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सेक्स प्रॉब्लम्स- प्रेग्नेंसी के बाद क्या मैं अब सेक्स कर सकती हूं? (Sex Problems- Post-Pregnancy: Am I Ready For Sex?)

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Sex Problems

मेरा बच्चा डेढ़ माह का हो गया है. मैंने प्रेग्नेंसी (Pregnancy) से पहले, प्रेग्नेंसी के दौरान और अब भी सेक्सुअल रिलेशन (Sexual Relation) के मामले में काफ़ी एहतियात बरती है. बच्चे के जन्म के बाद से अब तक मैंने सेक्सुअल रिलेशन नहीं बनाया है. मैंने सुना है कि बच्चे के जन्म के छह हफ़्ते बीत जाने पर सेक्स कर सकते हैं. क्या मैं अब सेक्स (Sex) कर सकती हूं? कृपया, मार्गदर्शन करें.

– ज्योत्सना वोरा, वापी. 

देखा जाए तो अक्सर बच्चा होने के बाद डॉक्टर छह हफ़्ते तक सेक्स न करने की सलाह देते हैं. लेकिन यह ज़रूरी नहीं कि यह बात हर महिला पर लागू हो. कुछ केसेस में मां बनी महिला की शारीरिक प्रवृत्ति पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है. लेकिन ऐसे में इस बात का भी ख़्याल रखें कि इंफेक्शन या अन्य कोई कॉम्प्लिकेशन से बचने के लिए सेक्सुअल रिलेशन जितनी देरी से कर सकें, करें. पति-पत्नी दोनों ही थोड़ा धैर्य रखें. इस दरमियान आप चाहें, तो सेक्स करने की बजाय एक-दूसरे को सहलाना, दुलारना, भावनाओं को समझते हुए पार्टनर की पसंद-नापसंद का ख़्याल रखना आदि छोटी-छोटी बातों पर अधिक ध्यान दे सकती हैं. एक बात और, यदि आप और आपके पति मानसिक व शारीरिक तौर पर सेक्सुअल रिलेशन के लिए तैयार हैं, तो आप सेक्स कर सकती हैं.

यह भी पढ़े: सेक्स प्रॉब्लम्स- मेरे पति चाहते हैं कि मैं उनके दोस्त के साथ सेक्स करूं… (Sex Problems- My Husband Wants Me To Have Sex With His Friend…)

यह भी पढ़े: सेक्स प्रॉब्लम्स- उम्र बढ़ने के साथ-साथ मेरी सेक्स की चाह भी बढ़ती जा रही है… (Sex Problems- My Desires For Sex Is Also Increasing With Age…)

मैं 45 साल का हूं. इन दिनों सेक्सुअल रिलेशन के बाद मैंने महसूस किया है कि मेरा सीमेन पहले की तरह नहीं निकलता है यानी उसकी मात्रा बहुत कम होती है. क्या यह नॉर्मल है? कहीं मुझे कोई सेक्सुअल प्रॉब्लम तो नहीं है?

– संजीव टंडन, गुरुदासपुर.

जिस तरह उम्र बढ़ने के साथ हममें कई तरह के शारीरिक बदलाव आते हैं, उसी तरह कई लोगों की सेक्सुअल लाइफ भी प्रभावित होती है, जिसमें कुछ लोगों को सेक्स करते समय एक्साइटमेंट देरी से होने लगता है और कई बार इसी चिंता में कि एक्साइटमेंट होगा या नहीं, सीमेन कम निकलता है, इसलिए इसे लेकर परेशान होने की ज़रूरत नहीं है. यह कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं है.

Dr. Rajiv Anand

डॉ. राजीव आनंद
सेक्सोलॉजिस्ट
(dr.rajivanand@gmail.com)

सेक्स संबंधित अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें: Sex Problems Q&A


Exclusive Pics: यूं मनाया हेमाजी ने अपना जन्मदिन (Exclusive Pics: Hema Malini Birthday Celebration)

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यह तो सभी को पता है कि कल इंडस्ट्री की ड्रीम गर्ल हेमाजी (Dream Girl Hemaji) का जन्मदिन (Birthday) था. कल शाम उन्होंने अपना 70वां जन्मदिन मनाया. इस अवसर को उन्होंने अपने परिवारवालों के साथ सेलिब्रेट किया. जन्मदिन के अवसर पर उन्होंने पार्टी का आयोजन किया, जिसमें रेखा सहित फिल्म इंडस्ट्री की कई जानी-मानी हस्तियां, उनके ख़ास दोस्त व परिवारवाले शामिल हुए. पार्टी की आकर्षण थी हेमाजी की बड़ी बेटी एशा की क्यूट बेटी.  देखिए हेमाजी के बथर्डे पार्टी के Exclusive Pics.

Hema Malini Birthday Celebration

 

Esha Deol

Hema Malini Birthday Pics

ये भी पढ़ेंः HBD हेमाजीः जानिए ड्रीम गर्ल की ज़िंदगी की कहानी, उन्हीं की ज़ुबानी…(Happy Birthday Hema Malini, Know More About Her)

इस दिन शादी करेंगे निकयंका (Confirmed: Nickyanka To Marry On This Date)

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जब से प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) और निक जोनस (Nick Jonas) की सगाई हुई है, तब से उनकी शादी की तारीख को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. लेकिन अभी तक इस बारे में कुछ पता नहीं चल पाया था. कुछ दिन पहले प्रियंका और निक अपने करीबी दोस्तों से मिलने जोधपुर गए थे. तब सुनने में आया था कि वे अपनी शादी (Marriage) के लिए लोकेशन देखने और बाकी अरेंजमेंट करने जोधपुर गए थे, पर अब जाकर प्रियंका और निक जोनस की शादी (Wedding) की तारीख (Date) कन्फर्म हो गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रियंका और निक की शादी की डेट कन्फर्म हो गई है. जी हां, प्रियंका और निक की शादी जोधपुर में होगी और यह फंक्शन 30 नवंबर से शुरू होकर 2 दिसंबर तक चलेगा यानी 2 दिसंबर को वे शादी के बंधन में बंध जाएंगे.

Nickyanka

Priyanka Chopra and Nick Jonas

Priyanka Chopra and Nick Jonas

सुनने में आ रहा है कि प्रियंका और निक पैलेस में शादी करेंगे. निक जोनस शादी की तैयारियों के लिए बीते दिनों भारत आए थे और प्रियंका के साथ लोकेशन फाइनल करने जोधपुर गए थे. प्रियंका और निक ने अपनी शादी की तैयारी खुद ही संभालने का फैसला किया है और छोटी से छोटी हर डीटेल वही देखने वाले हैं.

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यौन शोषण पर क्या कहता है भारतीय कानून? (Sexual Abuse Laws In India Every Woman Should Know)

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Sexual Abuse Laws

हाल ही में सोशल मीडिया पर आरंभ हुए मीटू कैंपेन के अंतर्गत भारतीय महिलाओं (Indian Women) ने अतीत में अपने साथ शोषण के खिलाफ आवाज़ बुलंद की है. कानून (Law) की कसौटी पर ये आरोप-प्रत्यारोप कितने खरे उतरेंगे, ये तो कोर्ट ही तय करेगा, लेकिन हम यहां पर बता रहे हैं यौन शोषण (Sexual Abuse) से जुड़े कानूनी पहलुओं के बारे में.

क्या होता है यौन शोषण
अधिकतर महिलाओं को इस बात का एहसास तक नहीं होता है कि उनका हैरेसमेंट हो रहा है. कोई व्यक्ति है, जो उनका वर्बली, नॉन वर्बली, फिज़िकली या मेंटली रूप से शोषण कर रहा है. और महिलाएं इसे मज़ाक या व्यंग्य (ताना) समझ कर छोड़ देती है. सेक्सुअल हैरेसमेंट का अर्थ केवल शारीरिक शोषण तो है ही, साथ में अगर किसी महिला के साथ वर्कप्लेस पर किसी भी तरह का भेदभाव, जो किसी पुरूष सहकर्मी द्वारा किया जाए या फिर वह पुरूष सहकर्मी जो आपको वर्बली या नॉन वर्बली तौर पर हानि पहुंचाएं, सिर्फ इसलिए की आप महिला है, तो यह शोषण/उत्पीडन (हैरेसमेंट) कहलाता है.

सेक्शन 354
कुछ वर्षों पहले इंडियन पैनल कोट (आईपीसी सेक्शन- Indian Penal Code) की धारा 354 के तहत यदि शख्स किसी महिला पर यौन शोषण करता था या उस पर शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बनाता था, उस पर बुरी नज़र डालता था, अश्‍लील मैसेज भेजता था या फिर उसकी अनुमति के बिना कोई ग़लत काम करता था, तो ऐसी स्थिति में वह महिला उस शख्स के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकती है. आईपीएल की धारा के तहत एक साल से लेकर पांच साल तक सजा का प्रावधान था, साथ ही जुर्माना भी भर पड़ सकता था.
लेकिन निर्भया कांड के बाद इस कानून में नए बदलाव किए गए. इस नए कानून के तहत इंडियन पैनल कोट 354 को चार भागों में बांटा गया है, जिसके अंतर्गत IPC 354-A , IPC 354-B, IPC 354-C, IPC 354-D है

सेक्शन 354 ए
Sexual Abuse Laws For Woman

इस धारा के तहत अगर कोई शख्स किसी महिला के साथ जबर्दस्ती शारीरिक संबंध बनाना, उसकी टच करना अश्‍लील मैसेज भेजना, गंदे कमेंट करना या अश्‍लील वीडियो दिखाना आता है. इसके अंतर्गत उसे 3 साल की सजा हो सकती है, साथ ही जुर्माना भी लग सकता है.

धारा 354 ए को भी 4 उपभागों में बांटा गया है-

  • धारा 354 ए- उपभाग 1: यदि कोई व्यक्ति किसी महिला को गंदी नियत के साथ छूता है, तो इस स्थिती में IPC 354-A उपभाग 1 लगती है तथा आरोपी व्यक्ति को 3 साल की सजा हो सकती है.
  • धारा 354 ए- उपभाग 2: अगर कोई व्यक्ति किसी महिला को शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहता है, तो ऐसी स्थिति में उसके खिलाफ IPC 354-A उपभाग 2 लगती है और 3 साल की सजा का प्रावधान है.
  • धारा 354 ए- उपभाग 3: यदि कोई पुरुष किसी महिला को उसकी इच्छा के बगैर अश्‍लील वीडियो या मैसेज दिखाता है, तो  इस स्थिती में आरोपी व्यक्ति के खिलाफ IPC 354-A उपभाग 4 लगती है तथा 1 साल की सजा का प्रावधान है.
  • धारा 354 ए- उपभाग 4: यदि कोई भी व्यक्ति किसी भी महिला या युवती पर गंदे अश्लील कमेंट करता या उसको अश्लील मैसेज भेजता है तो इस स्थिती में आरोपी व्यक्ति के खिलाफ IPC 354-A उपभाग 4 लगती है तथा 1 साल की सजा का प्रावधान है

सेक्शन 354 बी

Sex Abuse Laws
इस सेक्शन के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी महिला को नग्न देखना, जबर्दस्ती उसके कपड़े उतरवाना/उकसाना या उस कपड़े उतारने के लिए दबाव बनाना आता है.  इस धारा के तहत आरोपी व्यक्ति को 5-7 साल की सजा जुर्माना दोनो हो सकते है. यह गैरजमानती धारा है. इसके अंतर्गत अपराधी को जमानत नही मिल सकती |

और भी पढ़ें: कितना जानते हैं आप सेक्सुअल हैरेसमेंट के बारे में? (How Aware Are You About Sexual Harassment?)

सेक्शन 354 सी

Sexual Abuse Laws in India

इसके तहत अगर कोई शक्स किसी महिला का अश्‍लील वीडियो बनाता है या उसके किसी प्राइवेट एक्ट की तस्वीर खीचता है, तो सार्वजनिक तौर पर फैलाता है, तो इस मामले में उसे 3 साल तक की सजा हो सकती है. इस सजा के बाद भी अगर वह व्यक्ति दोबारा इस तरह की हरकत करता है, तो उसे 3-7 साल तक की सजा का प्रावधान है.

