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जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियन बने लक्ष्य (Lakshya Sen Created History By Winning Junior Badminton Championship)

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उड़ान

बधाई और शुभकामनाएं, नए उभरते बैडमिंटन चैंपियन बन गए है लक्ष्य सेन (Lakshya Sen). इंडोनेशिया के जर्काता में जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप (Junior Badminton Championship) जीतकर उन्होंने यह कीर्तिमान अपने नाम किया. लक्ष्य ने देश को 53 साल बाद एशियाई पुरुष जूनियर वर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. इस टूर्नामेंट में लक्ष्य को छठी वरीयता प्राप्त थी.
उन्होंने फाइनल में प्रथम वरीयता थाइलैंड के कुनलावुत वितिदसरन को सीधे सेटों में 21-19, 21-18 से मात दी. दोनों के बीच कड़ा मुक़ाबला हुआ, पर आख़िरकार जीत लक्ष्य की हुई. अंडर-19 के इस फाइनल में लक्ष्य ने 46 मिनटों के भीतर सीधे सेटों में कुनलावुत को हराया. दोनों के बीच यह पहली भिडंत थी.

Junior Badminton Championship

उन्होंने सेमीफाइनल में चौथी वरीयता के इंडोनेशिया के इखसान लियोनार्डो इमानुएल रुमबे को 21-7, 21-14 से हराया था.
बकौल लक्ष्य- वे यह टूर्नामेंट जीतकर बेहद ख़ुश हैं. इससे उनका आत्मविश्‍वास बढ़ा है. यह काफ़ी लंबा टूर्नामेंट रहा, क्योंकि मैं व्यक्तिगत व टीम स्पर्धा दोनों मेंं खेला. हर मैच के बाद मेरा पूरा ध्यान अपनी थकान से उबरना रहा. मुझे ख़ुशी है कि मैं अच्छा खेल सका और जीत हासिल कर सका.
लक्ष्य के स्वर्ण पदक जीतने व बेहतरीन परफॉर्मेंस पर बीएआई (भारतीय बैडमिंटन संघ) ने दस लाख रुपए की इनामी राशि देने की घोषणा की है.

Junior Badminton Championship

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डिफरेंट स्ट्रोक्स...
* लक्ष्य से पहले साल 1965 में गौतम ठक्कर ने यह जूनियर एशियाई बैडमिंटन का ख़िताब जीता था.
* और साल 2012 में पीवी सिंधु ने महिला वर्ग में इस ख़िताब का स्वर्ण पदक अपने नाम किया था.
* लक्ष्य सेन यूं तो दुनिया के नंबर नाइन प्लेयर हैं, पर एक समय में वे नंबर वन पर काबिज़ थे.
* अभी फ़िलहाल थाइलैंड के कुनलावुत वितिदसरन दुनिया के नंबर वन खिलाड़ी हैं.
* लक्ष्य एशिया जूनियर चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतने वाले तीसरे भारतीय बन गए हैं.
* पिछले साल इस टूर्नामेंट में लक्ष्य ने कांस्य पदक हासिल किया था.
* प्रकाश पादुकोण व विमल कुमार से ट्रेनिंग हासिल करनेवाले लक्ष्य ने प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी में बैडमिंटन की बारीक़ियों को सिखा है.
* वैसे बैडमिंटन लक्ष्य के ख़ून में रहा है यानी उनके पिता डीके सेन व भाई चिराग़ भी बैडमिंटन खेलते रहे हैं. फ़िलहाल उनके पिता बैडमिंटन कोच हैं.
* लक्ष्य का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा में 16 अगस्त, 2001 में हुआ था.
* उन्होंने एशिया जूनियर चैैंपियनशिप व बीडब्ल्यूएफ इंटरनेशनल चैलेंज सीरीज़ जीता है.
* लक्ष्य अब तक जूनियर सिंगल टाइटल में अंडर 13, अंडर 17 व अंडर 19 का ख़िताब अपने नाम कर चुके हैं. साथ ही कई इंटरनेशनल मेडल भी जीते हैं.

– ऊषा गुप्ता

 


टीवी की किन्नर बहू ने बताया कि आख़िर क्यों हो रही है उनके हनीमून प्लान में देरी (Rubina Dilaik Revealed The Reason for Delay in Honeymoon Plan)

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छोटे पर्दे की किन्नर बहू के नाम में मशहूर एक्ट्रेस रुबीना दिलैक (Rubina Dilaik) ने 21 जून को अपने लॉन्गटर्म बॉयफ्रेंड अभिनव शुक्ला (Sbhinav Shukla) से शादी की थी. दोनों ने शिमला के आलिशान पैलेस में ग्रैंड तरीके से शादी रचाई थी, हालांकि इस कपल को शादी के बंधन में बंधे हुए 1 महीने से ज़्यादा का समय बीत चुका है, बावजूद इसके दोनों के हनीमून प्लान का अभी दूर-दूर तक कोई पता नहीं है. दरअसल, शाही शादी और ग्रैंड रिसेप्शन के बाद हनीमून पर जाने की बजाय रुबीना और उनके पति अभिनव शुक्ला दोनों ही अपने-अपने काम में बिज़ी हो गए, लेकिन शादी के क़रीब एक महीने बाद रुबीना ने ख़ुलासा किया है कि आख़िर क्यों उनके हनीमून प्लान में इतनी देरी हो रही है.
Rubina Dilaik
हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान रुबीना ने बताया कि शादी के तुरंत बाद वो अपने सीरियल ‘शक्ति-अस्तित्व के एहसास की’ के शूटिंग पर लौट गईं तो वहीं उनके पति अभिनव शुक्ला अपने शो ‘सिलसिला बदलते रिश्तों का’ की शूटिंग में बिज़ी हो गए. रुबीना की मानें तो शादी के बाद दोनों अपने-अपने काम में इतने ज़्यादा बिज़ी हो गए हैं कि वो एक-दूसरे का दीदार भी बड़ी ही मुश्किल से कर पाते हैं. ऐसे में दोनों को एक-दूसरे का साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करने का मौक़ा तक नहीं मिलता है, लेकिन वो इसे भी एन्जॉय कर रहे हैं.
Rubina Dilaik
रुबीना का कहना है कि शूटिंग से पैक अप के बाद दोनों को एक साथ गुज़ारने के लिए मुश्किल से एक घंटे का समय मिलता है. उसमें भी वो 15-20 मिनट में अपने पति अभिनव के लिए कुछ बनाना पसंद करती हैं. रुबीना की मानें तो अभिनव के लिए खाना बनाना उन्हें बहुत अच्छा लगता है. उधर हनीमनू में हो रही देरी पर रुबीना का कहना है कि फिलहाल हम दोनों अपने प्रोफेशनल कमिटमेंट्स में काफ़ी बिज़ी हैं. इसलिए अभी तक हनीमून को लेकर कोई प्लान नहीं बन पाया है. उन्होंने कहा कि वो कुछ महीने बाद हनीमून पर जाएंगी और उनके दिमाग़ में कुछ जगहों के नाम भी है, लेकिन जब दोनों को काम से फुर्सत मिलेगी तब हनीमून डेट और डेस्टिनेशन दोनों फाइनल करेंगे.
Rubina Dilaik
ग़ौरतलब है कि रुबीना ‘शक्ति-अस्तित्व के एहसास की’ में एक किन्नर बहू का किरदार निभा रही हैं, जबकि उनके पति अभिनव शुक्ला ‘सिलसिला बदलते रिश्तों का’ में निगेटिव किरदार निभा रहे हैं. बता दें कि रुबीना और अभिनव ने 4 साल तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद शादी करने का फ़ैसला किया था और शादी के बाद अपने बिज़ी शेड्यूल से थोड़ा सा वक़्त चुराकर दोनों अपनी शादीशुदा ज़िंदगी को एन्जॉय कर रहे हैं.
Rubina Dilaik

10 क्विक मेकअप टिप्स से पाएं पार्टी परफेक्ट लुक (10 Quick Makeup Tips For Party Perfect Look)

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10 क्विक मेकअप टिप्स आपको मिनटों में पार्टी परफेक्ट बना सकते हैं. सरप्राइज़ पार्टी में जाने के लिए अगर आपके पास कंप्लीट मेकअप करने का वक़्त नहीं है, तो इन टॉप 10 क्विक मेकअप टिप्स को अपनाइए और मिनटों में नज़र आइए पार्टी परफेक्ट.

Quick Makeup

1. कंप्लीट मेकअप करने का टाइम नहीं है, तो स़िर्फ आंखों में काजल या लाइनर लगाएं और होंठों पर लिप ग्लॉस लगाकर हो जाइए पार्टी के लिए तैयार.

2. इंस्टेंट फेयरनेस के लिए चेहरे पर पहले मॉइश्‍चराइज़र लगाएं, उसके बाद अपनी स्किन टोन से मैच करता फाउंडेशन लगा लें. इससे आप पलभर में फेयर नज़र आएंगी.

3. यदि आपकी आंखें छोटी हैं, तो व्हाइट आई पेंसिल लगाएं. इससे आपकी आंखें न स़िर्फ बड़ी, बल्कि ख़ूबसूरत भी लगेंगी.

4. वक़्त की कमी के चलते आंखों का पफीनेस कम नहीं कर पा रही हैं, तो डार्क शेड का आईशैडो लगाकर आप आंखों का पफीनेस आसानी से छुपा सकती हैं. डार्क सर्कल्स छुपाने के लिए भी डार्क शेड का आईशैडो लगाएं.

5. इंस्टेंट ग्लो पाने के लिए स्किन वाइटलाइज़र को मॉइश्‍चराइज़र के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाएं, चेहरा चमक उठेगा.

यह भी पढ़ें: जानें मस्कारा लगाने का सही तरीक़ा ( Know How To Apply Mascara)

 

6. फेस मेकअप के लिए ज़्यादा कुछ नहीं कर सकतीं, तो स़िर्फ फाउंडेशन लगा लें. इसके लिए फाउंडेशन में दो बूंद पानी मिलाकर चेहरे पर अप्लाई करें.

7. आई मेकअप के लिए आपको बहुत कुछ करने की ज़रूरत नहीं, स़िर्फ ब्लैक मस्कारा लगाकर भी आप अपनी आंखों को अट्रैक्टिव लुक दे सकती हैं.

8. आई और लिप मेकअप दोनों नहीं कर सकतीं, तो किसी एक को हाईलाइट करें, जैसे- आंखों को स्मोकी लुक दें और होंठों पर स़िर्फ लिपग्लॉस लगा लें या फिर होंठों पर डार्क शेड की लिपस्टिक लगाकर आंखों में स़िर्फ काजल लगा लें.

9. होंठों की ख़ूबसूरती बढ़ाने के लिए पहले न्यूड पेंसिल से आउटलाइन करें, फिर कलर्ड लिपस्टिक लगा लें. इससे होंठों को न स़िर्फ सही शेप मिलेगा, बल्कि होंठ ख़ूबसूरत भी नज़र आएंगे.

10. ऑफिस के बाद अचानक कहीं जाने का प्लान बन जाए, तो टिशू पेपर से चेहरा क्लीन करके टचअप कर लें. इससे आप पल भर में फ्रेश नज़र आएंगी.

