, तो फ़ोन पर बधाइयां नहीं दे सकती थी, सो अस्पताल ही पहुंच गई. कमरे में एकांत मिलते ही माया से पूछा, “क्यों री, तू तो बेटा-बेटी में कोई फ़र्क़ नहीं मानती थी. फिर क्या हुआ? अगर बिटिया होती, तो क्या तू उसका स्वागत नहीं करती?”
“मत पूछो काकी, बेटी पैदा होती, तो क्या होता और क्या न होता? गोद भराई के बाद सासू मां ने मुझे इतना भयानक क़िस्सा सुनाया था कि उसके बाद मैं बेटी के जन्म के नाम से ही कांप जाती हूं. उनके अनुसार, हमारे कुल के पूर्वज बेटी पैदा होने पर बहुत बड़ा जलसा मनाते थे. फिर तीसरे दिन बेटी को मां का दूध भरपेट पिलवाकर, कन्या शिशु को दाई मां या घर की वृद्धा को सौंप दिया जाता था. वह स्त्री बच्ची के मुंह में मुट्ठी की मुट्ठी शक्कर भरती जाती थी, साथ में लगातार कहती जाती, “जा बिटिया जा… मुंह मीठा करके जा और अगले ही साल अपने भइया को जाकर भेज… जा… जा जल्दी जा… काकी, आज मैं इतनी ख़ुश इसीलिए हूं कि भगवान की दया से बच गई मेरी बिटिया…”

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उ़फ्! सिहर गई प्रभाती. माया की ख़ुशी का राज़ समझ में आ गया. माया की सारी ख़ुशी में बेटे के जन्म का तो कहीं ज़िक्र तक न था. वह तो अपनी उस बिटिया के बच जाने की कल्पना से ही आनंदविभोर है, जो उसकी कोख़ में आई ही नहीं थी, फिर भी बिटिया के जीवन के प्रति ऐसा चौकन्नापन… इतनी फ़िक्र? मां की ममता के प्रति प्रभाती नतमस्तक हो गई थी. माया की आंखों से प्रसन्नता के आंसू बहते देख प्रभाती भी रो पड़ी थी.
विचारों में डूबी प्रभाती बाल बना रही थी. विचारों से थककर मूड फ्रेश करने के लिए सोचा बालों में गुलाब का फूल लगा ले. हाथ में फूल लिए फिर विचारों में खो गई, तभी प्रभाती की उंगली में गुलाब का कांटा चुभ गया. वह तड़प उठी. बालों में फूल लगा वह आंगन के झूले पर बैठ गई. तभी पतिदेव भी वहीं आ पहुंचे. आते ही बोले, “अरे वाह प्रभाती, तुम्हारे बालों में फूल बहुत ही ख़ूबसूरत लगते हैं.” सुनकर प्रभाती मुस्कुराते हुए अपनी ही धुन में बोली, “हां, शायद इसीलिए कि फूल और स्त्री दोनों ही ईश्‍वर की अनुपम कृति हैं.”
“और पुरुष?”
“पुरुष? पुरुष निःसंदेह ईश्‍वर की सर्वश्रेष्ठ… सर्वोत्तम कृति है.”
सुनते ही पतिदेव ठहाका लगाकर हंस पड़े. “ना प्रभाती ना… धीमे बोलो. पुरुषों का पक्ष लेकर नाहक ही स्त्रियों से दुश्मनी मोल ले रही हो.”
“आप क्या समझते हैं, स्त्री स्त्री की दोस्त होती है? काश, ऐसा होता, तो दुनिया कितनी अलग होती. हर घर में अमन-चैन होता, तो बाहर तलवारें क्यों चलतीं?” प्रभाती ने ठंडी सांस भरी और पति का हाथ पकड़ पास ही बैठा लिया.
प्रभाती गुमसुम हो उनका चेहरा देखने लगी… छल-कपट से परे निष्पाप चेहरा. फिर उसे अपने पिताजी, दादाजी, नानाजी, भाइयों के चेहरे याद आए. अपने गुरुजनों के चेहरे… मित्रों के चेहरे… राहगीरों के चेहरे… फेरी लगाते… गिट्टी और रेत-डामर से ज़र्द, स्याह चेहरे… मजदूरों के चेहरे और अपने-अपने संघर्षों से जूझते, हारते-जीतते तमाम पुरुषों के चेहरे गड्ड-मड्ड होने लगे.
उसे तो कोई पुरुष ख़राब नज़र नहीं आया. अगर हों भी, तो सोचने-समझनेवाली बात यह है कि दुनिया में अच्छे पुरुषों की भी कमी नहीं है… कमी नहीं है तिल-तिल मरते, घुटते हुए, दुनिया में विपरीत हालात से जूझते उन पुरुषों की, जो हर बहन-बेटी को पूरा मान-सम्मान देते हैं…. फिर ऐसी असुरक्षा की भावना के बीज बोने का काम एक स्त्री के द्वारा…?