सेक्शन 354 डी
अगर कोई व्यक्ति किसी महिला से जर्बदस्ती संपर्क बनाए रखना चाहता है या फिर महिला की जानकारी के बिना उसका पीछा करता है, तो यह भी यौन उत्पीडन की श्रेणी में आता है. इस धारा के दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को 3 से 5 साल तक की सजा, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

और भी पढ़ें: हर महिला के फोन में होने चाहिए ये 5 सेप्टी ऐप्स (5 Safety Apps Every Woman Should Download)

– पूनम नागेंद्र शर्मा

दिशा पटानी के इस बिकनी पिक ने इंटरनेट पर लगाई आग (Disha Patani’s Bikini Pic Is Going Viral)

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अपने ब्वॉयफ्रेंड टाइगर श्रॉफ की तरह ही दिशा पटानी (Disha Patani) भी अक्सर अपने फिटनेस की वजह से सुर्खियों में बनी रहती हैं.  वे अक्सर सोशल मीडिया पर हॉट, सेक्सी और बोल्ड तस्वीरें शेयर भी करती रहती हैं. दिशा पटानी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर हमेशा की तरह की एक हॉट पिक्चर शेयर की है. इस फोटो में दिशा ब्लू कलर की बिकिनी (Bikini) में नजर आ रही हैं.

Disha Patani's Bikini Pic
इसमें उनका  फिगर काफी सेक्सी लग रहा है. सोशल मीडिया पर दिशा की यह तस्वीर वायरल हो गई है. कुछ ही घंटों मे इस फोटो को 10 लाख से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं. इससे तो यही साबित होता है कि उनका यह हॉट लुक उनके फॉल्रोवर्स को काफी पसंद आ रहा है. इस फोटो पर दिशा ने कैप्शन लिखा, ‘Just wrapped… A great association coming up real soon with my most favourite brand… most excited.’  इस फोटो में मिलनेवाले लाइक्स से पता चलता है कि सोशल मीडिया पर दिशा कितनी लोकप्रिय हैं.

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10 इशारे जो बताएंगे वो करते हैं आपसे सच्चा प्यार (10 Signs That Show He Truly Loves You)

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Signs He Loves You

प्यार (Love) एक ख़ूबसूरत एहसास (Beautiful Feeling) है, जिसे बयां करने के लिए लफ़्ज़ों की ज़रूरत नहीं पड़ती. उनका अंदाज़ ही सब कुछ बयां कर देता है कि वो आपसे कितना प्यार करते हैं. ज़रूरत है, तो बस आपको उन इशारों को समझने की. आइए हम आपको बताते हैं, ऐसे ही कुछ ऐसे खास इशारों या संकेतों के बारे में, जिनसे आप उनके दिल का हाल आसानी से समझ सकते हैं.

1. अगर आपको लगता है कि वो आपसे बात करने का बहाना ढूंढ़ते हैं, आपके आगे-पीछे घूमते रहते हैं. इसका मतलब यह है कि वह आपके प्यार करते हैं. यह तो केवल प्यार की शुरुआत है.

2. उनकी लाइफ में आपकी क्या इंपोर्टेंस है, इस बात को वह ज़रूर दर्शाएंगे, जैसे- रोज़ाना फोन पर बात करना, मैसेज/मेल भेजना, सरप्राइज़ देना, अचानक से मिलना और इस बात का यकीन दिलाना कि आप उनके ख़ास हैं. ये सब बातें इस बात की ओर इशारा करती हैं कि बिज़ी होने के बाद भी वे किसी न किसी तरह आपसे मिलने या बात करने के लिए व़क्त निकाल ही लेते हैं. ये प्यार ही तो है, जो उन्हें ऐसा करने के लिए मज़बूर करता है.

Loves Signs

3. अगर वह आपकी पर्सनल व प्रोफेशनल लाइफ, करियर, फैमिली व फ्रेंड्स आदि से जुड़ी छोटी से छोटी बातों को जानना चाहें, तो इसका मतलब है कि वह आपके प्रति गंभीर हैं. वह आपमें दिलचस्पी रखते हैं, तभी तो आपसे जुड़ी हर छोटी-बड़ी बातों का जानना चाहते हैं.

4. यदि वह आपसे मिलने के लिए अपने पहले से बने-बनाए प्लान को कैंसल कर दें, तो समझे कि आप उनके लिए स्पेशल हैं. वह आपके साथ अपना समय बिताना चाहते है. तभी तो वह आपकी ख़ुशी के लिए अपनी फैमिली और फ्रेंड्स के साथ बने-बनाए प्लान को कैंसिल करके आपसे से मिलने के लिए आ रहे हैं.

Signs He Loves You
5. उनके बॉडी लैंग्वेज को समझने की कोशिश करें. अगर आपको देखकर उनकी आंखों में चमक और चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है, वे आपका साथ पाने के लिए बेचैन रहते हैं, तो उनके इस इशारे को समझें कि वे आपसे प्यार करते हैं.

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6. लड़के हों या लड़कियां, अक्सर अपने उसी ख़ास दोस्त से अपने सपनों के बारे में चर्चा करते हैं, जिन्हें वह पसंद करते हैं. अगर आपका दोस्त भी अपने सपनों व भविष्य की बातों को आपसे शेयर करें, तो उनकी भावनाओं को समझें. ये भावनाएं इस बात की ओर संकेत करती हैं कि वे आपसे प्यार करते हैं, आपके साथ अपना सारा जीवन बिताना चाहते हैं, तभी तो अपने सपने आपसे शेयर कर रहे हैं.

7. यदि वे अपने शौक़, पसंद व रुचि को अनदेखा करके आपकी पसंद व रुचि को महत्व देते हैं, आपके शौक़ को पूरा करते हैं, ऐसा करने में उन्हें बेहद ख़ुशी मिलती हैं, तो समझें कि ये वह इंसान है, जिसके साथ आप ताउम्र ख़ुश रह सकते हैं. ऐसे इशारों को समझने में देर न करें.

8. अगर वह आपकी भावनाओं, फैसले और निर्णयों का सम्मान करें, तो समझें कि वह आपसे सच्चा प्यार करते हैं. वह दिल चाहते हैं कि आप भविष्य में उनके साथ अपनी भावनाएं, फैसले और निर्णय शेयर करें.
Love Goals
9. कोई भी लड़का या लड़की, जब तक अपने पार्टनर के प्रति गंभीर और कॉन्फिडेंट नहीं होता, तब तक वह उसे अपने फैमिली व फ्रेंड्स से नहीं मिलवाता. अगर आपका साथी भी आपको अपने परिवार व दोस्तों से मिलवाए, उनसे मिलवाने उसे कोई संकोच न हो, तो समझ जाएं कि वह आपसे प्यार करते हैं, आपके प्रति सीरियस हैं.

10. अगर वह किसी परेशानी या मुसीबत में आपका साथ देने के लिए खड़े रहते हैं, तो इसका मतलब है कि वह इंसान आपका सच्चा पार्टनर है, जो पूरी ज़िंदगी आपका ध्यान रखेगा. ऐसा केवल वही इंसान कर सकता है, जो आपसे बेहद प्यार करेगा.

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– देवांश शर्मा

कहानी- एक कप चाय (Short Story- Ek Cup Chai)

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Short Story in Hindi

ख़ुशी से सुधीरजी की आंखें नम हो आई थीं. काश! उन्होंने चाय का निमंत्रण पहले स्वीकार कर लिया होता. सही कहा गया है कि बांटने से सुख बढ़ता है और दुख घटता है. इसलिए जब कोई आपको एक कप चाय के लिए आमंत्रित करता है, तो इसका तात्पर्य है कि वह आपके साथ ज़िंदगी के वो पल बांटना चाहता है, जो अभी तक अनकहे, अनसुने हैं. वह कुछ आपकी सुनना, तो कुछ अपनी सुनाना चाहता है.

हमेशा की तरह पत्नी के संग शहर की सबसे पॉश कॉलोनी में वॉक करते सुधीरजी स्वयं को किसी शहंशाह से कम नहीं समझ रहे थे. सवेरे और शाम की नियमित सैर उनका बरसों से चला आ रहा नियम था. तबीयत ठीक हो या न हो, इच्छा हो या न हो, शाम की सैर में तो साधनाजी को भी उनका साथ देना ही पड़ता था.

“समय रहते इस कॉलोनी में फ्लैट बुक करवाकर हमने कितनी समझदारी का काम किया न! देखो अब एक भी मकान खाली नहीं बचा है यहां. और सारे के सारे कितने प्रतिष्ठित लोग रहते हैं! मुझे तो लगता है कि शहर के सारे बड़े अफसर, बिज़नेसमैन यहीं आकर बस गए हैं. जिस इलाके में लोग किराए पर रहना अफोर्ड नहीं कर सकते, हमने अपना फ्लैट लिया है.”

“तो आप किसी से कम हैं क्या? रिटायर्ड चीफ इंजीनियर हैं.” साधनाजी ने पति की प्रशंसा की, तो सुधीरजी और भी फूलकर कुप्पा हो गए. सामने से आते किसी शख़्स ने उन्हें झुककर नमस्कार किया, तो सुधीरजी ठिठके. चेहरा काफ़ी परिचित-सा था.

“नमस्ते सर, नमस्ते मैडम! मैं प्रकाश! आप ही के ऑफिस में सुपरवाइज़र था.”

“ओह हां, अब पहचान लिया. कैसे हो? इधर केैसे आना हुआ?”

“जी मैं यहींं रहता हूं. इधर सी विंग में. मकान नंबर 212. रिटायर होने के बाद पिछले महीने यहां शिफ्ट हो गया था.”

“ओह, अच्छा! कौन हैं आपके मकान मालिक?”

“जी, अपना ही है.” प्रकाशजी ने नम्रता से कहा.

सुधीरजी के अहम् को हल्की ठेस लगी.

“टू बीएचके होगा?”

“नहीं सर, थ्री बीएचके है. अब इतना तो बड़ा चाहिए ही. कल को बेटे की भी शादी होगी. उसके बच्चे होंगे. गांव से मां को भी लाने की सोच रहा हूं. चलिए न सर, यहीं दूसरे माले पर ही है. एक कप चाय हो जाए. मिसेज़ को भी मैडम से मिलकर अच्छा लगेगा.”

“फिर कभी आएंगे. अभी तो आपकी मैडम को कुछ शॉपिंग करनी है.”

“ठीक है सर! समय निकालकर आइएगा ज़रूर चाय पीने.” प्रकाशजी विनम्रता से फिर झुक गए थे.

उनका अधीनस्थ उन्हीं के जितने बड़े मकान में इतनी पॉश कॉलोनी में रहता है. यह बात उन्हें हज़म नहीं हो रही थी.

“आपके दोस्त के यहां चल लेते न चाय पीने. कितने आग्रह से बुला रहे थे.” साधनाजी ने सरल हृदय से मन की बात रख दी. वैसे भी यहां आए इतना व़क्त हो गया. अभी तक किसी से ज़्यादा जान-पहचान नहीं हुई है.”

“वो दोस्त नहीं है मेरा. सुना नहीं क्या कहा उसने? मेरे ऑफिस में मेरा अधीनस्थ था वह! मुझे तो ताज्जुब हो रहा है कि इतनी महंगी कॉलोनी में उसने इतना महंगा फ्लैट ख़रीदा कैसे?” सुधीरजी मन ही मन उधेड़बुन में लगे हुए थे. 

“इतनी सैलरी तो नहीं थी इसकी. था भी ईमानदार! तो ऊपर की कमाई भी क्या रही होगी? लोन भी आख़िर कितना लिया होगा? किश्तें चुकाना कोई आसान काम थोड़े ही है?”