यह भी पढ़ें: भूलकर भी न दोहराएं ये ब्यूटी मिस्टेक्स ( Beauty Mistakes You Should Never Repeat)

 

स्मोकी आई मेकअप स्टेप बाय स्टेप सीखने के लिए देखें वीडियो:

 

एक बार फिर शिल्पा शिंदे के निशाने पर आईं हिना खान, वजह ही कुछ ऐसी है (Shilpa Shinde’s Reaction on Hina Khan)

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‘बिग बॉस 11’ की विनर शिल्पा शिंदे (Shilpa Shinde) और बिग बॉस के घर में उन्हें कड़ी टक्कर देने वाली हिना खान (Hina Khan) के बीच अक्सर नोकझोंक की ख़बरें सामने आती रहती हैं. बिग बॉस के घर में भी दोनों के बीच कभी नहीं बनी और घर से बाहर आने के बाद भी दोनों एक-दूसरे पर तंज कसने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देतीं. एक ओर जहां हिना खान ‘कसौटी ज़िंदगी की 2’ में कोमोलिका के किरदार को लेकर सुर्खियां बटोर रही हैं, तो वहीं शिल्पा शिंदे नई मर्सिडीज़ कार खरीदने को लेकर चर्चा में हैं. बता दें कि हिना खान एक बार फिर शिल्पा शिंदे के निशाने पर आ गई हैं.

Shilpa Shinde and Hina Khan

ख़बरों की मानें तो हिना खान ‘कसौटी ज़िंदगी की 2’ में कोमोलिका का किरदार निभा सकती हैं, लेकिन हिना की मानें तो उनकी तरफ से अभी कुछ फाइनल नहीं है. इसी बीच जब शिल्पा शिंदे से हिना खान के कोमोलिका वाले किरदार को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब दिया कि हिना तो पहले से ही कोमोलिका हैं. क्या वो बिग बॉस के घर में भी कोमोलिका नहीं थीं? हालांकि बाद में उन्होंने यह भी कहा कि हिना एक अच्छी अदाकारा हैं और उनके लिए नेगेटिव किरदार निभाना बेहद आसान है. इसके साथ ही शिल्पा ने कहा कि कॉमेडी करना हिना के लिए मुश्किल काम है, बाकी वो एक अच्छी एक्ट्रेस हैं.

Hina Khan

बता दें कि बिग बॉस 11 में हिना खान को हराकर शिल्पा शिंदे विनर बनी थीं. इस पूरे शो के दौरान दोनों के बीच कभी नहीं बनी और अक्सर उनके बीच छोटी-छोटी बात को लेकर नोकझोंक देखने को मिली थी. बता दें कि हिना खान ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ से अक्षरा के नाम से मशहूर हुई हैं, जबकि शिल्पा शिंदे ‘भाबीजी घर पर हैं’ से फेमस हुई थीं. हाल ही में हिना का एक वीडियो एल्बम ‘भसूडी’ रिलीज़ हुआ है, जिसे काफ़ी पसंद किया जा रहा है. जबकि हाल ही में शिल्पा शिंदे सलमान खान के रियालिटी शो ‘दस का दम’ में ‘ये है मोहब्बतें’ के रमण भल्ला यानी करण पटेल के साथ पहुंची थीं.

Shilpa Shinde and Hina Khan

यह भी पढ़ें: जानें हिना ख़ान ने प्रियांक शर्मा का क्यों उड़ाया मज़ाक?(Hina Khan Mocks Priyank Sharma)

श्रावण मास में ऐसे करें शिव को प्रसन्न- पूरी होगी हर मनोकामना (How To Worship Lord Shiva During Shravan Month?)

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श्रावण मास में शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो आपको उनकी सही पूजन विधि मालूम होनी चाहिए. यदि आपके जीवन में बहुत कठिनाइयां आ रही हैं, रुके हुए काम आगे नहीं बढ़ रहे हैं, जीवन में सफलता नहीं मिल रही है, तो श्रावण मास में आप भगवान शिव को प्रसन्न कीजिए. भोलेनाथ की आराधना करने से मनोकामना ज़रूर पूरी होती है. श्रावण मास में शिव को कैसे प्रसन्न करें, ताकि आपकी हर मनोकामना पूरी हो, इसकी पूरी जानकारी दे रहे हैं पंडित राजेंद्र जी. आप श्रावण मास में विधि-विधान से कीजिए शिव पूजन और अपनी हर मनोकामना पूरी कीजिए.

Worship Lord Shiva

श्रावण मास में राशि के अनुसार करें शिव पूजा- पूरी होगी हर मनोकामना
श्रावण मास में शिव को प्रसन्न करने के लिए यदि आप अपनी राशि के अनुसार शिव जी की पूजा करते हैं, तो आपको इसका अधिक लाभ मिलता है. राशि के अनुसार शिव पूजन करते समय आपको शिवलिंग पर कौन-सा द्रव्य अर्पण करना चाहिए, किन मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए आदि जानकारी दे रहे हैं पंडित राजेंद्र जी. यदि आपके ग्रह सही नहीं चल रहे हैं, तो किस ग्रह के प्रभाव को कम करने के लिए शिव जी की किस तरह पूजा-अर्चना करना चाहिए, इसकी जानकारी भी दे रहे हैं पंडित राजेंद्र जी.

यह भी पढ़ें: चंद्रग्रहण 2018: ये है सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण! जानें किस राशि पर होगा क्या असर (Chandra Grahan 27 July 2018: Remedies To Overcome Effects Of Chandra Grahan)

 

श्रावण मास में किस राशि वाले को किस तरह शिव की पूजा करनी चाहिए, जानने के लिए देखें वीडियो:

श्रावण मास में ऐसे करें शिव को प्रसन्न- पूरी होगी हर मनोकामना
यदि आपकी कोई मनोकामना है, जिसे आप पूरा करना चाहते हैं, तो श्रावण मास में शिव जी पूजा का संकल्प लें और पूरी लगन से शिव उपासना करें और शिव जी को प्रसन्न करें, आपकी मनोकामना ज़रूर पूरी होगी.

यह भी पढ़ें: हथेली के रंग से जानें अपना भविष्य (Palmistry: Know Your Future & Destiny By Looking At Your Hands)

 

मनोकामना पूरी करने के लिए शिव जी को कैसे करें प्रसन्न, जानने के लिए देखें वीडियो:

टाइगर श्रॉफ ने ख़रीदा 8 बेडरूम वाला शानदार अपार्टमेंट (Tiger Shroff buys an eight-bedroom apartment in Mumbai)

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टाइगर श्रॉफ ने हाल ही में मुंबई में आठ बेडरूम अपार्टमेंट ख़रीदा है. ख़बर है कि अगले साल वे इस नए घर में शिफ्ट हो जाएंगे. कहना ग़लत न होगा कि इन दिनों टाइगर श्रॉफ के सितारे बुलंदी पर हैं. हाल ही अहमद ख़ान द्वारा निर्देशित बागी-2 जैसी हिट फिल्म देने के बाद टाइगर स्टुडेंट ऑफ द ईयर-2 की शूटिंग में जुट गए हैं. इस फिल्म में टाइगर की हीरोइन अनन्या पांडे और तारा सुतारिया हैं. करियर में नई ऊंचाइयों को छूने के साथ-साथ पर्सनल लाइफ में वे काफ़ी तरक्की कर रहे हैं. जी हां,  सुनने में आ रहा है कि टाइगर ने मुंबई के खार इलाके में आठ कमरों वाला शानदार अपार्टमेंट ख़रीद लिया है, जहां वे अगले साल की शुरुआत में शिफ़्ट हो जाएंगे.

करीबी सूत्रों के अनुसार, टाइगर बहुत दिनों से अच्छे घर की तलाश में थे और जैसे ही उन्हें मनचाहा घर मिला, उन्होंने तुरंत ख़रीद लिया. यह डील इस महीने की शुरुआत में हुई और टाइगर के इस नए इंवेस्टमेंट से उनके परिवारवाले काफ़ी ख़ुश हैं. टाइगर श्रॉफ के नए घर की इंटीरियर डिज़ाइनिंग जॉन अब्राहम के भाई एलन अब्राहम ने की है. एलन इसके पहले अपने भाई जॉन सहित कई सेलेब्स का घर डिज़ाइन कर चुके  हैं. टाइगर अपने घर में ज़्यादा फर्नीचर नहीं चाहते और उनके नए घर में जिम भी होगा. टाइगर का घर सजाने में उनकी मां सक्रिय भूमिका निभाएंगी.

आपको बता दें कि इसके पहले हाल ही में शाहिद कपूर ने हाल ही में वर्ली में  डुप्लेक्स अपार्टमेंट लिया है. जिसकी कीमत 56 करोड़ बताई जा रही है. इसके पहले वरुण धवन और तापसी पन्नु भी हाल ही में नए घर में शिफ्ट हुए. जनवरी में आदित्य रॉय कपूर भी रणबीर कपूर की तरह बैचलर घर में शिफ्ट हो गए. आदित्य का घर बहुत बड़ा है.

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जानें आज की दिलचस्प ख़बरें- मराठा क्रांति से लेकर फिल्म धड़क तक…(Today’s Interesting News from Maratha Revolution To Film Dhadak…)

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Film Dhadak

 

मराठा क्रांति मोर्चा…
यूं तो लंबे समय से मराठा क्रांति मोर्चा अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. एक युवक द्वारा गोदावरी नदी में डूबकर जान दे देने से मामला और गरमा गया है. मराठों ने आज महाराष्ट्र बंद का आव्हान करने के साथ अपने आंदोलन को और भी तेज़ कर दिया है.

हार्ट केयर…
कनाडा के वैज्ञानिकों ने दिल की बीमारी के ख़तरे का पता लगाने के लिए एक ऑनलाइन हेल्थ कैलकुलेटर बनाया है. अब इसकी मदद से कोई शख़्स कब ह्रदय रोग का शिकार हो सकता है, का पता लगा सकते हैं. कार्डियोवेस्कुलर डिजीज पॉपुलेशन रिस्क टूल (सीवीडीपीआरटी) नामक यह कैलकुलेटर हार्ट की लाइफ के बारे में भी बताती है, जिससे हृदय की सेहत का भी आसानी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है.

हर दिल धड़क रहा…
श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर की फिल्म धड़क लोगों को ख़ूब पसंद आ रही है. पिछले चार दिनों में 39.19 करोड़ का बिज़नेस फिल्म ने कर लिया है. धड़क के मेकर्स द्वारा जाह्नवी कपूर व ईशान खट्टर पर फिल्माया गया इमोशनल डायलॉग प्रोमो लोगों को इस कदर पसंद आया कि इस वीडियो को 23 लाख से भी अधिक बार लोगों ने देखा. धड़क मराठी फिल्म सैराट की रीमेक है.

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ताजमहल संरक्षण…
ताजमहल को प्रदूषण से दूर रखने और
संरक्षण को लेकर उत्तर प्रदेश की आदित्यनाथ योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ड्राफ्ट विजन डॉक्यूमेंट दायर किया है. इसमें कई अहम् सुझाव दिए गए हैं, जैसे- ताजमहल के आसपास के पूरे इलाके को नो प्लास्टिक जोन घोषित करने से लेकर बोतलबंद पानी व प्रदूषण फैलानेवाली फैक्ट्री पर बैन लगाया जाए. क़रीब कोई निर्माण कार्य भी न हो. साथ ही आगरा में ऐसी ट्रैफिक व्यवस्था हो, जिससे पैदल चलनेवालों को बढ़ावा मिले.

