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आमिर ओशो बायोपिक से बाहर, जानिए वजह (Why Aamir Khan Is Out From Osho Biopic?)

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बॉलीवुड अभिनेता आमिर ख़ान (Aamir Khan) के लिए साल 2018 बहुत अच्छा साबित नहीं हुआ है. इस साल उनकी एक ही फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान’ (Thugs of Hindostan) रिलीज हुई और वो भी फ्लॉप हो गई. इसकी वजह से आमिर खान के फैंस काफ़ी निराश हैं. अब बॉलीवुड के गलियारों से आमिर ख़ान के प्रशंसकों के लिए एक और बुरी ख़बर आ रही है.

Osho Biopic

एक इंटरटेंमेंट साइट पर छपी खबर के अनुसार, आमिर खान ने ‘ओशो बायोपिक’ नाम की वेब सीरीज से अपना हाथ पीछे खींच लिया है.  रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि आमिर खान ने ‘ओशो बायोपिक’ के निर्माताओं से प्रोजेक्ट के लिए इतनी बड़ी राशि मांग डाली कि उनके पसीने छूट गए और उन्होंने आमिर खान को लेने का विचार त्याग दिया है. बता दें इसी प्रोजेक्ट में आमिर खान के साथ आलिया भट्ट दिखाई देने वाली थीं. आलिया भट्ट इस प्रोजेक्ट के लिए काफ़ी उत्साहित थीं लेकिन अब लग रहा है कि उनका आमिर ख़ान के साथ काम करने का सपना टूट गया है.

Aamir Khan

‘ओशो बायोपिक’ वेब सीरीज़ को डायरेक्टर शकुन बत्रा बनाने वाले थे, जिन्होंने ‘कपूर एंड सन्स’ जैसी फिल्म बनाई है. बताया जा रहा था कि शकुन बत्रा ने ‘ओशो बायोपिक’ की स्क्रिप्ट लगभग पूरी कर ली थी और ऐसे समय पर आमिर ख़ान का प्रोजेक्ट से अलग हो जाना काफ़ी चौंकाने वाला है. देखना दिलचस्प रहेगा कि अब उनकी ‘ओशो बायोपिक’ में ओशो का किरदार कौन-सा अभिनेता निभाएगा. अगर आमिर ख़ान की प्रोफेशनल लाइफ की बात करें तो वो जल्द ही अपना नया प्रोजेक्ट ‘महाभारत’ शुरू करने वाले हैं. इसमें वो कृष्ण का किरदार निभाते दिखेंगे. फिल्म की स्क्रिप्टिंग और कास्टिंग का काम अभी आमिर ख़ान अपनी टीम के साथ मिलकर पूरा कर रहे हैं और जल्द ही प्रोजेक्ट को लेकर बड़ा ऐलान किया जा सकता है.
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पीठदर्द की वजह जानने के लिए कराइए स्पाइन फंक्शन टेस्ट (Spine function test to detect clear cause of back pain)

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हममें से ज़्यादातर लोग कभी न कभी पीठदर्द (Backaches) की समस्या का सामना करते हैं. यह समस्या इतनी सामान्य हो गई है कि अब पेनकिलर्स का असर भी कम होने लगा है. फिज़ियोेथेरेपी भी मनचाहे परिणाम नहीं दे रही है. ऐसे में समस्या गंभीर होने पर स्पाइन सर्जरी कराने की सलाह दी जाती है. स्पाइन सर्जरी से बचने में स्पाइन फंक्शन टेस्ट (Spine Function Test) बहुत असरकारी होता है. कैसे? आइए जानते हैं.

Spine Function Test

हार्वर्ड मेडिकल रिव्यू द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, सामान्य पीठदर्द को ठीक करने की प्रक्रिया में कम से कम 52 दिन लग जाते हैं. पीठ दर्द के 90 फ़ीसदी केसेज़ में कारण बेहद सूक्ष्म होते हैं. एक्स-रे और एमआरआई से स़िर्फ स्ट्रक्चरल समस्याओं का पता चल पाता है, लेकिन पीठदर्द के सही कारण का पता नहीं चल पाता है. ऐसे में डीएसए जैसे स्पाइन फंक्शन टेस्ट की मदद से पीठदर्द के सही कारणों का पता लगाया जाता है. फलस्वरूप डॉक्टरों को सही ट्रीटमेंट प्लान बनाने में आसानी होती है.

स्पाइन फंक्शन टेस्ट क्यों ज़रूरी है?
हमारी रीढ़ की हड्डी चार मुख्य चीज़ों-बोन्स, डिस्क, नर्व्स और सॉफ्ट मसल टिशूज़ से बनी होती है. हमारे शरीर का 70 फ़ीसदी भार सॉफ्ट मसल टिशूज़ उठाते हैं और 30 फ़ीसदी भार डिस्क, बोन और दूसरे अंग उठाते हैं. जब सॉफ्ट टिशूज़ कमज़ोर हो जाते हैं तो वे शरीर का बोझ उठाने में असमर्थ हो जाते हैं और भार हड्डियों पर आ जाता है, जिसके कारण कई तरह की समस्याएं होती हैं. उठने-बैठने व चलने-फिरने में भी समस्या होती है. स्पाइन फंक्शन टेस्ट करने पर पता चलता है कि किस सॉफ्ट टिशूज़ के कारण समस्या हो रही है. इस टेस्ट की मदद से पता चल जाता है कि कौन-से मसल्स कमज़ोर हैं और उसी के अनुसार मरीज़ समस्याग्रस्त मसल्स का इलाज करा सकते हैं.

Spine Function Test

सबसे सटीक टेस्ट
डिजिटल स्पाइन एनालिसिस सबसे पहला व सटीक स्पाइन फंक्शन टेस्ट है, जिसे मेडिकल क्षेत्र में पूरी मान्यता प्राप्त है. जैसे दिल संबंधी बीमारियों की जानकारी के लिए स्ट्रेस टेस्ट किया जाता है, उसी तरह रीढ़ संबंधी समस्या का पता लगाने के लिए इस टेस्ट का सहारा लिया जाता है. डिजिटल स्पाइन एनालिसिस की मदद से यह पता लगाया जाता है कि सॉफ्ट टिशूज़ मसल्स शरीर का कितना भार उठा सकते हैं और रीढ़ की हड्डी को कितना सपोर्ट कर सकते हैं.

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इस टेस्ट में मरीज़ के रीढ़ की हड्डी की 21 तरीक़ों से जांच की जाती है. जिससे इस बात का पता चल जाता है कि कौन-सा टिशू कमज़ोर है और किस हड्डी पर अतिरिक्त भार आ रहा है. यह टेस्ट पांच कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित यंत्रों और सेंसर्स की मदद से किया जाता है. समस्या के कारण का पता चल जाने पर जिस भाग में परेशानी हो, उसे ही ट्रीट किया जाता है. डिजिटल स्पाइन एनालिसिस जैसे स्पाइन फंक्शन टेस्ट की मदद सेे मरीज़ों को समय रहते समस्या के मूल कारण का पता चल जाता है, जिससे इलाज में आसानी होती है.

यह टेस्ट सर्जरी से कैसे बचाता है?
समस्या के मूल कारण का पता चल जाने पर डॉक्टर को ट्रीटमेंट प्लान करने में आसानी होती है. ऐसे में सर्जरी से बचने की संभावना ज़्यादा होती है. स्पाइन रिहैबिलिटेशन जैसे कंज़र्वेटिव ट्रीटमेंट का सक्सेस रेट 90 फ़ीसदी से ज़्यादा है.

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नकसीर फूटना रोकने के 5 आसान घरेलू उपाय (5 Best Natural Home Remedies To Stop Nose Bleeding)

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नकसीर फूटना (Nose Bleeding) रोकने के 5 आसान घरेलू उपाय (Home Remedies) से आप मिनटों में नकसीर फूटने की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं. नकसीर फूटना एक आम समस्या है, लेकिन जब कभी अचानक नाक से खून बहने लगता है तो अक्सर हम घबरा जाते हैं. हालांकि नकसीर फूटना कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन ऐसा यदि बार-बार हो, तो ये किसी बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम का संकेत हो सकता है. यदि आप या आपके आसपास किसी को अचानक नकसीर फूटे, तो नकसीर फूटना रोकने के 5 आसान घरेलू उपाय ज़रूर ट्राई करें.

Remedies To Stop Nose Bleeding

 

नकसीर फूटने के क्या कारण होते हैं?
* जब वातावरण में आद्रता कम हो जाती है तो गर्म और सूखे वातावरण में भी नोज ब्लीडिंग होने लगती है.
* चिलचिलाती धूप से सीधे एयर कंडीशन वाले रूम में आने से भी नकसीर फूट सकती है.
* सर्दियों में नोज ब्लीडिंग यानी नकसीर फूटने की समस्या ज़्यादा पाई जाती है, क्योंकि इस समय श्‍वसन मार्ग के ऊपरी हिस्से में संक्रमण की संभावना अधिक होती है.
* नाक का दबाव के साथ बहना भी नकसीर फूटने का कारण हो सकता है.
* लगातार छींकने से भी कई बार नकसीर फूट सकती है.
* शराब के अधिक सेवन से भी नकसीर फूट सकती है.
* नाक में ट्यूमर होने के कारण भी नकसीर फूटने की समस्या हो सकती है.

नकसीर फूटना रोकने के 5 आसान घरेलू उपाय जानने के लिए देखें वीडियो:

 

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नकसीर फूटना रोकने के अन्य घरेलू उपचार:
* नकसीर फूटने पर सबसे पहले रोगी को तुरन्त ठंडे स्थान पर ले जाना चाहिए. पैर से जूते-मोजे उतार देने चाहिए, ताकि शरीर की गर्मी तलुवों द्वारा बाहर निकल सके.
* नकसीर फूटने पर तुरंत बैठ जाएं और आगे की तरफ झुक जाएं. सिर ऊंचा न करें, ऐसा करने से खून फिर से नाक में जा सकता है.
* नाक पर रूमाल या टिशू पेपर रखें, ताकि वो खून को सोख ले.
* अंगूठे और तर्जनी उंगलियोंं की मदद से नाक की जड़ को थोडी देर तक दबाए रखें, ताकि खून का प्रवाह रुक जाए.
* सामान्य उपचार के आधे घंटे बाद भी यदि नाक से खून का बहना न रुके, तो डॉक्टर से संपर्क करें.

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कैसे करें परफेक्ट बेडशीट का चुनाव? (How To Choose The Perfect Bedsheets?)

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Perfect Bedsheets Ideas

बेडरूम डेकोर (Bedroom Decor) में जितने ज़रूरी कर्टन्स, कुशन्स और अन्य एक्सेसरीज़ होते हैं, उतनी ही ज़रूरी होती है बेडशीट (Bedsheet). बेडरूम में बेडशीट का महत्व भी कम नहीं होता है. अगर आप भी अपने बेडरूम को बेडशीट से सजाना चाहते हैं, तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें, जैसे-

1. मौसम और अपनी सहूलियत के अनुसार बेडशीट का चुनाव करें.

Bedsheets Tips

2. गर्मियों के लिए कॉटन की बेडशीट्स अच्छी होती हैं, जबकि सर्दियों में आप सिल्क, सैटिन, लिनेन आदि बेडशीट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं.

3. इसी तरह रोज़ाना इस्तेमाल के लिए रिंकल फ्री बेडशीट उपयुक्त होती हैं, क्योंकि इन्हें घर पर आसानी से धोया जा सकता है.