इस घटना के लगभग 10-12 दिन बाद सुधीरजी फिर प्रकाशजी से टकरा गए थे. बैंक से घर लौटने के लिए उन्होंने शेयरिंग कैब बुक करवाई थी. आधे रास्ते में जब प्रकाशजी उसमें सवार होने लगे, तो वे चौंके. दोनों का गंतव्य एक होने से साथ तो बैठे रहना ही था और साथ बैठे थे, तो वार्तालाप भी होनी ही थी.

“उस दिन ज़्यादा कुछ बात हो नहीं पाई.आपको तो एक-दो साल हो गए होंगे इधर शिफ्ट हुए?”

“हां, रिटायरमेंट के बाद से ही यहां हूं. बेटी का कॉलेज भी यहां से पास है.”

“अच्छा क्या कर रही है बिटिया?”

“इंजीनियरिंग फाइनल ईयर में है.”

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“बहुत बढ़िया. मेरे बेटे ने भी इंजीनियरिंग की है. मुंबई में एक एमएनसी में नौकरी कर रहा है. उसी ने ज़िद करके यह फ्लैट दिलाया है. कहता है, घर कोई बार-बार थोड़े ही न ख़रीदा जाता है. मैं भरूंगा लोन की किश्तें! सर, मुझे लगता है मैंने और निर्मला ने पिछले जन्म में ज़रूर कोई पुण्य कर्म किए होंगे, जो ऐसा लायक बेटा मिला. अब तो बस कोई उसके योग्य लड़की मिल जाए, तो बहू बनाकर घर ले आएं.”

“एक बार बेटे से पूछ तो लो, शायद कोई पसंद कर रखी हो. हो सकता है उसके साथ लिव इन में भी रह रहा हो. मुंबई में तो यह सब आम है. तुम गए हो उसके पास कभी मुंबई?”

“नहीं सर, वही आ जाता है सप्ताह, दस दिन में संभालने. पुणे से मुंबई दूर ही कितना है? जब भी आता है, कुछ न कुछ सुख-सुविधा के सामान से घर भर जाता है. हम कहते हैं, हमें यह सब नहीं चाहिए. तू तो बस बहू ले आ. तो कहता है यह मेरा काम नहीं है. यह तो आपकी ज़िम्मेदारी है.” ख़ुशी और भावनाओं से आह्लादित प्रकाशजी और भी बहुत कुछ बताना चाह रहे थे, पर उनका गंतव्य आ गया था. कैब ड्राइवर उतरने का इशारा कर रहा था.

“घर चलिए न सर, चाय पीकर चले जाइएगा. पास ही तो है. कहेंगे, तो मैं छोड़ दूंगा.” प्रकाशजी ने प्रेम से आग्रह किया.

“अरे नहीं, उसकी ज़रूरत नहीं है. फिर कभी फुर्सत से आऊंगा. अभी तो घर पर साधना भी इंतज़ार कर रही होगी.”

“भाभीजी को लेकर आइए सर कभी चाय पर. हमें बहुत प्रसन्नता होगी. मैं तो कहता हूं आज शाम को ही आ जाइए.”

“नहीं नहीं, मैं बता दूंगा. चलो भैया.” सुधीरजी ने ड्राइवर को चलने को कहा, तो प्रकाशजी ने हाथ जोड़ दिए. घर पहुंचकर पत्नी को यह बताते हुए कि प्रकाशजी ने मकान अपने बेटे के बलबूते पर ख़रीदा है. सुधीरजी काफ़ी तसल्ली महसूस कर रहे थे.

“अरे मैं आपको बताना ही भूल गई थी. अपनी वाणी की एक सहेली उनके बिल्कुल बगलवाले फ्लैट में ही रहती है. वहीं

आते-जाते उसकी दो-तीन बार प्रकाशजी और उनकी पत्नी से मुलाक़ात हुई है. कह रही थी अंकल-आंटी उस पर बेटी-सा प्यार रखते हैं. न हो तो आप ही उन्हें सपत्नी चाय पर बुला लीजिए. हर बार वे ही आपको निमंत्रण देते हैं.”

“तो मैं कौन-सा चला गया? ख़ैर देखते हैं.”

साधनाजी खाना लगाने में व्यस्त हो गईं, तो सुधीरजी एक बार फिर प्रकाशजी के बारे में सोचने लगे. ‘आदमी भला लगता है. ऑफिस में तो बस काम से काम रखते थे. कभी किसी के घर-परिवार के बारे में जानने का तो मौक़ा ही नहीं मिला. आज भी बेटे के बारे में बताते-बताते कैसे भावनाओं में बह गया था. काफ़ी कुछ कहना चाह रहा था कि घर आ गया. चलो अगली बार उसका चाय का निमंत्रण स्वीकार कर लूंगा.’ सुधीरजी शांत मन से खाना खाने बैठ गए थे.

इसके बाद कुछ ऐसा व्यस्त घटनाक्रम चला कि सुधीरजी के पास प्रकाशजी तो क्या किसी से मिलने-बतियाने का समय शेष न रहा. यहां तक कि उनकी सुबह-शाम की सैर भी छूट गई. पत्नी की थकावट और बेचैनी जिसे वे उम्र का तकाज़ा समझ रहे थे जांच के एक लंबे सिलसिले के बाद कैंसर निकली. बीमारी अभी आरंभिक अवस्था में ही थी और उपचार से ठीक हो जाने की उम्मीद थी. किंतु साधनाजी ने तो जीने की आस ही छोड़ दी थी. हर व़क्त नकारात्मक और निराशावादी विचार उन्हें घेरे रहते. बाप-बेटी ने उन्हें बहुत मुश्किल से सर्जरी और फिर कीमो थेरेपी के लिए तैयार किया था. इलाज के लंबे बोझिल पलों के बीच एक ही सकारात्मक और ख़ुशी की ख़बर आई थी कि वाणी का कैंपस प्लेसमेंट में चयन हो गया था. मुंबई की एक प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय कंपनी में उसे अच्छे पैकेज पर नौकरी मिल गई थी. हालांकि वाणी का अभी नौकरी करने का कोई इरादा नहीं था. वह तो आगे एमबीए करना चाहती थी, पर इधर मम्मी के इलाज के दौरान हो रहे अतिशय ख़र्च ने उसे अपना निर्णय बदलने पर मजबूर कर दिया. वह नौकरी जॉइन कर पापा का सहारा बनना चाहती थी.

“पर बेटी, तेरी आगे की पढ़ाई का सपना?” सुधीरजी का स्वर भर्रा गया था. हमेशा पत्नी और बेटी का संबल बने रहने वाले सुधीरजी ख़ुद को बेहद असहाय महसूस कर रहे थे.

“मैं नौकरी के साथ-साथ तैयारी भी करती रहूंगी.” वाणी अपने निश्‍चय पर दृढ़ थी.

“पढ़ाई, नौकरी सब छोड़िए. मेरे जीते जी आप इसकी शादी कर दीजिए.” साधनाजी बीच में ही बोल पड़ी थीं. वातावरण बहुत भारी हो गया था. अंततः यह तय किया गया कि वाणी फ़िलहाल नौकरी जॉइन करने चली जाएगी. वह परीक्षा की तैयारी भी करती रहेगी, पर इस दरमियान कोई सुयोग्य वर मिल गया, तो उसके हाथ पीले कर दिए जाएंगे. सुधीरजी के कंधों पर यकायक ही ज़िम्मेदारियों का बोझ बढ़ गया था.

साधनाजी शनै: शनै: ठीक हो रही थीं. तबीयत पूछने आनेवालों और नाते-रिश्तेदारों से वे बेटी के लिए सुयोग्य वर बताने का आग्रह करतीं. सुधीरजी ने भी अपने स्तर पर वैवाहिक विज्ञापन आदि देखने आरंभ कर दिए थे. वाणी को अगले सप्ताह मुंबई जॉइन करने जाना था. तय हुआ कि उसकी अनुपस्थिति में आभा मौसी कुछ दिन मां के पास रहने आ जाएंगी.

सब कुछ ठीक हो रहा था, पर इस कुछ महीनों के घटनाक्रम ने सुधीरजी को हिलाकर रख दिया था. ज़िंदगी कभी इस तरह करवट ले बैठेगी, उन्हें सपने में भी गुमान नहीं था. साधनाजी के स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार हो रहा था, पर शारीरिक कमज़ोरी इतनी ज़्यादा थी कि डॉक्टर ने उन्हें किसी भी तरह के तनाव और श्रम से दूर रहने की सख़्त हिदायत दे दी थी.

वाणी तय कार्यक्रमानुसार मुंबई चली गई, तो आभा बहन के पास रहने आ गई. बहन के साथ-साथ घर की व्यवस्था भी बाई के सहयोग से उन्होंने संभाल ली. अब तो अस्पताल भी कभी-कभी ही चेकअप के लिए जाना होता था. बाज़ार से ज़रूरी सामान भी फोन करने पर आ जाता था. बाहर से देखने पर सब कुछ सामान्य और व्यवस्थित चल रहा था, पर ऊपर से सामान्य दिखनेवाले सुधीरजी अंदर से इतना टूट चुके थे कि एक कंधे का सहारा भी यदि मिल जाता, तो उसके सहारे भरभराकर ढह जाते.

पहले सब कुछ पत्नी को कहकर हल्के हो जानेवाले सुधीरजी अंदर ही अंदर भरते जा रहे थे. ज़िंदगी के इस मोड़ पर अकेले रह जाने का ख़तरा हर व़क्त सिर पर मंडराता प्रतीत होता. कहां तो वे सोचते थे कि उनके ऊंचे ओहदे और बेटी की उच्च शिक्षा के कारण लड़कों की लाइन लग जाएगी और कहां वे उसके लिए एक अदद सुयोग्य वर नहीं जुटा पा रहे थे. उस पर हर व़क्त बीमार पत्नी के सामने ख़ुश, मज़बूत बने रहने का नाटक.

“सब ठीक हो जाएगा. तुम बस चिंता करना छोड़ दो. डॉक्टर ने कहा है अगले सप्ताह से तुम्हारी फिज़ियोथेरेपी आरंभ कर देंगे. उससे तुम बहुत जल्द पहले की तरह घूमने-फिरने लगोगी. बस, तुम अच्छे से खाया-पीया करो और ख़ुश रहा करो.”

“हां दीदी, जीजाजी ठीक कहते हैं. देखो, इतने दिनों में कैसी सूरत हो गई है, वरना कितनी अच्छी लगती थीं! लोग वाणी की बड़ी बहन कहते थे.” आभा उठकर पुराने एलबम उठा लाई. दोनों बहनें एलबम देखने में खो गईं. सुधीरजी को अकेले गुमसुम बैठे देखा, तो साधनाजी बोल उठीं, आप नीचे वॉक कर आइए न! मेरे पास आभा है. कितना व़क्त हो गया आपको सैर पर गए हुए?”

“हं हां! आदत ही छूट गई. ठीक है, मैं घूमकर आता हूं. लौटते में तुम्हारी दवा भी लेता आऊंगा.” सुधीरजी जूते पहनकर सैर पर निकल पड़े थे. सी विंग के सामने से गुज़रे, तो अचानक प्रकाशजी का ख़्याल आ गया. मन में उनसे बतियाने, उनके सम्मुख अपना सुख-दुख उड़ेलने की हूक-सी उठी, पर अपने विगत के व्यवहार का ख़्याल आया, तो क़दम स्वतः ही आगे बढ़ गए. तभी पीछे से ‘भाईसाहब’ की पुकार सुन उनके बढ़ते क़दम ठिठक गए. एक महिला हाथ में थैला उठाए उन्हीं की ओर आ रही थी. पीछे-पीछे घिसटते से प्रकाशजी भी थे. वे काफ़ी कमज़ोर और थके-थके से लग रहे थे.

“अरे क्या हो गया आपको? तबीयत तो ठीक है न?”

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“कहां भाईसाहब! मांजी के जाने के बाद ये तो संभल ही नहीं पा रहे हैं. मैं तो समझा समझाकर थक गई. मांजी से बहुत जुड़ाव था इनका!”