वायरल तस्वीर…
पाकिस्तानी एक्ट्रेस सबा कमर की सिगरेट पीते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के साथ-साथ उन पर काफ़ी व्यंग्यबाण भी किया जा रहा है. एक फोटो शूट के दौरान की अपनी उक्त फोटो पर वे आलोचनाओं का शिकार होने के साथ -साथ ट्रोल हो रही हैं.

सेक्स प्रॉब्लम्स- पहले मैं सेक्स को ज़्यादा एंजॉय करता था (Sex Problems- First I Used To Enjoy Sex More)

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Sex Problems

मैं 34 साल का हूं. मेरी शादी को 3 साल हो गए हैं. पिछले कुछ समय से मैं सेक्स के दौरान बहुत जल्दी डिस्चार्ज हो जाता हूं, जिससे मुझे तो संतुष्टि मिल जाती है, लेकिन मेरी पत्नी को ऑर्गेज़्म नहीं मिल पाता, जबकि पहले ऐसा नहीं होता था. पहले मैं सेक्स को ज़्यादा एंजॉय करता था और ऑर्गेज़्म तक पहुंचने में भी व़क्त लगता था.

– सुरेश मुखर्जी, पटना.

इसकी कई वजहें हो सकती हैं. हो सकता है आप सेक्स के दौरान बहुत अधिक उत्तेजित हो जाते हों, जिससे डिस्चार्ज हो जाता है. हो सकता है आप मानसिक रूप से कुछ परेशान हों या फिर आपकी डायट व नींद ठीक से न हो रही हो. बेहतर होगा कि आप इस बात को दिमाग़ से निकाल दें और सेक्स से पहले रिलैक्स रहें. इसके अलावा आप कंडोम का प्रयोग करें, इससे भी काफ़ी फ़र्क़ पड़ेगा.

यह भी पढ़े: सेक्स प्रॉब्लम्स- उम्र बढ़ने के साथ-साथ मेरी सेक्स की चाह भी बढ़ती जा रही है… (Sex Problems- My Desires For Sex Is Also Increasing With Age…)

यह भी पढ़े: सेक्स प्रॉब्लम्स- क्या यह मेरी हेल्थ पर या रिश्तों पर बुरा असर डाल सकता है? (Sex Problems- Can It Have A Bad Effect On My Health Or Relationship?)

मैं 24 साल की हूं और मेरी हाल ही में शादी हुई है. हम अभी बच्चा प्लान नहीं करना चाहते, लेकिन पिछले कुछ समय से हम मेरे पीरियड्स के दौरान बिना प्रोटेक्शन के सेक्स कर रहे हैं. मैं कोई कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स भी नहीं ले रही. क्या ऐसे में मैं प्रेग्नेंट हो सकती हूं?

– आशा मिश्रा, अहमदाबाद.

पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से प्रेग्नेंसी की संभावना बहुत कम रहती है, लेकिन इस दौरान अनप्रोटेक्टेड सेक्स करने से बीमारियां हो सकती हैं. यह बेहद ख़तरनाक है. आपके लिए भी यह कष्टदायक होगा और आपके पति भी कई तरह की बीमारियों के शिकार हो सकते हैं. इस दौरान भी अगर सेक्स करना ही है, तो बेहतर होगा कि कंडोम का इस्तेमाल ज़रूर करें.

Dr. Rajiv Anand

डॉ. राजीव आनंद
सेक्सोलॉजिस्ट
(dr.rajivanand@gmail.com)

सेक्स संबंधित अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें: Sex Problems Q&A


जानिए कितना फ़ायदेमंद है उपवास? (Know Benefits of Fasting)

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क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप उपवास रखते हैं तो उस दौरान आपके शरीर में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं? नहीं ना. तो चलिए हम आपको बताते हैं कि व्रत रखने या कुछ घंटों तक भोजन नहीं करने पर हमारा शरीर किस तरह रिएक्ट करता है और इसके क्या फायदे हैं?

Benefits Of Fasting

शुगर ब्रेकडाउन
आमतौर उपवास के पहले कुछ घंटे बेहद सामान्य होते हैं. उस दौरान हमारा शरीर सामान्य प्रक्रिया दोहराते हुए ऊर्जा प्राप्त करने के लिए ग्लाइकोजेन को ब्रेक करके ग्लूकोज़ रिलीज़ करता है. इस ग्लूकोज़ का 25 फ़ीसदी इस्तेमाल मस्तिष्क करता है और बचे हुए ग्लूकोज़ का प्रयोग लाल रक्त कोशिकाएं और मांसपेशियां करती हैं.

कीटोसिस
उपवास के 5-6 घंटे बाद हमारा शरीर कीटोसिस लेवल पर पहुंच जाता है. यह एक प्रकार का मेटाबॉलिक स्टेट है. इस दौरान हमारा शरीर रक्त में मौजूद कीटोन बॉडीज़ से ऊर्जा प्राप्त करता है. कीटोन बॉडीज़ वॉटर-सॉल्यूबल मॉलिक्यूल्स हैं. जब हम खाना नहीं खाते या बहुत कम खाते हैं तो उस दौरान हमारा लिवर इनका उत्पादन करता है. यह चर्बी गलने की प्रक्रिया है. इस दौरान असली उपवास शुरू होता है और वज़न कम होने की प्रक्रिया भी. कीटोजेनिक डायट का पालन करके भी आप इस स्थिति तक पहुंच सकते हैं.

Benefits Of Fasting
कोलेस्ट्रॉल और यूरिक एसिड की सफ़ाई
कीटोसिस प्रक्रिया के दौरान शरीर में बहुत-सी दूसरी चीज़ें भी होती हैं. इस दौरान शरीर डिटॉक्स होता है और हमारा शरीर रक्तमें कोलेस्ट्रॉल और यूरिक एसिड रिलीज़ करता है. इस दौरान व्यक्ति को सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द व स्किन रैश जैसी समस्याएं होती हैं. यह प्रक्रिया ख़त्म होते-होते दर्द कम हो जाता है और ब्लड प्रेशर भी घट जाता है. कहने का अर्थ है कि इस स्टेज में शरीर की आंतरिक सफ़ाई होती है और कोलेस्ट्रॉल लेवल कम हो जाता है.

पाचन तंत्र को आराम मिलता है
चूंकि हम कुछ नहीं खाते या बहुत कम खाना खाते हैं, इसलिए हमारे पाचन तंत्र को आराम मिलता है. चूंकि पाचन प्रक्रिया को पूरा होने में समय लगता है, इसलिए उपवास के दौरान भी यह पूरी तरह रुकता नहीं है.

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इमोशनल डिटॉक्स
छह घंटे उपवास करने के बाद हमें सामान्यतः भूख लगनी शुरू हो जाती है, जिसके कारण ग़ुस्सा, थकान, मायूसी इत्यादि भावनाएं हावी होने लगती हैं. इन भावनाओं पर क़ाबू करना ज़रूरी है. बेहतर होगा कि इस दौरान अपना ग़ुस्सा किसी दूसरे पर न निकालें और बार-बार खाने पर ध्यान लगाने की बजाय मेडिटेशन करें. कोई ऐसी एक्टिविटी न करें, जिसमें ज़्यादा मेहनत लगती हो.

उपवास के प्रकार
इंटर्मिटेंट (अनिरंतर) फास्टिंगः इस तरह का उपवास वज़न कम करने की कोशिश में जुटे लोग करते हैं. इसमें दिनभर में कुछ घंटों के लिए खाने की अनुमति होती है और बाकी बचे हुए समय में व्रत रखना पड़ता है. इससे हम कम कैलोरीज़ ग्रहण करते हैं और फालतू में दिनभर मुंह चलाने से बच जाते हैं.
प्रोलॉन्ग्ड फास्टिंगः इस प्रकार के उपवास में स़िर्फ जूस या पानी पीने की अनुमति होती है, लेकिन इसे करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें, ताकि आपको पता चल सके कि आपका शरीर इतने ज़्यादा समय तक भूखे रहने की स्थिति में है या नहीं और यह आपके लिए कितना सुरक्षित है.
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युवाओं की ज़ुबान पर चढ़ा पंजाबी सिंगर गुरु रंधावा का यह नया गाना, आप भी देखें (New Song of Famous Punjabi Singer Guru Randhawa)

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मशहूर पंजाबी सिंगर गुरु रंधावा (Guru Randhawa) का लगभग हर गाना युवाओं की ज़ुबान पर चढ़ा हुआ है. उनके गानों को लेकर ऐसी दीवानगी है कि अक्सर पार्टी और इवेंट जैसे ख़ास मौकों पर इस सिंगर के गानों से महफिल को ख़ुशनुमा बनाने की कोशिश की जाती है. बेशक गुरु रंधावा के कई गाने सोशल मीडिया और यूट्यूब पर वायरल हो चुके हैं. अब इस लिस्ट में उनका एक और नया गाना भी शामिल हो गया है. जी हां, हाल ही में गुरु रंधावा का नया गाना ‘आजा नि आजा’ यूट्यूब पर रिलीज़ हुआ है.

Singer Guru Randhawa

बता दें कि रिलीज़ होने बाद चंद घंटों में ही यह गाना युवाओं की ज़ुबान पर इस कदर चढ़ गया है कि देखते ही देखते यह वायरल हो गया और सिर्फ 48 घंटों में ही इसे 55 लाख से भी ज़्यादा बार देखा गया. दरअसल, यह गाना पंजाबी फिल्म ‘मर गये ओए लोको’ का है. इस फिल्म में पंजाब के सुपरस्टार गिप्पी ग्रेवाल हैं और इस गाने में उनके साथ सपना पब्बी हैं, जो एक ब्रिटीश एक्ट्रेस और मॉडल के तौर पर अपनी पहचान रखती हैं.

Singer Guru Randhawa

गुरु रंधावा के इस गाने में नज़र आने के अलावा सपना पब्बी बॉलीवुड की फिल्म ‘खामोशियां’ और अनिल कपूर की टीवी सीरीज़ ’24’ में भी नज़र आ चुकी हैं. बॉलीवुड और टीवी में काम करने के बाद सपना अब पंजाबी इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आज़मा रही हैं. बात करें एक्टर गिप्पी ग्रेवाल की तो हाल ही में रिलीज़ हुई उनकी फिल्म ‘कैरी ऑन जट्ट 2’ बॉक्स ऑफिस पर हिट रही. बता दें कि गुरु रंधावा के इस नए गाने में हीरो-हीरोइन के बीच कई रोमांटिक सीन देखे जा सकते हैं.

आप भी देखें गुरु रंधावा का यह नया गाना… 

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चूड़ियां पहनने के 5 धार्मिक और वैज्ञानिक लाभ (Why Do Indian Women Wear Bangles-Science Behind Indian Ornaments)

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चूड़ियां पहनने के 5 धार्मिक और वैज्ञानिक लाभ हर महिला को मालूम होने चाहिए. चूड़ियां पहनने के 5 धार्मिक और वैज्ञानिक लाभ हमें बताते हैं कि चूड़ियां पहनना सिर्फ़ महिलाओं का शौक़ नहीं है, चूड़ियां पहनने के कई धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व भी हैं. आइए, जानते हैं चूड़ियां पहनने के 5 धार्मिक और वैज्ञानिक लाभ के बारे में.