Perfect Bedsheets Tips

4. अगर आप कॉटन बेडशीट ख़रीदने का मन बना रहे हैं, तो साइज़ मापते समय इस बात का ख़ास ध्यान रखें कि कॉटन धोने के बाद थोड़ा सिकुड़ जाता है. कॉटन बेडशीट में आपको कई वैरायटी मिल जाएगी, जैसे- प्योर कॉटन, मिक्स कॉटन, नॉन-रिंकल कॉटन, हैंडलूम कॉटन आदि.

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5. बेडशीट ख़रीदते समय यह ध्यान रखें कि इसकी लंबाई और चौड़ाई इतनी होनी चाहिए कि इसे गद्दे के अंदर मोड़ना आसान हो.

Perfect Bedsheets

6. आप अपनी पसंद के अनुसार ब्राइट या लाइट कलर के एनिमल, फ़्लोरल, ग्राफिक्स डिज़ाइन्स या राजस्थानी प्रिंटवाली बेडशीट ख़रीद सकती हैं.

Royal Bedsheets Ideas

7. ख़ास अवसर के लिए सिल्क बेडशीट बेस्ट ऑप्शन है, क्योंकि ये बेडरूम को क्लासी लुक देती हैं. हां, बार-बार घर में धोने से ये ख़राब हो सकती हैं, इसलिए इन्हें ड्राइक्लीन करवाएं.

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तैमूर ने यूं सेलिब्रेट किया क्रिसमस, देखें पिक्स व वीडियो (Taimur Christmas Celebration)

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हर साल की तरह इस साल भी कपूर परिवार (Kapoor Family) ने क्रिसमस सेलिब्रिट (Christmas Celebrate) करते हुए साथ में एक गेट टू गेदर किया. इस क्रिसमस लंच पार्टी में करीना कपूर, करिश्मा कपूर, सैफ अली ख़ान के अलावा रणधीर कपूर आदित्य कपूर और बबिता कपूर भी एन्जॉय करते हुए दिखाई दिए. इस पार्टी की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. एक पिक में रणधीर कपूर उनके नाती पोतों के लिए सैंटा बने हुए नज़र आए. क्रिसमस सेलिब्रेशन के दौरान तैमूर के नाना रणधीर कपूर लाला शर्ट, सर पर सैंटा की टोपी के अलावा लाल जूते भी पहने हुए थे.

Taimur Christmas Celebration

आपको बता दें, करिश्मा कपूर भी इस दौरान अपने बेटे कियान और बेटी समीरा के साथ दिखाई दी. कियान कपूर और समीरा कपूर ने भी इस क्रिसमस सेलिब्रेशन के लिए लाल कपड़े पहन रखे थे. इस लंच पार्टी में करीना कपूर अपने पति सैफ अली ख़ान और बेटा तैमूर अली ख़ान के साथ पहुंचीं. इस खास मौक़े को सेलेब्रिट करने के लिए करीना कपूर काली और सफेद ड्रेस में दिखाई दीं. वहीं सैफ  हल्के नीले रंग के कुर्ते और चूड़िदार पायजामे में देखे गए. इस दौरान पूरा कपूर परिवार फेस्टिव मूड में नज़र आया. देखें पिक्स व वीडियो….

Taimur Christmas Party

 

Saif Ali Khan Family Photo

Taimur

Taimur Christmas Celebration

Taimur Christmas Celebration

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वायरल हो रहा है सलमान ख़ान का क्रिसमस डांस वीडियो ( Salman Khan take over the dance floor at their Christmas party)

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बॉलीवुड स्‍टार्स ने क्रिसमस की शाम जमकर सेलिब्रेट किया. असल में हमेशा की तरह इस साल भी भाईजान सलमान ख़ान ने एक पार्टी होस्ट की थी. इस पार्टी में फैमिली मेंबर के साथ दोस्त भी शामिल हुए थे. सलमान की इस पार्टी का एक मस्‍त वीडियो सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है.

इस वीडियो में सलमान अपने दोनों भाई अरबाज ख़ान और सोहेल ख़ान के साथ डांस करते नज़र आ रहे हैं. सलमान ख़ान ने ख़ुद अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर यह वीडियो शेयर किया है. सलमान के फैंस को यह वीडियो काफ़ी पसंद आ रहा है. इस वीडियो में खान बद्रर्स एक इंगलिश गाने पर कमर मटकाते हुए नज़र आ रहे हैं. आप भी देखें तीनों का यह क्‍यूट वीडियो…

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Merry Xmas to all….

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वायरल वीडियो से ये अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि सलमान ने अपने परिवार के साथ क्रिसमस कितना एन्जॉय किया होगा. सलमान की इस क्रिसमस पार्टी में कैटरीना कैफ, डेजी शाह, दिया मिर्जा, तुषार कपूर, करण जौहर सहित बहुत से स्टार किड्स भी शामिल हुए.

इस पार्टी के बाद अब इंतज़ार है 27 दिसंबर का जब सलमान अपने परिवार और क़रीबी दोस्तों के साथ 53वां जन्मदिन मनाएंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सलमान अपना 53वां जन्मदिन पनवेल स्थित फार्महाउस में मनाएंगे.  दबंग खान के जन्मदिन का जश्न  1 दिन पहले यानि 26 दिसंबर से शुरू होकर बर्थडे वाले दिन खत्म होगा. पार्टी में उनके परिवार के करीबी लोग और दोस्त शामिल होंगे. चर्चा ये भी है कि सलमान खान न्यू ईयर भी परिवार के साथ सेलिब्रेट करेंगे.  काम की बात करें तो सलमान खान इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म ‘भारत’ की शूटिंग में व्यस्त हैं. इस फिल्म में सलमान खान के अलावा कैटरीना कैफ  और दिशा पाटनी भी नज़र आने वाली हैं.

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दर्द से यूं पाएं छुटकारा (How To Get Relief From Different Types Of Pain)

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How To Get Relief From Pain

अक्सर हम कई तरह के दर्द (Pain) से परेशान रहते हैं. जहां चोट या अन्य कारणों से उत्पन्न दर्दवाली त्वचा, मांसपेशी व तंत्रिकाओं की क्षति में उपचार, दवाइयों आदि से आराम मिलता है, वहीं मांसपेशियों में उत्पन्न दर्द में मालिश और सेंक से भी लाभ होता है, क्योंकि इससे वात दोष का शमन होता है.

सेंक के लिए सादा गर्म पानी, नमक, कपूर या तारपीन के तेल मिले गर्म पानी से स्नान करना फ़ायदेमंद रहता है. यह सेंक दवा या मरहम लगाने के बाद ही करना चाहिए. सेंक करने से रक्तवाहिनियां फैल जाती हैं और प्रकुपित तंत्रिकाएं शांत हो जाती हैं. इस प्रकार हमारे शरीर का दर्द शांत हो जाता है. इसके अलावा यहां पर हम कुछ उपयोगी घरेलू नुस्ख़े दे रहे हैं, जिनके प्रयोग से तमाम तरह के दर्द से राहत मिलती है.

* घुटनों, हाथों की उंगलियों या बांहों के जोड़ों में टीस भरा दर्द उठता हो और कोई भी काम करने में या वज़न उठाने पर जोड़ों में दर्द होता हो, तो दिन में चार-पांच बार टमाटर का सेवन करते रहें या टमाटर का एक ग्लास रस सुबह-शाम लें. इससे कुछ दिनों में ही आपको आश्‍चर्यजनक रूप से लाभ होगा.

* चूना व शहद मिलाकर लेप करने से पसली के दर्द से राहत मिलती है या फिर सरसों को पानी में पीसकर गरम करके इसका लेप दर्दवाले स्थान पर बार-बार लगाएं.

* इसके अलावा एक ग्लास पानी में दो चम्मच जीरा डालकर गरम करें और उस गरम पानी में तौलिया भिगोकर अच्छी तरह निचोड़ें और उसकी भाप से सेंक करें. कुछ ही घंटों में आराम मिल जाएगा.

* 100 ग्राम मेथीदाना हल्का-सा भूनें. फिर इसे हल्का-सा कूटकर उसमें चौथाई भाग काला नमक मिला लें. सुबह-शाम दो चम्मच गरम पानी के साथ इसकी फंकी लें. इस प्रयोग को निरंतर 15 दिनों तक करने से कैसा भी असहय दर्द हो, दूर हो जाएगा.

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* शरीर के किसी अंग में दर्द की टीस उठती हो, तो आप सुबह-शाम पीसे हुए आंवले का चूर्ण गुनगुने पानी के साथ फांक लें. फिर कुछ देर बाद पिसी हुई इलायची दूध में डालकर पीएं. इस प्रयोग से अंगों में चुस्ती-स्फूर्ति बनी रहेगी और शरीर के किसी भी अंग में दर्द की टीस नहीं उठेगी.

* लहसुन पीसकर लगाने से बदन के हर अंग का दर्द जाता रहेगा. किंतु इसे जल्द हटा लेना चाहिए, नहीं तो फफोले पड़ने का डर रहता है.

* राई यानी सरसों का लेप करने से हर प्रकार का दर्द मिट जाता है.

* गठिया के दर्द में एरंडी का छिला हुआ बीज पहले दिन एक, दूसरे दिन दो, इस प्रकार सात बीज तक खाएं. फिर प्रतिदिन एक-एक कम करके एक बीज पर ले आएं. इससे गठिया का दर्द हमेशा के लिए गायब हो जाएगा.

* जोड़ों के दर्द में अजवायन को पानी में डालकर पका लें और उस पानी की भाप दर्दवाले स्थान पर दें. देखते ही देखते दर्द दूर हो जाएगा.

* लहसुन की दो कलियां कुचलकर तिल के तेल में डालकर तेल गर्म करें और उससे जोड़ों पर मालिश करें. इससे भी बहुत लाभ होता है.

पथ्य-अपथ्यः जोड़ों के दर्द से बचने व इससे पीड़ित मरीज़ को दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए रोग उत्पादक कारणों को टालना चाहिए. खट्टा, तीखा, ठंडा, रूखा भोजन नहीं करना चाहिए. चर्बी बढ़ानेवाले खाद्य पदार्थों से परहेज़ करना चाहिए. पौष्टिक और पचने में आसान चीज़ों को आहार में शामिल करें. शारीरिक श्रमवाले कामों से बचना चाहिए. साथ ही जागरण व मानसिक तनावों से भी दूर रहना चाहिए.

सुपर टिप

कड़वे तेल में अजवायन और लहसुन जलाकर उस तेल से मालिश करने से हर प्रकार के दर्द से छुटकारा मिलता है.

– मूरत पन्नालाल गुप्ता

दादी मां के अन्य घरेलू नुस्ख़े/होम रेमेडीज़ जानने के लिए यहां क्लिक करें-  Dadi Ma Ka Khazana

HBD Salman Khan: पढ़ें भाईज़ान की फिल्मों के 12 धांसू डायलॉग्स ( 12 Super Hit dialogues Of Salman Khan)

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आज इंडस्ट्री के भाईज़ान सलमान ख़ान अपना 53वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं.  सलमान ख़ान को इंडस्ट्री में आए हुए यूं तो 29 साल हो चुके है लेकिन आज उनके जन्मदिन के अवसर पर हम उनकी फिल्मों के उन डॉयलॉग्स के बारे में बात करेंगे जिन्होंने सलमान को सुपरस्टार बना दिया.

वांटेड
एक बार जो मैने कमिटमेंट कर दी उसके बाद तो मै अपने आप की भी नहीं सुनता.

बॉडीगार्ड
मुझपर एक एहसान करना कि मुझपर कोई एहसान ना करना.

दबंग
हम यहा के रॉबिन हुड है..रॉबिन हुड पांडे.

टाइगर जिंदा है
‘शिकार तो सब करते है पर टाईगर से बेहतर शिकार कोई नहीं करता है’.