“ओह, कब हुआ यह सब?”

“पूरे 20 दिन होने को आए हैं. न तो वापस काम पर जाना आरंभ किया है, न और कहीं. आज बड़ी मुश्किल से साथ ले जाकर घर का ज़रूरी सामान लेकर आई हूं. आप ही समझाइए इन्हें ऐसे कैसे चलेगा? जाना तो एक दिन सभी को है.” निर्मलाजी ने बिना रुके एक ही बार में मन की व्यथा बयां कर दी थी.

“मुझे तो कुछ पता ही नहीं चला. दरअसल मैं स्वयं भी कुछ व्यक्तिगत परेशानियों में उलझा हुआ था…”

“अरे, ये सब सुनाने के लिए थोड़े ही न रुकवाया था इन्हें. तुम भी न! आइए सर, घर चलिए. चाय पीते हुए इत्मीनान से बातें करेंगे.”

“हां हां!” प्रकाशजी तुरंत साथ हो लिए थे. मानो निमंत्रण के इंतज़ार में ही बैठे थे.

“आप कुछ परेशानियों की बात कर रहे थे. क्या हो गया? दरअसल गांव से मां को लाने के बाद उनके इलाज में इतना उलझा रहा कि आसपास से बेख़बर ही हो गया और फिर भी उन्हें बचा न सका.” चाय की गरम प्याली के साथ वार्तालाप का लंबा सिलसिला चल निकला. दोनों के पास एक-दूसरे को बताने के लिए बहुत कुछ था. सुधीरजी ने बेटी की मुंबई में नौकरी, उसके लिए उपयुक्त वर की खोज, पत्नी की बीमारी आदि के बारे में खुलकर बताया. तभी गरम पकौड़ों की प्लेट लिए शिल्पी भीतर प्रविष्ट हुई.

“मेरी भतीजी शिल्पी! पास ही नारायणा अस्पताल में फिज़ियोथेरेपिस्ट है.”

“अच्छा! डॉक्टर ने साधना को भी फिज़ियोथेरेपी के लिए बोला है. मैं आपको रिपोर्ट्स दिखाऊंगा. आप प्लीज़ उन्हें घर आकर करवा दीजिए.”

शिल्पी के हां करते ही सुधीरजी ने राहत की सांस ली.

“एक मसला तो हल हुआ. प्रकाश, तुमने कोई नौकरी जॉइन की है?”

“पास ही एक प्राइवेट फमर्र् है. अच्छा व़क्त निकल जाता है. चार पैसे मिलते हैं सो अलग. आप करना चाहेंगे सर?”

“सर कहकर शर्मिंदा न करो. अब हम दो सेवानिवृत दोस्त हैं. वैसे बात करना वहां, मेरे लायक कुछ काम हो तो!”

“जी! एक और बात भी कब से कहना चाह रहा था. छोटा मुंह बड़ी बात होगी. पर आज अवसर मिला है, तो कहे देता हूं. हम दोनों को ही आपकी बेटी वाणी अपने बेटे के लिए बहुत पसंद है.”

ख़ुशी से सुधीरजी की आंखें नम हो आई थीं. काश! उन्होंने चाय का निमंत्रण पहले स्वीकार लिया होता. सही कहा गया है कि बांटने से सुख बढ़ता है और दुख घटता है. इसीलिए जब कोई आपको एक कप चाय के लिए आमंत्रित करता है, तो इसका तात्पर्य है कि वह आपके साथ ज़िंदगी के वे पल बांटना चाहता है, जो अभी तक अनकहे, अनसुने हैं. वह कुछ आपकी सुनना, तो कुछ अपनी सुनाना चाहता है.

लौटते में उनका मन फूल-सा हल्का था. एक कप चाय के साथ वे चीनी-सी मीठी यादें और चायपत्ती-सी कड़वी दुखभरी बातें, जो शेयर कर आए थे.

 

Anil Mathur

     अनिल माथुर

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9 बेस्ट वेट लॉस ऐप्स (9 Best Weight Loss Apps)

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जिम में कड़ी एक्सरसाइज़ और कठोर डायट प्लान फॉलो करने के बाद भी यदि आपका वज़न कम (Weight Loss) नहीं हो रहा है, तो निराश होने की ज़रूरत नहीं है… ज़रूरत है तो बस, अपने स्मार्टफोन में वेट लॉस ऐप्स (Weight Loss Apps) डाउनलोड करने की. ये ऐप्स न केवल आपके वज़न और डायट पर पैनी नज़र रखेंगे, बल्कि आपके द्वारा ली जानेवाली कैलोरीज़ की जानकारी भी देंगे.

Best Weight Loss Apps

Lose It! (लूज़ इट!)

इस ऐप का मुख्य उद्देश्य वेट लॉस के दौरान आपकी डायट पर कड़ी नज़र रखना है. लूज़ इट! की मदद से आप अपनी उम्र, वज़न और फिटनेस से जुड़े लक्ष्यों को आसानी से हासिल कर सकते हैं. इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद उसमें आपको अपना मौजूदा वज़न टाइप करना होगा. आप कितना वज़न कम करना चाहते हैं, वो लिखना होगा. इसके बाद यह ऐप आपको बताएगा कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए आपको प्रतिदिन कितनी कैलोरीज़ चाहिए. इस ऐप की विशेषता ये है कि इसमें उपलब्ध कराए गए फूड प्रोडक्ट के बारकोड के द्वारा आप यह जान सकते हैं कि उसमें कोैन-कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में हैं और उस फूड में कितनी कैलोरीज़ हैं.

Weight Watchers (वेट वॉचर्स)

इस ऐप में आपको वेट लॉस करने और उसके बाद उसे मेंटेन करने के अनगिनत विकल्प आसानी से मिल जाएंगे. वास्तव में यह ऐप आपके द्वारा सेवन की जानेवाली शक्कर, कैलोरीज़ और सैचुरेटेड फैट्स बेस्ड खाद्य पदार्थों को अधिक से अधिक ‘पॉइंट्स’ देता है, ताकि आप कैलोरी का सेवन कम से कम करें. वेट वॉचर्स की विशेषता ये है कि यह ऐप व्यक्तिगत रूप से आपके वज़न कम करने के लक्ष्यों को ध्यान में रखकर आपके डायट चार्ट में शामिल खाद्य पदार्थों को पॉइंट्स देता है, ताकि आप ऐसे फूड्स न खाएं, जिनसे आपका वज़न बढ़े. इस ऐप में भी आप बारकोड की मदद से फूड में शामिल पोषक तत्वों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

FatSecret (फैटसीक्रेट)

यह ऐप आपके स्मार्टफोन पर न केवल आपके द्वारा ली जानेवाली दैनिक कैलोरीज़ के सेवन को दिखाता है, बल्कि औसतन मासिक कैलोरीज़ के सेवन को भी दिखाता है. फैटसीक्रेट में आप अपने फूड चार्ट को लॉग इन करने के बाद अपने वज़न को मॉनिटर कर सकते हैं. इस ऐप की ख़ासियत है कि इसमें आप चैट फीचर का इस्तेमाल करके अपने फैटसीक्रेट कम्युनिटी के बाक़ी सदस्यों से चैट कर सकते हैं. इस ऐप में हेल्दी रेसिपीज़ का बहुत बड़ा संग्रह है, जिसे आप सेव कर सकते हैं. इसके अलावा इस ऐप में आपको वेट लॉस से संबंधित टिप्स, लेख व जानकारियां भी मिलेंगी.

HealthyOut (हेल्दीआउट)

अगर आप अपने बढ़े हुए वज़न से परेशान हैं और वेट लॉस करना चाहते हैं, तो हेल्दीआउट आपके लिए बहुत मददगार साबित होगा. इस ऐप को डाउनलोड करके आप अपने वेट लॉस के लक्ष्य को आसान बना सकते हैं और अपने लिए बेस्ट फूड का चुनाव कर सकते हैं. यह ऐप उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है, जो डायट संबंधी फूड के बारे में जानना चाहते हैं या फिर जिन्हें किसी फूड विशेष से एलर्जी होती है.

Fooducate (फूड्यूकेट)

इस वेट लॉस ऐप के द्वारा आप यह जान सकते हैं कि आप जो भोजन खा रहे हैं, वह आपके उपयुक्त है या नहीं. उस भोजन में कितनी कैलोरीज़ और फैट्स हैं, जो आपके वज़न को कम नहीं होने देते हैं. इस ऐप के द्वारा यह जानकारी प्राप्त करने के बाद आप उन फूड्स से दूर रहेंगे, जिनसे आपका वज़न बढ़ सकता है. इसके लिए आपको उस फूड प्रोडक्ट का बारकोड डालना होगा. तुरंत आपके स्मार्टफोन में कैलोरीज़ से जुड़ी सारी जानकारियां आ जाएंगी.

SPARKPEOPLE (स्पार्कपीपल)

इस ऐप में यूज़र को डेली मील, एक्सरसाइज़ और वेट  संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए ट्रेकिंग टूल के द्वारा लॉग इन करना होता है. इस ऐप का न्यूट्रीशनल डाटाबेस बहुत बड़ा है, जिसमें तीन लाख से भी अधिक खाद्य पदार्थों की लिस्ट है. इस ऐप में बारकोड स्कैनर भी है, जिससे आप फूड की न्यूट्रीशनल वैल्यू को ट्रैक कर सकते हैं. इस ऐप को साइन इन करते समय आपको एक्सरसाइज़ के डेमो फोटोज़ और उनके विवरण भी मिलेंगे, ताकि आप यह जान सकें कि एक्सरसाइज़ के दौरान आपको कौन-कौन-सी तकनीक इस्तेमाल करनी है.

MyFitnessPal (मायफिटनेसपाल)

इस ऐप को एक बार अपने स्मार्टफोन में डाउनलोड करने के बाद मायफिटनेसपाल आपके वज़न, लंबाई, डायट और वेट लॉस के लक्ष्यों का पूरा रिकॉर्ड रखता है. इसके अलावा समय-समय पर अधिक कैलोरीज़वाले फूड न खाने का अलर्ट भी देता है. डायट प्लान के साथ-साथ यह ऐप एक्सरसाइज़ करने के लिए भी प्रेरित करता है. वेट लॉस के दौरान यदि आपका मन घर का बना खाना खाने का नहीं है, तो मायफिटनेसपाल ऐप की मदद से आप अपने एरिया के आसपास के रेस्टोरेंट्स में मिलनेवाले फूड के पोेषक तत्वों के बारे में जान सकते हैं.

ideal weight (आइडियल वेट)

यह ऐप आपके बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) को कैलकुलेट करता है और इस बात की जानकारी देता है कि आपका आइडियल वज़न कितना होना चाहिए. आइडियल वज़न को जानने के बाद आप अपनी इच्छानुसार एक्सरसाइज़ और डायट प्लान कर सकते हैं. इस ऐप में आप अपनी लंबाई, उम्र और अन्य फैक्टर्स भी ऐड कर सकते हैं.

MYFITNESS (मायफिटनेस)

इस ऐप में आपको न केवल नए-नए फिटनेस टिप्स मिलेंगे, बल्कि वेट लॉस करने के लिए डायट प्लान और खानपान संबंधी बातों की जानकारी और लेख  भी मिलेंगे. इस ऐप की ख़ासियत है कि इसमें आप स्लाइड शो और वीडियो के द्वारा भी दिलचस्प अंदाज़ में जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं.

