खरबूजा मधुर, शीतल और बलकारक होता है. खरबूजे में ऐसे कई औषधीय गुण हैं, जो विभिन्न रोगों के शामक हैं. फलों के साथ खरबूजे के बीज भी फ़ायदेमंद होते हैं. इसके बीज पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्द्धक होते हैं. इसमें भरपूर प्रोटीन होता है. यदि थकान अधिक हो और शरीर में भारीपन हो, तो खरबूजा खाने से आराम मिलता है. खरबूजा शरीर में मिठास भी घोलता है, जिससे सांसों से आनेवाली दुर्गंध दूर होती है. खरबूजे में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी होने के कारण स्किन डिसीज़ में इसका प्रयोग लाभदायक होता है.
* 5 ग्राम खरबूजे के बीज को पीसकर उसमें मिश्री मिलाकर नियमित रूप से दूध के साथ सेवन करने से बुद्धि व शारीरिक शक्ति का विकास होता है.
* खरबूजे की छाल (छिलका) निकालकर उसके छोटे-छोटे टुकड़े कर लें. फिर उस पर आवश्यकतानुसार शक्कर, इलायची पाउडर आदि छिड़ककर खाने से गर्मी से उत्पन्न व्याकुलता (बेचैनी) दूर होती है. यह गर्मी में हितकारक है, लेकिन शीत प्रकृतिवालों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए.
* खरबूजे की जड़ को ठंडे पानी में अच्छी तरह पीसकर और छानकर हर रोज़ सुबह एक हफ़्ते तक पीने से पथरी रोग दूर हो जाता है.
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* जिन्हें हकलाहट की समस्या हो, वे यदि खरबूजे के मौसम में इसे नियमित खाएं, तो उनकी हकलाहट में सुधार हो सकता है. साथ ही आवाज़ भी मधुर होती है.
* पेटदर्द हो, तो खरबूजे के छिलके को उतारकर उसे सुखा लें. फिर उसे जलाकर भस्म बनाएं. इस भस्म को शहद के साथ मिलाकर चाटने से पेटदर्द से छुटकारा मिलता है.
* खरबूजे के गूदे को पीसकर चंदन और हल्दी मिलाकर लगाने से कील-मुंहासों की समस्या दूर होती है. साथ ही चेहरे पर इसके बीजों का लेप लगाने से भी कील-मुंहासे व झाइंयां समाप्त होते हैं.
* पुराने दाद, एक्ज़िमा और खाज-खुजली में खरबूजे का गूदा व रस लगाना चाहिए.
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* चक्कर आने की शिकायत हो, तो खरबूजे के बीज की गिरी का प्रयोग करने से लाभ होता है. इसके लिए खरबूजे के बीजों को पीसकर घी में भून लें. इसे 2-4 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से चक्कर आना और आलस्य दूर हो जाते हैं.
* खरबूजे का शर्बत बनाकर पीने से पेशाब खुलकर होता है. फलस्वरूप मूत्राशय के रोग दूर होते हैं. रक्तचाप, मूत्राशय की जलन, किडनी की पथरी आदि विकारों में भी खरबूजे का शर्बत लाभकारी है. इसके फल में शर्करा होने से शक्ति एवं स्फूर्ति बढ़ती है, पर डायबिटीज़ और अस्थमा के मरीज़ों को इसका शर्बत नहीं पीना चाहिए.
* खरबूजे का छिलका और बीज निकालकर इसमें थोड़ी-सी शक्कर और इलायची मिलाकर शर्बत बना लें. गर्मी के मौसम में इसका सेवन करें. इससे शरीर की गर्मी दूर होती है और लू लगने का ख़तरा भी नहीं रहता. यह मधुर, शीतल और बलप्रद होता है. खरबूजे का शर्बत पित्त, दाह, वायु विकार, प्रमेह आदि को भी दूर करता है.
– ऊषा गुप्ता
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