सुल्तान
मैने पहलवानी जरूर छोड़ी है पर लड़ना नहीं भूला.

बजरंगी भाईजान
हम बजरंगबली के भक्त है हम कोई काम चोरी छुपे नहीं करते है.

 

किक
मेरे बारे में इतना मत सोचना..दिल में आता हूं समझ में नहीं.

दबंग 2
स्वागत नहीं करोगे हमारा.

रेडी
जिंदगी में तीन चीजों को कभी अंडरएस्टीमेट मत करना..आई मी एंड मायसेल्फ.

वीर
जहां से पकड़ूंगा आधा सेर गोस्त निकाल लूंगा.

दबंग
छेदी सिंह हम तुममे इतने छेद करेगे कि कंन्फ्यूज हो जाओगे कि सांस कहां से ले और…

मैने प्यार किया
दोस्ती का एक उसूल है मैडम..नो सॉरी नो थैंक्यू.
ये भी पढ़ेंः तैमूर ने यूं सेलिब्रेट किया क्रिसमस, देखें पिक्स व वीडियो (Taimur Christmas Celebration

 


सलमान ख़ान ने यूं सेलिब्रेट किया अपना बर्थडे, देखें पिक्स व वीडियो (Katrina Kaif, Sonakshi Sinha, Dia Mirza among celebs who attended Salman Khan’s 53rd birthday bash)

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सलमान ख़ान (Salman Khan) आज अपना 53वां जन्मदिन (Birthday) पनवेल के फार्महाउस में सेलिब्रेट कर रहे हैं. इस अवसर पर उन्होंने कल रात इंडस्ट्री फ्रेंड्स व परिवारवालों के लिए शानदार पार्टी का आयोजन किया, जिसमें कैटरीना कैफ, मोनी रॉय, सोनाक्षी सिन्हा, दिया मिर्जा, सुष्मिता सेन, जैकलिन सहित कई अभिनेत्रियां व अभिनेता शामिल हुए. आपको बता दें कि सुपरस्टार सलमान इन दिनों ब्रेक पर हैं और वे कुछ दिनों बाद फिल्म भारत की शूटिंग फिर से शुरू करेंगे. सलमान के बर्थडे बैश के पिक्चर्स व वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.

 Salman Khan's birthday bash

एक वीडियो जिसने सबसे ज़्यादा हमारा ध्यान आकर्षित किया, उसमें सलमान अपने भतीजे आहिल के साथ बड़ा-सा बर्थडे केक काट रहे हैं. सलमान के बगल में उनकी बहन अर्पिता खड़ी हैं.

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Baby #ahilsharma cuts the cake with #salmankhan

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सलमान ने अपने फार्म हाउस के बाहर खड़ी मीडिया के सामने भी एक केक कट किया.

Salman Khan's birthday party

एक अन्य वीडियो अभिनेत्री सुष्मिता सेन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है. जिसमें सलमान सुष्मिता के साथ डांस करते दिख रहे हैं. वीडियो को देखकर लग रहा है कि सलमान बहुत मस्ती के मूड में हैं और वे मेहमानों को इंटरटेन करने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ना चाहते.  इस वीडियो को सुष्मिता ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा, ‘जब भी जिंदगी हमें चुपचाप बैठने या डान्स करने का मौका देती है तो हम डान्स करते हैं.’ देखें, सलमान और सुष्मिता का यह डांस वीडियो…

देखिए सलमान के जन्मदिन में शामिल गेस्ट्स की पिक्स…

 Salman Khan's 53rd birthday bash

 Salman Khan's birthday bash

Salman Khan's birthday party

Salman Khan's birthday bash

Salman's birthday bash

Salman Khan's birthday party

Salman Khan's birthday party

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विनेगर के फ़ायदे व साइड इफेक्ट्स (Know Benefits and Side Effects Of Vinegar)

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बहुत से लोगों को लगता है कि सिरका यानी विनेगर (Vinegar) ख़ासतौर पर एप्पल साइडर विनेगर का सेवन करने से तेज़ी से वज़न कम होता है, इसलिए वे बिना सोचे-समझे एप्पल साइडर विनेगर पीना शुरू कर देते हैं, जबकि यह सही नहीं है. विनेगर (Vinegar) कैसे बनता है और उसके क्या फ़ायदे (Benefits) और नुकसान (Loss) हैं? आइए जानते हैं.

Side Effects Of Vinegar

कैसे बनता है विनेगर?
विनेगर यानी सिरका का प्रमुख घटक एसिटिक एसिड होता है. एसिटिक एसिड एक प्रकार का तेज़ एसिड है, जो किसी भी प्रकार के खाद्य पदार्थ, जैसे- फल, शकरकंद, शराब इत्यादि के खमीरीकरण से बनता है. यह एसिटिक एसिड नामक बैक्टीरिया बनाता है. ये बैक्टीरिया हर जगह पाए जाते हैं और हर प्रकार के जीव-जंतुुओं से फैल जाते हैं. यहां तक कि ये हमारे शरीर में भी मौजूद होते हैं. महिलाओं के व़ेजाइना में भी ये बैक्टीरिया मौजूद होते हैं. यही वजह है कि वेज़ाइना के अंदर का फ्लूइड एसिटिक यानी खट्टा होता है. इतना ही नहीं, हम जो खाना खाते हैं, उसे गलाने के लिए हमारा शरीर एसिटिक एसिड बनाता है.

विनेगर में एसिटिक एसिड
किसी भी प्रकार के विनेगर में 5 से 20 फ़ीसदी तक एसिटिक एसिड होता है. इसके अलावा उसमें पानी व फ्लेवर होता है. एप्पल साइडर विनेगर को एसिटिक एसिड व सेब के गूदे से बनाया जाता है.

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एसिटिक एसिड का प्रयोग
एसिटिक एसिड का इस्तेमाल इंडस्ट्रीज़ में केमिकल सॉल्वेंट व रीएजेंट के रूप में किया जाता है. इसके अलावा पेंट, गोंद, इंक और क्लीनिंग एजेंट में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. एसिटिक एसिड इतना स्ट्रॉन्ग होता है कि यदि त्वचा पर लग जाए तो चमड़ी जल सकती है. सामान्य तौर पर इसे डायल्यूट करके इस्तेमाल में लाया जाता है. एसिटिक एसिड का 1 फ़ीसदी हिस्सा एंटीबैक्टीरियल होता है. इसे डायल्यूट करके इस्तेमाल करने पर बैक्टीरिया मर जाते हैं. यही वजह है कि 18वीं सदी में कैंसर के ट्यूमर में इंजेक्शन की मदद से एसिटिक एसिड इंजेक्ट किया जाता था, क्योंकि ये एसिटिक एसिड ट्यूमर के अंदर जाकर उन्हें मार देते थे.

Benefits Of Vinegar
विनेगर के फ़ायदे
आज के समय में एसिटिक एसिड का इस्तेमाल एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल एजेंट बनाने के लिए किया जाता है. चूंकि विनेगर में भी एसिटिक एसिड होता है इसलिए उसमें भी एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं. यही वजह है कि विनेगर को त्वचा पर लगाने से कुछ प्रकार के बैक्टीरिया मर जाते हैं. कान के बाहरी हिस्से में किसी तरह का इंफेक्शन हो तो विनेगर लगाने से इंफेक्शन ठीक हो सकता है. इसके अन्य फ़ायदे भी हैं. कई अध्ययनों से यह सिद्ध हुआ है कि रोज़ाना विनेगर का सेवन करने से शुगर लेवल हाई नहीं होता है. लेकिन सिंपल कार्बोहाइड्रेट, जैसे- स़फेद चावल, शक्कर, मिठाई इत्यादि का सेवन करने पर विनेगर का कोई असर नहीं होता व ब्लड शुगर कम नहीं होता. जबकि कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट, जैसे- ब्राउन ब्रेड, ब्राउन राइस इत्यादि के साथ विनेगर का सेवन करने से कार्बोहाइड्रेट का डायजेशन अच्छी तरह से होता है जिससे शुगर उतनी तेज़ी से नहीं बढ़ता. ठीक ऐसा ही फैट के साथ भी होता है. इसके साथ ही यह भी पाया गया है कि खाने से साथ विनेगर लेने से भूख जल्दी मिट जाती है, जिससे वज़न नहीं बढ़ता. इसके अलावा एसिटिक एसिड या विनेगर में कुछ एंटीऑक्सीडेंट्स, जैसे-पॉलीफिनॉल्स, फ्लेवोनॉइड्स भी पाए जाते हैं, जो कैंसर इत्यादि से बचाते हैं. लेकिन एक बात यह है कि फल, हरी सब्ज़ियां इत्यादि में भी कुछ मात्रा में एसिटिक एसिड पाया जाता है, जिससे एसिटिक एसिड की ज़रूरत पूरी हो जाती है. इसके लिए अलग से विनेगर का सेवन करने की कोई ज़रूरत नहीं होती. इससे कोई फ़ायदा नहीं होता, बल्कि इसके साइड इफेक्ट्स होते हैं.

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विनेगर के साइड इफेक्ट्स
लगातार कई महीनों तक सिरके का अत्यधिक सेवन करने से शरीर में पोटैशियम का स्तर कम हो जाता है, जो हृदय के लिए अच्छा नहीं है. इसके अलावा शरीर में रेनिन लेवल बढ़ जाता है, जिससे शरीर से समुचित मात्रा में पानी नहीं निकल पाता और शरीर में पानी की मात्रा बढ़ जाती है. इसके अलावा कई महीनों तक लगातार विनेगर का सेवन करने से हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं.

शादी है जन्मों का साथ, क्यों आउटडेटेड लगने लगी है ये बात? (Why Concept Of Timeless Marriage Is Getting Outdated?)

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प्यार (Love) का रिश्ता (Relationship) है इसके दायरे तय मत करो, मुहब्बत का सिलसिला है इसे महबूब के दिल में पनाह लेने दो… न एक पल, न एक घड़ी, न एक जनम… सदियों की दास्तान है ये, हर जनम का साथ है ये… कभी न भूलनेवाला फसाना है, जन्मों तक चलनेवाला अफ़साना है… ज़माना याद रखेगा यह बात, कभी न छूटेगा अपना ये हाथ.

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प्यार, मुहब्बत, चाहत से कहीं आगे बढ़कर सबसे पाक रिश्ता माना जाता है शादी का. शादी को हमारे समाज में काफ़ी महत्व दिया जाता है, क्योंकि यह हमारी ज़िंदगी बदल देता है. शादी को लेकर यही सोच आज भी है कि यह जन्म-जन्मांतर का रिश्ता है, इसीलिए लोग शादी में सारे अरमान पूरे कर लेना चाहते हैं, क्योंकि सभी यही कहते हैं कि शादी कोई रोज़-रोज़ थोड़ी होती है. लेकिन बदलते समय ने शादी को लेकर सोच भी बदली है. शादी को जन्मों का साथ न मानकर थोड़ा प्रैक्टिकली लेने लगे हैं. यही वजह है कि अब भारत में भी तलाक़ के मामलों में तेज़ी से इज़ाफ़ा होने लगा है.

एक नज़र इन आंकड़ों पर…

–     वर्ष 2003 से 2011 के बीच कोलकाता के फैमिली कोर्ट में तलाक़ के मामलों में 350 फ़ीसदी इज़ाफ़ा हुआ है.

–     वहीं मुंबई में साल 2010 से लेकर 2014 के बीच तलाक़ के मामले दोगुना हो गए.

–     भारत में 1.36 मिलियन लोग तलाक़शुदा हैं और सेपरेशन यानी अलग होनेवाले इससे तीन गुना अधिक हैं.