– देवांश शर्मा

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यू संतुलित रखें व्हाइट ब्लड सेल्स काउंट (How To Maintain White Blood Cells Count)

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मानव शरीर के लिए जितनी आवश्यक लाल रक्त कोशिकाएं होती हैं, उतनी ही ज़रूरी होती हैं स़फेद रक्त कोशिकाएं (White Blood Cells). शरीर में मौजूद स़फेद रक्त कोशिकाएं यानी व्हाइट ब्लड सेल्स न स़िर्फ हमारे शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती हैं, बल्कि ये गंभीर संक्रमण से भी शरीर की रक्षा करती हैं. ज़रा सोचिए, अगर शरीर में इन कोशिकाओं की कमी हो जाए तो फिर क्या होगा? ज़ाहिर है इन कोशिकाओं की कमी के चलते शरीर रोगों से लड़ नहीं पाएगा और कई बीमारियां व्यक्ति के शरीर को अपने कब्ज़े में ले लेंगी. ऐसे में इस बात का ख़्याल रखना बेहद ज़रूरी है कि शरीर के भीतर स़फेद रक्त कोशिकाओं की संतुलित मात्रा कम न होने पाए.

White Blood Cells

क्या हैं इनके प्रमुख कार्य?
किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में स़फेद रक्त कोशिकाओं की संख्या 4,000 से 11,000 प्रति माइक्रोलीटर होती हैं. ये कोशिकाएं बाहरी संक्रमण से हमारे शरीर की रक्षा करती हैं. इसके साथ ही ये एंटीबॉडी के उत्पादन को सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ संक्रामक एजेंटों और कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में भी मदद करती हैं. हालांकि कई कारणों से इन कोशिकाओं की संख्या में उतार-चढ़ाव होता है, लेकिन जब संक्रमण से बचाव करने वाली स़फेद रक्त कोशिकाओं की मात्रा में कमी आने लगती है तो शरीर में कई गंभीर बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता है.

स़फेद रक्त कोशिकाओं के प्रकार
स़फेद रक्त कोशिकाओं को ल्यूकोसाइट्स के नाम से भी जाता जाता है और प्रत्येक व्यक्ति के शरीर में ये कोशिकाएं 5 प्रकार की होती हैं.
1- लिम्फोसाइटः ये शरीर में ऐसे एंटीबॉडी के निर्माण में अहम् भूमिका निभाती हैं, जो आंतों के कीड़े जैसे बड़े परजीवी, बैक्टीरिया, वायरस आदि से शरीर की रक्षा करती हैं.
2- न्यूट्रोफिलः ये शक्तिशाली स़फेद रक्त कोशिकाएं बैक्टीरिया और कवक को नष्ट करके शरीर की रोगों से रक्षा करती हैं.
3- बेसोफिलः ये कोशिकाएं रक्त प्रवाह में रसायनों का स्राव करके शरीर को संक्रमण के प्रति सतर्क करती हैं, साथ ही एलर्जी से लड़ने में भी मदद करती हैं.
4- एओसिनोफिलः ये कोशिकाएं परजीवी और कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए ज़िम्मेदार होती हैं.
5- मोनोसाइटः ये कोशिकाएं शरीर में प्रवेश करने वाले रोगाणुओं या जीवाणुओं पर हमला करने और उन्हें नष्ट करने के लिए ज़िम्मेदार होती हैं.

क्यों घटती है इनकी संख्या?
जब शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स यानी स़फेद रक्त कोशिकाओं की संख्या बेहद कम हो जाती है, तो व्यक्ति को ल्यूकोपेनिया नामक समस्या हो जाती है. ऐसे में शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और एड्स, कैंसर व हेपेटाइटिस जैसे गंभीर रोगों के होने का ख़तरा बढ़ जाता है. आमतौर पर इन कोशिकाओं की संख्या में गिरावट के पीछे निम्न कारण हो सकते हैं.
. एचआईवी.
. ऑटोइम्यून डिसऑर्डर.
. विषाणु संक्रमण.
. जन्मजात विकार.
. कैंसर.
. एंटीबायोटिक दवाएं.
. ख़राब पोषण.
. शराब का सेवन.
. रेडिएशन थेरेपी.

लक्षण
. तेज़ बुखार, बदन दर्द.
. खांसी और गले में ख़राश.
. सांस लेने में तकलीफ़.
. वज़न कम होना.
. ठंड लगना या पसीना आना.
. सूजन और लाल चकत्ते.
. मुंह में छाले.

ऐसे करें संतुलित
कॉपर- शरीर में कॉपर की कमी होने पर स़फेद रक्त कोशिकाओं का संतुलन बिगड़ सकता है और इनकी संख्या में गिरावट आ सकती है. इसे संतुलित करने के लिए
कॉपर सप्लीमेंट के साथ-साथ मांस, हरी पत्तेदार सब्ज़ियों और अनाज का सेवन फ़ायदेमंद रहेगा.

ज़िंक- शरीर में इसकी संतुलित मात्रा स़फेद रक्त कोशिकाओं के कामकाज को सामान्य बनाए रखने में मदद करती है. शरीर में ज़िंक की कमी को पूरा करने के लिए ओेएस्टर मछली, रेड मीट, सी फूड, सेम और नट्स का सेवन करना चाहिए.

विटामिन्स- विटामिन ए, सी और ई स़फेद रक्त कोशिकाओं की संख्या को बढ़ाने में सहायक होते हैं. ये शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद भी करते हैं. इसके लिए गाजर, टमाटर, ऑलिव ऑयल, बादाम, रसीले व खट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्ज़ियों आदि का सेवन करें.

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कीवी- इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट्स के साथ पोटैशियम, विटामिन सी और ई भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. ये सभी पोषक तत्व रोग-प्रतिरोधक क्षमता के साथ-साथ स़फेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में अहम् भूमिका निभाते हैं.

लहसुन- इसमें मौजूद एलिसिन नामक तत्व इंफेक्शन और बैक्टीरिया से लड़ने में शरीर की मदद करता है. हर रोज़ खाने में लहसुन का इस्तेमाल करने से पेट के अल्सर और कैंसर से बचाव होता है. लहसुन शरीर में स़फेद रक्त कोशिकाओं की कमी को दूर करने में भी मदद करता है.

दही- इसमेंें मौजूद प्रोबायोटिक्स व पोषक तत्व शरीर के लिए एंटीबायोटिक की तरह काम करते हैं और शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. इसमें उत्तेजनात्मक गुण भी होता है, जो स़फेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करता है.

ग्रीन टी- इसमें भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सिडेंट पाए जाते हैं, जो शरीर में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करके इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाते हैं. इसके साथ ही ग्रीन टी स़फेद रक्त कोशिकाओं की संख्या को संतुलित बनाए रखने में मदद करती है.

हल्दी- इसका उपयोग लगभग सभी भारतीय घरों में किया जाता है. हल्दी में मौजूद एंटीइंफ्लेमेट्री गुणों के कारण इसका उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है. इसमें करक्यूमिन की उच्च मात्रा होती है और पर्याप्त मात्रा में इसका सेवन शरीर में स़फेद रक्त कोशिकाओं की संख्या को संतुलित बनाने में मदद करता है.

सब्ज़ियां- हरी व पत्तेदार सब्ज़ियों में आयरन, विटामिन ए, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन सी, कैल्शियम और फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इनमें मौजूद शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट्स रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत बनाने के साथ-साथ स़फेद रक्त कोशिकाओं की संख्या को भी बढ़ाते हैं, इसलिए अपने आहार में हरी व पत्तेदार सब्ज़ियों को ज़रूर शामिल करें.

न करें नशा- शराब, सिगरेट, गुटखा या तंबाकू जैसी चीज़ें सेहत के लिए नुक़सानदेह होती हैं, इसलिए बेहतर यही होगा कि आप ख़ुद को नशे की लत से दूर रखें. इन चीज़ों में मौजूद हानिकारक रसायन स़फेद रक्त कोशिकाओं को नष्ट करने का कारण बन सकते हैं.

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फेस्टिव मेकअप के 5 आसान टिप्स (5 Easy Makeup Tips For Festive Season)

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मेकअप (Makeup) आपकी ख़ूबसूरती तभी निखार सकता है, जब आपको इसकी सही समझ हो. मेकअप से आप अपने चेहरे की कमियां भी आसानी से छुपा सकती हैं. अलग-अलग ओकेज़न के लिए मेकअप भी अलग होना चाहिए, तभी आप परफेक्ट लुक पा सकती हैं. फेस्टिव मेकअप के 5 आसान टिप्स (Easy Tips) आपको देंगे परफेक्ट फेस्टिव लुक. आप भी फेस्टिव लुक पाने के लिए फेस्टिव मेकअप (Festive Makeup) के 5 आसान टिप्स ज़रूर ट्राई करें.

Easy Makeup Tips For Festive Season

फेस्टिव मेकअप के 5 आसान टिप्स:
1) सबसे पहले चेहरे पर लिक्विड फाउंडेशन लगाएं और पूरे चेहरे पर अच्छी तरह मर्ज कर दें.
2) डे फंक्शन के लिए मेकअप करते समय पिंक, पीच, पर्पल के लाइड शेड्स का इस्तेमाल करें.
3) डे मेकअप के लिए आई मेकअप लाइट रखें और लिप मेकअप आई मेकअप से थोड़ा डार्क रखें (बहुत डार्क नहीं).
4) इवनिंग फंक्शन के लिए पिंक, पर्पल के डार्क शेड्स ट्राई कर सकती हैं. इवनिंग फंक्शन के लिए मेकअप करते समय आई मेकअप को हाईलाइट करें और लिप मेकअप हल्का रहने दें.
5) फेस्टिव लुक के लिए फ्रेंच बन हेयर स्टाइल का चुनाव कर सकती हैं.
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स्मोकी आई मेकअप स्टेप बाय स्टेप सीखने के लिए देखें वीडियो: 

चरणामृत और पंचामृत में क्या अंतर है? (What Is The Difference Between Charanamrit And Panchamrit)

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मंदिर में या फिर घर पर जब भी कोई पूजा होती है, तो चरणामृत (Charanamrit) या पंचामृत (Panchamrit) दिया है. मगर कई लोग इसकी महिमा और इसके बनने की प्रक्रिया को नहीं जानते. आइए, हम आपको इन दोनों के बारे में विस्तार से बताते हैं.

Charanamrit And Panchamrit

चरणामृत क्या है?
चरणामृत का अर्थ होता है भगवान के चरणों का अमृत और पंचामृत का अर्थ पांच अमृत यानि पांच पवित्र वस्तुओं से बना हुआ. दोनों का ही अपना महत्व है और दोनों को ही पूजा में विशेष महत्व दिया जाता है. चरणामृत को तांबे के बर्तन में रखा जाता है. तांबे के बर्तन में चरणामृत रूपी जल रखने से उसमें तांबे के औषधीय गुण आ जाते हैं. चरणामृत में तुलसी का पत्ता, तिल और दूसरे औषधीय तत्व मिले होते हैं. आयुर्वेद के अनुसार तांबे में अनेक रोगों को नष्ट करने की क्षमता होती है और तुलसी के रस से कई रोग दूर हो जाते हैं.

Charanamrit

पंचामृत क्या है?
पंचामृत यानी ‘पांच अमृत’. पंचामृत दूध, दही, घी, शहद और शक्कर को मिलाकर बनाया जाता है. इसी से ईश्वर का अभिषेक किया जाता है. पांचों प्रकार के मिश्रण से बनने वाला पंचामृत कई रोगों में लाभ दायक और मन को शांति प्रदान करता है. पंचामृत का सेवन करने से शरीर पुष्ट और रोगमुक्तरहता है. पंचामृत से जिस तरह हम भगवान को स्नान कराते हैं, ऐसा ही खुद स्नान करने से शरीर की कांति बढ़ती है. पंचामृत उसी मात्रा में सेवन करना चाहिए, जिस मात्रा में किया जाता है, उससे ज़्यादा नहीं.

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Panchamrit

आरती के बाद चरणामृत क्यों दिया जाता है?
क्या आप जानते हैं कि आरती के बाद चरणामृत क्यों दिया जाता है? पूजा में चरणामृत का विशेष महत्व है. हम सब आरती के बाद चरणामृत ग्रहण करते हैं, लेकिन ऐसा क्यों किया जाता है, इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को ही होती है. आरती के बाद चरणामृत क्यों दिया जाता है? आइए, हम आपको बताते हैं.