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समाज की आधी आबादी स्त्रियों की होने के बावजूद एक स्त्री दूसरी स्त्री को सहारा देने आगे क्यों नहीं बढ़ती? घर-बाहर स्त्रियों की भीड़ होने के बावजूद मुसीबत में स्त्री अकेली क्यों पड़ जाती है? यह कटु सत्य है कि किसी पुरुष के द्वारा छले जाने के बाद भी उसे सहारा मिलता है, तो किसी अन्य पुरुष का ही… स्त्रियों से तो उसे स़िर्फ मिलता है तिरस्कार. स्त्री विमर्श में पुरुषों के क्रूर रवैये पर प्रश्‍न उछालनेवाले कभी स्त्रियों से भी पूछें कि एक स्त्री दूसरी स्त्री के प्रति कितनी संवेदनशील है?
प्रभाती को अनायास ही अपनी पड़ोसन सिद्धि चाची का क़िस्सा याद आ गया. उस दिन कीर्तन था उनके यहां… बीच में ही गैस के सिलेंडरवाले ने व्यवधान डाल दिया. वहीं कमरे में छोटा बेटा सिलेंडर की सील चेक करने लगा, तो मंजीरे बजाती चाची ज़ोर से बोलीं, “ना बेटा, सील-वील मत तोड़ियो. तू तो टंकी चौके तक सरकाकर निकल अइयो बाहर. बहू है ना, वो सब तोड़-ताड़कर रेग्युलेटर लगा लेगी.”
फिर भजन मंडली की तरफ़ देख बोलीं, “अभी हाल ही में अख़बार में पढ़ा था ना कि सील तोड़ते ही दुर्घटना हो गई थी… जान जोख़िम का काम है ये भी…”
प्रभाती ने स्पष्ट ऊंचे स्वर में बोल ही दिया था, “सच ही तो कह रही हो चाची… जोख़िम उठाने के लिए बहू है न!”
हालांकि उस एक सच की सज़ा प्रभाती को सौ उलाहने के रूप में मिली. हर घर की यही कथा है. बिरले परिवार ही ऐसे होंगे, जहां घर की स्त्रियों के आपस में मधुर संबंध होंगे. प्रभाती विचारों में ऐसी खोई कि उसे फ़ोन की घंटी सुनाई ही नहीं दी. फ़ोन उसके पति ने ही रिसीव किया और दरवाज़े तक आकर वहीं से पुकारा, “प्रभाती, तुम्हारे महिला मंडल से फ़ोन है…”
वह तत्परता से उठकर गई. मन ही मन यही सोच रही थी कि ज़रूर आज टीवी की न्यूज़ से क्षुब्ध होकर अर्जंट मीटिंग रखी गई होगी. रखना भी चाहिए, ऐसे निराशावादी विचार का विरोध होना ही चाहिए.
लेकिन प्रभाती ने जोश के साथ जैसे ही फ़ोन रिसीव किया, दूसरी तरफ़ कोई कोहराम-बवाल था ही नहीं. सपाट लहजे में नेत्री ने प्रभाती को आगामी मीटिंग की तारीख़, ड्रेस कोड और ‘ब्यूटी स्पेशल’ थीम बताई. सुनकर प्रभाती ने बड़ी मुश्किल से अपनी बौखलाहट पर नियंत्रण करते हुए पूरी बात सुनी.

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महिला मंडल की परंपरा है, करंट सब्जेक्ट चुनकर विचार-विमर्श करना. तो क्या ‘स्त्री सुरक्षा’ के विषय को नहीं लिया जा सकता था. विषय की गंभीरता देखकर ड्रेस, फैशन, मेकअप या रेसिपी आदि को कुछ देर के लिए परे नहीं किया जा सकता. साड़ियों और गहनों से भी बढ़कर इस दुनिया में बहुत कुछ है. क्या स्त्रियों का स्त्रियों की सुरक्षा के प्रति कोई उत्तरदायित्व है ही नहीं?
समाज, शासन व क़ानून की ज़िम्मेदारी का मुंह ताकते रहने की बजाय अगर स्त्रियां एकजुट हो जाएं, तो रणचंडी बन किसी भी राक्षस को मार गिरा सकती हैं, वरना जब तक आपस में लड़ती रहेंगी, शोषित होती रहेंगी.
अपने इस विचार से प्रभाती ख़ुशी से झूम उठी. दिनभर के विचार-मंथन के पश्‍चात् मिला यह विचार बिंदु उसे सच्चे मोती-सा क़ीमती लगा. मन में उम्मीद की किरण जगमगाने लगी. दिनभर की थकान मिट गई.
प्रभाती ने तय कर लिया कि वह अपने इस विचार को संपूर्ण स्त्री समाज तक पहुंचाने की पूरी कोशिश करेगी. विचारों के आदान-प्रदान से घर-बाहर शोषण का शिकार होती स्त्रियों की तमाम त्रासदियों का, उनके मन में बैठे भय व आतंक का कुछ तो हल निकलेगा. और जब स्त्री समाज की दुहाई दे, तब तो और भी ज़रूरी हो जाता है कि स्त्री स्वयं अन्य स्त्रियों के साथ अपने व्यवहार का मूल्यांकन भी अवश्य करे… सच मानिए, मन का आईना झूठ नहीं बोलेगा.