–     पुरुषों के मुक़ाबले महिलाओं की तादाद अधिक है- तलाक़शुदा में भी और सेपरेशन के मामलों में भी.

यह सच है कि भारत में भी अब दिन-ब-दिन तलाक़ के मामले तेज़ी से बढ़ते जा रहे हैं. यहां हम उन मामलों को चर्चा से अलग रखेंगे, जहां तलाक़ ही एकमात्र ऑप्शन रह जाता है रिश्ते में, क्योंकि कभी दहेज, कभी शोषण, तो कभी पति के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के चलते भी लड़कियां तलाक़ का रास्ता अपनाती हैं. लेकिन जहां हर छोटी-छोटी बात ही तलाक़ की वजह बनने लगे, वहां स्थिति सोचनीय हो जाती है. इन दिनों हर छोटी-छोटी बात पर रिश्ता तोड़ने का जो ट्रेंड बन गया है, उसके परिणाम बेहद गंभीर व घातक होते हैं. कम उम्र में ही डिप्रेशन, स्ट्रेस, अकेलापन, सायकोलॉजिकल प्रॉब्लम्स व अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण अपनी ज़िंदगी को बेहद ग़मगीन व कठिन बना लेते हैं.

ऐसे में यह सवाल उठना लाज़िमी है कि अगर शादी जन्मों का साथ है, तो आख़िर क्यों आउटडेटेड लगने लगी है अब ये बात? महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं. एक समय था जब न महिलाएं अधिक शिक्षित होती थीं और न ही आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर. लेकिन समय के साथ-साथ सब कुछ बदल रहा है. अब वो शिक्षित व आत्मनिर्भर ही नहीं, बल्कि अपने अधिकारों के प्रति सजग भी हैं. यही वजह है कि वो अब शोषण व अत्याचार सहने की बजाय ठोस क़दम उठाना बेहतर समझती हैं.

पैरेंट्स का मिलता है सपोर्ट

पहले के समय में महिलाओं के लिए शादी के बाद पैरेंट्स के घर लौट जाना भी लगभग नामुमकिन था, पर अब पैरेंट्स भी सपोर्ट करते हैं और सही-ग़लत का निर्णय लेने में बेटियों को सहयोग देते हैं.

मर्ज़ी के ख़िलाफ़ शादी होना

कई बार घरवालों के दबाव में आकर भी लड़के-लड़कियां शादी कर लेते हैं, लेकिन इस तरह की शादियों में स्वीकृति कम और तक़रार अधिक होती है. इस तरह की शादियों का अंत भी तलाक़ के रूप में अधिक होता है.

ससुराल में न निभ पाना

आपसी अनबन, सास-ससुर व बहू के बीच या फिर ननद के साथ सामंजस्य न बैठना भी एक बड़ी वजह है शादियां टूटने की. रोज़ ताने सुनना, लड़ाई-झगड़े, शिकवे-शिकायत… इन सबसे हर कोई परेशान होता है और फिर यही बेहतर समझा जाता है कि ख़राब रिश्ते में रहने व सब कुछ सहने से बेहतर है कि अलग हो जाया जाए.

नई जनरेशन की बदलती सोच

आजकल हर चीज़ से अधिक महत्व फन और एंजॉयमेंट को देने लगे हैं लोग. उन्हें लगता है एक ही तो लाइफ है, क्यों इसे बेकार के झगड़ों या कमिटमेंट में बांधकर ज़ाया किया जाए. अगर नहीं निभ पा रही, तो अलग हो जाओ.

शादी के असली अर्थ व रिश्ते की गंभीरता को न समझना

शादी एक ज़िम्मेदारी है, साथ ही यह एक ख़ूबसूरत बंधन भी है, पर आजकल कोई बंधना नहीं चाहता. रिश्ते में रहकर भी सबको आज़ादी चाहिए अपनी मर्ज़ी से जीने की, जो संभव नहीं.  जबकि शादी में त्याग-समर्पण करना ही पड़ता है. लेकिन इस तरह की भावनाएं आजकल आउटडेटेड लगती हैं. यही वजह है कि छोटी-छोटी बातें भी आजकल तलाक़ की वजहें बन जाती हैं.

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एडजेस्टमेंट्स न करना

आज सभी यह सोच रखते हैं कि हम आत्मनिर्भर हैं, तो हम अपने हिसाब से ज़िंदगी जीएंगे. किसी को किसी की सुनना या बात मानना ग़लत लगता है. सबके ईगो बड़े हो गए हैं. लोगों को लगता है कि हम क्यों किसी और के अनुसार अपनी ज़िंदगी जीएं और हम ही क्यों एडजेस्ट करें? ऐसे में एडजेस्टमेंट करने से कहीं आसान हमें अलग हो जाना लगता है.

ईगो भी एक बड़ी वजह है

कई बार लड़कों का ईगो, तो कई बार लड़कियों का भी ईगो रिश्ते को तोड़ देता है. पत्नी ज़्यादा कामयाब हो जाए या ज़्यादा कमाए, तो पति के साथ-साथ उसके घरवालों को भी समस्या होती है. कई बार लड़कियां ख़ुद यह सोचने लगती हैं कि मैं ज़्यादा कमाती हूं, तो भला मैं क्यों झुकूं. इन तमाम बातों का नतीजा तलाक़ के रूप में आगे आता है.

लाइफस्टाइल नहीं बदलना चाहते

अब यह बात आम हो गई है कि लोग शादी तो करते हैं, लेकिन अपनी शर्तों पर. शादी के बाद भी वो शादी से पहलेवाली ज़िंदगी ही जीना चाहते हैं. वही आज़ादी, वही बेपरवाही, वही अंदाज़… और जहां उन्हें लगता है कि उनकी आज़ादी या लाइफस्टाइल में उनकी शादी बेड़ी या बंधन बन रही है, वहीं उसे तोड़ने का निर्णय आसानी से ले लेते हैं.

सहनशीलता नहीं रह गई है

पहले हम छोटी-छोटी तक़रारों को इतना तवज्जो नहीं देते थे, पर अब वही बातें हमें बड़ी लगती हैं. हर बात पर हम हर्ट हो जाते हैं और हर बात हमारे स्वाभिमान का विषय बन जाती है. सहनशीलता बेहद कम हो गई है. कुछ बातों को नज़रअंदाज़ करके हम अपना रिश्ता बचाए रख सकते हैं, पर वो कोई करना ही नहीं चाहता.

रिश्ता बचाने की उम्मीद व ज़िम्मेदारी आज भी लड़कियों पर ही है

भले ही समय व समाज बदल रहा है, पर आज भी रिश्ता बनाए रखने व उसमें बने रहने के लिए समझौते करने की अपेक्षा महिलाओं से ही की जाती है. पुरुष आज भी इस दायरे से बाहर हैं. आज भी महिलाएं ही प्रयास करती हैं कि पार्टनर या ससुरालवालों की कुछ बातों को इग्नोर करके रिश्ता बच जाए, तो कोई हर्ज़ नहीं, पर इस तरह के प्रयास ससुरालपक्ष या पति की तरफ़ से आज भी कम ही होते हैं. यह भी बड़ी वजह है कि लड़कियों को कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं.

पुरुषों पर आज भी दबाव कम है

महिलाएं घर-बाहर दोनों संभालती हैं, तो उनसे यह कहा जाता है कि तुम्हारी चॉइस है. ऐसे में पुरुष आज भी ऑफिस के बाद घर आकर पैर पसारकर थककर आई पत्नी से चाय-नाश्ता मांगना अपना अधिकार ही समझते हैं. वहीं ससुराल में भी लोग यही सोचते हैं कि घर की बहू है, तो सारी ज़िम्मेदारी इसी की बनती है. घर के काम व अन्य ज़िम्मेदारियों का बंटवारा आज भी नहीं हुआ है. न पति या ससुरालवाले घर के कामों में लड़की की मदद करते हैं और न ही यह चाहते हैं कि वो जॉब छोड़कर स़िर्फ घर ही संभाले. ऐसे में लड़कियां भी अब अपने अनुसार ़फैसले लेने से हिचकिचाती नहीं हैं.

करियर की बलि आज भी महिलाओं को ही देनी पड़ती है

फैमिली संभालने की बात हो और जहां करियर में बलि देने की बात हो, तो भले ही लड़की बेहतर कमा रही हो, समझौता उसे ही करना पड़ता है. ऐसा कम ही देखा गया है कि बात जब दोनों में से किसी एक के जॉब छोड़ने की ज़रूरत पर आती है, तो निर्णय लेने का आधार अधिक तनख़्वाह व बेहतर करियर बना हो. वहां सीधे तौर पर यही मान लिया जाता है कि लड़की ही जॉब छोड़ेगी. लड़का एडजेस्टमेंट नहीं करेगा. ऐसे में मजबूरी कहें या आत्मसम्मान, महिलाएं अलगाव का रास्ता भी चुनने से पीछे नहीं हटतीं.

शादी को कैज़ुअली लेना

यह जनरेशन शादी को बहुत कैज़ुअली लेती है. इस रिश्ते के प्रति सम्मान व गंभीरता आजकल नहीं दिखाई देती. समय में बदलाव के साथ रिश्तों के मायने तो बदल रहे हैं, पर इन बदलावों के चलते लोग शादी जैसे रिश्ते को भी हल्के में ही लेने लगे हैं कि अगर चली, तो ठीक है, वरना अलग हो जाएंगे. उन्हें यह सब सिंपल और आसान लगता है.

कैसे बचाएं रिश्ते को?

–     शादी की गंभीरता को समझें और जब तक आप इसके लिए पूरी तरह तैयार न हों, तब तक शादी न करें.

–     रिश्तों को कैज़ुअली न लें और शादी के प्रति भी कैज़ुअल अप्रोच से बचें.

–     शादी ज़िम्मेदारी है, यह फन मेकिंग या ग्लैमरस चीज़ नहीं है. यथार्थ को समझें और रिश्ता निभाने के लिए ही रिश्ता बनाएं.

–     अपनी मानसिकता बदलें. रिश्तों और पार्टनर का सम्मान करें.

–     हर छोटी बात को ईगो का विषय न बनाएं. ग़लतियों को माफ़ करना और ग़लती होने पर माफ़ी मांगना भी सीखें.

–     छोटे-छोटे विवादों को झगड़े का रूप न दें.

–     सहन करना, एडजस्ट करना शादी की डिमांड होती है. इसे समझें.

–     अगर आपकी ग़लती नहीं भी है, तो भी पहल करने में हर्ज़ नहीं. रिश्ते को बचाने में अगर आपकी पहल काम आ सकती है, तो अपने ईगो की ख़ातिर पहल करने से पीछे न हटें.

–     अलग होने के बाद भी ज़िंदगी आसान नहीं होती, गंभीरता से हर पहलू पर विचार करें.

–     पार्टनर एक-दूसरे का सम्मान करें. आपस में एक-दूसरे के प्रति सम्मान हर रिश्ते में ज़रूरी होता है.

–     रिश्तों को बार-बार बदला नहीं जा सकता. यह इतना आसान नहीं होता. भले ही आप कितने भी प्रैक्टिकल क्यों न हों, रिश्ता टूटने पर दर्द सभी को होता है.

–     कम्यूनिकेट करें. कितनी भी गंभीर समस्या हो, बातचीत का रास्ता सबसे पहले होना चाहिए और वो बेहद ज़रूरी भी है. आपस में बातचीत करें और उसके बाद तय करें कि क्या करना है.