चरणामृत की धार्मिक मान्यता
पूजन आदि के बाद तांबे के पात्र में रखा तुलसीदल से युक्त चरणामृत दिया जाता है. चरणामृत भक्तों के सभी प्रकार के दुख और रोगों का नाश करता है तथा इससे संपूर्ण पापों का शमन होता है.

चरणामृत का वैज्ञानिक महत्व
आयुर्वेद में यह माना गया है कि तांबे में अनेक रोगों को नष्ट करने की शक्ति होती है. इसका जल मेधा, बुद्धि व स्मरणशक्ति को बढ़ाता है. इसमें तुलसीदल डालने के पीछे मान्यता यह है कि तुलसी का पत्ता महौषधि है. इसमें न केवल रोगनाशक गुण होते हैं, बल्कि कीटाणुनाशक शक्ति भी होती है. चरणामृत में तुलसी-पत्र, केसर तथा स्वर्णकण-संघटित शालग्राम का जल धार्मिक दृष्टि से तो उपयोगी है ही, इसका जल बलवृद्धि टॉनिक भी है, जिसके प्रतिदिन सेवन से किसी भी रोग के कीटाणु शरीर में नहीं पनपते.

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HBD सनी देओलः पढ़िए उनकी फिल्मों के कुछ शानदार और दमदार डायलॉग्स ( Powerful Dialogues Of Sunny Deol)

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आज सनी देओल अपना 62वां जन्मदिन मना रहे हैं. सनी देओल ने अपने करियर में कई शानदार और सुपरहिट फिल्में दी हैं. इन फिल्मों में सनी द्वारा इस्तेमाल किए गए भारी-भरकम डायलॉग्स आज भी याद किए जाते हैं. उनके जन्मदिन के मौके पर पढ़िए उनकी फिल्मों के कुछ शानदार और पावरफुल डायलॉग्स

  1. 28 साल पहले आई फिल्म ‘दामिनी’ में सनी देओल का शानदार डायलॉग भला कौन भूल सकता है. ये डायलॉग है  तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख…तारीख पर तारीख…तारीख ही मिलती रही है लेकिन इंसाफ नहीं मिला. माई लॉर्ड इंसाफ नहीं मिला…मिली है तो सिर्फ यह तारीख.

  2.  फिल्म ‘दामिनी’ का एक और जानदार डायलॉग जिसमें सनी ने कहा था जब ये ढाई किलो का हाथ किसी पे पड़ता है, तो आदमी उठता नहीं…उठ जाता है.
  3. सनी देओल की फिल्म जीत का यह डॉयलॉग, पत्थरों की दुनिया में देवता बनना तो बहुत आसान है, पर इंसान बनना बहुत मुश्किल….भी काफ़ी फेमस हुआ था.
  4. साल 1996 में बनी फिल्म ‘घातक’ में सनी देओल ने विलेन डैनी डेन्जोंगपा (कातिया) को कहा,  मर्द बनने का इतना ही शौक है, तो कुत्तों का सहारा लेना छोड़ दे कातिया.

  5. साल 1997 में आई बेहतरीन फिल्म ‘बॉर्डर’ में सनी देओल का डायलॉग- मथुरादास जी, आप खुश हैं कि आप घर जा रहे हैं. खुशी का यह बेहुदा नाच जो आप अपने भाइयों के सामने कर रहे हैं. अच्छा नहीं लगता. आपकी छुट्टी मंजूर हुई है क्योंकि आपके घर में प्रॉब्लम है. दुनिया में किसे प्रॉब्लम नहीं है. जिंदगी का दूसरा नाम प्रॉब्लम है.
  6. 1996 में आई फिल्म ‘घातक’ में सनी देओल दुश्मन को ललकारते हुए कहा, रुक अभी रुक अगर सातों भाई एक पिता के बेटे हैं तो रुक.. नहीं तो कसम गंगा मैया की घर में घुस कर मारूंगा, सातों को साथ मारूंगा और एक साथ मारूंगा. 
  7. साल 2001 में आई फिल्म ‘गदर: एक प्रेम कथा’ में सनी ने बेहतरीन डायलॉग के जरिए उस समय ज्यादा से ज्यादा विलेन रोल प्ले करने वाले एक्टर अमरीश पुरी से कहा था कि, अशरफ अली! आपका पाकिस्तान ज़िंदाबाद है, इससे हमें कोई ऐतराज़ नहीं लेकिन हमारा हिंदुस्तान ज़िंदाबाद है, ज़िंदाबाद था और ज़िंदाबाद रहेगा! बस बहुत हो गया.” 

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प्रियंका चोपड़ा को हुआ बेबी फीवर? (Priyanka Chopra Is Having Baby Fever)

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अब आप सोच रहे होंगे कि ये कौन-सा नया फीवर है? वैसे घबराने वाली कोई बात नहीं  है. यह फीवर बहुत अच्छा है. जी हां. बेबी फीवर (Baby Fever) यानी बच्चे की चाहत. इस टर्म का इस्तेमाल ख़ुद प्रियंका (Priyanka) ने किया है. एक इंटरव्यू में प्रियंका ने कहा कि उन्हें बेबी फीवर हो गया है. असल में प्रियंका ने जब से इंग्लैंड के रॉयल ख़ानदान डचेज़ ऑफ ससेक्स मेगन मर्केल के प्रेग्नेंट होने की ख़बर सुनी है, तभी से उनके मन में भी मां बनने की इच्छा बढ़ गई है. आपको बता दें कि प्रियंका और मेगन बहुत अच्छी दोस्त हैं. वे अक्सर साथ में देखी जाती हैं. ऐसे में मेगन के मां बनने की ख़बर ने प्रियंका की इच्छा को जगा दिया.

Priyanka Chopra

एक इंटरव्यू में प्रियंका ने मेगन की प्रेग्नेंसी पर बात करते हुए कहा कि,” मैं बहुत उत्साहित हूं. मेरे कुछ दोस्तों को बच्चे हो गए हैं. इसलिए मुझे लगता है कि अब समय आ गया है. मुझे अब बेबी फीवर हो गया है. मुझे लगता  है कि अब मुझे भी बेबी कर लेना चाहिए. ”

 

Priyanka Chopra

जहां तक सुनने में आ रहा है कि प्रियंका दिसंबर में शादी के बंधन में बंध जाएंगी. एेसे में वो दिन दूर नही है जब हमें प्रियंका के मां बनने की ख़बर मिले.

ये भी पढ़ेंः HBD सनी देओलः पढ़िए उनकी फिल्मों के कुछ शानदार और दमदार डायलॉग्स (Powerful Dialogues Of Sunny Deol)

मूवी रिव्यू- बधाई हो: सचमुच बधाई की पात्र है (Movie Review- Badhai Ho: A Well-Deserving And Applause-Worthy Film)

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Badhai Ho

पहली बार किसी अछूते विषय पर मनोरंजन से भरपूर फिल्म बनी है. इसके लिए फिल्म के निर्देशक अमित रविंद्रनाथ शर्मा बधाई के हक़दार है. कौशिक परिवार में तब भूकंप आ जाता है, जब दो युवा बच्चों की मां नीना गुप्ता के दोबारा मां बनने का पता चलता है. बड़ा बेटा नकुल यानी आयुष्मान खुराना अपनी गर्लफ्रेंड सान्या मल्होत्रा के साथ शादी करने की प्लानिंग कर रहा है, उस पर उसके लिए मां के मां बनने की ख़बर किसी सदमे से कम नहीं होती.

कौशिक परिवार के मुखिया गजराज राव ने लाजवाब अभिनय किया है. नीना गुप्ता के साथ उनकी जुगलबंदी देखते ही बनती है. नीनाजी की भाव-भंगिमाएं, प्रतिक्रियाएं, संवाद अदायगी दर्शकों को बांधे रखती है. आयुष्मान खुराना तो हमेशा की तरह ज़बर्दस्त व लाजवाब लगे हैं. इस तरह की भूमिकाओं के साथ वे पूरा न्याय करते हैं. उनकी दादी के रूप में बहुत समय बाद सुरेखा सिकरी को पर्दे पर देखना सुखद लगा. बेटे को लेकर शर्मिंदगी, समाज की आरोप-प्रत्यारोप का डर उन्हें हरदम परेशान करता रहता है. सान्या मल्होत्रा ख़ूबसूरत लगी हैं. कमोबेश हर कलाकार ने अपनी भूमिका को बेहतरीन तरी़के से निभाया है. मेरठ-दिल्लीवाला अंदाज़ फिल्म को और भी मजेदार बना देता है.

निर्माता अमित शर्मा, विनीत जैन, एलेया सेन, हेमंत भंडारी को बहुत-बहुत बधाई, जो उन्होंने इस तरह के अलग सब्जेक्ट पर फिल्म बनाने का निर्णय लिया. तनिष्क बागची, रोचक कोहली, सन्नी बावरा की म्यूज़िक दिल को गुदगुदाती और सुकून देती है. बधाइयां तेनू, मोरनी बनके, नैन ना जोडीं… गीतों को गुरु रंधावा, नेहा कक्कड़, आयुष्मान खुराना, बृजेश शंडल्लय, रोमी, जॉर्डन ने दमदार आवाज़ में अच्छा साथ दिया है. शांतनु श्रीवास्तव, ज्योति कपूर व अक्षत घिल्डियाल ने कहानी पर अच्छी मेहनत की है, जो फिल्म में दिखाई देती है. कह सकते हैं कि बहुत दिनों बाद मनोरंजन से भरपूर एक पारिवारिक फिल्म देखने को मिली.

Namaste England

नमस्ते इंग्लैंड- को दूर से ही सलाम

निर्माता-निर्देशन विपुल अमृतलाल शाह की फिल्म नमस्ते लंदन को दर्शकों ने बेहद पसंद किया था. लेकिन उसी का सीक्वल मानकर चल रहे नमस्ते इंग्लैंड में वो पैनापन देखने को नहीं मिला.

परिणीती चोपड़ा के बड़े ख़्वाब हैं. विदेश में जाकर कुछ करना और बनना चाहती है. अर्जुन कपूर से मुलाक़ात, प्यार, शादी पर बाद में नौकरी को लेकर परिवार का विरोध, परिणीती को विद्रोही बना देता है और वो झूठी शादी करके विदेश चली जाती है. अर्जुन कपूर का अवैध तरी़के से पत्नी को लेने इंग्लैंड जाना और वहां पर अति नाटकीयता का सिलसिला चलता रहता है.

अजुर्न-परिणीता ने अच्छा अभिनय किया है, पर कमज़ोर पटकथा, स्तरीय निर्देशन अधिक प्रभावित नहीं कर पाती है. अन्य कलाकारों में सतीश कौशिक, आदित्य सील, अलंकृता सहाय, अनिल मांगे, मनोज आनंद, अतुल शर्मा, हितेन पटेल, डिजाना डेजानोविक आदि ने अपनी-अपनी भूमिकाएं ठीक से निभाने की कोशिश की है. पंजाब व लंदन के लोकेशन ख़ूबसूरत हैं.

रितेश शाह व सुरेश नायर की कहानी में कोई नयापन नहीं है. इयानिस की सिनेमाट्रोग्राफी आकर्षक है. भरे बाज़ार, धूम धड़ाका, तेरे लिए… गाना पहले से ही सभी को पसंद आ रहे हैं. बादशाह, विशाल ददलानी, पायल देव, अंतरा मित्रा, शाहिद माल्या, आतिफ असलम, अकांखषा भंडारी की आवाज़ ने इन गानों को और भी सुमधुर बना दिया है. प्रोपर पटोला गाने का रिक्रिएशन बढ़िया है. बादशाह, ऋषि रिच, मैननान शाह का संगीत लुभाता है.