Indian Ornaments

1) धार्मिक मान्यता के अनुसार, महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए चूड़ियां पहनती हैं इसीलिए चूड़ियां सुहाग का प्रतीक मानी जाती हैं.
2) सोलह शृंगार में चूड़ियों का ख़ास महत्व है इसलिए शृंगार के समय चूड़ियों को ख़ास महत्व दिया जाता है. खनकती चूड़ियां महिलाओं की ख़ूबसूरती को और बढ़ा देती हैं.
3) आयुर्वेद के अनुसार, सोने और चांदी की भस्म शरीर के लिए बलवर्धक होती है इसीलिए सोने और चांदी की चूड़ियां पहनने से इन धातुओं के तत्व महिलाओं को बल प्रदान करते हैं, जिससे महिलाएं लंबी उम्र तक स्वस्थ रहती हैं.
4) विज्ञान कहता है कि कांच की चूड़ियों की खनक से वातावरण में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
5) लाल और हरे रंग की चूड़ियां सुहाग का प्रतीक मानी जाती हैं. लाल रंग प्रेम का माना जाता है और यह महिलाओं को अदि शक्ति से जोड़ता है. इसी तरह हरा रंग प्रकृति का रंग माना जाता है. जिस तरह प्रकृति हमारे जीवन में ख़ुशहाली लाती है, उसी तरह हरा रंग वैवाहिक जीवन में ख़ुशहाली लाता है.

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सुहागन स्त्रियां मंगलसूत्र क्यों पहनती हैं?

सुहागन स्त्रियां मंगलसूत्र ज़रूर पहनती हैं. मंगलसूत्र को सुहाग का प्रतीक माना जाता है इसलिए वर विवाह के समय वधु को मंगलसूत्र पहनाता है और उसके बाद विवाहित स्त्री हमेशा मंगलसूत्र पहनती है.

मंगलसूत्र पहनने की धार्मिक मान्यता
मंगलसूत्र को सुहाग का प्रतीक माना गया है इसलिए सभी सुहागन महिलाएं मंगलसूत्र पहनती हैं.

मंगलसूत्र पहनने का वैज्ञानिक महत्व
मंगलसूत्र सोने से निर्मित होता है. सोना शरीर में बल व ओज बढ़ानेवाली धातु है, इसलिए ये शारीरिक ऊर्जा का क्षय होने से रोकती है.

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5 स्टाइलिश अंदाज़ में पहनें साड़ी, देखें वीडियो:

 

छलका दीपिका पादुकोण का दर्द, कहा धोखा देना रणबीर कपूर की है पुरानी आदत (Deepika Padukone Revealed The Real Reason of Breakup With Ranbir Kapoor)

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इन दिनों रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) और आलिया भट्ट (Alia Bhatt) के प्यार के किस्से बॉलीवुड की गलियारों में मशहूर हो रहे हैं, लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब रणबीर कपूर और उनकी एक्स गर्लफ्रेंड दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) को बॉलीवुड के हॉटेस्ट कपल के तौर पर देखा जाता था. बता दें कि दीपिका और रणबीर के बीच साल 2007 में फिल्म ‘बचना ए हसीनों’ की शूटिंग के दौरान नज़दीकियां बढ़ी थीं, लेकिन लंबे वक़्त तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद दोनों का ब्रेकअप हो गया. भले ही दोनों के ब्रेकअप को कई साल हो गए हैं, बावजूद इसके दोनों के बीच दोस्ती का रिश्ता आज भी बरकरार है. इतने सालों बाद अब दीपिका ने अपने ब्रेकअप को लेकर चौंकाने वाला ख़ुलासा किया है.

Deepika Padukone and Ranbir Kapoor

हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान रणबीर का नाम लिए बगैर दीपिका ने उनके साथ अपने प्यार भरे रिश्ते के दर्दनाक अंत पर चुप्पी तोड़ते हुए बताया कि ‘धोखा देना रणबीर की आदत में शामिल है और मैंने उसे रंगे हाथों पकड़ा था, यही वो वक़्त था जब मैंने सारे इमोशन भूलकर उससे अलग होने का फ़ैसला किया. जब मैं उसके साथ रिलेशनशिप में थी तो कई लोगों ने मुझसे ये कहा था कि वो तुम्हें धोखा दे रहा है. मैं भी इस बात को जानती थी, फिर भी मैंने अपने रिश्ते को दूसरा मौक़ा दिया. बावजूद इसके एक दिन मैंने उसे रंगे हाथों पकड़ा’.

Deepika Padukone and Ranbir Kapoor

दीपिका की मानें तो उन्होंने रिलेशन में रहते हुए किसी को धोखा नहीं दिया. उनका मानना है कि किसी को धोखा देने से बेहतर है सिंगल रहना. दीपिका ने अपने ब्रेकअप के दर्द को बयां करते हुए कहा कि ‘जब उसने पहली बार मुझे धोखा दिया तो मुझे ऐसा लगा कि शायद हमारे रिश्ते में कहीं कोई बात सही नहीं है, लेकिन रिश्ते में सर्वस्व न्योछावर करने के बाद भी अगर कोई आपको धोखा देता है तो यह उसकी आदत होती है’. जब कोई आपको भरोसा तोड़ देता है तो उसके प्रति आप के दिल में मौजूद सारी भावनाएं ख़त्म हो जाती हैं. उनका कहना है कि वो ब्रेकअप के बाद कई दिनों तक रोती रहीं, लेकिन फिर उन्होंने सबकुछ भूलकर आगे बढ़ने का फ़ैसला किया.

Deepika Padukone and Ranbir Kapoor

कहा जाता है कि दीपिका रणबीर के साथ अपने रिलेशनशिप को लेकर काफ़ी सीरियस थीं और उन्होंने अपनी गर्दन पर रणबीर के नाम का टैटू भी बनवा लिया था.  ब्रेकअप के बाद दीपिका ने रणबीर के साथ स्क्रीन शेयर करने से कभी इंकार नहीं किया और उन्होंने ‘ये जवानी है दीवानी’ और ‘तमाशा’ जैसी फिल्मों में साथ काम किया. बता दें कि दीपिका और कैटरीना से ब्रेकअप के बाद रणबीर इन दिनों आलिया भट्ट से अपने रिलेशनशिप को लेकर सुर्खियों में हैं, जबकि दीपिका रणवीर सिंह के साथ अपनी शादी की ख़बरों को  लेकर लगातार चर्चा में बनी हुई हैं.

Deepika Padukone and Ranbir Kapoor

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5 श्रावण स्पेशल मेहंदी डिज़ाइन्स स्टेप बाय स्टेप (5 New Mehndi Designs-Shravan Special Unique Mehndi Designs Step By Step)

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5 श्रावण स्पेशल मेहंदी डिज़ाइन्स से आप श्रावण में मेहंदी लगाने की परंपरा को बहुत ही ख़ूबसूरती से पूरा कर सकती हैं. सावन और शृंगार का चोली-दामन का साथ है. सावन की बरसती बूंदें शृंगार के लिए उकसाती हैं. तभी तो सावन में गीत गाने, मेहंदी लगाने, झूला झूलने, सजने-सवंरने का रिवाज़ है. व़क्त के साथ भले ही शृंगार का अंदाज़ बदल गया है, लेकिन बरसती बूंदें आज भी मन में वही उत्साह भर देती हैं. आप भी सावन में शृंगार करना न भूलें, इसलिए हम आपको बता रहे हैं 5 श्रावण स्पेशल मेहंदी डिज़ाइन्स लगाने का स्टेप बाय स्टेप तरीक़ा.

5 श्रावण स्पेशल मेहंदी डिज़ाइन्स लगाने का स्टेप बाय स्टेप तरीक़ा जानने के लिए देखें वीडियो:

सावन को ऐसे बनाएं स्पेशल:
सावन के महीने का जितना धार्मिक महत्व है, उतना ही ये प्यार और शृंगार के लिए भी जाना जाता है. तभी तो सावन के महीने पर इतने गीत लिखे गए हैं. चाहे सावन के सोमवार के व्रत हों या मेहंदी लगाने, कजरी (लोकगीत) गाने, चूड़ी पहनने, झूला झूलने का रिवाज़, रिमझिन बरसता सावन हर दिल में एक नई उमंग भर देता है. बदलते व़क्त के साथ सावन के महीने को कैसे बनाएं और सुहाना? आइए, जानते हैं.

* बड़े शहरों में सावन के सभी रीति-रिवाज़ मनाना भले ही मुमकिन न हो, लेकिन अपनी तरह से सावन को सुहाना बनाया ही जा सकता है. इसके लिए सहेलियों के साथ एक दिलचस्प पार्टी प्लान कीजिए.
* इस पार्टी को मेहंदी, चूड़ी, चुनरी आदि थीम दीजिए ताकि आप उस दिन ख़ूब सच-संवर सकें. * जीवन में इंद्रधनुष के रंग भरने का इससे अच्छा मौक़ा और क्या हो सकता है इसलिए पार्टी में ख़ूब सज-संवरकर जाएं.
* जब इतनी सारी सहेलियां साथ हों, तो नाच-गाने का दौर तो चलेगा ही. तो दिल खोलकर नाचिए-गाइए और सावन को यादगार बनाइए.
* पार्टी में यदि झूले का अरेंजमेंट भी हो जाए तो क्या कहने!
* सावन की पार्टी चाट-पकौड़े के बिना भला कैसे पूरी हो सकती है इसलिए पार्टी का मेनु ज़ायकेदार बनाने के लिए उसमें शामिल कीजिए चटाखेदार रेसिपीज़.

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 Indian Women Wear

श्रावण में ट्राई करें ये स्मार्ट आइडियाज़:
* जीवन में इंद्रधनुष के रंग भरने के लिए सावन में पहनिए ब्राइट कलर के ट्रेंडी आउटफिट्स और एक्सेसरीज़.
* मेहंदी, चूड़ी, चुनरी पहनकर हमसफ़र को रिझाइए.
* पार्टनर के साथ रोमांटिक गानों का लुत्फ़ उठाते हुए लॉन्ग ड्राइव पर निकल जाइए.

New Mehndi Designs

जानें व्रत क्यों रखा जाता है?

धार्मिक मान्यता
धर्मशास्त्रों में व्रत का बहुत महत्व है. व्रत से शरीर, मन और आत्मा सभी की उन्नति होती है. पूजा-पाठ, त्योहार या हफ्ते में किसी एक दिन अधिकतर लोग व्रत रखते हैं.
वैज्ञानिक महत्व
आयुर्वेद के अनुसार, व्रत करने से पाचन क्रिया अच्छी रहती है और फलाहार लेने से शरीर का डिटॉक्सीफिकेशन होता है. शरीर में से खराब तत्व बाहर निकलते हैं. शोधकर्ताओं के अनुसार, व्रत करने से कैंसर का खतरा कम होता है. हार्ट डिसीज़, डायबिटीज़ जैसी बीमारियां भी जल्दी नहीं होतीं. अतः सेहत की दिृष्टि से हफ़्ते में एक दिन व्रत करना बहुत ही ज़रूरी है.