– गीता शर्मा

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दबाव नहीं, प्रेरणा ज़रूरी (Don’t Pressurize, Rather Encourage Your Children)

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Encourage Your Children

किसी भी काम को करवाने के लिए बच्चों (Children) को सज़ा या लालच देने की बजाय उन्हें प्रेरणा दी जाए तो उसके परिणाम बेहतर होंगे. उन्हें डराने-धमकाने से बात नहीं बनने वाली. बच्चों, ख़ासतौर पर टीनएज बच्चों की सही तरी़के से परवरिश के लिए पैरेंटिंग के कुछ मूल मंत्रों का ज्ञान होना ज़रूरी है.

क्या आपका बच्चा भी अपनी उम्र के पहले या दूसरे दशक से गुज़र रहा है? क्या आपको उसे ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिए रास्ता दिखाने में परेशानी होती है? क्योंकि वो कुछ सुनना या समझना नहीं चाहता? वास्तव में यह उम्र बच्चों के लिए काफ़ी उथल-पुथल भरी होती है. वे कई तरह के शारीरिक व मानसिक बदलावों से गुजर रहे होते हैं. वे अपनी पहचान तलाश रहे होते हैं. इसलिए उन्हें अपनी बातें सही लगती हैं और बाक़ी दुनिया ग़लत. दूसरी तरफ़ अभिभावक चाहते हैं कि बच्चे उनकी बात सुनें. इसके लिए वे उन्हें कभी लालच देते हैं, तो कभी सज़ा. लेकिन ये तरी़के सही नहीं हैं. आपको कुछ ऐसे तरी़के अपनाने होंगे, जिनसे वे ख़ुद ही चीज़ों को करने के लिए प्रेरित हों.

कमियां निकालने की बजाय उसकी प्रशंसा करें

यदि आप बच्चे को सही मायने में प्रोत्साहित करना चाहते हैं तो उस पर अपनी मर्ज़ी न थोपें. आपका बच्चा जो कुछ भी हासिल करता है, उस पर गर्व करना बहुत ज़रूरी है. उदाहरण के लिए यदि आपके बेटे ने डांस क्लास में अच्छा प्रदर्शन किया है, तो उसकी प्रशंसा करें. ऐसे ही अगर बेटी कुछ आर्ट में रुचि दिखाती है तो उसकी सराहना करें.

जबरन बहुत सारी गतिविधियों का हिस्सा न बनाएं

बच्चों को कुछ समय के लिए फ्री भी रहने दें. वैसे भी वे स्कूल में काफ़ी व्यस्त रहते हैं. वे भी ख़ुद के लिए समय चाहते हैं. उन्हें ढेर सारी गतिविधियों का हिस्सा न बनाएं. किसी भी गतिविधि का हिस्सा बनाने से पहले बच्चों की क्षमता को समझें. ऐसा करने से बच्चा भी ख़ुश रहेगा.

निर्णय लेने का मौक़ा दें

बच्चों का सही विकास तभी हो सकता है, जब वे अपने फ़ैसले ख़ुद लेना सीखते हैं. अगर आपकी बेटी ड्रॉइंग सीखना चाहती है और आप चाहते हैं कि वह डांस सीखे तो बेहतर होगा कि उसे मन-मुताबिक़ ड्रॉइंग ही सीखने दें, क्योंकि निर्णय थोपने से वो मन मारकर काम करेगी और आपको मनचाहा परिणाम नहीं मिलेगा.

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हार को स्वीकार करना सिखाएं

बच्चों को अपनी हार स्वीकारना सिखाएं. उन्हें हारने से डराने की बजाय डटकर लड़ने और हर तरह की परिस्थिति का सामना करने के गुर सिखाएं. उनसे कहें कि चिंता मत करो, जीवन में आगे बढ़ने के और भी मौ़के मिलेंगे.

दूसरों से तुलना न करें

हर बच्चा अपनेआप में अलग होता है और हर बच्चे की सीखने और आगे बढ़ने की गति अलग-अलग होती है. ज़रूरी नहीं कि आपके दोस्त के बच्चे की तरह ही आपका बच्चा भी क्लास में अव्वल आए. हो सकता है आपके बच्चे में कोई ऐसा गुण हो, जो उसके बाक़ी साथियों में न हो. अतः दूसरों से अपने बच्चे की तुलना न करें.

प्रेरणास्रोत बनें

बच्चे अपने माता-पिता को बहुत ध्यान से देखते हैं. अगर आप अपने बच्चे से कुछ चाहते हैं तो उसे स़िर्फ बताने की बजाय करके दिखाएं. बच्चे देखकर ज़्यादा सीखते हैं.  आप जिस तरह का व्यवहार करेंगे, बच्चा वही सीखेगा. अतः आप बच्चे को जैसा बनाना चाहते हैं, वैसा ख़ुद बनकर दिखाएं. अपने बच्चे की भावनाओं को समझें. ऐसा करने पर वो भी आपकी इच्छाओं का सम्मान करेगा.

– शिल्पी शर्मा

अधिक पैरेंटिंग टिप्स के लिए यहां क्लिक करेंः Parenting Guide

दीपिका ख़ुशी से कर रही हैं मूनवॉक, जानिए वजह ( Deepika Padukone does Michael Jackson’s iconic moonwalk)

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यह साल दीपिका पादुकोण के लिए यादगार रहा. साल की शुरुआत में ही उन्होंने पद्मावत जैसी हिट फिल्म दी. फिल्म ने 300 करोड़ से अधिक का बिज़नेस किया. साल का अंत वे शादी के बंधन में बंधकर कर रही हैं . 6 साल डेट करने के बाद उन्होंने इटली के लेक कोमो में रणवीर सिंह के साथ शानदार तरीक़े से शादी की और फिर बैंग्लोर व मुंबई में रिसेप्शन रखकर जीवन के सबसे अनमोल क्षणों को और स्पेशल बना दिया. पार्टियों और इवेंट्स को ख़त्म करने के बाद दीपिका जल्द ही अगली फिल्म की शूटिंग शुरू कर देंगी. उससे पहले उनके लिए एक और ख़ुशख़बरी आई है.

दरअसल, इंस्टाग्राम पर दीपिका पादुकोण के 3 करोड़ से ज़्यादा फॉलोवर्स हो गए हैं. ऐसे में दीपिका ने अपने फॉलोवर्स का शुक्रिया कहा है और एक पोस्ट भी लिखा है. पोस्ट किए गए वीडियो में दीपिका मूनवॉक डांस करती दिख रही हैं. उन्होंने लिखा कि ‘3 करोड़ होने पर मूनवॉक डांस, इसके लिए आभार.’

 

काम की बात करें तो दीपिका पादुकोण जल्द ही डायरेक्टर मेघना गुलजार की फिल्म छपाक की शूटिंग शुरू करने वाली हैं. फिल्म में वो एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल का रोल निभाने जा रही हैं. दीपिका ने हाल ही में एक ट्वीट के जरिए लिखा कि छपाक को लेकर वो काफ़ी एक्साइटेड हैं. ये कहानी एक एसिड अटैक पीड़िता पर बेस्ड है जिसे मेघना गुलजार डायरेक्ट करने वाली हैं. फिल्म में दीपिका पादुकोण के अपोजिट विक्रांत मैसी होंगे. इससे पहले तक इस रोल के लिए राजकुमार राव के नाम की चर्चा थी. फिल्म की शूटिंग अगले साल दिल्ली में शुरू होगी. बता दें कि पद्मावत के बाद दीपिका इस फिल्म से पर्दे पर दोबारा दिखेंगी.

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Movie Review: पैसा वसूल फिल्म है सिम्बा ( Movie Review Of Simba)

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फिल्म – सिम्बा

निर्देशक– रोहित शेट्टी

कलाकार – रणवीर सिंह, सारा अली ख़ान, अजय देवगन, आशुतोष राणा, सोनू सूद, सिद्धार्थ जाधव

रेटिंग- 3.5

लंबे इंतज़ार के बाद आख़िरकार फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है. यह रोहित शेट्टी की अन्य फिल्मों की तरह एक टोटल मसाला फिल्म है. जिसमें दर्शकों के मनोरंजन के लिए डांस, मस्ती, ड्रामा, ऐक्शन, कॉमेडी सबकुछ मौजूद है. रोहित शेट्टी ने फिल्म को इंटरटेनिंग बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. फिल्म का फर्स्ट हाफ बेहद मनोरंजक है, सेकेंड हाफ में स्टोरी थोड़ी ऑफ न ट्रैक जाती दिखी है, लेकिन बाद में रोहिट शेट्टी ने उसे पटरी पर ला दिया है. फिल्म का क्लाइमैक्स जानदार है. 

कहानी
 पुलिस इन्स्पेक्टर संग्राम भालेराव (रणवीर सिंह) एक भ्रष्ट ऑफिसर है, उसका तबादला गोवा में हो जाता है. लेकिन रणवीर सिंह को ये हिदायत मिलती है कि वो जो कुछ करना चाहे कर सकता है पर गोवा के दबंग बाहुबली धुर्वा रानाडे (सोनू सूद) के रास्ते नहीं आना है क्योंकि धुर्वा रानाडे किसी को छेड़ता नहीं पर कोई उसके रास्ते आए तो वो किसी को छोड़ता नहीं. पुलिस स्टेशन के ठीक सामने शगुन (सारा अली ख़ान) लोगों को खाना खिलाने यानि टिफिन बनाने का व्यसाय करती है. लेकिन जब भालेराव की निगाहें शगुन से मिलती है तो दोनों में प्यार हो जाता है. कहानी में ट्वीस्ट तब आता है जब भालेराव की मुंह बोली बहन आकृति,धुर्वा रानाडे के ड्रग्स के व्यापार का भांडा फोड़ना चाहती पर उसका बलात्कार कर हत्या कर दी जाती है. अब क्या भालेराव अपनी बहन का बदला बाहुबली धुर्वा रानाडे से ले पाता है? आख़िर सिंघम अजय देवगन की एंट्री किस जगह और क्या ख़ास काम करने के लिए होती है? इन सवालों के जवाब के लिए आपको ‘सिम्बा’ फिल्म देखने जाना होगा.

ऐक्टिंग 
रणवीर सिंह को फिल्म की जान कहें, तो ग़लत न होगा. उनकी चाल-ढाल, लुक, संवाद अदायगी और ऐक्शन का अंदाज दर्शकों को सीटियां बजाने पर मजबूर कर देता है. सारा अली ख़ान रणवीर के साथ ख़ूब जमी हैं, मगर उन्हें पर्दे पर ज्यादा समय दिखने का मौका नहीं मिला. धुर्वा रानाडे की भूमिका को सोनू सूद ने बहुत ही कमाल के अंदाज में निभाया है. उन जैसा पावरफुल विलन रणवीर जैसे हीरो को ख़ूब टक्कर देता नज़र आया है. ईमानदार पुलिस अफसर की भूमिका में आशुतोष राणा ने यादगार परफॉर्मेंस दी है. ठीक उसी तरह सिद्धार्थ जाधव ने दर्शकों का अच्छा मनोरंजन किया है. सहयोगी कास्ट भी शानदार हैं.

निर्देशन
 रोहित शेट्टी ने इस फिल्म में भी अपनी स्टाइल दिखाई है. कलरफुल स्क्रीन, कॉस्ट्यूम, मराठी टोन वाले संवाद, गाड़ियों का कमाल, कॉमेडी, सभी पर अंत तक पकड़ रही. रोंगटे खड़े करने वाले ऐक्शन दृश्य रोहित शेट्टी की स्ट्रेंथ होते हैं, जो यहां भी फिल्म को मजबूती प्रदान करते हैं.

म्यूज़िक
फिल्म के गाने पहले से लोगों की जुबान पर चढ़े हुए हैं. आंख मारे,  ‘तेरे बिन’ और ‘आला रे आला’  ख़ूब पसंद किए जा रहे हैं.