– ऊषा गुप्ता

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प्रियंका चोपड़ा की शादी टली? (Priyanka Chopra Postpones Her Marriage )

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कुछ दिनों पहले यह सुनने में आया था कि प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस 2 दिसंबर को शादी करने वाली है. लेकिन ताज़ा ख़बरों के अनुसार, प्रियंका और निक की शादी की डेट आगे बढ़ गई है और अब वे दिसंबर की बजाय जनवरी 2019 को शादी करेंगे.

शादी का वैन्यू उमेद भवन ही है, पर डेट 2 दिसंबर की बजाय 14-15 जनवरी हो गई है. प्रियंका की मम्मी शादी की तैयारियों में जुटी हुई हैं और बेटी-दामाद के लिए जमकर शॉपिंग कर रही हैं. प्रियंका चोपड़ा ने शादी के आउटफिट्स के लिए डिज़ाइनर भी चुन लिया है. उनके कपड़े अबु जानी और संदीप खोसला डिज़ाइन करनेवाले हैं. कुछ दिनों पहले प्रियंका ने वेडिंग आउटफिट डिस्कस करने के लिए डिज़ाइनर से लंबी मीटिंग भी की थी. अब देखना यह है कि शादी के बाद प्रियंका बॉलीवु़ड को कितना समय देती हैं और वे कहां सेटल होने का फैसला करती  हैं?

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सांवली त्वचा के लिए 10 आसान मेकअप टिप्स (10 Essential Makeup Tips For Dark Skin Tones)

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सांवली त्वचा के लिए 10 आसान मेकअप टिप्स (Easy Makeup Tips) बहुत ही कारगर हैं. ये मेकअप टिप्स ट्राई करके आप अपनी सांवली त्वचा की रंगत मिनटों में निखार सकती हैं. सांवली त्वचा के लिए 10 आसान मेकअप टिप्स यदि आप मेकअप करते समय फॉलो करती हैं, तो आपकी त्वचा में मिनटों में नया ग्लो आ जाएगा और आप नज़र आएंगी मिस ब्यूटीफुल. यदि आपकी स्किन का शेड भी डार्क है, तो आप मेकअप के समय इन बातों को ज़रूर ध्यान में रखें:

Makeup Tips For Dark Skin

फाउंडेशन लगाने के बेस्ट टिप्स:
1) सांवली त्वचा के लिए यलो या रिच गोल्डन टोन वाला फाउंडेशन बेस्ट होता है इसलिए आप भी मेकअप करते समय फाउंडेशन के ये शेड अप्लाई करें.
2) सांवली त्वचा वाली महिलाओं को हमेशा अपनी स्किन टोन से एक या दो शेड डार्क फाउंडेशन लगाना चाहिए. लाइट शेड का फाउंडेशन लगाकर आप गोरी नहीं नज़र आएंगी, बल्कि आपका सांवलापन और हाईलाइट हो जाएगा. इसलिए हमेशा अपनी स्किन टोन से मैच करता या उससे 1-2 शेड डार्क फाउंडेशन ही लगाएं.
3) जिनकी त्वचा सांवली है, उन्हें ऑरेंज टोन वाला फाउंडेशन नहीं लगाना चाहिए. ऑरेंज टोन वाले फाउंडेशन से आपकी सांवली त्वचा और भी डार्क नज़र आएगी इसलिए ऐसा कभी न करें.

आई मेकअप करने के बेस्ट टिप्स:
4) सांवली त्वचा वाली महिलाओं को आई शैडो के लिए वॉर्म ब्राउन, चॉकलेट, सिल्वर ब्रॉन्ज या ग्रीन शेड का चुनाव करना चाहिए, ये शेड सांवली त्वचा पर बहुत अच्छे लगते हैं.
5) सांवली त्वचा वाली महिलाओं को ब्राउन मस्कारा अप्लाई करना चाहिए. ब्राउन मस्कारा आपके कॉम्प्लेक्शन को कॉम्प्लिमेंट करेंगा. यदि आपकी त्वचा सांवली है, तो आप ब्लैक मस्कारा न लगाएं, ब्लैक मस्कारा लगाने से आपका सांवलापन और भी उभरकर नज़र आएगा.
6) मस्कारा की तरह ही आप आई लाइनर भी ब्राउन ही लगाएं, ब्लैक आई लाइनर लगाने से बचें.

यह भी पढ़ें: फेस्टिव मेकअप के 5 आसान टिप्स (5 Easy Makeup Tips For Festive Season)

 

ब्लश ऑन लगाने का बेस्ट तरीक़ा:
7) ब्लश ऑन के लिए वॉर्म कॉफी शेड सलेक्ट करें, ये शेड सांवली त्वचा बहुत सूट करता है.

लिप मेकअप करने के बेस्ट टिप्स:
8) सांवली त्वचा वाली महिलाओं को लाइट शेड की लिपस्टिक लगानी चाहिए, जैसे- चॉकलेट ब्राउन, ब्राउनिश रेड आदि, ये शेड सांवली त्वचा पर अच्छे लगते हैं और नैचुरल लुक देते हैं.
9) इवनिंग पार्टी के लिए आप मोव, मरून जैसे डार्क शेड अप्लाई कर सकती हैं, लेकिन ये शेड दिन में न लगाएं.
10) सांवली त्वचा वाली महिलाओं को भूल से भी पिंक या ऑरेंज शेड की लिपस्टिक नहीं लगानी चाहिए, इससे आपका कॉम्प्लेक्शन और सांवला नज़र आएगा.

 

दीपिका पादुकोण जैसी हेयर स्टाइल बनाने के लिए देखें वीडियो:

‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’की कीर्ति ने की गुपचुप सगाई, देखिए पिक्स (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai’s Kirti aka Mohena Singh Gets Engaged)

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ये रिश्ता क्या कहलाता है (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) कि एक्ट्रेस मोहिना कुमारी सिंह (Mohena Kumari Singh), जो रेमो डिसूज़ा की फिल्म एबीसीडी में भी काम कर चुकी हैं, ने अपने होमटाउन रीवा में चोरी-चुपके सगाई (Engaged) कर ली है. उनके इंगेज़मेंट सेरेमनी की पिक्चर इंटरनेट पर वायरल हो रही है. सगाई की पिक्चर (Engagement Pictures) में एक्ट्रेस ने पिंक व पेस्टल ग्रीन कलर का लहंगा व ख़ूब सारी कुंदन ज्वेलरी पहन रखी है. वे सगाई की पिक्चर में किसी राजकुमारी से कम नहीं दिख रही हैं. हालांकि मोहिना सिंह ने अपनी सगाई के बारे में कुछ नहीं बताया लेकिन क़रीबी सूत्रों के अनुसार वे जल्द ही शादी के बंधन में बंध जाएंगी. सुनने में आ रहा है कि मोहिना सिंह दिसंबर में ही शादी करनेवाली हैं. उन्होंने शादी के लिए शूट से तीन दिनों की छुट्टी भी ली है.

Mohena Singh Gets Engaged

रॉयल लुक में मोहिना

भाई और मां के साथ

को-स्टार्स के साथ

Kirti aka Mohena Singh

Kirti aka Mohena Singh

आपको बता दें कि मोहिना सिंह रीवा के शाही खानदान से नाता रखती हैं. वे सबसे पहले डांस रिएलिटी शो डांस इंडिया डांस में नज़र आई थीं. रिएलिटी शो में भाग लेनेवाली वे शाही खानदान की पहली लड़की हैं. हालांकि उन्होंने  रेमो डिसूज़ा के एबीसीडी में छोटा-सा रोल किया था, लेकिन सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है ने उन्हें फेमस बना दिया. सीरियल में वे कार्तिक की बहन कीर्ति की भूमिका निभाती हैं.  यह अफवाह भी फैली हुई थी कि मोहिना सिंह ये रिश्ता क्या कहलाता है के को-स्टार रिषि देव को डेट कर रही हैं. एेसे में मोहना की सगाई की ख़बर बहुतों के लिए शॉकिंग है.

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Personal Problems: एचपीवी टेस्ट के क्या फ़ायदे हैं? (What Is The Importance Of HPV Test?)

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मैं 40 वर्षीया महिला हूं. हाल ही में मैं रूटीन चेकअप के लिए गई थी, तब डॉक्टर ने मुझे पैप टेस्ट की बजाय एचपीवी (HPV) (ह्यूमन पैपीलोमा वायरस) डीएनए टेस्ट करवाने की सलाह दी. यह क्या है? इसके क्या फ़ायदे हैं? और क्या यह पैप टेस्ट से बेहतर है?
– दीपा कुमार, सिकंदराबाद.
एचपीवी डीएनए पैप टेस्ट से बेहतर है, क्योंकि यह कैंसर का कारण बननेवाले कई प्रकार के ह्यूमन पैपीलोमा वायरस को डिटेक्ट कर सकता है, जो पैप टेस्ट से मुमकिन नहीं है. आपसे मिले सैंपल को डॉक्टर एक लिक्विड कंटेनर में रखेंगे, जिसे लैब में प्रोसेस कर टेस्ट किया जाएगा. इस टेस्ट के ज़रिए समय से पहले कैंसर का कारण बननेवाले सेल्स के बारे में पता लगाया जा सकता है. यही कारण है कि आपके डॉक्टर ने आपको इस टेस्ट की सलाह दी है.
यह भी पढ़ें: Personal Problems: व्हाइट डिस्चार्ज से पीरियड्स जैसा पेटदर्द होता है (What Is Causing White Discharge With Menstrual Cramps?)

HPV Test

मैं 40 वर्षीया महिला हूं और पिछले एक साल से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से पीड़ित हूं. पिछले एक साल में यह क़रीब पांच-छह बार हो चुका है. गायनाकोलॉजिस्ट ने सारे चेकअप्स के बाद सब नॉर्मल बताया, पर फिर भी इंफेक्शन बार-बार हो रहा है. मैं फिर से एंटीबायोटिक्स नहीं खाना चाहती. कृपया, उचित सलाह दें.
– पुनीता शुक्ला, मेरठ.
कभी-कभी अगर इंफेक्शन पूरी तरह ठीक न हो, तो वह फिर से हो सकता है. वहीं कुछ लोग थोड़ा आराम मिलते ही एंटीबायोटिक लेना बंद कर देते हैं, जिससे कोर्स पूरा नहीं होता और इंफेक्शन वापस से आ जाता है. चूंकि आप इस समस्या से काफ़ी दिनों से परेशान हैं, तो आपको यूरोलॉजिस्ट को दिखाना चाहिए. सिस्टोस्कोपी के ज़रिए वो आपका ब्लैडर आदि चेक करेंगे, जिससे इंफेक्शन के बार-बार होनेे का कारण पता चल जाएगा.

यह भी पढ़ें: क्या इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव्स के साइड इफेक्ट्स होते हैं? (Does Emergency Contraceptives Have Any Side Effects?)

यह भी पढ़ें:  पीरियड्स देरी से आने के क्या कारण हो सकते हैं? (What Could Be The Reasons For Delayed Periods?)

Dr. Rajshree Kumar

 

डॉ. राजश्री कुमार
स्त्रीरोग व कैंसर विशेषज्ञ
rajshree.gynoncology@gmail.com

 

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हैप्पी मैरिड लाइफ के लिए बेडरूम में रखें ये 6 चीज़ें (6 Things To Keep In Your Bedroom For Marital Bliss)

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Things To Keep In Your Bedroom

वास्तु (Vaastu) के अनुसार, नवविवाहित दंपतियों के लिए बेडरूम (Bedroom) स्पेशल जगह होती है, जहां पर वे अपना अधिकांश समय बिताते हैं. उनके बेडरूम के वास्तु पर पर उनकी शादीशुदा ज़िंदगी की सफलता निर्भर करती है. इसलिए ज़रूरी है कि बेडरूम में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता रहे. हम यहां पर ऐसे कुछ आसान से वास्तु टिप्स बता रहे, जिन्हें आजमाकर आप मैरिड लाइफ को बना सकते हैं हैप्पी और हेल्दी.