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श्रावण में ऐसे रखें व्रत
* शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने के लिए सावन के सोमवार का व्रत कीजिए और पाइए नया निखार.
* श्रावण में आप फ्रूट डायट भी फॉलो कर सकती हैं. इससे आप हेल्दी रहेंगी और ख़ूबसूरत भी नज़र आएंगी.

ये है मोहब्बतें के इस ऐक्टर का बेडरूम वीडियो एक करोड़ से ज़्यादा बार देखा गया (Yeh Hai Mohabbatein Actor Ribbhu Mehra’s Bedroom Video )

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लोकप्रिय  टीवी शो ये है मोहब्बतें में निखिल का किरदार निभाने वाले एक्टर रिभु मेहरा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. रिभु शो में निखिल का किरदार निभा रहे हैं. सीरियल में भले ही उनका किरदार बड़ा ना हो, मगर सोशल मीडिया पर उनके बारे में बातें हो रही हैं.  वजह है एक उनका एक बेडरूम वीडियो. दरअसल यह वीडियो उन्होंने एक गाने के लिए शूट किया था.

Ribbhu Mehra

Re Piya Music Video

 

दरअसल, रिभु ने खुद अपना यह वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. इसे उन्होंने एक म्यूज़िक एल्बम के गाने के लिए शूट किया था. रिभु मेहरा ने यह लव मेकिंग सीन म्यूजिक वीडियो ‘रे पिया’ के लिए शूट किया. इस गाने को अलताफ सय्यैद ने गाया है, वहीं, असलम खान ने इसका निर्देशन किया है. जी म्यूज़िक कंपनी के लेबल से गाने को रिलीज़ भी कर दिया गया है. मगर हैरानी वाली बात यह है कि अपने वीडियो को हिट करने के लिए रिभु ने सोशल मीडिया को हथियार बनाया.

टीर रिभु मेहरा ने अपने म्यूजिक वीडियो का सिर्फ बेडरूम सीन ही सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. ऐसे तरीके आमतौर पर कम वक्त में ज्यादा लोगों का ध्यान आकर्षित कने के लिए किया जा रहा है. इस वीडियो में उनके साथ एक्ट्रेस स्नेहा नामानंदी नजर आ रही हैं. रिभु मेहरा के अनुसार, शूट से पहले वह स्नेहा नामानंदी से पहले कभी नहीं मिले. इसलिए बेड रूम सीन की शूटिंग के वक्त उन पर दबाव था. उन्होंने कहा, ‘हमारी पूरी कोशिश थी कि वीडियो सहजता से शूट हो और वह अश्लील ना लगे.’ गौरतलब है कि गाना ‘रे पिया’ रिलीज कर दिया गया है. यूट्यूब पर इसे इसे एक करोड़ से ज़्यादा बार देखा जा चुका है.

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कारगिल विजय दिवस: कारगिल युद्ध की याद दिलाती हैं बॉलीवुड की ये 5 फिल्में (Kargil Vijay Diwas: 5 Bollywood Films, Which are inspired from Kargil War)

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26 जुलाई का दिन हर हिंदुस्तानी के लिए गर्व का दिन है, क्योंकि 18 साल पहले साल 1999 में आज ही के दिन भारत ने कारगिल युद्ध में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को करारी शिकस्त देते हुए कारगिल की पहाड़ियों पर तिरंगा फहराया था. बता दें कि कारगिल में भारत और पाकिस्तान के बीच क़रीब ढाई महीने तक युद्ध चला था और भारत ने पाकिस्तान को मैदान-ए-जंग में धूल चटाई थी. इस युद्ध में कई वीर जवानों ने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए हंसते-हंसते अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे. इसलिए आज का यह दिन जीत का जश्न मनाने के साथ-साथ इस युद्ध के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का भी है. बता दें कि इस युद्ध पर आधारित बॉलीवुड में कई फिल्में भी बन चुकी हैं. इसी कड़ी में चलिए हम आपको बताते हैं देशभक्ति के रंग में रंगी कारगिल युद्ध पर बनी बॉलीवुड की 5 फिल्में…

 

1- लक्ष्य

साल 2004 में रिलीज़ हुई फिल्म लक्ष्य (Lakshay) में ऋतिक रोशन ने एक ऐसे लड़के का किरदार निभाया था, जिसे अपने जीवन का लक्ष्य ही नहीं मालूम था. हालांकि अपने दोस्तों को देख कर वो सेना में भर्ती होने चला जाता है और फिर ऋतिक कारगिल युद्ध में दुश्मन से लोहा लेते नज़र आते हैं. वो अपनी टीम का नेतृत्व करते हैं और युद्ध में जीत हासिल करते हैं. बता दें कि डायरेक्टर फरहान अख़्तर की इस फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाज़ा गया था.

Lakshay

2- टैंगो चार्ली 

साल 2005 में रिलीज़ हुई फिल्म टैंगो चार्ली (Tango Charlie) लोगों के दिलों में देशभक्ति का ज़ज़्बा जगाने के साथ ही कारगिल युद्ध की याद भी दिलाती है. साल 1999 के कारगिल युद्ध पर बनी इस फिल्म में अजय देवगन और बॉबी देओल मुख्य भूमिका में नज़र आए थे.

Tango Charlie

3- एलओसी कारगिल

डायरेक्टर जेपी दत्ता ने कारगिल युद्ध पर आधारित फिल्म एलओसी कारगिल (LOC Kargil) बनाई थी. साल 2003 में रिलीज़ हुई इस फिल्म में संजय दत्त, अजय देवगन, सैफ अली खान, सुनील शेट्टी, संजय कपूर, अभिषेक बच्चन जैसे सितारे नज़र आए थे. इस फिल्म में असली गोला-बारूद और हथियारों का इस्तेमाल किया गया था. क़रीब 4 घंटे 15 मिनट की यह फिल्म कारगिल युद्ध की यादें ताज़ा कर देती है.

LOC Kargil

4- मौसम 

साल 2011 में रिलीज़ हुई फिल्म मौसम (Mausam) में भी कारगिल युद्ध की कुछ झलकियां दिखाई गई हैं. फिल्म मेकर पकंज कपूर के इस फिल्म की कहानी में कारगिल का बैकड्रॉप था. फिल्म में शाहिद कपूर एक एयरफोर्स ऑफिसर के किरदार में थे, जिसे कारगिल युद्ध के चलते सगाई से ठीक पहले ड्यूटी पर जाना पड़ता है.

Mausam

5- धूप

साल 2003 में आई फिल्म धूप (Dhoop) साल 1999 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध पर आधारित है. यह फिल्म युद्ध में शहीद हुए जवान अनुज नायर पर बनी थी. फिल्म में अनुज नायर के पिता एस.के. नायर का रोल ओम पुरी ने निभाया था. जिसमें वो अपने शहीद बेटे के हक के लिए सिस्टम में लड़ते हुए नज़र आते हैं.

Dhoop

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मायके की तरह ससुराल में भी अपनाएं लव डोज़ फॉर्मूला (Love Dose Formula For Happy Married Life)

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Love Dose Formula

कहते हैं लड़कियों से घर गुलज़ार रहता है और उनकी चहक से ही घर में रौनक बनी रहती है, पर यही लड़कियां जब ससुराल जाती हैं, तब क्यों ख़ुद को इतना क्यों बदल लेती हैं कि ससुराल में वही रौनक नहीं दिखाई देती? माना कि यह आपका ससुराल है, यहां कुछ मर्यादाएं हैं, पर इसका यह मतलब नहीं कि आप मायकेवाली नादानियां-शरारतें, लविंग-केयरिंग नेचर यानी अपना लव डोज़ पूरी तरह भूल जाएं. अपने नए घर को भी ख़ुशहाल रखना चाहती हैं, तो मायकेवाला लव डोज़ यहां भी आज़माएं.    

सास को दें मम्मीवाला लव डोज़

सास-बहू का रिश्ता सबसे अनोखा होता है. लोगों की बरसों पुरानी सुनी-सुनाई बातों पर न जाएं, आज व़क्त बदल रहा है, हो सकता है आपकी सास सुलझे विचारों की महिला हो, इसलिए खुले दिल व दिमाग़ के साथ ससुराल जाएं और सास को अपनाएं.

– जिस तरह आप अपनी मम्मी को प्यार करती हैं, कोशिश करें की सास के बात-व्यवहार करते समय वही मां-बेटीवाली आत्मियता झलके.

– शादी से पहले ही जिस तरह होनेवाले पति से हमेशा बात करती हैं, उसी तरह कम से कम हफ़्ते में एक बार सास का हाल-चाल लेती रहीं.

– जिस तरह आप मम्मी को बालों में तेल लगाती हैं, नेल पेंट लगाती हैं, वो कौन-सी साड़ी पहनें यह डिसाइड करती हैं यही सब कुछ आपको अपनी सास के साथ भी तो करना है.

– जिस तरह खाना बनाते समय मम्मी से पूछकर काम करती हैं, उसी तरह सास से पूछकर करें. यहां अपना ईगो आड़े मत आने दें.

– हर स्त्री को सजना-संवरना पसंद होता है, तो कोशिश करें कि कभी-कभार उनके लिए कुछ कोई ब्यूटी प्रोडक्ट या कोई एक्सेसरी लेकर जाएं.

– अपने मम्मी और भाभी को देखकर आपके मन में जो भी आता है कि भाभी को मम्मी के लिए ऐसा करना चाहिए, वो सब आप अपनी सास के लिए ज़रूर करें.

– आपकी सास के लिए सबसे बेस्ट गिफ्ट होगा उनके बेटे का थोड़ा-सा ़फुर्सतवाला समय, तो कभी-कभार दोनों को कहीं शॉपिंग या यूं ही

पानीपूरी ट्रीट के लिए भेजें. दोनों के चेहरे की ख़ुशी आपकी मैरिड लाइफ में लव का डबल डोज़ लगाएगी.

– सास अपनी बहू से यही उम्मीद करती है कि वो उसे समझे, अगर आपको उनकी बात सही नहीं लग रही है, फिर भी तुरंत ना कहने की बजाय, थोड़ी देर बाद अपनी बात समझाकर कहें.

ससुरजी को दें पापावाला लव डोज़

ज़्यादातर घरों में ससुर और बहू का रिश्ता काफ़ी फॉर्मल होता है, लेकिन अगर आपके ससुरजी सुलझे हुए व मॉर्डन सोच के व्यक्ति हैं, तो आपके लिए बेस्ट मौक़ा है अपनी शादीशुदा ज़िंदगी को ख़ुशहाल बनाने का.

– पापा की लाडली बिटिया को ससुर की लाडली बहू बनने के लिए ज़्यादा मेहनत करने की ज़रूरत नहीं, बस ईमानदारी से अपने कर्त्तव्य निभाने होंगे.

– जिस तरह आप पापा के घर देर से आने पर उन्हें फोन लगा देती थीं कि कहां हैं और कब तक आएंगे, यही आपको ससुरजी के साथ भी करना है.