कमी
फिल्म की कहानी और बेहतर हो सकती थी. कुला मिलाकर फिल्म एक बार देखने लायक है.

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Personal Problems: किन कारणों से महिलाओं के हार्मोंस असंतुलित होते हैं? (What Are The Reasons For Hormonal Imbalance In Women?)

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मैं 29 वर्षीया कामकाजी महिला (Working Women) हूं. मैं जानना चाहती हूं कि किन कारणों से महिलाओं के हार्मोंस असंतुलित (Hormonal Imbalance) होते हैं. कृपया, मार्गदर्शन करें.
 
– नैना देसाई, गुड़गांव.

 

महिलाओं में हार्मोंस असंतुलन के कई कारण हो सकते हैं. अक्सर यह ऑर्गैनिक या स्ट्रेस से जुड़े डिसऑर्डर्स के कारण होता है. अब आपका ही केस ले लें, कामकाजी होने के कारण ऑफिस और घर की दोहरी ज़िम्मेदारियों के कारण अक्सर आप तनाव में रहती होंगी. लगातार तनाव का असर आपके नर्वस सिस्टम पर पड़ता है, जो आपके पीरियड्स को प्रभावित करता है. इसके अलावा जिन महिलाओं में एनोरेक्सिया नर्वोसा या बुलिमिया जैसे ईटिंग डिसऑर्डर्स होते हैं, उनके हार्मोंस भी असंतुलित रहते हैं. साथ ही एथलीट्स या डांसर्स, जो बहुत ज़्यादा एक्सरसाइज़ या वर्कआउट करते हैं, उनके हार्मोंस भी असंतुलित हो सकते हैं.

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 Hormonal Imbalance In Women
मेरी कज़िन 16 साल की है और 13 साल की उम्र से ही उसके पीरियड्स शुरू हो गए थे, पर पिछले एक साल से उसके पीरियड्स अनियमित हैं. क्या यह सामान्य है?
– प्रिया सेठी, बरेली.

 

आमतौर पर 12 से 14 साल की उम्र में लड़कियों के पीरियड्स शुरू हो जाते हैं, पर पीरियड्स को नियमित होने में कुछ साल लग जाते हैं. इस अवस्था को हाइपोथैलामिक पिट्यूटरी ओवेरियन एक्सिस डिस्फंक्शन कहते हैं. इस उम्र में ज़्यादातर लड़कियां अपने वज़न को लेकर काफ़ी सचेत रहती हैं, इसलिए अंडरवेट और ओवरवेट दोनों ही तरह की लड़कियों के पीरियड्स पर इसका प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा अगर कोई बहुत ज़्यादा एक्सरसाइज़ करती है या उसे पॉलिसिस्टिक ओवरीज़ या थायरॉइड जैसे हार्मोनल प्रॉब्लम्स हैं, तो भी उसके पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं.

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Dr. Rajshree Kumar
डॉ. राजश्री कुमार
स्त्रीरोग व कैंसर विशेषज्ञ
rajshree.gynoncology@gmail.com

 

 

 

 

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10 बॉलीवुड एक्ट्रेस ने पहना सबसे महंगा शादी का जोड़ा (10 Most Expensive Wedding Dress of Bollywood Actresses)

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10 बॉलीवुड एक्ट्रेस (Bollywood Actresses) ने पहना सबसे महंगा शादी का लहंगा (Wedding Dress) और इनके लहंगे की कीमत सुनकर दंग रह जाएंगी आप. दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone), अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma), ऐश्‍वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan), करीना कपूर  ख़ान (Kareena Kapoor Khan),शिल्पा शेट्टी (Shilpa Shetty), सोनम कपूर (Sonam Kapoor), नेहा धूपिया (Neha Dhupia) जैसी ख़ूबसूरत बॉलीवुड एक्ट्रेस ने अपनी शादी के समय लाखों रुपए का लहंगा पहना. आइए, हम आपको बताते हैं बॉलीवुड की उन 10 एक्ट्रेसेस के बारे में, जिन्होंने अपनी शादी में सबसे महंगा लहंगा पहना.

Wedding Dress of Bollywood Actresses

 

1) दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) 
दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की शादी इस साल की सबसे चर्चित शादी रही. दोनों के वेडिंग लुक की भी ख़ूब तारी़फें हुईं. दीपिका पादुकोण ने अपनी शादी के दिन सब्यासाची का रेड कलर का लहंगा पहना था, जिसकी कीमत थी लगभग 97 लाख रूपए. इस लहंगे में दीपिका पादुकोण किसी राजकुमारी से कम सुंदर नहीं लग रही थी.

Wedding Dress of Deepika

2) अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma)
अनुष्का शर्मा ने इसी साल भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली से शादी की. इस शादी ने भी खूब सुर्खियां बटोरी. अनुष्का शर्मा ने अपनी शादी के दिन सब्यासाची का पिंक कलर का लहंगा पहना था, जिसकी कीमत थी लगभग 95 लाख रूपए. सब्यासाची के इस लहंगे में अनुष्का शर्मा किसी परी से कम नहीं लग रही थीं.

Wedding Dress of Anushka Sharma

3) ऐश्‍वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan)
मिस यूनिवर्स ऐश्‍वर्या राय की शादी जब बिग बी अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन से हुई, तो हर कोई उनकी एक झलक पाने के लिए बेताब था. ऐश्‍वर्या-अभिषेक की शादी बिल्कुल शाही अंदाज़ में हुई. ऐश्‍वर्या ने अपनी शादी में नीता लुल्ला की डिज़ाइन की हुई यलो और गोल्डन कलर की ट्रेडिशनल कांजीवरम साड़ी पहनी थी, जिसकी कीमत लगभग 75 लाख रुपए थी.

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Wedding Dress of Aishwarya Rai

4) करीना कपूर  ख़ान (Kareena Kapoor Khan)
बोल्ड-बिंदास बेबो उर्फ करीना कपूर ने जब नवाब फैमिली के शहज़ादे सैफ अली खान से शादी की, तो करीना का ब्राइडल लुक देखने के लिए हर कोई बेताब था. करीना कपूर ने अपनी शादी के फंक्शन में मनीष मल्होत्रा का डिज़ाइन किया हुआ जो मैरून और बरगंडी कलर का लहंगा पहना था, उसकी कीमत 50 लाख रुपए थी.

Wedding Dress of Kareena Kapoor

5) शिल्पा शेट्टी (Shilpa Shetty)
शिल्पा शेट्टी ने अपने विदेशी वॉयफ्रेंड बिज़नेसमैन राज कुंद्रा से शादी की और शिल्पा का ब्राइडल लुक भी बहुत शाही था. शिल्पा शेट्टी ने अपनी शादी में जो साड़ी पहनी थी, उसकी कीमत लगभग 50 लाख रुपए थी.

Wedding Dress of Shilpa Shetty

6) जेनेलिया डिसूज़ा (Genelia D’Souza)
क्यूट जेनेलिया डिसूज़ा और रितेश देशमुख की शादी भी बहुत धूमधाम से हुई. जेनेलिया डिसूज़ा ने अपनी शादी में नीता लुल्ला की साड़ी पहनी थी, जिसकी कीमत लगभग 17 लाख रुपए थी.

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Wedding Dress of Genelia D'Souza

7) सोनम कपूर (Sonam Kapoor)
इस साल की पॉप्युलर शादियों में सोनम कपूर की शादी भी एक थी और सोनम का वेडिंग लुक भी ख़ूब सुर्खियों में रहा. सोनम कपूर ने अपनी शादी में 7 लाख रुपए का लहंगा पहना था.

Wedding Dress of Sonam Kapoor

8) उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondkar) 
उर्मिला मातोंडकर ने अपनी शादी में मनीष मल्होत्रा का रेड कलर का लहंगा पहना था, जिसकी कीमत 5.5 लाख रुपए थी.

Wedding Dress of Urmila Matondkar

9) नेहा धूपिया (Neha Dhupia)
एक्ट्रेस नेहा धूपिया ने अपनी शादी को बिल्कुल सीक्रेट ही रखा था. नेहा धूपिया ने अपनी शादी में जो ख़ूबसूरत पिंक लहंगा पहना था, उसकी कीमत 5.2 लाख रुपए थी.

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Wedding Dress of Neha Dhupia

10) बिपाशा बसु (Bipasha Basu)
बंगाली बाला बिपाशा बसु और करण सिंह ग्रोवर का वेडिंग लुक भी ख़ूब पसंद किया गया. बिपाशा बसु ने अपनी शादी में सब्यासाची का वेडिंग ड्रेस पहना था, जिसकी कीमत लगभग 4 लाख रुपए थी.

Wedding Dress of Bipasha Basu

 

5 स्टाइलिश अंदाज़ में पहनें साड़ी, देखें वीडियो:

 

बर्थडे से जानें लव मैरिज होगी या अरेंज मैरिज (Love Or Arranged Marriage: Your Birthdate Can Predict)

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Love Or Arranged Marriage

अपनी शादी (Marriage) को लेकर हर किसी के मन में बेहद उत्सुकता रहती है. यहां पर हम जन्म के अंकों यानी न्यूमरोलॉजी (Numerology) के आधार पर बता रहे हैं कि आपका प्रेम विवाह (Love Marriage) होगा या आप परिवार की सहमति से शादी (Arranged Marriage) करेंगे. इस विषय में ज्योतिषाचार्य व वास्तुशास्त्री पं. राजेंद्रजी ने हमें कई उपयोगी जानकारियां दीं. आइए, इस दिलचस्प तथ्य पर एक नज़र डालते हैं.

* यदि आपके जन्म का अंक एक है, तो आपकी अरेंज मैरिज होने की संभावनाएं अधिक हैं. चूंकि आप थोड़े संकोची व शर्मीले नेचर के हैं. इस कारण प्यार के मामले में आगे नहीं बढ़ पाते हैं, इसलिए आपके लव मैरिज होने की गुंजाइश नहीं है.

* दो नंबरवाले लोग बुद्धिमान व प्रेमी स्वभाव के होते हैं. इनकी भरसक कोशिश रहती है कि वे जिससे प्यार करते हैं, उसी से शादी करें. इनमें एक और ख़ास बात यह रहती है कि वे प्यार के मामले में दूरदर्शी होते हैं. बहुत सोच-विचार कर ही प्यार की दुनिया में क़दम रखते हैं. इनके लिए प्यार से बढ़कर कुछ नहीं होता है, अत: ये प्रेम विवाह ही करते हैं.

* तीन नंबरवाले शख़्स की ख़ासियत यह है कि इनका प्यार कामयाब रहता है. प्रेम में इनका अटूट विश्‍वास होता है. कभी-कभी इनके लिए प्यार ईश्‍वर का रूप भी बन जाता है. प्यार को लेकर इनका जुनून, विश्‍वास इनके प्रेम विवाह को सफल बनाता है.

* चार नंबरवाले थोड़े मस्त व रंगीन स्वभाव के होते हैं. इनके जीवन में प्रेम कई बार कई रूप में आता है. कई बार ये थोड़े असमंजस में भी आ जाते हैं कि लव मैरिज करें या अरेंज मैरिज. वैसे भी प्यार के मामले में थोड़े चंचल भी होते हैं अर्थात् प्यार को लेकर उतनी गंभीरता व मैच्योरिटी नहीं होती, जितनी होनी चाहिए. इसलिए यदि ये लव मैरिज कर भी लेते हैं, तो भी शादी के बाद भी इनके कई संबंध बनने की संभावनाएं रहती हैं. कह सकते हैं कि थोड़े फ्लर्ट क़िस्म के होते हैं. लेकिन अधिकतर इनकी लव मैरिज ही होती है.