1. पौधे

Things To Keep In Your Bedroom

– बेडरूम में पौधे रखना शुभ होता है. पौधे रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
– लेकिन बेडरूम में कांटेदार पौधे रखने की भूल न करें.
– चाहें तो ताजे फूलोंवाला फ्लॉवर पोर्ट भी रख सकते हैं. समय-समय पर उस पोर्ट की साफ़-स़फ़ाई करते रहें.

2. इलेक्ट्रॉनिक सामान

Bedroom

– वास्तु के अनुसार दंपति अपने बेडरूम में इलेक्ट्रॉनिक सामान- टीवी, एलईडी, कंप्यूटर, लैपटॉप, फ्रिज आदि न रखें. ये रिश्तों मे बाधा पहुंचाने का काम करते हैं.
– इलेक्ट्रॉनिक यानी बिजली से चलनेवाले सामान से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. – वास्तु के अनुसार दंपति अपने बेडरूम में इलेक्ट्रॉनिक सामान- टीवी, एलईडी, कंप्यूटर, लैपटॉप, फ्रिज आदि न रखें. ये रिश्तों मे बाधा पहुंचाने का काम करते हैं.
– इलेक्ट्रॉनिक यानी बिजली से चलनेवाले सामान से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

3. फोटो
– बेडरूम अपने न तो भगवान की फोटो लगाएं और न ही अपने पूर्वजों की.
– ऐसी फोटो व तस्वीरें लगाने से वैवाहिक जीवन में बाधाएं आती हैं और संबंधों दूरियां बढ़ने लगती हैं.

और भी पढ़ें: वास्तु के अनुसार घर में भूलकर भी न लगाएं ये 12 तस्वीरें (12 Photos To Never Put Up In Your Home, As Per Vastu)

4. गद्दे और चादर

Mattresses and sheets
– बेड पर दो अलग-अलग गद्दे रखने की बजाय एक बड़ा सिंगल गद्दा रखें.
– दो अलग-अलग भागों में बंटा बिस्तर दंपतियों के बीच दूरियां ब़ढ़ाता है.
– इसी तरह से दंपति के ओढ़नेवाली चादर, कंबल भी एक ही होनी चाहिए.
– खुशहाल ज़िंदगी के लिए कभी भी फटी व गंदी चादर न बिछाएं.
– बिस्तर को बेडरूम के दरवाज़े के पास न रखें.

5. शोपीस

Show Piece
– बेडरूम में लवबर्ड, डांसिंग कपलवाले शोपीस या रोमांटिक तस्वीरें लगाएं.
– ध्यान रखें बेडरूम बहुत ही ख़ास जगह होती है, इसलिए यहां पर हमेशा कपलवाली तस्वीरें लगाएं.
– लॉफिंग बुद्धा को बेडरूम में रखने की ग़लती न करें.

6. बेड

Bed
– बेडरूम में बेड हमेशा उत्तर, उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पश्‍चिम दिशा में रखें.
– इस दिशा में बेड रखने से दंपति के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

और भी पढ़ें: 20 वास्तु टिप्स, जो दूर करेंगे वैवाहिक जीवन की परेशानियां (20 Vastu Tips For Happy Married Life)

               – देवांश शर्मा

पति-पत्नी और शक (How Suspicion Can Ruin Your Marriage?)

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पति की कमीज़ पर किसी लड़की के बाल को देखकर परेशान होना… पत्नी को घर छोड़ने आए पुरुष सहकर्मी को लेकर शंका… पति के कमरे के बाहर जाते ही चोरी-छिपे उसका मोबाइल चेक करना या कभी-कभी अपने साथी के पीछे जासूस लगाना… क्या आप जानते हैं कि अगर इसमें से एक भी लक्षण आप में है, तो आप ‘शक’ नाम की गंभीर बीमारी के शिकंजे में फंसते जा रहे हैं.

Marriage

पति-पत्नी और शक यह एक ऐसा प्रेम त्रिकोण है, जिसकी कहानी का अंत अक्सर ही दुखद होता है. अगर पति-पत्नी की हंसती-खेलती ज़िंदगी में शक की दीवार खड़ी होती है, तो बंटवारा ज़मीन-जायदाद का नहीं, बल्कि परिवारों का होता है. शक नाम की यह बीमारी कोई नई नहीं है. हमारे समाज  में शक और उससे जुड़ी कई कहानियां प्रसिद्ध हैं, पर कभी किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया.

कैसे बढ़ती है शक की बीमारी?

रिसर्च बताते हैं कि किसी पर शक करना चाहे कोई बहुत बड़ी समस्या न हो, पर हां यह किसी समस्या की ओर पहली सीढ़ी ज़रूर है. शक का अगर व़क्त रहते इलाज नहीं हुआ, तो धीरे-धीरे उस शक पर बिना किसी वजह आप विश्‍वास करने लगते हैं और अपने साथी पर अविश्‍वास. यह अविश्‍वास फिर आपकी झुंझलाहट और चिड़चिड़ेपन का कारण बनता है. यह कभी-कभी शारीरिक तौर पर भी नज़र आता है. यह झुंझलाहट आप में असुरक्षा की भावना को जन्म देती है, जिसके कारण कई सारे डर दिमाग़ में घर कर जाते हैं. ऐसा होने पर जहां एक ओर आप मानसिक बीमारी के शिकार हो जाते हैं, वहीं दूसरी ओर आपका आपके साथी के साथ रिश्ता बिखर जाता है.

यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि शक कभी लिंग भेद नहीं करता, सामान्यतौर पर यह माना जाता है कि स्त्रियां ही शक्की होती हैं, पर ऐसा है नहीं. समय आने पर पुरुष भी शक करते हैं. अगर इसका और विश्‍लेषण किया जाए, तो सवाल यह उठता है कि आख़िर हम शक करते क्यों हैं?

ये होती हैं अक्सर शक की वजहें

जब रिश्ता नए माहौल में आगे बढ़ रहा हो

जब भी हम किसी नए जीवन में क़दम रखते हैं, तो मन में आकांक्षाओं के साथ आशंकाएं भी होती हैं. जैसे नई नौकरी हो या कॉलेज का पहला दिन, थोड़ा शक तो मन में रहता ही है. इसी तरह जब कोई रिश्ता आगे नए रास्ते पर बढ़ता है, तो मन में शक तो रहेगा ही.

अपने किसी भय को छिपाने के लिए

रिश्ते में अगर आपको किसी चीज़ से डर लगता है, उदाहरण के तौर पर अगर किसी को सेक्स से डर लगता है या उस रिश्ते के साथ अपने भविष्य का भय, तो उसे छिपाने के लिए शक का सहारा लेते हैं.

जब आप ख़ुद किसी हीनभावना का शिकार हों

हीनभावनाएं अक्सर ही असुरक्षा की भावना लाती हैं और यही असुरक्षा शक को जन्म देती है. असुरक्षा किसी प्रिय व्यक्ति को खो देने की, असुरक्षा अपनी महत्ता खो देने की. मान लीजिए कोई स्त्री या पुरुष हीनभावना से ग्रसित है, तो उसे हमेशा अपने साथी को लेकर शक रहेगा कि कहीं उसका किसी और के साथ अफेयर तो नहीं चल रहा, कहीं मेरा साथी मुझे छोड़कर तो नहीं चला जाएगा. बिना किसी वजह की चिंता शक और अविश्‍वास की जननी है और फिर इसी असुरक्षा के चलते आप साथी को और अधिक जकड़कर-पकड़कर रखने की कोशिश करते हैं, जो अंत में रिश्ते को समाप्त करता है.

अतीत के अनुभव

यह बहुत ही महत्वपूर्ण बिंदु है. अगर किसी के जीवन में पहले कभी धोखा हुआ हो या उसने ख़ुद किसी को धोखा दिया हो, तो शक उसके जीवन का अभिन्न अंग बन जाता है. यह मानव प्रवृत्ति है कि वह अनुभवों से ही सीखता है.

यह भी पढ़ें: किस राशिवाले किससे करें विवाह? (Perfect Life Partner According To Your Zodiac Sign)

Suspicion on Your Marriage

क्या हो सकते हैं शक के परिणाम?

शक को अगर समय रहते ना रोका गया, तो ये दो चीज़ों को बर्बाद करता है- पहला आपका अपना व्यक्तित्व और दूसरा आपका रिश्ता. यह तब और भी भयावह हो जाता है, जब स़िर्फ दो व्यक्ति नहीं, बल्कि दो परिवार टूटते हैं. शक्की व्यक्ति अपने जीवन में किसी भी रिश्ते से संतुष्ट नहीं रह सकता. शक होना वैसे तो काफ़ी सामान्य-सी बात है, पर इस शक को एक सीमा के परे बढ़ने ना देना बेहद आवश्यक है. तो कैसे किया जाए इस शक को नियंत्रित?

मुझे तुमसे प्यार है

सबसे पहले इस जुमले से बाहर आएं और यह कहना शुरू करें कि मुझे तुम पर विश्‍वास है. प्यार कभी अकेला नहीं रहता. यह हमेशा विश्‍वास के साथ रहता है. अगर विश्‍वास ख़त्म हो जाए, तो प्रेम की सुंदरता समाप्त हो जाती है.

सवालों का बोझ

कुछ सवालों के बोझ से ख़ुद को और अपने साथी को भी दूर रखें. सवाल जैसे कि फोन करके यह पूछना कि तुम अभी कहां हो, किसके साथ हो, तुम मुझसे प्यार तो करते/करती हो ना… कहीं तुम मुझसे कुछ छिपा तो नहीं रहे… ये सवाल आपके रिश्ते को कमज़ोर बनाएंगे.

सांस लेने की रखें गुंजाइश

रिश्ते में अपने साथी को और ख़ुद को सांस लेने की जगह दें. इसका अर्थ है कि थोड़ा समय अपने साथी को और ख़ुद को अपनी रुचि का काम करने के लिए दें. स्वतंत्रता का बंधन सबसे अच्छा बंधन होता है. अगर रिश्ते में स्वतंत्रता है, तो शक की कोई गुंजाइश नहीं होगी.

बार-बार करें विश्‍वास

आपको जितनी बार अपने साथी पर बेवजह शक होता है, उतनी बार उस पर फिर से विश्‍वास करें. यह काम है तो मुश्किल, पर करना तो पड़ेगा. इसके लिए आप दोनों एक-दूसरे के साथ क्वालिटी समय बिताएं. चाहें तो खाली समय में एक-दूसरे को एंटरटेन करने के लिए ट्रस्ट गेम्स खेलें. ट्रस्ट गेम्स आपके रिश्ते को मज़बूत बनाते हैं. इंटरनेट पर आपको बहुत से ऐसे ट्रस्ट गेम्स मिल जाएंगे.

अतिविचारी प्रवृत्ति से बचें

ये वे लोग हैं, जो अपने विचारों में ही तिल का ताड़ बना लेते हैं. किसी ऐसी बात को अपने विचारों में रखना जो कभी हुई ही नहीं, आपके रिश्ते के लिए हानिकारक है. ऐसा होगा या वैसा होगा… इन बातों का कोई अंत नहीं है. तो बिना किसी सबूत के होनेवाले शक पर लगाम तो आपको ही कसनी होगी.

खाली दिमाग़ शैतान का घर

अपने आपको कभी इतना खाली मत रखिए कि दिमाग़ में शक का फ़ितूर नाचने लगे. अपने दिमाग़ और ऊर्जा को किसी सकारात्मक कार्य में लगाएं.

शक आपके अपने दिमाग़ की उपज है, इसलिए उसे ख़त्म करने की ज़िम्मेदारी भी आपकी अपनी ही है. हां, आप चाहें, तो किसी दोस्त या एक्सपर्ट की मदद भी ले सकते हैं

          – विजया कठाले निबंधे

यह भीढ़ें:  शादी के बाद क्यों बढ़ता है वज़न? जानें टॉप 10 कारण (Top 10 Reasons For Weight Gain After Marriage)

यह भी पढ़ें:  मायके की तरह ससुराल में भी अपनाएं लव डोज़ फॉर्मूला (Love Dose Formula For Happy Married Life)

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