– जब भी वो दोस्तों के साथ कहीं बाहर घूमने जा रहे हों, तो उनके लिए स्नैक्स आदि का इंतज़ाम ख़द करके दें. उन्हें अच्छा लगेगा.

– शाम को घर लौटने पर उनकी तबीयत पूछें और कुछ तकलीफ़ होने पर डॉक्टर के पास ले जाएं. याद रखें, उन्हें अकेले डॉक्टर के पास न जाने दें. साथ में ख़ुद जाएं या फिर पति को भेजें. तकलीफ़ में अपनों का साथ सबसे बड़ी दवा है.

– अगर ससुरजी कभी शांत या परेशान दिखें, तो उनकी परेशानी का कारण पूछें. अक्सर पैरेंट्स कोई समस्या बच्चों से बताने में हिचकिचाते हैं कि कहीं वो भी परेशान न हो जाएं.

– पापा के लिए फादर्स डे पर, उनके बर्थडे पर कुछ ख़ास करती थीं, बस यहां भी यही ध्यान रखें कि उनका बर्थडे, उनकी एनीवर्सरी आदि पर उन्हें विश करने के साथ-साथ कुछ ख़ास करें.

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Love Dose Formula

ननद और जेठानी के लिए है बहनवाला लव डोज़     

ननद और जेठानी ससुराल में आपकी हमउम्र व सहेली हैं. उनके साथ आपको वही दोस्ताना रखना है, जो आप अपनी दीदी या छोटी बहन के लिए रखती हैं.

– आपकी शॉपिंग हो या मौज-मस्ती हर जगह ये आपको कंपनी देने के लिए तैयार रहेंगी, बस आपको उन्हें ननद या जेठानी न समझकर एक नई फ्रेंड और बहन समझना है.

– जैसे अपनी बहन के स्पेशल दिन को ख़ास बनाती हैं, उसी तरह इनके दिन को भी ख़ास बनाएं.

– जैसे बहन के लिए कुछ न कुछ लाती रहती हैं और उनके चेहरे की मुस्कान के लिए सरप्राइज़ देती हैं, वही सरप्राइज़ यहां भी जारी रखें.

– उन्हें आपकी पसंदीदा साड़ियां, ड्रेसेज़, झुमके, नेकलेस आदि पहनने के लिए दें. उन्हें अच्छा लगेगा.

– ननद को जो पसंद है, वो उन्हें ज़रूर खिलाएं. अगर वो पिज़्ज़ा खाना चाहती हैं, तो भले ही खाना बनाने में लेट हो जाए, पर उनका मन ज़रूर रखें.

– अपनी दीदी के बच्चों से जितना प्यार करती हैं, उतना ही लाड़-प्यार जेठानी के बच्चों को भी दें. जब भी आप उनके बच्चों के लिए कुछ करेंगी, वो भी बड़ी बहन की तरह आप पर ढेर सारा प्यार लुटाएंगी.

– कभी-कभार स़िर्फ लेडीज़ गैंग बनाकर आप तीनों कहीं घूमने, मूवी या फिर शॉपिंग के लिए जाएं और जैसे बहन से पैसे नहीं लेतीं, बल्कि टिकट ख़ुद ही ख़रीदती हैं, वैसा यहां भी करें.

देवर-जेठ को दें भाईवाला लव डोज़     

ससुराल में देवर और जेठ दो ऐसे लोग हैं, जो आपकी भाई की कमी पूरी करेंगे. जिस तरह भाई आपको जानबूझकर सताता है, चिढ़ाता है, इरिटेट करता है, वही रोल शायद देवर व जेठ निभाएं, तो याद रखें कि उन्हें भी भाईवाला प्यार देना है.

– देवर शरारती होते हैं, जानबूझकर भाभी को सताना, अपने काम उन्हें देना और बिज़ी रखने के लिए कुछ न कुछ करवाने में उन्हें बड़ा मज़ा आता है, ख़ैर इसकी तो आपको आदत है, क्योंकि भाई भी तो यही करता था. जैसे भाई को हैंडल करती थीं, वैसे इन्हें भी हैंडल करें.

– जेठजी को हैंडल करना देवर की तुलना में बहुत आसान है, क्योंकि ये न तो शरारतें करते हैं, न ही आपको सताते हैं, बस इन्हें एक चीज़ से मतलब होता है कि आप उनकी पत्नी को समझें. घर के कामों में हाथ बंटाएं और सबसे घुल-मिलकर रहे.

– जिस तरह आपको अपने भाई की हर पसंद-नापसंद पता होती है, उसी तरह देवर व जेठ की पसंद जानने की कोशिश करें.

– भाई के लिए कुछ करना बहनों को हमेशा ही अच्छा लगता है, तो यही नज़रियां यहां भी रखें और अपने भाइयों की लिस्ट में दो नाम और बढ़ा दें.

दादा-दादी को दें बचपनेवाला लव डोज़

दादी सास हो या दादा ससुर अपने पोते वो जितना प्यार करते हैं, शायद ही कोई करता होगा. उनके लिए बस एक ही चीज़ मायने रखती है कि पोते की बहू भी पोते को उतना ही प्यार करे और पोते की तरह उनसे घुल-मिल जाए.

– दादा-दादी को अपने की शरारतें लुभाती हैं, उनके साथ थोड़ा दुलार दिखाएं, थोड़ी छेड़खानी करें. दादी की ख़ूबसूरती के लिए कॉम्प्लीमेंट दें, तो दादा को उनकी चुस्ती-फुर्ती के लिए.

– दादा-दादी के साथ बैठें, उनसे बातें करें, उनके समय के बारे में पूछें और उनकी सेवा का कोई भी मौका हाथ से जाने न दें.

– उनके लिए उनकी फेवरेट खाने की चीज़ें लाएं, उन्हें नई-नई चीज़ों के बारे में बताएं.

– अगर दादा-दादी कहीं किसी तीर्थस्थान जाना चाहते हैं या अपने दोस्तों की मंडली का आपके सामने अक्सर ज़िक्र करते हैं, तो उनकी उम्मीदों को पूरा करें.

– उनके दोस्तों को घर पर बुलाएं, उनका आदर-सत्कार करें और दादा-दादी की तरफ़ से कोई गिफ्ट ज़रूर दें. उनके साथ-साथ दादा-दादी की ख़ुशी देखने लायक होगी.

– उनसे लाड़-प्यार ही उनके लिए बेस्ट लव डोज़ है. वो हर किसी को पैंपर करते हैं, आप उन्हें पैंपर करें. फिर देखिएगा, कैसे खिल उठेगा उनका तन-मन.

– सुनीता सिंह  

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छोटे पर्दे के कई सीरियल्स में नज़र आने वाले एक्टर और एक्ट्रेसेस की ऑनस्क्रीन जोड़ी को दर्शक बेहद पसंद करते हैं. हालांकि इनमें कई रील लाइफ़ कपल्स रियल लाइफ़ में भी एक-दूसरे के पार्टनर्स बन चुके हैं, जबकि कई ऐसे कपल्स भी हैं जो रियल लाइफ़ में एक-दूसरे को डेट तो कर रहे हैं, लेकिन पब्लिकली अपने रिलेशनशिप के बारे में बोलने से कतराते हैं. चलिए हम आपको टीवी के ऐसे ही 8 रील लाइफ़ कपल्स से रू-ब-रू करवाते हैं, जो रियल लाइफ़ में एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं.

TV Couples Who Are Dating

1- अविका गौर और मनीष रायसिंघानी

टीवी के मशहूर ‘सीरियल ससुराल सिमर का’ में एक्ट्रेस अविका गौर और मनीष रायसिंघानी एक कपल के तौर पर नज़र आ चुके हैं, लेकिन ये रील लाइफ़ कपल रियल लाइफ़ में भी एक-दूसरे को काफ़ी समय से डेट कर रहा है. अविका मनीष से 18 साल छोटी है और दोनों को कई मौकों पर साथ देखा भी जा चुका है. बावजूद इसके दोनों अक्सर यही कहते हैं कि वो सिर्फ बेस्ट फ्रेंड हैं.

Avika Gaur and Manish Raisinghani

2- मौनी रॉय और मोहित रैना

‘देवों के देव महादेव’ में सती के किरदार में नज़र आ चुकी मौनी रॉय और भगवान शिव का किरदार निभा चुके मोहित रैना की ऑनस्क्रीन जोड़ी को बेहद पसंद किया गया था. बता दें कि मौनी और मोहित रियल लाइफ़ में एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं, लेकिन अपने रिलेशनशिप के बारे में ख़ुलकर कुछ भी कहने से बचते हैं.

Mouni Roy and Mohit Raina

3- करन टैकर और क्रिस्टल डिसूज़ा

सीरियल ‘एक हज़ारों में मेरी बहना है‘ से मशहूर हुए एक्टर करण टैकर और एक्ट्रेस क्रिस्टल डिसूजा की ऑनस्क्रीन केमेस्ट्री दर्शकों को बेहद पसंद आई थी. बता दें कि ये कपल लॉन्ग टाइम से एक-दूसरे को डेट कर रहा है. दोनों एक साथ पार्टी करते और हॉलीडे एन्जॉय करते हुए भी नज़र आते हैं, लेकिन ये कपल अपने रियल लाइफ़ रिलेशनशिप को सीक्रेट ही रखना पसंद करता है.

Karan Taker and Crystal D'Souza

4- अली गोनी और कृष्णा मुखर्जी

टीवी की ख़ूबसूरत अदाकारा कृष्णा मुखर्जी अपने को-स्टार अली गोनी को काफ़ी समय से डेट कर रही हैं. दोनों को एक-दूसरे के साथ टाइम स्पेंड करना बेहद पसंद है और दोनों ही अपनी तस्वीरें इंस्टाग्राम पर शेयर भी करते रहते हैं, लेकिन जब बात पब्लिकली अपने रिलेशनशिप को एक्सेप्ट करने की होती है, तब दोनों इससे बचने की पूरी कोशिश करते हैं.

Ali Gony and Krishna Mukherjee

5- अदिति भाटिया और अभिषेक वर्मा

छोटे पर्दे के हिट शो ‘ये है मोहब्बतें’ में भाई-बहन का किरदार निभा रहे अभिषेक वर्मा और अदिति भाटिया असल ज़िंदगी में एक-दूसरे से बेहद प्यार करते हैं. सेट पर ज़्यादातर वक़्त साथ बिताने के अलावा दोनों एक साथ हैंगआउट करते हुए भी दिखाई देते हैं. भले ही ये दोनों सरेआम अपने रिश्ते को छुपाने की लाख कोशिश करते हों, लेकिन इंस्टाग्राम पर शेयर की जाने वाली उनकी हर तस्वीर उनके रिश्ते का हाल बयां करती है.

Aditi Bhatia and Abhishek Verma

6- सुरभि ज्योति और वरुण तुर्की

‘नागिन 3’ में नागरानी बेला का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री सुरभि ज्योति और एक्टर वरुण तुर्की चोरी-चोरी चुपके-चुपके रियल लाइफ में एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं. यह जोड़ी सीरियल ‘कुबूल है’ में नज़र आ चुकी है. अपने अफ़ेयर को सीक्रेट रखने के लिए ये दोनों रियल लाइफ़ में एक-दूसरे को अपना बेस्ट फ्रेंड बताते हैं.