* पांच नंबरवाले लोग परंपरागत तरी़के से विवाह करने में विश्‍वास रखते हैं. इनके लिए घर-परिवार, बड़ों की आज्ञा, मान-प्रतिष्ठा काफ़ी मायने रखती है. ज़िंदगी के हर महत्वपूर्ण कार्य में बड़ों की रज़ामंदी लेना नहीं भूलते, इसलिए इनके प्रेम विवाह करने के आसार बहुत कम होते हैं. परिवार की अनुमति और पसंद ही इनके लिए स्वीकार्य है यानी ये अरेंज मैरिज करते हैं.

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* प्यार की नींव विश्‍वास व समर्पण पर होती है, ख़ासकर जब वो रिश्ते के बंधन में बंधते हैं. यहीं पर छह नंबरवाले व्यक्ति डांवाडोल हो जाते हैं. ये अपने रिश्ते में स्थिर नहीं रह पाते. ये प्यार तो करते हैं, पर एक के प्रति वफ़ादार नहीं रह पाते. इनके कइयों के साथ संबंध बनते हैं. इस कारण कई बार ये अपने रिश्ते को भी बचा नहीं पाते.

* सात फेरे, सात वचन की तरह सात नंबरवाले रिश्ते में ईमानदार और वफ़ादार होते हैं. मूल रूप से शर्मीले स्वभाव के होने के कारण अपने दिल की बात खुलकर नहीं कर पाते. अक्सर किसी के प्रति झुकाव होने के बावजूद ये कह नहीं पाते. दिल की बात दिल में ही रह जाती है. लेकिन एक बात तय है कि चाहे ये अरेंज मैरिज करें या फिर संभावित रूप से लव मैरिज हो, ये पार्टनर के साथ वफ़ादार रहते हैं. एक सच्चे जीवनसाथी की तरह रिश्ते को पूरी ईमानदारी के साथ जीवनभर निभाते हैं.

* जिनका जन्म आठ तारीख़ को होता है, ये यूं तो अरेंज मैरिज ही करते हैं. फिर भी यदि संयोगवश किसी से प्यार हो जाता है, तो प्रेम विवाह करने से भी कतराते नहीं है. अपनी समझदारी और सरलता के कारण ये दोनों ही तरह के रिश्तों को यानी अरेंज  मैरिज व लव मैरिज दोनों में ही कामयाब रहते हैं.

* नौ नंबरवाले लोग प्यार के मामले में नौ दो ग्यारह यानी दूर ही रहने में भलाई समझते हैं. इन्हें प्यार करना ही सही नहीं लगता, क्योंकि इनका यह मानना है कि इस राह में ख़ुशी की जगह ग़म अधिक होते हैं. और रिश्ते में ये कोई रिस्क नहीं लेना चाहते. अत: ये अरेंज मैरिज ही करते हैं.

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शादी को लेकर हर किसी के अपने कुछ अरमान होते हैं. आइए, जानते हैं किस राशिवाले लोग किस तरह शादी करने में यक़ीन रखते हैं.

* मेष राशिवाले लोग पार्टी, धूमधाम और फन के साथ विवाह करने में विश्‍वास रखते हैं.

* वृषभवाले परंपरागत शादी करते हैं और शाही को अधिक महत्व देते हैं.

* मिथुन राशि के शख़्स शादी के हर पल का भरपूर लुत्फ़ उठाते हैं. इनके लिए शादी फेस्टिवल और जश्‍न की तरह होती है.

* सिंपल तरी़के से मैरिज करना कर्क राशिवालों की पहचान होती है. इसी के साथ अपनों के साथ थोड़ा धूमधड़ाका भर कर लेते हैं.

* पूरी प्लानिंग और राजसी ठाट के साथ विवाह करने में यकीन रखते हैं सिंह राशिवाले. रॉयल स्टाइल में सभी कार्यक्रम करना इनकी ख़ासियत होती है.

* जीवन में हर काम सही ढंग से करने में विश्‍वास रखनेवाले कन्या राशिवाले अपनी शादी को भी सुनियोजित व परफेक्शन के साथ करते हैं, फिर चाहे वो ख़ुद की, घर की साज-सज्जा हो या बैंड-बाजा-बरात.

* तुला राशिवाले संतुलित विवाह को अहम् मानते हैं. इसके बावजूद थोड़ी उथल-पुथल हो ही जाती है. ये हक़ीक़त से अधिक ख़्वाबों की दुनिया में अधिक रहते हैं. शादी को लेकर भी सपनों के राजकुमार या ख़्वाबों की शहज़ादीवाली भावनाएं और सोच इनकी होती है. इस कारण कई बार इन्हें अनचाही मुसीबतों का भी सामना करना पड़ता है.

* शादी जीवन में एक बार और यादगार होनी चाहिए, कुछ इस तरह की सोच रहती है वृश्‍चिक राशिवालों की. इनकी यही चाह रहती है कि शादी के अरेंजमेंट से लेकर विदाई तक सब कुछ लाजवाब हो.

* अपनी सुविधा के अनुसार घर से दूर और मनोेरंजन से भरपूर मैरिज करना धनु राशिवालों का उद्देश्य होता है. इनकी शादियां लोगों को ख़ास पसंद आती हैं.

* हर रस्म-रिवाज़ के साथ, परंपरागत और सिंपल तरी़के से शादी करना मकर राशिवालों की विशेषता होती है. शादी से जुड़ा हर कार्यक्रम और रस्म वे पारिवारिक परंपरा के अनुसार निभाते हुए करना पसंद करते हैं.

* मकर राशि से एकदम विपरीत होते हैं कुंभ राशिवाले. इनके लिए मैरिज से जुड़ा हर कार्य आधुनिक ढंग से होना चाहिए. ये मॉडर्निटी से ख़ासे प्रभावित रहते हैं.

* इसमें कोई दो राय नहीं कि मीन राशिवाले थोड़े फिल्मी होते हैं, इसलिए अपनी शादी को भी वही अंदाज़ देना चाहते हैं. प्यार की रोमानियत से भरपूर यादगार शादी होती है इनकी.

– ऊषा गुप्ता

कादर ख़ान की तबियत नाज़ुक, अमिताभ बच्चन हुए इमोशनल (Kader Khan in Critical Condition)

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वेटेरन एक्टर कादर ख़ान (Kader Khan) की तबियत (Health) बेहद खराब है. वे कनाडा के अस्पताल में भर्ती हैं, जहां डॉक्टर्स उनकी जान बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. आपको बता दें कनाडा ने कादर ख़ान अपने बड़े बेटे सरफराज़ के साथ रहते हैं.

Kader Khan

Kader Khan

रिपोर्टों के मुताबिक, कादर ख़ान को सांस लेने में दिक्कत आने की शिकायत के बाद BiPAP ventilator पर रखा गया था. लेकिन अब उन्हें  BiPAP ventilator से हटा दिया गया है और Valve Oxygen पर रखा गया है ताकि उन्हें ज़्यादा से ज़्यादा ऑक्सीज़न मिल सके, लेकिन इतना ऑक्सीजन देने के बावजूद उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है.   बताया जा रहा है कि कादर ख़ान ने बातचीत भी बंद कर दी है. कादर ख़ान की तबियत के बारे में जानने के बाद बॉलीवुड एक्टर अमिताभ बच्चन  ने उनके लिए इमोशनल पोस्ट भी लिखी है.

कादर ख़ान के फैन्स सोशल मीडिया पर उनकी खैरियत की दुआएं भी मांग रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि जल्दी ठीक हो जाओ कॉमेडी किंग. इस तरह के ढेरों मैसेज सोशल मीडिया पर आ रहे हैं.

गौरतलब है कि कादर ख़ान को प्रोग्रेसिव सुपरन्यूक्लियर पाल्सी (पीएसपी) की तकलीफ है. कादर ख़ान की 2017 में घुटने की सर्जरी भी हुई थी. वे  अक्टूबर, 2015 में जोड़ों के दर्द और डायबिटीज के लिए इलाज के लिए हरिद्वार स्थित बाबा रामदेव के आश्रम गए थे.

कादर ख़ान ने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया है, वह कई फिल्मों के स्क्रीनप्ले राइटर भी रह चुके हैं और जैसा कि अमिताभ बच्चन ने अपने पोस्ट में लिखा भी है कादर ख़ान गणित के अच्छे टीचर भी रह चुके हैं और उन्होंने कुछ समय तक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाया भी है. आपको याद दिला दें कि कादर ख़ान को फिल्म ‘मेरी आवाज़ सुनो’ और ‘अंगार’ के लिए बेस्ट डायलॉग का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिल चुका है. वह अभिनेता गोविंदा की ‘दूल्हे राजा’, ‘साजन चले ससुराल’, ‘दरिया दिल’, ‘राजा बाबू’, ‘आंखें’, ‘कुली नंबर 1’, ‘हीरो नंबर 1’, ‘जैसी करनी वैसी भरनी’ जैसी फिल्मों में अहम किरदार निभा चुके हैं.

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स्विट्ज़रलैंड में छुट्टियां मना रहे हैं तैमूर, देखें पिक्स (Taimur, Kareena Kapoor And Saif Ali Khan In A Pic From Their Switzerland Vacation)

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सैफ अली ख़ान (Saif Ali Khan), करीना कपूर ख़ान (Kareena Kapoor Khan) और उनके बेटे (Son) तैमूर अली ख़ान (Taimur Ali Khan) स्विट्ज़रलैंड में छुट्टियां (Switzerland Vacation) मना रहे हैं. वे वहां बर्फ़ का जमकर आनंद उठा रहे हैं. उनके वेकेशन की पिक्चर इस बात का सबूत है. पटौदी परिवार का साथ देने के लिए नताशा पूनमवाला और उनका परिवार भी स्विज़रलैंड पहुंचा है. नताशा पूनमवाला ने वहां की पिक्चर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की है. इस पिक्चर में करीना ने यलो जैकेट और व्हाइट ट्राउज़र पहन रखा है, जबकि सैफ ने ब्लैक जैकेट पहना है. तैमूर ब्लैक जैकेट और ग्रे विंटर कैप में बेहद क्यूट दिख रहे हैं. पिक्चर में नताशा पूनमवाला, उनके पति अदार पूनमवाला और उनके बेटे में भी नज़र आ रहे हैं. नताशा ने इस पिक्चर को कैप्शन दिया है, विंटर वंडरफुल. आप भी देखिए यह क्यूट पिक…

Taimur Switzerland Vacation

आपको बता दें कि परिवार के साथ क्रिसमस मनाने के बाद सैफरीना न्यू ईयर सेलिब्रेट करने के लिए लंदन चले गए और उसके बाद वे स्विट्ज़रलैंड के लिए रवाना हो गए. स्विस वेकेशन के कुछ और पिक्स….

Taimur Switzerland Vacation

Taimur's Vacation

कपूर परिवार का क्रिसमस ब्रंच….

Kapoor's Family Pic

क्रिसमस ईव सैफ ने अपने परिवार और बच्चों के साथ सेलिब्रेट किया.

Saif Ali Khan and His Kids

आपको याद दिला दें कि इस महीने में यह तैमूर का सेकेंड हॉलीडे है. इसके पहले उन्होंने 20 दिसंबर का अपना जन्मदिन केपटाउन,साउथ अफ्रिका में मनाया था. जहां सैफ व करीना किसी ऐड की शूटिंग के लिए गए थे. इस वर्क कम हॉलीडे ट्रिप को पटौदी परिवार ने यादगार बना दिया.