    नीता श्रीवास्तव

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तेनालीरामा की कहानी: अरबी घोड़े (Tenali Rama Story: The Arab Horse Trader)

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तेनालीरामा की कहानी: अरबी घोड़े (Tenali Rama Story: The Arab Horse Trader)

एक अरब प्रदेश का व्यापारी महाराज कृष्णदेव राय के दरबार में घोड़े बेचने आता है. वह अपने घोड़ों की खूब तारीफ़ करता है, जिससे प्रभावित होकर महाराज कृष्णदेव राय उसके सारे घोड़े खरीद लेते हैं. इतने घोड़ों को खरीदने के बाद एक समस्या यह खड़ी हो जाती है कि इन्हें रखा कहां जाये? क्योंकि महाराज के घुड़साल में इतने अधिक घोड़े रखने की जगह नहीं बचती. महाराज को एक उपाय सूझता है वो घोड़ों को विजयनगर के नागरिकों और राजदरबार के कुछ लोगों को तीन महीने तक देखभाल के लिए दे देते हैं. घोड़ों की देखभाल करनेवालों को घोड़ों के पालन खर्च और प्रशिक्षण के लिए प्रति माह एक सोने का सिक्का दिया जाता है.

इसी क्रम में तेनालीराम को भी एक घोडा दिया गया. तेनालीराम ने घोड़े को घर लेजा कर घर के पिछवाड़े एक छोटी सी घुड़साल बना कर बांध दिया और घुड़साल की खिड़की से उसे थोड़ी मात्रा में चारा खिलाने लगे.

बाकी लोग भी महाराज की सौंपी गयी ज़िम्मेदारी को निभाने लगे. महाराज क्रोधित हो कोई दंड ना दे दें, इस भय से सभी लोग अपना पेट काट-काट कर भी घोड़े को उत्तम चारा खिलाने लगे.

घोड़ों की देखभाल करते-करते तीन महीने बीत गए थे और तय दिन सभी लोग घोड़े लेकर महाराज के सामने आ जाते हैं, पर तेनालीराम बिना घोड़े के ही खाली हाथ आते हैं. तेनालीराम से घोड़ा ना लाने की वजह पूछी जाती है तो वो कहते हैं कि घोड़ा काफी बिगडैल और खतरनाक हो चुका है, इसलिए उसके पास जाना भी मुमकिन नहीं. राजगुरु , महाराज से कहते हैं के तेनालीराम झूठ बोल रहे है. महाराज सच्चाई का पता लगाने के लिए तेनालीराम के साथ राजगुरु को भेजते हैं.

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तेनालीराम राजगुरु की साथ ले जाते हैं. राजगुरु तेनालीराम के घर के पीछे बनी उस घुड़साल को देख गुस्से में कहते हैं कि मूर्ख! तुम इस छोटी कुटिया को घुड़साल कहते हो? तेनालीराम शांति से मुस्कुराते हुए जवाब देते हैं कि राजगुरु आप मुझे क्षमा करें, मैं अज्ञानी हूं, लेकिन घुड़साल में अंदर जाने से पहले सावधानीपूर्वक पहले खिड़की से देख लें.

राजगुरु जैसे ही खिड़की से भीतर झांकते हैं तो घोडा लपक कर उनकी दाढ़ी पकड़ लेता है। काफी मशक्कत के बाद भी भूखा घोड़ा राजगुरु की दाढ़ी नहीं छोड़ता है. लोग जमा होने लगते हैं. अंत में कुटिया तोड़ कर तेज हथियार से राजगुरु की दाढ़ी काट कर घोड़े के चंगुल से छुड़ाया जाता है. आखिरकार किसी तरह से राजगुरु और तेनालीराम भूखे घोड़े को ले कर राजा के पास पहुंचते हैं.

घोड़े की दुबली-पतली हालत देखकर महाराज तेनालीराम से इसका कारण पूछते हैं। तेनालीराम कहते है कि मैं घोड़े को रोजाना बस थोड़ा सा चारा ही देता था, इसी वजह से घोडा इतना दुबला हो गया और गुस्सैल भी, क्योंकि उसकी ज़रुरत की आपूर्ति नहीं हो रही थी. राजा तेनाली इसकी वजह पूछते हैं तो वो कहते हैं कि क्षमा करें महाराज, लेकिन आपकी गरीब प्रजा परिवार का पालन जैसे तैसे कर रही थी, इसके बाद उसे घोड़े को संभालने की अतिरिक्त जिम्मेदारी दे दी गई, जिस वजह से वो भी भूखे घोड़े की तरह परेशान और त्रस्त हो गई है.

राजा का कर्तव्य प्रजा की रक्षा करना होता है, उन पर अधिक बोझ डालना नहीं. आपके आदेश से घोड़े तो बलवान हो गए पर आप की प्रजा दुर्बल हो गयी है. महाराज कृष्णदेव राय को अपनी ग़लती का एहसास होता है और तेनालीराम की बात समझ में आ जाती है, और वह तेनालीराम की प्रसंशा करते हुए उन्हे पुरस्कार देते है.

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