Surabhi Jyoti and Varun Turkey

7- अस्मिता सूद और पर्ल वी पूरी

‘फिर भी न माने बदतमीज़ दिल’ में नज़र आ चुके पर्ल वी पूरी और एक्ट्रेस अस्मिता सूद की लव स्टोरी की शुरुआत इसी शो से हुई थी. इस शो में साथ काम करते-करते दोनों एक-दूसरे के प्यार में गिरफ़्तार हो गए. हालांकि दोनों ने कभी अपने रिलेशनशिप को लेकर कभी कुछ नहीं कहा.

Asmita Sood and Pearl Vee Puri

8- जिज्ञासा सिंह और अंकित बठला

‘थपकी प्यार की’ में नज़र आ चुकी जिज्ञासा सिंह और अंकित बठला की ऑनस्क्रीन जोड़ी को दर्शकों ने बेहद पसंद किया था. इस शो के दौरान दोनों का प्यार परवान चढ़ा और दोनों रियल लाइफ में एक-दूसरे को डेट करने लगे. दोनों भले ही अपने अफेयर पर ख़ुलकर कुछ नहीं बोलते, लेकिन यह भी सच है कि दोनों एक-दूसरे की तारीफ़ करने का कोई मौक़ा अपने हाथ से नहीं जाने देते.

Curiosity lion and Ankit Batla.

– सपना सिंह 

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10+ मॉनसून मेकअप टिप्स (Monsoon Makeup Tips)

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मॉनसून में मौसम तो रूमानी होता है पर सबसे बड़ी समस्या ये होती है कि अपना लुक कैसे बरकरार रखा जाए? यहां हम आसान मेकअप टिप्स दे रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप मॉनसून में भी हॉट और सेक्सी लगेंगी.

Monsoon Makeup

10+ मॉनसून मेकअप गाइड (Monsoon Makeup Tips)

– लाइट और नेचुरल मेकअप करें.

– स्टाइलिश लुक के लिए आप ब्राइट कलर की वॉटरप्रूफ लिपस्टिक यूज़ कर सकती हैं.

– वॉटरप्रूफ काजल और आईलाइनर भी लगा सकती हैं.

– इस मौसम में आप कलर्स के साथ एक्सपेरिमेंट कर सकती हैं.

– बेहतर होगा हैवी फाउंडेशन, ब्लश आदि  न लगाएं.

– अगर आपको मेकअप लगाना ही है, तो पहले चेहरे पर ब़र्फ रगड़ लें, इससे मेकअप टिका रहेगा और भीगने पर भी वो फैलेगा नहीं.

– अगर आपकी स्किन ड्राई या कॉम्बीनेशन है, तो ब़र्फ रगड़ने के बाद टोनर अप्लाई करें.

– अगर ऑयली है, तो ब़र्फ रगड़ने के बाद एस्ट्रिंजेंट लगाएं.

– आईशैडो में क्रीमी पिंक, लाइट ब्राउन, पेस्टल और बेज कलर्स इस सीज़न को कॉम्प्लीमेंट करते हैं.

– वॉटर बेस्ड मॉइश्‍चराइज़र्स ही यूज़ करें.

– हेयर स्टाइल सिंपल रखें, बाल शॉर्ट रख सकती हैं, तो बेहतर है.

– आईब्रोज़ ट्रिम करवाकर रखें, क्योंकि इस मौसम में आईब्रो पेंसिल यूज़ करना बैड आइडिया है, वो कभी भी स्मज होकर आपका लुक ख़राब कर सकती है.

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औषधीय गुणों से भरपूर राई (10 Incredible Mustard Benefits)

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राई बहुत ही गुणकारी एवं पाचक है. दादी मां के खज़ाने में दवा के रूप में इसके घरेलू नुस्ख़े उपलब्ध हैं. लाल व सफेद राई कफ व पित्त को हरने वाली, तीक्ष्ण, गर्म और अग्नि को प्रदीप्त करने वाली होती है. यह खुजली, कोढ़ और पेट के कीड़ों को नष्ट करने वाली होती है. काली वाई में भी यही गुण हैं. परंतु यह अत्यंत तीक्ष्ण होती है. इसके प्रसिद्ध घरेलू नुस्ख़े निम्न हैं.

Mustard Benefits

* राई को बारीक पीसकर पेट पर लेप करने से उल्टी तुरंत बंद हो जाती है.

* राई पीसकर सूंघने से जुकाम शीघ्र दूर हो जाता है. जुकाम की वजह से पैर ठंडे हो जाने पर राई का लेप हितकारी है.

* राई के एक-दो माशे चूर्ण में थोड़ी-सी शक्कर मिलाकर खाने और ऊपर से एक कप पानी पीने से पेटदर्द दूर होता है.

* राई चार रत्ती, सेंधा नमक दो रत्ती और शक्कर दो माशा मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से खांसी में कफ़ गाढ़ा हो गया हो तो पतला होकर सरलता से निकल जाता है.

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* यदि किसी ने जाने-अनजाने विष खा लिया हो, तो आधा तोला पिसी हुईराई और आधा तोला नमक गर्म पानी में मिलाकर पीने से उल्टी होती है, जिससे विष बाहर निकल जाता है.

* राई के तेल में नमक मिलाकर दांत साफ करें. इससे दांत एवं मसूड़े स्वस्थ एवं मजबूत होते हैं.

* वात-व्याधि से जकड़ गए अंगों पर राई की पुल्टिस बांधने अथवा राई का प्लास्टर करने से लाभ होता है.

* गुड़, गुग्गुल और राई को पीसकर पानी में उबालकर लेप करने से कंखवारी मिटती है. कहावत भी है गुड़, गुग्गुल और पिसी राई, क्या करती उसे कंखवारी.

* राई के आटे को आठ गुने गाय के पुराने घी में मिलाकर उसका लेप करने से थोड़े दिनों में सफेद कोढ़ मिट जाता है. इस लेप से खाज-खुजली और दाद में भी फ़ायदा होता है.

* मिर्गी-मूर्च्छा में राई के आटे का नस्य दिया जाता है.

– ओमप्रकाश गुप्ता

दादी मां के अन्य घरेलू नुस्ख़े/होम रेमेडीज़ जानने के लिए यहां क्लिक करें-  Dadi Ma Ka Khazana

 

 

कहानी- शिखर पर (Short Story- Shikhar Par)

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उस पल मुझे लगा कि गुत्थियों के जंगल से निकल मैं एक शिखर पर खड़ी हुई हूं, जहां सम्मान के साथ मुझे एक अच्छी पत्नी आदर्श मां होने का दर्जा दिया जा रहा है.

Short Story- Shikhar Par

“आप ज़हर खाकर मर क्यों नहीं जातीं.” नीरव की बात सुन मैंने हंसते हुए उससे पूछा, “तुम लोग रह लोगे मेरे बिना?”
“हां रह लूंगा.” वह तमतमाते हुए बोला.
अब तक मैं समझ रही थी कि वह किसी कार्टून के पात्र को अपने में उतारकर उसकी भूमिका अदा कर रहा है, पर उसके चेहरे पर छाई तटस्थता और एक मौन स्वीकृति के भाव ने मुझे एहसास कराया कि वह गंभीर है.
अपने 14 वर्षीय बेटे के मुंह से यह बात सुन मैं हैरान रह गई. मुझे अपनी मां होने की क्षमताओं पर संदेह होने लगा.
“आप और बच्चों की मम्मी जैसी क्यों नहीं हैं? आप घर पर भी नहीं रहतीं. बस, पापा अच्छे हैं. हर समय मेरा ख़याल रखते हैं. स्कूल से आता हूं तो पापा ही घर पर मिलते हैं, आप नहीं.”
“बेटा, मेरा जॉब ही ऐेसा है, जिसमें मुझे ज़्यादा व़क़्त घर से बाहर रहना पड़ता है. तुम्हारे पापा का काम ऐसा है कि वे लंच के लिए घर आ सकते हैं. फिर घर के पास ही है उनका ऑफ़िस. पापा ख़ुद ही बॉस हैं, इसलिए जब चाहे घर आ-जा सकते हैं.” मैंने उसे समझाने की कोशिश की.
हालांकि इस उम्र में उसे समझाना बेमानी लगता था. वह काफ़ी समझदार हो चुका था. यह भी समझता था कि मम्मी की नौकरी की वजह से ही सुख-सुविधाओं के अंबार जुटते थे… फिर भी मन को समझाया, आख़िर है तो बच्चा ही.
“आप अच्छी मम्मी नहीं हैं. आप मम्मी जैसी मम्मी नहीं हैं.” मुझे लगा कि जैसे नीरव ने मेरे मुंह पर करारा तमाचा जड़ दिया है. ‘मम्मी जैसी मम्मी नहीं.’ आख़िर उसकी नज़र में मम्मी की क्या परिभाषा है? शायद वही ठीक है. मैं एक आदर्श मां की श्रेणी में नहीं आती हूं. आती तो मैं एक आदर्श पत्नी की श्रेणी में भी नहीं हूं… अपेक्षाओं को ठीक से समझकर पूरा करना दूसरों को ख़ुश रखने के लिए आवश्यक होता है. तभी दूसरे चाहे वह पति हो या बच्चा या कोई और. आपसे ख़ुश रह सकते हैं और अपनी ख़ुशी… अपनी अपेक्षाएं… क्या उनके बारे में सोचना स्वार्थी होने की निशानी होती है?
सिलसिला उस दिन ही रुका नहीं, क्योंकि नीरव की वह प्रतिक्रिया मात्र क्षणिक नहीं थी, दबे हुए ज्वालामुखी के फूटते लावे जैसी थी. वह भूला नहीं कि उसने क्या कहा था, वरना ग़ुस्से में तो वह न जाने क्या-क्या कह जाता था. उस दिन ऑफ़िस से आकर बैठी ही थी कि बोला, “ज़रा मार्केट जाना है, एक क़िताब ख़रीदनी है. आप चलो.”
“बेटा, अभी तो आई हूं, थोड़ी देर में पापा आ जाएंगे, तब उनके साथ चले जाना.”
बस तुनक गया वह. “आप मेरी मम्मी नहीं हैं.” अपने कमरे में जाकर उसने चीज़ों को इधर-उधर फेेंकना शुरू कर दिया. मन तो हुआ उसे झिंझोड़ डालूं, पर ठहर गई. थकावट और दर्द के सैलाब को स़िर्फ आंखों में समेट लिया. उम्र के कारण शरीर में हो रहे बदलावों की वजह से वह इस तरह रिएक्ट करने लगा था या सचमुच में वही उसकी अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर पा रही थी.
नौकरी को मजबूरी कहकर नौकरी करना स्वयं को जस्टिफाई करने जैसा होता है. उसकी मजबूरी तो नहीं थी, हां शा़ैक था. वह घर बैठ ही नहीं सकती थी और फिर अच्छा जॉब मिलना भी क्या आसान होता है. क्षितिज का बिज़नेस ठीक-ठाक चल रहा था. ऊपर-नीचे तो बिज़नेस में होता ही रहता है, लेकिन अगर वह नौकरी न भी करे तो भी अच्छी ज़िंदगी जी जा सकती थी. अच्छी ज़िंदगी यानी अच्छा खाना, अच्छे कपड़े. ज़रूरतें पूरी हो सकती थीं, पर लिविंग स्टैंडर्ड मेंटेन उसकी नौकरी के चलते ही हो पाता था.
“ज़रूरत क्या है तुम्हें धक्के खाने की, घर में रहो और नीरव पर ध्यान दो.” क्षितिज कई बार उससे कह चुका था. आज भी उसके आते ही वही बहस शुरू हो गई थी. “एक दिन उसकी बात मान उसके साथ चली जातीं तो क्या हो जाता? कितनी बार कहा है कि नौकरी छोड़ दो, पर तुम तो बस अपने बारे में सोचती हो.”
“सही समझे, आख़िर नौकरी तो मैं अपने लिए कर रही हूं. बढ़ती महंगाई और रिसेशन के इस समय में तुम्हें क्यों नहीं यह बात समझ आती कि नौकरी आजकल कोई मौज-मस्ती करने की चीज़ नहीं है, एक ज़रूरत है. उन लोगों से जाकर पूछो, जिनके यहां कमानेवाला एक ही है. कितनी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं उन्हें और तुम चाहते हो कि मैं सारे दिन किचन में घुसी रहकर अपने टैलेंट और हर महीने मिलने वाले वेतन को नज़रअंदाज़ कर दूं.”
“मैं ये सब नहीं जानता बस…” क्षितिज को मानो कहने के लिए शब्द नहीं मिल रहे थे.