Taimur Vacation

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कहानी- जीवनधारा (Short Story- Jeevandhara)

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Hindi Kahani

बहुत ख़ुश थी मैं. मुझे जब पहली तनख़्वाह मिली, तो मम्मी-पापा और सास-ससुर के लिए उपहार ख़रीदा. मेरे लिए वो दो घंटे बेहद ख़ुशनुमा होते थे, जब मैं गुड्डू की बहू से अपराजिता बनती, पर समय हमेशा एक-सा नहीं होता न. जब कर्नल दुरानी ने गेस्ट हाउस की लीज़ ख़त्म होने की ख़बर मुझे सुनाई, तो मैं सन्न रह गई. लगा, अब मैं ज़िंदगीभर गुड्डू की बहू बनकर ही रह जाऊंगी.

आज मुझे ‘बेस्ट कॉर्पोरेट एक्ज़ीक्यूटिव’ का पुरस्कार मिला है. हाथ में इस ट्रॉफी को थामे अपनी कार में बैठकर मैं ख़ुद को दुनिया की महारानी महसूस कर रही हूं.

आज से 25 साल पुरानी बात यूं लगती है जैसे कल की ही बात हो. इंजीनियरिंग के आख़िरी साल में एक दिन जब मेरे हॉस्टल की सभी लड़कियां अपने करियर के बारे में बातें कर रही थीं, तभी मम्मी की चिट्ठी आई. चिट्ठी पढ़ी, तो अवाक् रह गई. लिखा था कि तुम्हारी शादी गुड्डू से तय हो गई है.

गुड्डू मेरी बुआ की जेठानी का लड़का था. बचपन में देखा था, पर कभी उस नज़र से नहीं. इतने सालों बाद आज भी नहीं बता सकती कि मैं शादी की ख़बर पर ख़ुश हुई थी या दुखी. ख़ैर, परीक्षा ख़त्म करके घर पहुंची. चार दिन में फटाफट शादी निपट गई और मैं अपराजिता से गुड्डू की बहू बनकर दिल्ली आ गई. हां, मैं इस बात से बेहद ख़ुश थी कि मैं दिल्ली आ गई. हर छोटे शहर की लड़की की तरह मेरा भी सपना था कि मैं मेट्रो सिटी में जाकर नौकरी करूं.

ससुराल में सभी मेरे रंग-रूप, समझदारी, शिष्टता और फर्राटेदार इंग्लिश के कायल थे. साधारण शक्ल-सूरत और कम बोलने वाले प्रवीण मेरे आगे ख़ुद को दबा हुआ महसूस करते थे. ये मैंने तब जाना, जब उन्होंने मुझे किसी से भी बात करने पर टोकना शुरू कर दिया. मेरी हर बात में कमी निकालना, लोगों से मिलने-जुलने पर रोक लगाना, चटकीले कपड़े पहनने से रोकना, ये सब रूटीन बातें हो गईं.

इसी दौरान जब मैंने प्रवीण से अपनी नौकरी की बात की, तो वे बिफर गए. कहने लगे, “क्या तुम्हें अपने पति पर इतना भी भरोसा नहीं कि वो तुम्हें कमाकर खिला सके?” रोती-सिसकती मैं सोचती रही कि क्या मेरे प्रो़फेसर पापा ने मुझे इंजीनियरिंग पढ़ाकर ग़लती की? ख़ैर, इसी बीच पता चला कि अनाम्या मेरे गर्भ में है. इस ख़ुशी में मैं सब भूल गई. बहुत-सी तकलीफ़ों के बाद जब पहली बार उसे अपने हाथों में थामा तो ख़ुद से एक वादा किया कि कभी भी इसकी ज़िंदगी अपनी जैसी नहीं होने दूंगी. यह अपनी मर्ज़ी की ज़िंदगी जीएगी.

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अनाम्या स्कूल जाने लगी. फिर से मेरी ज़िंदगी में वही खालीपन आ गया. दूसरे बच्चे के बारे में भी नहीं सोच सकती थी, क्योंकि डॉक्टर ने पहले बच्चे के समय ही चेतावनी दे दी थी कि दूसरा बच्चा प्लान करने पर जान को ख़तरा हो सकता है. इसी बीच प्रवीण अपने काम के लिए घर पर कंप्यूटर ले आए. मुझे तो जैसे खिलौना मिल गया था. बस, रात-दिन यही धुन रहती कि किसी भी तरह मैं कंप्यूटर का हर एप्लीकेशन सीख जाऊं.

धीरे-धीरे मैं कंप्यूटर में इतनी माहिर हो गई कि प्रवीण के कंप्यूटर के सारे काम मैं ही करने लगी. वे भी बेहद ख़ुश थे. एक तो मुफ़्त की कंप्यूटर ऑपरेटर मिल गई थी और मेरे हुनर को बरबाद करने की ग्लानि भी जाती रही. बाद में हमने घर पर ही साइबर कैफे खोल लिया और वहीं पर मैं लोगों को कंप्यूटर सिखाने लगी. अब ज़िंदगी पहले से बेहतर लगने लगी थी.

लोग नए मिलेनियम के लिए तैयार थे और मेरी ज़िंदगी में भी नया अध्याय शुरू होनेवाला था. रिटायर्ड कर्नल दुरानी मेरे साइबर कैफे कम कंप्यूटर इंस्टिट्यूट के सबसे होशियार स्टूडेंट थे. हमारी ख़ूब जमती थी. वो हमेशा कहते थे कि अपराजिता, तुम अपना टैलेंट बरबाद कर रही हो. रिटायर होने के बाद कर्नल दुरानी एक मल्टीनेशनल कंपनी के लिए गेस्ट हाउस चलाते थे. उनका गेस्ट हाउस हमारे घर से सौ गज की दूरी पर था. उन्होंने उसी गेस्ट हाउस में मैनेजर की नौकरी मुझे ऑफ़र की.

दिल में फिर से एक उम्मीद जागी. स़िर्फ दो घंटे के लिए जाना था और गेस्ट हाउस भी घर के इतने पास था कि प्रवीण को मनाना मुश्किल न था.

बहुत ख़ुश थी मैं. मुझे जब पहली तनख़्वाह मिली, तो मम्मी-पापा और सास-ससुर के लिए उपहार ख़रीदा. मेरे लिए वो दो घंटे बेहद ख़ुशनुमा होते थे, जब मैं गुड्डू की बहू से अपराजिता बनती, पर समय हमेशा एक-सा नहीं होता न. जब कर्नल दुरानी ने गेस्ट हाउस की लीज़ खत्म होने की ख़बर मुझे सुनाई, तो मैं सन्न रह गई. लगा, अब मैं ज़िंदगीभर गुड्डू की बहू बनकर ही रह जाऊंगी. साइबर कैफे का ट्रेंड भी तब तक ख़त्म हो चुका था. मुझे घर की चारदीवारी के अलावा कोई रास्ता नहीं दिख रहा था.

चार महीने से घर पर रहते हुए मैं अवसादग्रस्त हो गई. प्रवीण से लड़ती, अनाम्या को डांटती और कुढ़ती रहती. किसी से मिलना-जुलना, यहां तक कि फ़ोन पर बात करना भी बंद कर दिया था. लगता था कि सब मुझ पर हंस रहे हैं. जैसे कह रहे हों, “बड़ा इस उम्र में नौकरी करने चली थी. लौट के बुद्धू घर को आए…” पूरी तो नहीं, पर आधी पागल तो मैं हो ही गई थी.

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कर्नल दुरानी ने जब मेरे बारे में सुना, तो मिलने के लिए मेरे घर चले आए. बातों ही बातों में उन्होंने बताया कि उनके एक मित्र किसी मल्टीनेशनल कंपनी की शाखा भारत में खोलना चाहते हैं. उन्हें ऑफ़िस असिस्टेंट की ज़रूरत है, फिर कुछ सोचते हुए उन्होंने कहा, “अपराजिता, तुम उस पद के लिए आवेदन क्यों नहीं भरती?”

मैं भौंचक्की रह गई. इस उम्र में बिना किसी अनुभव के, वो भी मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी! उन्होंने बहुत ज़ोर दिया, तो बिना किसी उम्मीद के मैं इंटरव्यू के लिए तैयार हो गई. धड़कते दिल से जब पांच सितारा होटल में इंटरव्यू के लिए पहुंची तो मिस्टर कुलकर्णी को देखकर मेरे हाथ-पांव फूल गए. 6 फ़ीट के मिस्टर कुलकर्णी मुझे बेहद रोबीले लगे, पर जब उनसे बात की तो काफ़ी सरल लगे.

इंटरव्यू भी अजीब था. जितने सवाल उन्होंने मुझसे किए, उससे कहीं ज़्यादा मैंने उनसे. “क्या इस उम्र में बिना किसी अनुभव के मैं यह काम कर पाऊंगी?” पूछने पर उन्होंने मुझे समझाया, “अपराजिता, तुम इंजीनियर हो, इतनी अच्छी अंग्रेज़ी बोलती हो, कंप्यूटर एक्सपर्ट हो और सबसे बड़ी बात है कि तुम काम करना चाहती हो. मैंने फैसला किया है कि इस पद के लिए तुम ही उपयुक्त उम्मीदवार हो.”

मैं तो सातवें नहीं, आठवें आसमान पर थी. पर कोई और भी था, जो मुझसे भी ज़्यादा ख़ुश था. वो थी मेरी टीनएजर बेटी. जब उसने मुझसे कहा, “ममा, मुझे आप पर गर्व है”, तो ऐसा लगा जैसे दुनिया की सारी ख़ुशियां मुझे मिल गई हों. मां-बेटी की जुगलबंदी के आगे प्रवीण भी हार गए और मुझे 38 साल की उम्र में अपना करियर शुरू करने का मौक़ा मिल ही गया.

संघर्ष यहीं ख़त्म नहीं हुआ. जिस ‘अपराजिता’ नाम की पहचान के लिए मैं इतनी परेशान थी, वह पहचान बनाने के लिए मुझे अब भी संघर्ष करना पड़ रहा था. जब मुझसे आधी उम्र की लड़कियां मेरा नाम लेकर बुलातीं, तो बेहद अजीब लगता. हर दिन एक नई चुनौती थी. पर मन में बस यही ठाना था कि कुछ भी हो, मुझे चारदीवारी में वापस कैद नहीं होना.

समय बीतता गया. मैं अपनी मेहनत और लगन से काम सीखती चली गई और यहां इस मुक़ाम तक पहुंच गई कि मुझे ‘बेस्ट कॉर्पोरेट एक्ज़ीक्यूटिव’ के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. मेरी कहानी शायद बहुत ख़ास नहीं है, पर फिर भी

चाहती हूं कि अपनी इस कहानी को हर उस औरत के साथ बांटूं, जो शादी, बच्चे-परिवार में गुम होकर अपने करियर को भूल-सी गई है. कोई बात नहीं, अगर आप आज कुछ नहीं कर पा रहीं, तो बस अपने आप को अपडेट रखें. करियर तो कभी भी शुरू किया जा सकता है.

बहुत साल पहले मेरी एक सहकर्मी थी अंकिता. उसे लिखने का बहुत शौक़ था.

वह अक्सर कहती थी, “अपराजिता, तुम्हारी कहानी सबको पता चलनी चाहिए, मैं एक दिन ज़रूर लिखूंगी.”

चलो, उसको फ़ोन करती हूं. दिल कर रहा है उससे बहुत कुछ कहने-सुनने का. अपनी जीवनधारा के अनकहे पन्नों को ख़ुद में समेट मैंने घर में प्रवेश किया, तो मेरी नातिन मचलती हुई मेरी तरफ़ भागी, इस ट्रॉफी को लेने के लिए.

Ankita Kashyap

 अंकिता कश्यप

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