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“मैं भी नीरव के साथ क्वालिटी टाइम गुज़ारती हूं, पर उसने अपने मन में मुझे लेकर न जाने कैसी धारणाएं बना ली हैं. उसे समझाने से पहले तुम्हें मुझे समझना होगा. मैं इस तरह की ज़िंदगी नहीं जी सकती. मुझे लोगों से मिलना-जुलना अच्छा लगता है. इतने बरसों से नौकरी करते-करते इसकी आदत हो गई है. अब छोड़ दी तो फिर नहीं मिलेगी. बी प्रैक्टिकल क्षितिज. फिर आगे नीरव की पढ़ाई का ख़र्च दिन-ब-दिन बढ़ेगा ही.”
“तुम तो अपनी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए घर से बाहर रहना चाहती हो. न जाने कौन-सी उपलब्धि की चाह तुम्हें घर के बाहर रहने के लिए उकसाती है. और फिर मैं कौन-सा तुम्हें घर में ़कैद होने के लिए कह रहा हूं. तुम्हें घूमने-फिरने की मनाही तो नहीं है. नीरव जिस दौर से गुज़र रहा है, ऐसे में बिगड़ने की संभावना ज़्यादा रहती है. तुम घर पर रहोगी तो कम से कम यह तो देख सकोगी कि वह टीवी पर क्या देख रहा है, नेट स़िर्फंग के कितने भयानक परिणाम देख-सुन चुके हैं हम.”
“पर तुम तो घर पर काफ़ी व़क़्त बिताते हो. तुम उस पर नज़र रख सकते हो. नीरव हम दोनों की ही ज़िम्मेदारी है. जैसी जिसकी सुविधा हो क्या, मैनेज नहीं करना चाहिए? ” इस बार उसकी आवाज़ में न तो तल्खी थी, न ही रोष. क्षितिज की ओर से कोई जवाब न पाकर मैंने फिर कहा, “क्या कोई और रास्ता नहीं निकल सकता?” मैं अपनी तरफ़ से किसी भी तरह की कोशिश करने में कोताही नहीं करना चाहती थी.
“जब रास्ता साफ़ दिख रहा है तो बेवजह दिमाग़ ख़राब करने से क्या फ़ायदा?” क्षितिज ने चिढ़कर कहा.
“यानी हर स्तर पर समझौता मुझे ही करना होगा?”
“तुम औरत हो और एक औरत को ही समझौता करना होता है. वैसे भी एक मां होने का दायित्व तो तुम्हें ही निभाना होगा. अपनी हद में रहना सीखो.” क्षितिज की बात सुन मेरा मन जल उठा.
मैं घायल शेरनी की तरह वार करने को तैयार हो गई, “अच्छा आज यह भी बता दो कि मेरी हद क्या है?”
“हद से मेरा मतलब है कि घर संभालो, नीरव को संभालो. खाओ-पीओ, मौज करो.” क्षितिज के स्वर में बेशक पहले जैसी कठोरता नहीं थी. आवाज़ में कंपन था, लेकिन उसकी सामंतवादी मानसिकता के बीज प्रस्फुटित होते अवश्य महसूस हुए. एक सभ्य समाज का प्रतिनिधित्व करनेवाला पुरुष लाख शिक्षित हो, पर बचपन में उसके अंदर औरत को दबाकर रखने के रोपे गए बीजों को झाड़-झंखाड़ बनने से कोई नहीं रोक सकता.
क्षितिज की बात सुन मैं हैरान रह गई. क्षितिज जैसे पढ़े-लिखे इंसान की मानसिकता ऐसी हो सकती है? क्या पत्नी से उसकी अपेक्षाएं बस इतनी ही हैं? मेरी इच्छाओं का मान रखना, मेरे व्यक्तित्व को तराशने तक का ख़याल नहीं आता उसे? मैं कब अपने मां होने की ज़िम्मेदारियों से पीछे हटना चाहती हूं, पर क्षितिज का साथ भी तो नीरव को सही सोच देने के लिए
ज़रूरी है.

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अपने आंसुओं को पीते हुए इस बार बिना कोई जवाब दिए मैं अंदर कमरे में चली गई. समझाया तो उसे जाता है, जो समझने को तैयार हो, जिसके मन की खिड़कियां खुली हों. क्या नीरव की चिंता उसे नहीं है? वह तो बस उससे थोड़ा-सा सहयोग चाहती है.
नीरव उन दोनों को लड़ते देख अपने कमरे में चला गया था. उसे अपने ख़ुद पर भी ग्लानि हो रही थी. वह इतना छोटा तो नहीं कि ख़ुद मार्केट न जा सके. अब वह नौवीं में है और हर काम ख़ुद कर सकता है… वैसे भी पढ़ने और ट्यूशन में काफ़ी समय निकल जाता है. फिर क्यों वह हर समय… पर पल भर के लिए मन में आए ये विचार उसके अंदर जड़ जमाई सोच के आगे पानी के बुलबुले की मानिंद ही साबित हुए.
‘नो, मम्मी इज़ रॉन्ग’, वह बुदबुदाया.
इधर क्षितिज को समझ नहीं आ रहा था कि वह किस तरह से इस ‘हद’ को परिभाषित करे. उसने तो वही कहा था, जो आज तक वह देखता आया था. उसकी दादी, मां, बुआ, चाची, यहां तक कि बहनें और भाभी भी इसी परंपरा का निर्वाह कर संतुष्ट जीवन जी रही थीं.
‘क्या वाकई में वे संतुष्ट हैं?’ उसकी अंतरात्मा ने उसे झकझोरा. अपनी मां को पिता की तानाशाही के आगे कितनी ही बार उसने बिखरते देखा था. पिताजी के लिए तो मां की राय का न कोई महत्व था, न ही उनका वजूद था. मां जब भी कुछ कहतीं, पिताजी चिल्लाकर उन्हें चुप करा देते थे. सारी ज़िंदगी मां चूल्हे-चौके में खपती रहीं. केवल जीना है, इसीलिए जीती रहीं. अंत तक उनके चेहरे पर सुकून और संतुष्टि का कोई भाव नहीं था. मां का दुख हमेशा ही उसे दर्द देता था, फिर आज क्यों वह…
उसकी बहनों को भी पिताजी ने कभी सिर उठाकर जीने का मौक़ा नहीं दिया. न मन का पहना, न खुलकर वे हंसीं. जहां क्षितिज की हर इच्छा को वह सिर माथे लेते थे, वहीं उसकी बहनों की हर छोटी से छोटी बात में कांट-छांट कर देते थे. वे हमेशा ही डर-डर कर जीं और आज ब्याह के बाद भी उनकी दुनिया घर की देहरी के अंदर तक ही सिमट कर रह गई है. उससे छोटी हैं, पर समय से पहले ही कुम्हला गई हैं. एक वीरानी-सी छाई रहती है उनके चेहरे पर. ख़ुशी की कोई किरण तक उन तक पहुंचती होगी, ऐसा लगता नहीं.
“पापा, बुक लेने चलेंगे? इस पास वाली मार्केट में नहीं, आगे वाली में मिलेगी, वरना मैं ख़ुद ले आता.” नीरव ने उसकी तंद्रा भंग की तो वह सोच के ताने-बाने से बाहर आया.
“हां, क्यों नहीं.” क्षितिज ने उसका कंधा थपथपाया.
“यू आर ग्रेट पापा, लेकिन मम्मी तो बस… उनके पास मेरे लिए समय ही नहीं है. मैं उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं करता…” नीरव की बातें मेरे कान में पिघले हुए सीसे की भांति घुल रही थीं. एक बच्चा अपनी मां के बारे में ऐसा सोचे, इससे ज़्यादा आहत करने वाली बात और क्या हो सकती है? मेरा बेटा मुझसे दूर हो जाए, इससे तो बेहतर है कि मैं नौकरी छोड़ दूं. तभी शायद मैं उसकी उम्मीदों की मां बन सकूं.
नीरव शायद अपनी रौ में बहता ही जाता मानो मन की सारी भड़ास वह आज ही निकाल लेना चाहता हो. क्षितिज ने उसे कभी रोका भी तो नहीं, बल्कि उसके सामने मुझमें ही ग़लतियां निकालते रहते हैं. पर आशा के विपरीत क्षितिज की आवाज़ गूंजी.
“चुप रहो! अपनी मां के बारे में इस तरह बात करते तुम्हें शर्म नहीं आती? उनकी रिस्पेक्ट करना सीखो. वे तुम्हारी ख़ुशियों और इच्छाओं को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत करती हैं. उनको जितना भी समय मिलता है, वह तुम्हारे साथ बिताती हैं और तुम हो कि…
वह दुनिया की सबसे अच्छी मां ही नहीं, पत्नी भी हैं.”
मेरी आंखों में नमी तैर गई. मैंने क्षितिज की ओर देखा. उसकी आंखों में आज पहली बार वह भाव दिखा जो जता रहा था कि वह मेरी भावनाओं की कद्र करता है. उसने मेरे हाथ को अपने हाथ में लिया तो मुझे आशवस्ति का एहसास हुआ. अपनों का विश्‍वास ही तो कठिन से कठिन परिस्थितियों से उबारने में मदद करता है.
नीरव को सिर नीचा किए खड़े देख मैंने उसके बालों को सहलाया तो वह मुझसे लिपट गया, “आई एम सॉरी मम्मी, अब मैं कभी आपसे ग़लत ढंग से बात नहीं करूंगा. आई लव
यू मम्मी.”
उस पल मुझे लगा कि गुत्थियों के जंगल से निकल मैं एक शिखर पर आ खड़ी हुई हूं , जहां सम्मान के साथ मुझे एक अच्छी पत्नी व आदर्श मां होने का दर्जा दिया जा रहा है.

Suman Bajpai

   सुमन बाजपेयी

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